श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली में माता सीता के 1000 दिव्य और महिमामय नामों का वर्णन किया गया है। ये नाम देवी सीता के विभिन्न स्वरूपों, गुणों, और उनके जीवन के आदर्श पहलुओं को उजागर करते हैं। माता सीता को त्याग, समर्पण, प्रेम, और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस सहस्रनामावली का पाठ वाल्मीकि ऋषि की काव्य कला और उनकी आध्यात्मिक अनुभूतियों का प्रतिबिंब है।
वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली का पाठ भक्त को माता सीता की कृपा प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम प्रदान करता है। यह पाठ न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शांति भी लाता है।
श्री सीता सहस्रनामावली पढ़ने के लाभ
- इस सहस्रनामावली का पाठ मन को शांति प्रदान करता है और आत्मबल को बढ़ाता है।
- माता सीता के नामों का जाप करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
- यह पाठ जीवन के सभी प्रकार के संकटों को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- माता सीता के गुणों को आत्मसात करने में यह पाठ सहायक है, जिससे व्यक्ति धैर्य और सहनशीलता सीखता है।
- माता सीता की कृपा से संतान संबंधी समस्याओं का समाधान होता है।
- यह पाठ व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
- महिलाओं के लिए यह पाठ विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि यह उनके जीवन में संतुलन और सुख का संचार करता है।
श्री सीता सहस्रनामावली पढ़ने के नियम
- पाठ से पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पाठ के दौरान सात्विक आहार और आचरण का पालन करें।
- पाठ करते समय मन को शांत रखें और माता सीता के चरणों में पूरी भक्ति और समर्पण भाव रखें।
- यह पाठ सुबह के समय करना सबसे शुभ माना जाता है, विशेषकर नवरात्रि और पूर्णिमा के दिनों में।
- हर नाम के साथ “ॐ सीतायै नमः” मंत्र का जाप करें।
- पाठ मंदिर या पूजा कक्ष में शांत वातावरण में करें।
श्री सीता सहस्रनामावली की पूजा विधि
- माता सीता और भगवान राम की मूर्ति या चित्र, पुष्प (विशेषकर तुलसी और कमल), चंदन, कपूर, धूप, फल और ताजा बना हुआ प्रसाद पूजा सामग्री एकत्रित करें।
- दीप प्रज्वलित करें और माता सीता का ध्यान करें। “ॐ श्री सीतायै नमः” का 11 बार जाप करें।
- श्री सीता सहस्रनामावली का पाठ करें। हर नाम के बाद “ॐ नमः” या “जय सीतायै नमः” का उच्चारण करें।
- माता सीता को भोग लगाएं, जिसमें फल, मिठाई, और तुलसी दल अर्पित करें।
- पाठ समाप्त होने के बाद माता सीता की आरती करें और अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करें।
- पूजा के अंत में किसी त्रुटि के लिए माता सीता से क्षमा मांगें।
।। श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली ।।
ॐ अकलङ्कायै नमः।
ॐ अक्षुद्रायै नमः।
ॐ अगोत्रायै नमः।
ॐ अचिन्त्यमहिम्ने नमः।
ॐ अचिन्त्यायै नमः।
ॐ अचिन्त्यायै नमः।
ॐ अच्युतायै नमः।
ॐ अतिलालसायै नमः।
ॐ अदित्यै नमः।
ॐ अनन्तदृष्ट्यै नमः।
ॐ अनन्तवर्णायै नमः।
ॐ अनन्तशयनायै नमः।
ॐ अनन्तायै नमः।
ॐ अनन्तायै नमः।
ॐ अनन्तोरसिस्थितायै नमः।
ॐ अनन्यस्थायै नमः।
ॐ अनवच्छिन्नायै नमः।
ॐ अनवद्याङ्ग्यै नमः।
ॐ अनादये नमः।
ॐ अनादये नमः।
ॐ अनादिनिधनायै नमः।
ॐ अनादिमायासम्भिन्नायै नमः।
ॐ अनाद्यनन्तविभवायै नमः।
ॐ अनाद्यायै नमः।
ॐ अनाहतायै नमः।
ॐ अनिलाशनायै नमः।
ॐ अपां योन्यै नमः।
ॐ अपूज्यायै नमः।
ॐ अपूर्वायै नमः।
ॐ अप्रमेयाख्यायै नमः।
ॐ अभिन्नायै नमः।
ॐ अभेद्यायै नमः।
ॐ अमलायै नमः।
ॐ अमितप्रभायै नमः।
ॐ अमूर्तिकायै नमः।
ॐ अमृतजीविन्यै नमः।
ॐ अमृतप्रदायै नमः।
ॐ अमृतस्यान्तसंश्रयायै नमः।
ॐ अमृताश्रयायै नमः।
ॐ अमृताश्रवायै नमः।
ॐ अमृतास्वादायै नमः।
ॐ अमृतोद्भवायै नमः।
ॐ अमृत्यवे नमः।
ॐ अम्बिकायै नमः।
ॐ अम्बिकोपात्तसंश्रयायै नमः।
ॐ अयुताक्षरायै नमः।
ॐ अयोध्यानिलयायै नमः।
ॐ अरुन्धत्यै नमः।
ॐ अवर्णायै नमः।
ॐ अविद्यायै नमः।
ॐ अव्यक्तगुणायै नमः।
ॐ अव्यक्तलक्षणायै नमः।
ॐ अव्ययायै नमः।
ॐ अशेषदेवतामूर्त्यै नमः।
ॐ अशोच्यायै नमः।
ॐ अष्टादशभुजायै नमः।
ॐ असङ्ख्येयायै नमः।
ॐ आकाशयोन्यै नमः।
ॐ आत्मभावितायै नमः।
ॐ आत्मविद्यायै नमः।
ॐ आदित्यवर्णायै नमः।
ॐ आद्यायै नमः।
ॐ आप्यायन्त्यै नमः।
ॐ आस्पदायै नमः।
ॐ इन्दवे नमः।
ॐ इन्द्रजायै नमः।
ॐ इष्टायै नमः।
ॐ ईशवीरणायै नमः।
ॐ ईशानायै नमः।
ॐ ईश्वराण्यै नमः।
ॐ ईश्वरार्द्धासनगतायै नमः।
ॐ उत्तमायै नमः।
ॐ उत्सुकायै नमः।
ॐ उन्मीलन्यै नमः।
ॐ उमायै नमः।
ॐ उमायै नमः।
ॐ उर्व्यै नमः।
ॐ एकानेकविभागस्थायै नमः।
ॐ ऐन्द्र्यै नमः।
ॐ ऐश्वर्यरत्ननिलयायै नमः।
ॐ कंसप्राणापहारिण्यै नमः।
ॐ ककुद्मिन्यै नमः।
ॐ कक्षायै नमः।
ॐ कनकप्रभायै नमः।
ॐ कनकाभायै नमः।
ॐ कपाल्यै नमः।
ॐ कपिलाकान्तायै नमः।
ॐ कपिलायै नमः।
ॐ कमलायै नमः।
ॐ कमलायै नमः।
ॐ कम्प्रायै नमः।
ॐ कम्बलाश्वतरप्रियायै नमः।
ॐ कम्बुग्रीवायै नमः।
ॐ करालायै नमः।
ॐ करीषिण्यै नमः।
ॐ कर्णिकारकरायै नमः।
ॐ कर्मकरण्यै नमः।
ॐ कर्षिण्यै नमः।
ॐ कलाकलितविग्रहायै नमः।
ॐ कलाकुलायै नमः।
ॐ कलातीतायै नमः।
ॐ कलान्तरायै नमः।
ॐ कलायै नमः।
ॐ कलायै नमः।
ॐ कलावत्यै नमः।
ॐ कलिकल्मषहन्त्र्यै नमः।
ॐ कलिप्रियायै नमः।
ॐ कल्याण्यै नमः।
ॐ कात्यायन्यै नमः।
ॐ कान्तायै नमः।
ॐ कामचारिण्यै नमः।
ॐ कामधेनवे नमः।
ॐ कामपूरायै नमः।
ॐ कामयोन्यै नमः।
ॐ कामरूपिण्यै नमः।
ॐ कामुक्यै नमः।
ॐ कामेश्वरेश्वर्यै नमः।
ॐ काम्यायै नमः।
ॐ कारणात्मने नमः।
ॐ कार्यजनन्यै नमः।
ॐ कालकर्णिकायै नमः।
ॐ कालकारिण्यै नमः।
ॐ कालरात्र्यै नमः।
ॐ काश्यप्यै नमः।
ॐ काष्ठायै नमः।
ॐ काष्ठायै नमः।
ॐ किरीटिन्यै नमः।
ॐ कीर्त्यै नमः।
ॐ कुण्डलिन्यै नमः।
ॐ कूटस्थायै नमः।
ॐ कूष्माण्ड्यै नमः।
ॐ कृष्णायै नमः।
ॐ केवलायै नमः।
ॐ कैलासगिरिवासिन्यै नमः।
ॐ कौमार्यै नमः।
ॐ कौमुद्यै नमः।
ॐ कौशिक्यै नमः।
ॐ क्रियावत्यै नमः।
ॐ क्रियाशक्त्यै नमः।
ॐ क्लेशनाशिन्यै नमः।
ॐ क्षेत्रज्ञायै नमः।
ॐ क्षोभिकायै नमः।
ॐ खरध्वजायै नमः।
ॐ खरारूढायै नमः।
ॐ खस्थायै नमः।
ॐ खिलायै नमः।
ॐ खेचर्यै नमः।
ॐ ख्यात्यै नमः।
ॐ गणाग्रण्यै नमः।
ॐ गणात्मिकायै नमः।
ॐ गणेश्वरनमस्कृतायै नमः।
ॐ गत्यै नमः।
ॐ गन्धदायिन्यै नमः।
ॐ गन्धर्वयक्षसेवितायै नमः।
ॐ गन्धायै नमः।
ॐ गरुडासनायै नमः।
ॐ गरुत्मत्यै नमः।
ॐ गव्यप्रियायै नमः।
ॐ गान्धर्व्यै नमः।
ॐ गारुड्यै नमः।
ॐ गार्ग्यै नमः।
ॐ गिरिजायै नमः।
ॐ गिरेः पुत्र्यै नमः।
ॐ गुणाढ्यायै नमः।
ॐ गुणातीतायै नमः।
ॐ गुणान्तरायै नमः।
ॐ गुणाय नमः।
ॐ गुरवे नमः।
ॐ गुर्व्यै नमः।
ॐ गुहप्रियायै नमः।
ॐ गुहाम्बिकायै नमः।
ॐ गुहावल्यै नमः।
ॐ गुहोत्पत्त्यै नमः।
ॐ गुह्यरूपायै नमः।
ॐ गुह्यविद्यायै नमः।
ॐ गुह्यशक्त्यै नमः।
ॐ गुह्यातीतायै नमः।
ॐ गुह्योपनिषदे नमः।
ॐ गोप्त्र्यै नमः।
ॐ गोमत्यै नमः।
ॐ गोश्रियै नमः।
ॐ गौर्यै नमः।
ॐ गौर्यै नमः।
ॐ चक्रहस्तायै नमः।
ॐ चण्डविक्रमायै नमः।
ॐ चण्ड्यै नमः।
ॐ चतुर्वर्गप्रदर्शितायै नमः।
ॐ चन्द्रनिलयायै नमः।
ॐ चन्द्रवदनायै नमः।
ॐ चर्चिकायै नमः।
ॐ चाणूरहन्त्र्यै नमः।
ॐ चान्द्र्यै नमः।
ॐ चिच्छक्त्यै नमः।
ॐ चितान्तःस्थायै नमः।
ॐ चित्रनिलयायै नमः।
ॐ चित्राम्बरधरायै नमः।
ॐ चिदे नमः।
ॐ चिन्मय्यै नमः।
ॐ चेकितान्यै नमः।
ॐ चैत्र्यै नमः।
ॐ छिन्नसंशयायै नमः।
ॐ जगज्ज्येष्ठायै नमः।
ॐ जगत्प्रियायै नमः।
ॐ जगत्सम्पूरण्यै नमः।
ॐ जगत्सृष्टिविवर्द्धिन्यै नमः।
ॐ जगद्धात्र्यै नमः।
ॐ जगद्धात्र्यै नमः।
ॐ जगद्योन्यै नमः।
ॐ जगन्मन्त्रप्रवर्तिकायै नमः।
ॐ जगन्मात्रे नमः।
ॐ जगन्मात्रे नमः।
ॐ जगन्मूर्त्यै नमः।
ॐ जनशक्त्यै नमः।
ॐ जनानन्दायै नमः।
ॐ जन्ममृत्युजरातिगायै नमः।
ॐ जन्ममृत्युजरातीतायै नमः।
ॐ जन्यायै नमः।
ॐ जयदायै नमः।
ॐ जयन्त्यै नमः।
ॐ जयशालिन्यै नमः।
ॐ जयश्रियै नमः।
ॐ जरातीतायै नमः।
ॐ जरातुरायै नमः।
ॐ जानक्यै नमः।
ॐ जितश्रमायै नमः।
ॐ जित्वर्यै नमः।
ॐ जैत्र्यै नमः।
ॐ ज्ञानपारगायै नमः।
ॐ ज्ञानमूर्तिर्विकासिन्यै नमः।
ॐ ज्ञानरूपिण्यै नमः।
ॐ ज्ञानायै नमः।
ॐ ज्ञेयायै नमः।
ॐ ज्योतिरूपायै नमः।
ॐ ज्योतिष्टोमफलप्रदायै नमः।
ॐ ज्योत्स्नायै नमः।
ॐ ज्वालामालासहस्राढ्यायै नमः।
ॐ ज्वालिन्यै नमः।
ॐ तत्त्वसम्भवायै नमः।
ॐ तनयायै नमः।
ॐ तपस्विन्यै नमः।
ॐ तपस्विन्यै नमः।
ॐ तपिन्यै नमः।
ॐ तमःपारे प्रतिष्ठितायै नमः।
ॐ तरुण्यै नमः।
ॐ ताण्डवासक्तमानसायै नमः।
ॐ तापस्यै नमः।
ॐ तापिन्यै नमः।
ॐ तामस्यै नमः।
ॐ तारायै नमः।
ॐ तारिण्यै नमः।
ॐ तार्क्ष्यै नमः।
ॐ तुष्ट्यै नमः।
ॐ तैजस्यै नमः।
ॐ त्रितत्त्वमात्रे नमः।
ॐ त्रितत्त्वायै नमः।
ॐ त्रिदशार्त्तिविनाशन्यै नमः।
ॐ त्रिनेत्रायै नमः।
ॐ त्रिमूर्त्यै नमः।
ॐ त्रिलोचनायै नमः।
ॐ त्रिविक्रमपदोद्भूतायै नमः।
ॐ त्रिविधायै नमः।
ॐ त्रिशक्तिजनन्यै नमः।
ॐ त्रिशूलवरधारिण्यै नमः।
ॐ त्रिसन्ध्यायै नमः।
ॐ त्रिसन्ध्यायै नमः।
ॐ त्रैलोक्यनमितायै नमः।
ॐ त्रैलोक्यसुन्दर्यै नमः।
ॐ दक्षिणायै नमः।
ॐ दहनायै नमः।
ॐ दान्तायै नमः।
ॐ दिवापरायै नमः।
ॐ दिविसंस्थितायै नमः।
ॐ दिव्यगन्धायै नमः।
ॐ दिव्याभरणभूषितायै नमः।
ॐ दिव्यायै नमः।
ॐ दीक्षायै नमः।
ॐ दीप्तायै नमः।
ॐ दीप्त्यै नमः।
ॐ दीर्घायै नमः।
ॐ दुःस्वप्ननाशिन्यै नमः।
ॐ दुरतिक्रमायै नमः।
ॐ दुरत्ययायै नमः।
ॐ दुरासदायै नमः।
ॐ दुर्गायै नमः।
ॐ दुर्जयायै नमः।
ॐ दुर्ज्ञेयायै नमः।
ॐ दुर्धर्षायै नमः।
ॐ दुर्निरीक्ष्यायै नमः।
ॐ दुर्लेखायै नमः।
ॐ दुर्वारायै नमः।
ॐ दुर्विज्ञेयस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ दुष्प्रकम्पायै नमः।
ॐ दृषद्वत्यै नमः।
ॐ देवक्यै नमः।
ॐ देवतायै नमः।
ॐ देवदेव्यै नमः।
ॐ देवमूर्त्यै नमः।
ॐ देवसेनायै नमः।
ॐ देवात्मने नमः।
ॐ दैत्यदानवनिर्मात्र्यै नमः।
ॐ दैत्यमथिन्यै नमः।
ॐ दैत्यसिंहानां निहन्त्र्यै नमः।
ॐ धनदप्रियायै नमः।
ॐ धनप्रियायै नमः।
ॐ धनरत्नाढ्यायै नमः।
ॐ धनाध्यक्षायै नमः।
ॐ धनुष्पाणये नमः।
ॐ धन्यायै नमः।
ॐ धराधरायै नमः।
ॐ धरायै नमः।
ॐ धर्मकामार्थमोक्षदायै नमः।
ॐ धर्मज्ञायै नमः।
ॐ धर्मपूर्वायै नमः।
ॐ धर्ममध्यायै नमः।
ॐ धर्ममय्यै नमः।
ॐ धर्मलभ्यायै नमः।
ॐ धर्मवाहनायै नमः।
ॐ धर्मशक्त्यै नमः।
ॐ धर्मशास्त्रार्थकुशलायै नमः।
ॐ धर्मशीलायै नमः।
ॐ धर्मात्मने नमः।
ॐ धर्माधर्मविनिर्मात्र्यै नमः।
ॐ धर्माधर्मानुवर्जितायै नमः।
ॐ धर्मान्तरायै नमः।
ॐ धर्मोपदेशायै नमः।
ॐ धात्रीशायै नमः।
ॐ धारिण्यै नमः।
ॐ धार्मिकाणां शिवप्रदायै नमः।
ॐ धीमत्यै नमः।
ॐ धीरायै नमः।
ॐ धुन्वत्यै नमः।
ॐ धृत्यै नमः।
ॐ ध्रुवायै नमः।
ॐ नन्दप्रथमजायै नमः।
ॐ नन्दवल्लभायै नमः।
ॐ नन्दिन्यै नमः।
ॐ नन्दिन्यै नमः।
ॐ नन्द्यायै नमः।
ॐ नरनारायणोद्भवायै नमः।
ॐ नरवाहिन्यै नमः।
ॐ नर्मोदयायै नमः।
ॐ नलिन्यै नमः।
ॐ नवोद्भूतायै नमः।
ॐ नाट्यायै नमः।
ॐ नादविग्रहायै नमः।
ॐ नादाख्यायै नमः।
ॐ नाभ्यै नमः।
ॐ नाभ्यै नमः।
ॐ नारायण्यै नमः।
ॐ नार्यै नमः।
ॐ निःसङ्कल्पायै नमः।
ॐ निःसारायै नमः।
ॐ नित्यतुष्टायै नमः।
ॐ नित्यदृष्ट्यै नमः।
ॐ नित्यविभवायै नमः।
ॐ नित्यशुद्धायै नमः।
ॐ नित्यसिद्धायै नमः।
ॐ नित्यायै नमः।
ॐ नित्योदितायै नमः।
ॐ नियतायै नमः।
ॐ निरङ्कुशरणोद्भभवायै नमः।
ॐ निरञ्जनायै नमः।
ॐ निरपत्रपायै नमः।
ॐ निरातङ्कायै नमः।
ॐ निराधारायै नमः।
ॐ निरानन्दायै नमः।
ॐ निरामयायै नमः।
ॐ निरालोकायै नमः।
ॐ निराश्रयायै नमः।
ॐ निराश्रयायै नमः।
ॐ निराहारायै नमः।
ॐ निरिन्द्रियायै नमः।
ॐ निर्गुणायै नमः।
ॐ निर्यन्त्रायै नमः।
ॐ निर्वर्णायै नमः।
ॐ निर्विकारायै नमः।
ॐ निर्वृत्त्यै नमः।
ॐ निशुम्भविनिपातिन्यै नमः।
ॐ निष्कलायै नमः।
ॐ नीतिज्ञायै नमः।
ॐ नीलोत्पलदलप्रभायै नमः।
ॐ नृसिंह्यै नमः।
ॐ पङ्कजायतलोचनायै नमः।
ॐ पञ्चब्रह्मसमुत्पत्त्यै नमः।
ॐ पञ्चभूतवरप्रदायै नमः।
ॐ पद्मगर्भायै नमः।
ॐ पद्मधारिण्यै नमः।
ॐ पद्मनिभायै नमः।
ॐ पद्ममालायै नमः।
ॐ पद्मरोधिकायै नमः।
ॐ पद्मवासिन्यै नमः।
ॐ पद्मासनायै नमः।
ॐ पद्मिन्यै नमः।
ॐ परदेवतायै नमः।
ॐ परमाक्षरायै नमः।
ॐ परमात्मात्ऽऽमविग्रहायै नमः।
ॐ परमात्मिकायै नमः।
ॐ परमानन्ददायिन्यै नमः।
ॐ परमानन्दायै नमः।
ॐ परमायै नमः।
ॐ परमायै नमः।
ॐ परमालिन्यै नमः।
ॐ परमेश्वर्यै नमः।
ॐ परमेष्ठिन्यै नमः।
ॐ परमैश्वर्यभूतिदायै नमः।
ॐ परात्मने नमः।
ॐ परान्तजातमहिमायै नमः।
ॐ परापरविधानज्ञायै नमः।
ॐ परापरविभूतिदायै नमः।
ॐ परापरविभेदिकायै नमः।
ॐ परायै गत्यै नमः।
ॐ परायै मात्रे नमः।
ॐ परार्ध्यायै नमः।
ॐ परेश्वर्यै नमः।
ॐ पापहरायै नमः।
ॐ पार्वत्यै नमः।
ॐ पावन्यै नमः।
ॐ पिङ्गललोचनायै नमः।
ॐ पिङ्गलाकारायै नमः।
ॐ पीवर्यै नमः।
ॐ पुंसामादये नमः।
ॐ पुण्यायै नमः।
ॐ पुरन्दरपुरःसरायै नमः।
ॐ पुराण्यै नमः।
ॐ पुरुप्लुतायै नमः।
ॐ पुरुषरूपिण्यै नमः।
ॐ पुरुषान्तरवासिन्यै नमः।
ॐ पुरुषाय बलिने नमः।
ॐ पुरुहूतायै नमः।
ॐ पुष्करिण्यै नमः।
ॐ पुष्ट्यै नमः।
ॐ पुष्पनिरन्तरायै नमः।
ॐ पूजायै नमः।
ॐ पूज्यायै नमः।
ॐ पूर्णायै नमः।
ॐ पृथ्व्यै नमः।
ॐ पोषण्यै नमः।
ॐ पोषिण्यै नमः।
ॐ पौरुष्यै नमः।
ॐ प्रकृत्यै नमः।
ॐ प्रक्रियायै नमः।
ॐ प्रचण्डायै नमः।
ॐ प्रणतर्धिविवर्धिन्यै नमः।
ॐ प्रतिज्ञायै नमः।
ॐ प्रतिष्ठायै नमः।
ॐ प्रत्यक्षदेवतायै नमः।
ॐ प्रथमजायै नमः।
ॐ प्रद्युम्नदयितायै नमः।
ॐ प्रधानपुरुषातीतायै नमः।
ॐ प्रधानपुरुषात्मिकायै नमः।
ॐ प्रधानपुरुषायै नमः।
ॐ प्रधानपुरुषेशानायै नमः।
ॐ प्रधानपुरुषेश्वर्यै नमः।
ॐ प्रधानायै नमः।
ॐ प्रभायै नमः।
ॐ प्रभावत्यै नमः।
ॐ प्रसूतिकायै नमः।
ॐ प्राणरूपायै नमः।
ॐ प्राणविद्यायै नमः।
ॐ प्राणशक्त्यै नमः।
ॐ प्राणेश्वरप्रियायै नमः।
ॐ प्राणेश्वर्यै नमः।
ॐ प्रियामूर्त्यै नमः।
ॐ बलज्ञायै नमः।
ॐ बलदायै नमः।
ॐ बलीन्द्रायै नमः।
ॐ बल्यै नमः।
ॐ बालिकायै नमः।
ॐ बाह्यायै नमः।
ॐ बिन्दुनाद्समुत्पत्त्यै नमः।
ॐ बीजरूपायै नमः।
ॐ बीजसम्भवायै नमः।
ॐ बीजाङ्कुरसमुद्भूत्यै नमः।
ॐ बुद्धिमत्यै नमः।
ॐ बुद्ध्यै नमः।
ॐ बृहत्यै नमः।
ॐ ब्रह्मकलायै नमः।
ॐ ब्रह्मभूतायै नमः।
ॐ ब्रह्ममूर्तये नमः।
ॐ ब्रह्मर्षये नमः।
ॐ ब्रह्मवादिमनोमलायै नमः।
ॐ ब्रह्मविष्णुशिवप्रियायै नमः।
ॐ ब्रह्मवृक्षाश्रयायै नमः।
ॐ ब्रह्मसंश्रयायै नमः।
ॐ ब्रह्महृदयायै नमः।
ॐ ब्रह्माण्यै नमः।
ॐ ब्रह्मास्यायै नमः।
ॐ ब्रह्मेन्द्रोपेन्द्रनमितायै नमः।
ॐ ब्राह्म्यै नमः।
ॐ ब्राह्म्यै नमः।
ॐ भक्तानां भद्रदायिन्यै नमः।
ॐ भक्तार्त्तिनाशिन्यै नमः।
ॐ भक्तिगम्यपरायणायै नमः।
ॐ भगवत्पत्न्यै नमः।
ॐ भगिन्यै नमः।
ॐ भगिन्यै नमः।
ॐ भद्रकालिकायै नमः।
ॐ भद्रकाल्यै नमः।
ॐ भयावन्यै नमः।
ॐ भवभावविनाशिन्यै नमः।
ॐ भवान्यै नमः।
ॐ भव्यायै नमः।
ॐ भव्यायै नमः।
ॐ भानुमत्यै नमः।
ॐ भारत्यै नमः।
ॐ भावाङ्गनिलयालयायै नमः।
ॐ भाविन्यै नमः।
ॐ भिन्नविषयायै नमः।
ॐ भिन्नसंस्थानायै नमः।
ॐ भीमायै नमः।
ॐ भीषणायै नमः।
ॐ भुक्तिमुक्तिफलप्रदायै नमः।
ॐ भुक्त्यै नमः।
ॐ भूतान्तरात्मने नमः।
ॐ भूतिभूषणायै नमः।
ॐ भेदरहितायै नमः।
ॐ भेदाभेदविवर्जितायै नमः।
ॐ भोक्त्र्यै नमः।
ॐ भोगदायिन्यै नमः।
ॐ भोगदायै नमः।
ॐ भ्रान्त्यै नमः।
ॐ भ्रुकुटीकुटिलाननायै नमः।
ॐ भ्रूमध्यनिलयायै नमः।
ॐ मङ्गलायै नमः।
ॐ मङ्गल्यायै नमः।
ॐ मणिदायै नमः।
ॐ मत्यै नमः।
ॐ मधुसूदन्यै नमः।
ॐ मध्यायै नमः।
ॐ मनस्विन्यै नमः।
ॐ मनोजवायै नमः।
ॐ मनोज्ञायै नमः।
ॐ मनोन्मन्यै नमः।
ॐ मनोमय्यै नमः।
ॐ मनोरक्ष्यै नमः।
ॐ मनोहर्यै नमः।
ॐ मन्त्रवाहस्थायै नमः।
ॐ मन्त्रिण्यै नमः।
ॐ मन्दराद्रिनिवासायै नमः।
ॐ मन्मथोद्भूतायै नमः।
ॐ मन्युमात्रे नमः।
ॐ मयूरवरवाहिन्यै नमः।
ॐ मरुत्सुतायै नमः।
ॐ मलत्रयविनाशिन्यै नमः।
ॐ मलवर्जितायै नमः।
ॐ मलहारिण्यै नमः।
ॐ मलातीतायै नमः।
ॐ मलिनायै नमः।
ॐ महत्यै नमः।
ॐ महाकालसमुद्भवायै नमः।
ॐ महाकाल्यै नमः।
ॐ महाज्वालायै नमः।
ॐ महादेवमनोरमायै नमः।
ॐ महादेवाश्रयायै नमः।
ॐ महादेव्यै नमः।
ॐ महानदायै नमः।
ॐ महानन्दायै नमः।
ॐ महानिद्रासमुद्भूतायै नमः।
ॐ महानुभावमध्यस्थायै नमः।
ॐ महापीठायै नमः।
ॐ महापुरुषपूर्वजायै नमः।
ॐ महापुरुषसंज्ञितायै नमः।
ॐ महापुरुषसाक्षिण्यै नमः।
ॐ महाफलायै नमः।
ॐ महाभगवत्यै नमः।
ॐ महामत्यै नमः।
ॐ महामन्युसमुद्भवायै नमः।
ॐ महामहिषमर्दिन्यै नमः।
ॐ महामायायै नमः।
ॐ महामायायै नमः।
ॐ महामाहेश्वर्यै नमः।
ॐ महामूर्त्यै नमः।
ॐ महामोहायै नमः।
ॐ महायोगेन्द्रशायिन्यै नमः।
ॐ महारात्र्यै नमः।
ॐ महारात्र्यै नमः।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
ॐ महाविद्यायै नमः।
ॐ महाविभूतिदायै नमः।
ॐ महाविभूत्यै नमः।
ॐ महावेगायै नमः।
ॐ महाशक्त्यै नमः।
ॐ महाशक्त्यै नमः।
ॐ महाशालायै नमः।
ॐ महाश्रिये नमः।
ॐ महासुरविनाशिन्यै नमः।
ॐ महिमायै नमः।
ॐ महिषवाहनायै नमः।
ॐ महीयस्यै नमः।
ॐ महेन्द्रभगिन्यै नमः।
ॐ महेन्द्रविनिपातिन्यै नमः।
ॐ महेन्द्रोपेन्द्रभगिन्यै नमः।
ॐ महेश्यै नमः।
ॐ महेश्वरपदाश्रयायै नमः।
ॐ महोत्कटायै नमः।
ॐ मातामह्यै नमः।
ॐ मातृकायै नमः।
ॐ मात्रे नमः।
ॐ माधव्यै नमः।
ॐ मानस्यै नमः।
ॐ मानिन्यै नमः।
ॐ मान्यायै नमः।
ॐ मायातीतायै नमः।
ॐ मायायै नमः।
ॐ मालायै नमः।
ॐ मालायै नमः।
ॐ माहेश्वर्यै नमः।
ॐ माहेश्वर्यै नमः।
ॐ मिथिलानन्दायै नमः।
ॐ मुक्त्यै नमः।
ॐ मुदितमानसायै नमः।
ॐ मूलप्रकृतिसम्भवायै नमः।
ॐ मूलप्रकृत्रीश्वर्यै नमः।
ॐ मेधायै नमः।
ॐ मोक्षप्रदायिन्यै नमः।
ॐ मोहनाशिन्यै नमः।
ॐ यथाध्वपरिवर्तिन्यै नमः।
ॐ यशस्विन्यै नमः।
ॐ यशोदायै नमः।
ॐ युगन्धरायै नमः।
ॐ युगान्तदलनात्मिकायै नमः।
ॐ युगावर्त्तायै नमः।
ॐ युग्मदृष्ट्यै नमः।
ॐ योगदायै नमः।
ॐ योगनिद्रायै नमः।
ॐ योगमात्रे नमः।
ॐ योगमायायै नमः।
ॐ योगरूपिण्यै नमः।
ॐ योगस्थायै नमः।
ॐ योगिज्ञेयायै नमः।
ॐ योगिन्यै नमः।
ॐ योगेश्वरेश्वर्यै नमः।
ॐ योग्यायै नमः।
ॐ योषायै नमः।
ॐ रक्तशुक्लायै नमः।
ॐ रघूत्तमपतिव्रतायै नमः।
ॐ रजन्यै नमः।
ॐ रजोरूपायै नमः।
ॐ रणप्रियायै नमः।
ॐ रत्नगर्भायै नमः।
ॐ रत्नमालायै नमः।
ॐ रम्यायै नमः।
ॐ रम्यायै नमः।
ॐ राक्षसान्तविधायिन्यै नमः।
ॐ राजितायै नमः।
ॐ रात्र्यै नमः।
ॐ रामवक्षःस्थलालयायै नमः।
ॐ रामायै नमः।
ॐ रावणान्तकर्यै नमः।
ॐ रुद्राण्यै नमः।
ॐ रुद्रायै नमः।
ॐ रौद्रिकायै नमः।
ॐ रौद्र्यै नमः।
ॐ लक्ष्म्यादिशक्तिजनन्यै नमः।
ॐ लक्ष्म्यै नमः।
ॐ लतायै नमः।
ॐ ललितायै नमः।
ॐ लिङ्गधारिण्यै नमः।
ॐ लीलायै नमः।
ॐ लेलिहानायै नमः।
ॐ लेलिहानायै नमः।
ॐ लोहितायै नमः।
ॐ वंशकर्यै नमः।
ॐ वंशहारिण्यै नमः।
ॐ वंशिन्यै नमः।
ॐ वज्रजिह्वायै नमः।
ॐ वज्रदंष्ट्रायै नमः।
ॐ वज्रविग्रहायै नमः।
ॐ वडवायै नमः।
ॐ वनमालिन्यै नमः।
ॐ वन्द्यायै नमः।
ॐ वपुःसङ्गसमुद्भवायै नमः।
ॐ वरदर्पितायै नमः।
ॐ वरदायै नमः।
ॐ वरारोहायै नमः।
ॐ वरार्हायै नमः।
ॐ वरेण्यायै नमः।
ॐ वर्णरहितायै नमः।
ॐ वशिन्यै नमः।
ॐ वसुदेवसमुद्भवायै नमः।
ॐ वसुन्धरासमुद्भवायै नमः।
ॐ वसुमत्यै नमः।
ॐ वसोर्धारायै नमः।
ॐ वहन्त्यै नमः।
ॐ वागीश्वर्यै नमः।
ॐ वाग्देवतायै नमः।
ॐ वाच्यायै नमः।
ॐ वाच्यायै नमः।
ॐ वाण्यै नमः।
ॐ वामलोचनायै नमः।
ॐ वामायै नमः।
ॐ वामायै नमः।
ॐ वारिजायै नमः।
ॐ वासव्यै नमः।
ॐ वाहनप्रियायै नमः।
ॐ विकृत्यै नमः।
ॐ विचित्रगहनायै नमः।
ॐ विचित्रमुकुटाननायै नमः।
ॐ विचित्ररत्नमुकुटायै नमः।
ॐ विचित्राङ्ग्यै नमः।
ॐ विद्याधरक्रियायै नमः।
ॐ विद्याधरनिराकृत्यै नमः।
ॐ विद्याधर्यै नमः।
ॐ विद्यामय्यै नमः।
ॐ विद्यायै नमः।
ॐ विद्यायै नमः।
ॐ विद्यायै नमः।
ॐ विद्यायै नमः।
ॐ विद्युज्जिह्वायै नमः।
ॐ विद्युन्मालायै नमः।
ॐ विद्येश्वरप्रियायै नमः।
ॐ विधर्मायै नमः।
ॐ विनयप्रदायै नमः।
ॐ विनयायै नमः।
ॐ विनीतायै नमः।
ॐ विन्ध्यपर्वतवासिन्यै नमः।
ॐ विभावज्ञायै नमः।
ॐ विभावर्यै नमः।
ॐ विभावर्यै नमः।
ॐ विभ्राजमानायै नमः।
ॐ विमानस्थायै नमः।
ॐ वियन्मात्रायै नमः।
ॐ वियन्मूर्त्यै नमः।
ॐ विरक्तायै नमः।
ॐ विरूपाक्ष्यै नमः।
ॐ विरूपायै नमः।
ॐ विवाहनायै नमः।
ॐ विशिष्टायै नमः।
ॐ विशोकायै नमः।
ॐ विश्वधर्मिण्यै नमः।
ॐ विश्वप्रमाथिन्यै नमः।
ॐ विश्वम्भर्यै नमः।
ॐ विश्वामरेश्वरायै नमः।
ॐ विश्वायै नमः।
ॐ विश्वावस्थायै नमः।
ॐ विश्वेश्वरेश्वर्यै नमः।
ॐ विश्वेश्वर्यै नमः।
ॐ विसङ्गायै नमः।
ॐ विहायस्यै नमः।
ॐ वीणावादनतत्परायै नमः।
ॐ वीरभद्रहितप्रियायै नमः।
ॐ वीरमुक्त्यै नमः।
ॐ वीरायै नमः।
ॐ वृद्धमात्रे नमः।
ॐ वृद्धायै नमः।
ॐ वृषवाहनायै नमः।
ॐ वृषावेषायै नमः।
ॐ वृषासनगतायै नमः।
ॐ वेदगर्भायै नमः।
ॐ वेदमात्रे नमः।
ॐ वेदरूपिण्यै नमः।
ॐ वेदविद्याप्रकाशिन्यै नमः।
ॐ वेदविद्याव्रतरतायै नमः।
ॐ वेदवेदाङ्गपारगायै नमः।
ॐ वेदशक्त्यै नमः।
ॐ वेदान्तविषयायै नमः।
ॐ वैदेह्यै नमः।
ॐ वैराग्यज्ञाननिरतायै नमः।
ॐ वैराग्यैश्वर्यधर्मात्मने नमः।
ॐ वैश्वानर्यै नमः।
ॐ वैष्णव्यै नमः।
ॐ व्यक्तायै नमः।
ॐ व्यक्ताव्यक्तात्मिकायै नमः।
ॐ व्यापिन्यै नमः।
ॐ व्याप्तायै नमः।
ॐ व्याप्त्यै नमः।
ॐ व्योमधारायै नमः।
ॐ व्योमनिलयायै नमः।
ॐ व्योममय्यै नमः।
ॐ व्योममूर्त्यै नमः।
ॐ व्योमलक्ष्म्यै नमः।
ॐ व्योमशक्त्यै नमः।
ॐ शक्तायै नमः।
ॐ शक्तिचक्रप्रवर्तिकायै नमः।
ॐ शक्त्यै नमः।
ॐ शक्त्यै नमः।
ॐ शक्रासनगतायै नमः।
ॐ शङ्करार्द्धशरीरिण्यै नमः।
ॐ शङ्करेच्छानुवर्तिन्यै नमः।
ॐ शङ्कर्यै नमः।
ॐ शङ्खचक्रगदाधरायै नमः।
ॐ शङ्खिन्यै नमः।
ॐ शच्यै नमः।
ॐ शतरूपायै नमः।
ॐ शतानन्दायै नमः।
ॐ शतावर्त्तायै नमः।
ॐ शब्दमय्यै नमः।
ॐ शब्दयोन्यै नमः।
ॐ शम्भवे नमः।
ॐ शवासनायै नमः।
ॐ शवासनायै नमः।
ॐ शशिप्रभायै नमः।
ॐ शाकलामूर्त्यै नमः।
ॐ शाक्र्यै नमः।
ॐ शाङ्कर्यै नमः।
ॐ शान्तमानसायै नमः।
ॐ शान्तविग्रहायै नमः।
ॐ शान्तायै नमः।
ॐ शान्तिदायै नमः।
ॐ शान्तिवर्द्धिन्यै नमः।
ॐ शान्त्यतीतायै नमः।
ॐ शान्त्यै नमः।
ॐ शारदायै नमः।
ॐ शाश्वतस्थानवासिन्यै नमः।
ॐ शाश्वत्यै नमः।
ॐ शास्त्रयोन्यै नमः।
ॐ शास्त्र्यै नमः।
ॐ शिरोहयायै नमः।
ॐ शिवज्ञानस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ शिवाख्यायै नमः।
ॐ शिवात्मने नमः।
ॐ शिवानन्दायै नमः।
ॐ शिवामृतायै नमः।
ॐ शिष्टाशिष्टप्रपूजितायै नमः।
ॐ शिष्टेष्टायै नमः।
ॐ शुद्धकुलोद्भवायै नमः।
ॐ शुद्धायै नमः।
ॐ शुद्ध्यै नमः।
ॐ शुभदायै नमः।
ॐ शुभायै नमः।
ॐ शुभ्रायै नमः।
ॐ शुम्भार्यै नमः।
ॐ शून्यायै नमः।
ॐ शोकनाशिन्यै नमः।
ॐ शोभायै नमः।
ॐ श्रिये नमः।
ॐ श्रीकर्यै नमः।
ॐ श्रीधरायै नमः।
ॐ श्रीधर्यै नमः।
ॐ श्रीनिवासायै नमः।
ॐ श्रीफल्यै नमः।
ॐ श्रीमत्यै नमः।
ॐ श्रीवसुप्रदायै नमः।
ॐ श्रीशायै नमः।
ॐ श्रीसमुत्पत्त्यै नमः।
ॐ श्रुत्यै नमः।
ॐ श्रेष्ठायै नमः।
ॐ षडूर्मिपरिवर्जितायै नमः।
ॐ षड्गुणात्मिकायै नमः।
ॐ संवत्सरायै नमः।
ॐ संविदे नमः।
ॐ संसारतारिण्यै नमः।
ॐ संसारपरिवर्तिकायै नमः।
ॐ संसारयोन्यै नमः।
ॐ संसारसारायै नमः।
ॐ सकलायै नमः।
ॐ सकलायै नमः।
ॐ सकृद्विभावितायै नमः।
ॐ सङ्कर्षणसमुत्पत्त्यै नमः।
ॐ सङ्कर्षण्यै नमः।
ॐ सङ्कल्पसिद्धायै नमः।
ॐ सङ्क्षोभकारिण्यै नमः।
ॐ सतां कीर्त्यै नमः।
ॐ सत्क्रियायै नमः।
ॐ सत्त्ववेगायै नमः।
ॐ सत्त्वशुद्धिकर्यै नमः।
ॐ सत्प्रतिष्ठायै नमः।
ॐ सत्यदेवतायै नमः।
ॐ सत्यमात्रायै नमः।
ॐ सत्यसन्धायै नमः।
ॐ सत्यायै नमः।
ॐ सत्यायै नमः।
ॐ सदाशिवायै नमः।
ॐ सनातन्यै नमः।
ॐ सन्धिवर्जितायै नमः।
ॐ सन्मनसे नमः।
ॐ समाधिस्थायै नमः।
ॐ समीक्षायै नमः।
ॐ समुत्पन्नायै नमः।
ॐ समुत्पन्नायै नमः।
ॐ समुद्रान्तरवासिन्यै नमः।
ॐ सरस्वत्यै नमः।
ॐ सरोजनयनासनायै नमः।
ॐ सरोजनिलयायै नमः।
ॐ सर्गस्थित्यन्तकरिण्यै नमः।
ॐ सर्वकामदुहे नमः।
ॐ सर्वकार्यनियन्त्र्यै नमः।
ॐ सर्वगोचरायै नमः।
ॐ सर्वतोभद्रायै नमः।
ॐ सर्वतोमुख्यै नमः।
ॐ सर्वदायै नमः।
ॐ सर्वप्रत्ययसाक्षिण्यै नमः।
ॐ सर्वप्रहरणोपेतायै नमः।
ॐ सर्वभूतनमस्कृतायै नमः।
ॐ सर्वभूतहृदिस्थितायै नमः।
ॐ सर्वभूताशयस्थितायै नमः।
ॐ सर्वभूतेश्वरेश्वर्यै नमः।
ॐ सर्वमात्रे नमः।
ॐ सर्वयोगेश्वरेश्वर्यै नमः।
ॐ सर्ववर्णायै नमः।
ॐ सर्ववादाश्रयायै नमः।
ॐ सर्वविज्ञानदायिन्यै नमः।
ॐ सर्वविदे नमः।
ॐ सर्वविद्यायै नमः।
ॐ सर्वविद्यायै नमः।
ॐ सर्वविद्यायै नमः।
ॐ सर्वशक्तिप्रदायिन्यै नमः।
ॐ सर्वशक्तिविनिर्मुक्तायै नमः।
ॐ सर्वशक्तिसमन्वितायै नमः।
ॐ सर्वशक्तिसमुद्भवायै नमः।
ॐ सर्वशक्त्या समारूढायै नमः।
ॐ सर्वशक्त्याश्रयाश्रयायै नमः।
ॐ सर्वशक्त्यै नमः।
ॐ सर्वसमुद्भूत्यै नमः।
ॐ सर्वसमुद्रपरिशोषिण्यै नमः।
ॐ सर्वसहायै नमः।
ॐ सर्वस्यै नमः।
ॐ सर्वाण्यै नमः।
ॐ सर्वातिशायिन्यै नमः।
ॐ सर्वात्मिकायै नमः।
ॐ सर्वान्तरस्थायै नमः।
ॐ सर्वार्थसाधिकायै नमः।
ॐ सर्वेन्द्रियमनोमात्रे नमः।
ॐ सर्वेश्वरप्रियायै नमः।
ॐ सर्वेश्वर्यै नमः।
ॐ सर्वेश्वर्यै नमः।
ॐ सर्वेषां निवृत्त्यै नमः।
ॐ सहस्ररश्मिपद्मस्थायै नमः।
ॐ सहस्रश्रवणात्मजायै नमः।
ॐ सहस्राक्ष्यै नमः।
ॐ साङ्ख्ययोगप्रवर्तिकायै नमः।
ॐ साङ्ख्ययोगसमुद्भवायै नमः।
ॐ साङ्ख्यायै नमः।
ॐ साङ्ख्यायै नमः।
ॐ साध्व्यै नमः।
ॐ सामगीत्यै नमः।
ॐ सामवेदायै नमः।
ॐ साम्यस्थायै नमः।
ॐ सावित्र्यै नमः।
ॐ सिंहवाहिन्यै नमः।
ॐ सिंहस्थायै नमः।
ॐ सिंहिकायै नमः।
ॐ सिद्धायै नमः।
ॐ सिद्ध्यै नमः।
ॐ सिनीवाल्यै नमः।
ॐ सीतायै नमः।
ॐ सीतायै नमः।
ॐ सुकीर्त्यै नमः।
ॐ सुकृत्यै नमः।
ॐ सुखदायै नमः।
ॐ सुगन्धायै नमः।
ॐ सुगुणायै नमः।
ॐ सुतरां गौर्यै नमः।
ॐ सुदर्शनायै नमः।
ॐ सुदुर्लभायै नमः।
ॐ सुदुर्वाच्यायै नमः।
ॐ सुदुष्पूरायै नमः।
ॐ सुद्युम्नायै नमः।
ॐ सुनाभ्यै नमः।
ॐ सुनिर्मलायै नमः।
ॐ सुन्दर्यै नमः।
ॐ सुप्रभायै नमः।
ॐ सुप्रवेशिन्यै नमः।
ॐ सुभद्रायै नमः।
ॐ सुमङ्गलायै नमः।
ॐ सुमन्त्रायै नमः।
ॐ सुमालिन्यै नमः।
ॐ सुमूर्त्यै नमः।
ॐ सुरभये नमः।
ॐ सुरभ्यै नमः।
ॐ सुरायै नमः।
ॐ सुरार्चितायै नमः।
ॐ सुरूपायै नमः।
ॐ सुरूपायै नमः।
ॐ सुरेन्द्रमात्रे नमः।
ॐ सुशोभनायै नमः।
ॐ सुषुम्नायै नमः।
ॐ सुसूक्ष्मज्ञानरूपिण्यै नमः।
ॐ सुसूक्ष्मपदसंश्रयायै नमः।
ॐ सुसेनायै नमः।
ॐ सुसौम्यायै नमः।
ॐ सूक्ष्मायै नमः।
ॐ सूर्यमात्रे नमः।
ॐ सूर्यसंस्थितायै नमः।
ॐ सेवायै नमः।
ॐ सेविकायै नमः।
ॐ सेवितायै नमः।
ॐ सौदामिन्यै नमः।
ॐ सौम्यायै नमः।
ॐ स्थानेश्वर्यै नमः।
ॐ स्मृत्यै नमः।
ॐ स्रग्विण्यै नमः।
ॐ स्वकार्यायै नमः।
ॐ स्वधायै नमः।
ॐ स्वधायै नमः।
ॐ स्वयञ्ज्योतिषे नमः।
ॐ स्वयम्भूत्यै नमः।
ॐ स्वर्णमालिन्यै नमः।
ॐ स्वाहायै नमः।
ॐ स्वाहायै नमः।
ॐ हंसगत्यै नमः।
ॐ हंसाख्यायै नमः।
ॐ हरिप्रियायै नमः।
ॐ हर्षवर्धिन्यै नमः।
ॐ हव्यवाहसमुद्भवायै नमः।
ॐ हव्यवाहान्तरायै नमः।
ॐ हिमवत्पुत्र्यै नमः।
ॐ हिमवन्मेरुनिलयायै नमः।
ॐ हिरण्यमय्यै नमः।
ॐ हिरण्यरजतप्रियायै नमः।
ॐ हिरण्यवर्णायै नमः।
ॐ हिरण्याक्ष्यै नमः।
ॐ हिरण्यायै नमः।
ॐ हृत्कमलोद्भूतायै नमः।
ॐ हृदिस्थितायै नमः।
ॐ हृद्गुहारम्यायै नमः।
ॐ हेमाभरणभूषितायै नमः।
ॐ हैम्यै नमः।
ॐ ह्लादिन्यै नमः।
॥ इति श्री वाल्मीकिविरचिते सीतासहस्रनामावलिः सम्पूर्णा ॥
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