हनुमान जी के 28 सिद्ध मंत्र अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं, जो भक्तों को हर प्रकार की बाधा, भय और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करने में सहायक होते हैं। इन मंत्रों का नियमित जाप करने से शक्ति, आत्मविश्वास और सफलता प्राप्त होती है। हनुमान मंत्र जाप की विधि में प्रातः स्नान करके शुद्ध मन से आसन पर बैठें, दीप जलाएं और तुलसी या रुद्राक्ष माला से मंत्र जाप करें। मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से इन मंत्रों का जाप करने से शीघ्र फल प्राप्त होता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ हनुमान जी की आराधना करने से समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं।
हनुमान जी के मंत्रों में इतनी शक्ति है कि वे आपका बंद पड़ा हुआ व्यापार शुरू करवा सकते हैं, शारीरिक बीमारी को दूर कर सकते हैं और कुछ ऐसे चमत्कारी मंत्र भी हैं जिनके जाप से आप जीवन के किसी भी संकट या दुश्मन से छुटकारा पा सकते हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार, हनुमान मंत्र का जाप विशेष रूप से मंगलवार या शनिवार के दिन किसी भी हनुमान जी के मंदिर में जाकर या फिर घर पर लाल रंग के कपड़े में हनुमान जी की फोटो रखकर करना चाहिए। इससे हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं और आपकी मनचाही इच्छाएं पूरी करते हैं। तो चलिए जानते हैं वे कौन से मंत्र हैं और हमें उनका जाप कब करना चाहिए।
28 शक्तिशाली हनुमान मंत्र
नीचे दिए गए सभी हनुमान मंत्रों के सही अर्थ के साथ हैं, इसलिए जब भी इनका जाप करें, तो पहले इसका उच्चारण सही से करें।
- ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
उपयोग: यदि आपको बुद्धि और बल की आवश्यकता हो तो यह मंत्र जाप करें। - ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय
उपयोग: शत्रुओं का नाश करने और शारीरिक रोगों से मुक्ति पाने के लिए यह मंत्र जाप करें। - ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
उपयोग: सभी संकटों को दूर करने और शत्रुओं को वशीभूत करने के लिए यह मंत्र जाप करें। - मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर
उपयोग: जब आपको धैर्य और सामर्थ्य की आवश्यकता हो तो यह मंत्र जाप करें। - वायुपुत्र! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम्
उपयोग: सूर्य देव की पूजा करने और हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए यह मंत्र जाप करें। - ॐ हं हनुमते नम:।
उपयोग: हनुमान जी की कृपा और सुरक्षा के लिए यह मंत्र जाप करें। - ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।
उपयोग: शांति और सुरक्षा की आवश्यकता हो तो यह मंत्र जाप करें। - ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा।
उपयोग: हनुमान जी की कृपा और शक्ति की आवश्यकता हो तो यह मंत्र जाप करें। - ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।
उपयोग: हरि मर्कट मर्कटा को प्रसन्न करने और शत्रुओं को हराने के लिए यह मंत्र जाप करें। - ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
उपयोग: बल और सुरक्षा की आवश्यकता हो तो यह मंत्र जाप करें। - नमो भगवते हनुमते नम:।
उपयोग: समस्त संकटों से मुक्ति और हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह मंत्र जाप करें। - दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।
उपयोग: कठिनाइयों को दूर करने और सफलता प्राप्त करने के लिए यह मंत्र जाप करें। - और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै।
उपयोग: अच्छे जीवन की कामना और सफलता प्राप्त करने के लिए यह मंत्र जाप करें। - अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस वर दीन जानकी माता।
उपयोग: अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों की प्राप्ति के लिए यह मंत्र जाप करें। - नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा
उपयोग: रोग और पीड़ा से मुक्ति के लिए यह मंत्र जाप करें। - ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
उपयोग: आवेश और सम्मोहन के लिए यह मंत्र जाप करें। - ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते।
उपयोग: सभी संकटों से मुक्ति और विजय प्राप्त करने के लिए यह मंत्र जाप करें। - हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल: अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।
उपयोग: भूत-प्रेत से रक्षा के लिए यह मंत्र जाप करें। - ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।
उपयोग: ग्रहों की कुटिल दशा और बाधाओं के लिए यह मंत्र जाप करें। - आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर।
उपयोग: सूर्य ग्रह के दोष से बचने के लिए यह मंत्र जाप करें। - अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं।
उपयोग: वीरता, ज्ञान और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें। - ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय।
उपयोग: दक्षिण और पश्चिम मुखी हनुमान की पूजा के लिए यह मंत्र जाप करें। - नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।
उपयोग: भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियों से लड़ने के लिए यह मंत्र जाप करें। - ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।
उपयोग: शत्रु सम्मोहन और बाधाओं को दूर करने के लिए यह मंत्र जाप करें। - मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन।
उपयोग: मर्कटेश महोत्साह और शोकों को नष्ट करने के लिए यह मंत्र जाप करें। - मंगल भवन अमंगलहारी द्रवहु सो दशरथ अजिर विहारी।
उपयोग: घर में मंगल भवन और सुख-शांति के लिए यह मंत्र पाठ करें। - मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
उपयोग: बुद्धि, वेग, और सुरक्षा के लिए यह मंत्र जाप करें। - ॐ अं अंगारकाय नमः।
उपयोग: मंगल ग्रह को प्रसन्न करने के लिए यह मंत्र जाप करें।
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