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विघ्नेश्वर चतुर्थी क्यों है विशेष? जानें इस दिन किए गए उपायों का अद्भुत फल

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क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में हर माह आने वाली चतुर्थी तिथि को केवल एक तारीख नहीं, बल्कि ‘भाग्य बदलने का अवसर’ माना जाता है? भगवान गणेश, जिन्हें हम प्यार से ‘विघ्नेश्वर’ (विघ्नों के ईश्वर) कहते हैं, इस दिन अपने भक्तों के जीवन से बड़े से बड़े संकट को चुटकियों में हर लेते हैं।

अक्सर हम सुनते हैं कि “मेहनत तो बहुत की, पर फल नहीं मिला।” शास्त्रों के अनुसार, जब जीवन में ऐसे अवरोध (Blockages) आने लगें, तो समझ लीजिए कि अब ‘विघ्नेश्वर चतुर्थी’ के उपायों का समय आ गया है। आइए, इस विशेष दिन के रहस्यों और आपकी राशि के अनुसार किए जाने वाले उन अचूक उपायों को जानते हैं, जो 2025 में आपकी किस्मत चमका सकते हैं।

क्या है विघ्नेश्वर चतुर्थी? (Vinayaka vs Sankashti)

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि ‘विघ्नेश्वर चतुर्थी’ असल में है क्या। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो बार चतुर्थी आती है:

  • विनायक चतुर्थी (शुक्ल पक्ष) – यह अमावस्या के बाद आती है। यह दिन नई शुरुआत, बरकत और ‘सिद्धि’ (सफलता) पाने के लिए है।
  • संकष्टी चतुर्थी (कृष्ण पक्ष) – यह पूर्णिमा के बाद आती है। इसे संकटहर चतुर्थी भी कहते हैं। यह विशेष रूप से ‘विघ्न’ (मुसीबतों) को हटाने के लिए होती है।

जब हम “विघ्नेश्वर चतुर्थी” की बात करते हैं, तो हमारा इशारा भगवान गणेश के उस स्वरूप की ओर होता है जो समस्या निवारक (Trouble Shooter) है।

क्यों मानी जाती है यह तिथि इतनी शक्तिशाली?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान गणेश ने देवताओं को ‘विघ्नासुल’ नामक राक्षस से मुक्ति दिलाई थी। लेकिन इसका एक गहरा मनोवैज्ञानिक और ज्योतिषीय पहलू भी है।

  • ज्योतिषीय दृष्टिकोण – चतुर्थी तिथि का स्वामी ‘बुध’ (Mercury) और देवता ‘गणेश’ हैं। बुध हमारी बुद्धि और वाणी का कारक है। इस दिन की गई पूजा सीधे हमारे दिमाग की तरंगों (Brainwaves) को शांत करती है, जिससे हम सही निर्णय ले पाते हैं।
  • भावनात्मक पहलू – जब हम विघ्नेश्वर को अपनी परेशानियां सौंप देते हैं, तो हमारा ‘सबकॉन्शियस माइंड’ तनाव मुक्त हो जाता है, और यही वह स्थिति है जहां चमत्कार घटित होते हैं।

विघ्नेश्वर चतुर्थी की सरल और सात्विक पूजा विधि

बड़ी-बड़ी पूजाओं से बेहतर है ‘सच्चे भाव’ से की गई छोटी सी प्रार्थना। इस विधि को अपनाएं:

  • ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और संभव हो तो लाल या पीले वस्त्र पहनें।
  • घर के उत्तर-पूर्व कोने (ईशान कोण) में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। (मिट्टी की मूर्ति सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है)।
  • गणेश जी को दूर्वा (घास) अत्यंत प्रिय है। 21 दूर्वा की गांठें चढ़ाएं और कहें -‘इदं दूर्वादलं ॐ गं गणपतये नमः’।
  • मोदक या गुड़ का भोग लगाएं।
  • घी का दीपक जलाएं, ताकि घर की नकारात्मक ऊर्जा जलकर भस्म हो जाए।

विशेष भाग – राशि अनुसार ‘विघ्नेश्वर उपाय’ (Zodiac Remedies)

यह इस लेख का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। अपनी राशि के अनुसार यह छोटा सा उपाय इस चतुर्थी पर जरूर करें, परिणाम आपको हैरान कर देंगे:

  • मेष (Aries) – गणेश जी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं और ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ करें। कर्ज और गुस्से से मुक्ति मिलेगी।
  • वृषभ (Taurus) – घी और मिश्री का भोग लगाएं। 6 मुखी दीया जलाएं। धन संचय होगा और वाणी मधुर होगी।
  • मिथुन (Gemini) – 21 दूर्वा की गांठें अर्पित करें और मूंग के लड्डू का भोग लगाएं। बुद्धि तेज होगी और बिजनेस में लाभ होगा।
  • कर्क (Cancer) – गणेश जी को सफेद चंदन लगाएं और चावल की खीर चढ़ाएं। मानसिक शांति और माता का सुख मिलेगा।
  • सिंह (Leo) – गुड़ की डली चढ़ाएं और ‘ॐ एकदन्ताय नमः’ का 108 बार जाप करें। नौकरी में प्रमोशन और मान-सम्मान बढ़ेगा।
  • कन्या (Virgo) – साबुत सुपारी और पान का पत्ता अर्पित करें। रुके हुए काम फिर से चल पड़ेंगे।
  • तुला (Libra) – 5 नारियल गणेश जी के मंदिर में दान करें। इत्र लगाएं। दांपत्य जीवन (Marriage Life) सुखी होगा।
  • वृश्चिक (Scorpio) – लाल फूल चढ़ाएं और गुड़-चने का प्रसाद बांटें। प्रॉपर्टी विवाद और कोर्ट-कचहरी में जीत मिलेगी।
  • धनु (Sagittarius) – पीला कपड़ा और केले का फल चढ़ाएं। बेसन के लड्डू बांटें। उच्च शिक्षा और गुरु का आशीर्वाद मिलेगा।
  • मकर (Capricorn) – शमी के पत्ते (Shami Patra) गणेश जी को चढ़ाएं। शनि दोष कम होगा और संघर्ष घटेगा।
  • कुंभ (Aquarius) – सूखे मेवे (Dry Fruits) का भोग लगाएं और गरीबों को भोजन कराएं। गुप्त शत्रुओं का नाश होगा।
  • मीन (Pisces) – केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं और हल्दी की गांठ अर्पित करें। आध्यात्मिक उन्नति और विदेश यात्रा के योग।

“जादुई” टोटके जो कभी खाली नहीं जाते

अगर आपको अपनी राशि नहीं पता, या कोई विशेष संकट है, तो ये सार्वजनिक उपाय करें:

  • आर्थिक तंगी के लिए – विघ्नेश्वर चतुर्थी की शाम को गणेश जी के सामने कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें और गाय को हरी घास खिलाएं। धन के रास्ते खुलने लगेंगे।
  • लगातार बीमारी के लिए – एक पानी वाला नारियल लें, उसे अपने सिर से 7 बार वार (Clockwise) कर भगवान गणेश के चरणों में फोड़ दें। इसे ‘बलि प्रधान’ उपाय कहते हैं, जो बीमारी को काटता है।
  • मनचाही मुराद के लिए (गांठ उपाय) – एक लाल धागा लें। अपनी समस्या बोलते हुए उसमें 7 गांठें लगाएं और गणेश जी के चरणों में रख दें। जब काम हो जाए, तो धागा खोलकर जल में प्रवाहित कर दें।

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