|| श्री अष्टविनायकस्तोत्रम् ||
स्वस्ति श्रीगणनायको गजमुखो मोरेश्वरः सिद्धिदः
बल्लाळस्तु विनायकस्तथ मढे चिन्तामणिस्थेवरे ।
लेण्याद्रौ गिरिजात्मजः सुवरदो विघ्नेश्वरश्चोझरे
ग्रामे रांजणसंस्थितो गणपतिः कुर्यात् सदा मङ्गलम् ॥
इति अष्टविनायकस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
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