देवी अन्नपूर्णा हिंदू धर्म में भोजन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी मानी जाती हैं। वे भगवान शिव की अर्धांगिनी और जगत माता पार्वती का स्वरूप हैं। “अन्नपूर्णा” का अर्थ है “भोजन से परिपूर्ण”, और उनकी कृपा से भक्तों को जीवन में कभी भी भोजन या धन की कमी नहीं होती। देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली में उनके एक हजार दिव्य और पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनकी अनंत महिमा और कृपा को प्रकट करते हैं। यह सहस्रनामावली भक्तों को देवी की कृपा प्राप्त करने और जीवन में समृद्धि और संतोष लाने का माध्यम है।
देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली पढ़ने के लाभ
- देवी अन्नपूर्णा की कृपा से जीवन में कभी भी अन्न और धन का अभाव नहीं होता।
- यह सहस्रनामावली हमें भोजन के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का भाव सिखाती है।
- पाठ करने से घर में समृद्धि, शांति, और सौहार्द का वातावरण बना रहता है।
- देवी अन्नपूर्णा की आराधना जीवन के सभी भय और कष्टों को दूर करती है।
- सहस्रनामावली का पाठ भक्त के भीतर भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है।
- देवी अन्नपूर्णा की पूजा से भोजन में सकारात्मक ऊर्जा आती है, जिससे स्वास्थ्य और मनोदशा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- यह पाठ परिवार और समाज में प्रेम और समर्पण का भाव विकसित करता है।
देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली पढ़ने के नियम
- पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को साफ और पवित्र रखें।
- पाठ आरंभ करने से पहले देवी अन्नपूर्णा के समक्ष अपनी मनोकामना का संकल्प लें।
- यह पाठ विशेष रूप से पूर्णिमा, शुक्रवार और नवरात्रि के दिनों में अत्यंत फलदायी होता है।
- पीले या लाल रंग के आसन पर बैठकर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करें।
- प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त या संध्याकाल का समय श्रेष्ठ माना जाता है।
- पाठ के दौरान देवी अन्नपूर्णा के दिव्य स्वरूप और उनकी कृपा का ध्यान करें।
देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली की पूजा विधि
- देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति या चित्र, पीले और सफेद फूल, तुलसी पत्र और चावल, धूप, दीप, और चंदन, नैवेद्य (पके हुए भोजन, गुड़, और फल) पूजा सामग्री एकत्रित करें।
- देवी अन्नपूर्णा के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।
- “ॐ अन्नपूर्णायै नमः” मंत्र का जप करते हुए पुष्प अर्पित करें।
- शांतचित्त होकर सहस्रनामावली का पाठ करें।
- हर नाम के साथ देवी के अन्नपूर्ण स्वरूप और उनकी कृपा का स्मरण करें।
- देवी को पके हुए भोजन, गुड़ और फल का भोग लगाएं।
- भोग के साथ अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
- पूजा के अंत में देवी अन्नपूर्णा की आरती करें।
- प्रसाद सभी परिजनों और भक्तों में वितरित करें।
।। देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली ।।
ॐ अकारायै नमः।
ॐ अगाधायै नमः।
ॐ अग्निकुण्डकृतालयायै नमः।
ॐ अग्निकोटिभयङ्कर्यै नमः।
ॐ अग्निजायायै नमः।
ॐ अग्निमात्रे नमः।
ॐ अग्निमुख्यै नमः।
ॐ अग्निरूपिण्यै नमः।
ॐ अग्निस्थायै नमः।
ॐ अघोरायै नमः।
ॐ अच्युतप्राणायै नमः।
ॐ अच्युतानन्दकारिणै नमः।
ॐ अजयायै नमः।
ॐ अजिनाम्बरधारिण्यै नमः।
ॐ अट्टहासिन्यै नमः।
ॐ अट्टायै नमः।
ॐ अणिमादिसुसेवितायै नमः।
ॐ अणिमाद्यष्टसिद्धिदायै नमः।
ॐ अणिमायै नमः।
ॐ अदितिनन्दिन्यै नमः।
ॐ अदीनायै नमः।
ॐ अधोक्षजायै नमः।
ॐ अनन्तगुणशालिन्यै नमः।
ॐ अनन्तमहिमायै नमः।
ॐ अनन्तस्य कुलेश्वर्यै नमः।
ॐ अनन्ताक्ष्यै नमः।
ॐ अनन्तात्ममायै नमः।
ॐ अनन्तायै नमः।
ॐ अनन्दोदधिमध्यस्थायै नमः।
ॐ अनाद्यायै नमः।
ॐ अनिशायै नमः।
ॐ अन्नदात्र्यै नमः।
ॐ अन्नदानरतोत्सवायै नमः।
ॐ अन्नदायै नमः।
ॐ अन्नपूर्णायै नमः।
ॐ अन्नराशिकृताऽलयायै नमः।
ॐ अन्नरूपायै नमः।
ॐ अपर्णायै नमः।
ॐ अबलायै नमः।
ॐ अब्जजायै नमः।
ॐ अब्जनिलयायै नमः।
ॐ अब्जपत्रशुभेक्षणायै नमः।
ॐ अब्जभूषणायै नमः।
ॐ अब्जस्थायै नमः।
ॐ अब्जहस्तायै नमः।
ॐ अब्जाभायै नमः।
ॐ अब्जासनायै नमः।
ॐ अब्धिजायै नमः।
ॐ अब्धिनन्दिन्यै नमः।
ॐ अब्धिशयनायै नमः।
ॐ अब्धिस्थायै नमः।
ॐ अमृतायै नमः।
ॐ अम्बायै नमः।
ॐ अम्बिकायै नमः।
ॐ अयोध्यायै नमः।
ॐ अयोनिजायै नमः।
ॐ अवकाशस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ अवन्तिकायै नमः।
ॐ अव्यक्तायै नमः।
ॐ आकाशपद्मस्थायै नमः।
ॐ आत्मगोचरायै नमः।
ॐ आत्मज्ञायै नमः।
ॐ आत्मदयितायै नमः।
ॐ आत्मरूपिण्यै नमः।
ॐ आत्मसुवे नमः।
ॐ आदित्यसङ्काशायै नमः।
ॐ आदिदेव्यै नमः।
ॐ आद्यायै नमः।
ॐ आधारायै नमः।
ॐ आनन्दमय्यै नमः।
ॐ आशापूर्यै नमः।
ॐ आशायै नमः।
ॐ इत्वरायै नमः।
ॐ इन्दिरायै नमः।
ॐ इन्दुभूषणायै नमः।
ॐ इन्दुमात्रायै नमः।
ॐ इन्दुमुख्यै नमः।
ॐ इन्द्रदयितायै नमः।
ॐ इन्द्रपालिन्यै नमः।
ॐ इन्द्रभगिन्यै नमः।
ॐ इन्द्रसुअवे नमः।
ॐ इन्द्राण्यै नमः।
ॐ इन्द्रियाणां वशङ्कर्यै नमः।
ॐ इन्द्रियायै नमः।
ॐ ईशान्यै नमः।
ॐ ईशायै नमः।
ॐ ईशिकायै नमः।
ॐ ईशिकायै नमः।
ॐ ईश्वरप्राणायै नमः।
ॐ ईश्वरप्रियायै नमः।
ॐ ईश्वराध्यायै नमः।
ॐ ईश्वरानन्ददायिन्यै नमः।
ॐ ईश्वरै नमः।
ॐ ईश्वर्यै नमः।
ॐ उकारायै नमः।
ॐ उत्तरज्ञायै नमः।
ॐ उत्तराख्यायै नमः।
ॐ उत्तरात्मिकायै नमः।
ॐ उन्मादिन्यै नमः।
ॐ उमापतेः प्राणायै नमः।
ॐ उमायै नमः।
ॐ ऋकारस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ ऋकारायै नमः।
ॐ ऋभवायै नमः।
ॐ ऋमात्रे नमः।
ॐ ऋस्थायै नमः।
ॐ ऌकारप्रीतिदायिन्यै नमः।
ॐ ऌकारायै नमः।
ॐ एकवीरायै नमः।
ॐ एकायै नमः।
ॐ ऐकाररूपिण्यै नमः।
ॐ ओकार्यै नमः।
ॐ ओघत्रयसुपूजितायै नमः।
ॐ ओघदात्र्यै नमः।
ॐ ओघरूपायै नमः।
ॐ ओघसम्भूतायै नमः।
ॐ ओघसुवे नमः।
ॐ ओघस्थायै नमः।
ॐ ओड्याणपीठवासिन्यै नमः।
ॐ कङ्कालकृतभूषणायै नमः।
ॐ कङ्काल्यै नमः।
ॐ कचोद्भवायै नमः।
ॐ कञ्जकिञ्जल्कचर्चितायै नमः।
ॐ कञ्जज्ञायै नमः।
ॐ कञ्जनेत्रायै नमः।
ॐ कञ्जमध्यस्थायै नमः।
ॐ कञ्जवदनायै नमः।
ॐ कञ्जाभायै नमः।
ॐ कटिसूत्रैरलङ्कतायै नमः।
ॐ कद्रुतनयायै नमः।
ॐ कनकप्रदायै नमः।
ॐ कनकप्राणायै नमः।
ॐ कनकाचलवासिन्यै नमः।
ॐ कनकाभायै नमः।
ॐ कनकायै नमः।
ॐ कन्दर्पकोटिलावण्यायै नमः।
ॐ कपर्दिन्यै नमः।
ॐ कपालकर्तृककरायै नमः।
ॐ कपालिन्यै नमः।
ॐ कमनीयायै नमः।
ॐ कमलायै नमः।
ॐ कमलार्चितायै नमः।
ॐ कमलावत्यै नमः।
ॐ कमलेक्षणायै नमः।
ॐ कम्बुकण्ठ्यै नमः।
ॐ करलाङ्ग्यै नमः।
ॐ करवीरस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ करालाक्ष्यै नमः।
ॐ कराल्यै नमः।
ॐ कर्मदायै नमः।
ॐ कलकण्ठ्यै नमः।
ॐ कलाधारायै नमः।
ॐ कलायै नमः।
ॐ कलावत्यै नमः।
ॐ कलिकल्मषनाशिन्यै नमः।
ॐ कलिकायै नमः।
ॐ कश्यपान्वयवर्धिन्यै नमः।
ॐ कात्यायन्यै नमः।
ॐ काननस्थायै नमः।
ॐ कामकेलिविनोदिन्यै नमः।
ॐ कामदामायै नमः।
ॐ कामदायै नमः।
ॐ कामधामनिवासिन्यै नमः।
ॐ कामधुक्कोटिफलदायै नमः।
ॐ कामधुरे नमः।
ॐ कामनायै नमः।
ॐ कामपीठस्थितायै नमः।
ॐ कामरूपायै नमः।
ॐ कामवनितायै नमः।
ॐ कामवन्द्यायै नमः।
ॐ कामसुवे नमः।
ॐ कामाख्यायै नमः।
ॐ कामायै नमः।
ॐ कामिन्यै नमः।
ॐ काम्यायै नमः।
ॐ कारिकायै नमः।
ॐ कालज्ञायै नमः।
ॐ कालदायै नमः।
ॐ कालदैत्यनिकृन्तिन्यै नमः।
ॐ कालधात्र्यै नमः।
ॐ कालभूषणायै नमः।
ॐ कालमात्रायै नमः।
ॐ कालरात्र्यै नमः।
ॐ कालरूपिण्यै नमः।
ॐ कालस्थायै नमः।
ॐ कालहायै नमः।
ॐ कालाङ्ग्यै नमः।
ॐ कालिक्यै नमः।
ॐ काल्यै नमः।
ॐ काश्मीरद्रवचर्चितायै नमः।
ॐ काश्मीरलिप्तवक्षोजायै नमः।
ॐ काश्यप्यै नमः।
ॐ काष्ठायै नमः।
ॐ किरीटिन्यै नमः।
ॐ किशोर्यै नमः।
ॐ कीर्तिदायै नमः।
ॐ कीर्तिस्थायै नमः।
ॐ कीर्तिहायै नमः।
ॐ कीर्त्तिज्ञायै नमः।
ॐ कीर्त्तितपदायै नमः।
ॐ कीर्त्तिवर्धिन्यै नमः।
ॐ कीर्त्यै नमः।
ॐ कुञ्जरेश्वरगामिन्यै नमः।
ॐ कुण्डसंस्थायै नमः।
ॐ कुमार्यै नमः।
ॐ कुमुदानन्दायै नमः।
ॐ कुमुदाभायै नमः।
ॐ कुमुद्वत्यै नमः।
ॐ कुरुकुल्लायै नमः।
ॐ कुलाङ्गनायै नमः।
ॐ कुल्यायै नमः।
ॐ कुशावत्यै नमः।
ॐ कूटस्थायै नमः।
ॐ कृत्तिकायै नमः।
ॐ कृत्यायै नमः।
ॐ कृपामय्यै नमः।
ॐ कृपासिन्धवे नमः।
ॐ कृष्णनन्दिन्यै नमः।
ॐ कृष्णभगिन्यै नमः।
ॐ कृष्णसुवे नमः।
ॐ केलिकायै नमः।
ॐ केशवप्रियायै नमः।
ॐ केशवानन्दकारिण्यै नमः।
ॐ केशिहायै नमः।
ॐ कोटराश्रयायै नमः।
ॐ कोदण्डधारिण्यै नमः।
ॐ कोमलाङ्ग्यै नमः।
ॐ कौमुद्यै नमः।
ॐ कौवेर्यै नमः।
ॐ कौशिक्यै नमः।
ॐ क्रूरहृदयायै नमः।
ॐ क्रोधायै नमः।
ॐ क्लेशनाशिन्यै नमः।
ॐ क्षत्रियाणां कुलेश्वर्यै नमः।
ॐ क्षत्रियायै नमः।
ॐ क्षित्यै नमः।
ॐ क्षिप्रायै नमः।
ॐ क्षुधितस्य प्रपूरण्यै नमः।
ॐ क्षेत्रायै नमः।
ॐ क्षेमङ्कर्यै नमः।
ॐ खगगर्वविमोचिन्यै नमः।
ॐ खगगायै नमः।
ॐ खगधात्र्यै नमः।
ॐ खगमान्यायै नमः।
ॐ खगयोनिस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ खगरूपायै नमः।
ॐ खगसम्भवायै नमः।
ॐ खगस्थायै नमः।
ॐ खगाधारायै नमः।
ॐ खगानन्दविवर्धिन्यै नमः।
ॐ खगानन्दायै नमः।
ॐ खगेश्यै नमः।
ॐ खञ्जनद्वन्द्वलोचनायै नमः।
ॐ खड्गरूपिण्यै नमः।
ॐ खड्गहस्तायै नमः।
ॐ खड्गिन्यै नमः।
ॐ खर्ववाहिन्यै नमः।
ॐ खर्वायै नमः।
ॐ खेचर्यै नमः।
ॐ खेटककरायै नमः।
ॐ खेरुऋहयै नमः।
ॐ गगनालयायै नमः।
ॐ गङ्गायै नमः।
ॐ गणकायै नमः।
ॐ गणपानन्दविवर्धिन्यै नमः।
ॐ गणपायै नमः।
ॐ गण्डक्यै नमः।
ॐ गत्ये नमः।
ॐ गदिन्यै नमः।
ॐ गन्धर्वकुलपूजितायै नमः।
ॐ गयायै नमः।
ॐ गरिमायै नमः।
ॐ गर्भदायै नमः।
ॐ गर्भधारिण्यै नमः।
ॐ गर्भस्थायै नमः।
ॐ गर्भहन्त्र्यै नमः।
ॐ गर्वहन्त्र्यै नमः।
ॐ गर्विण्यै नमः।
ॐ गल्लक्यै नमः।
ॐ गवे नमः।
ॐ गवे नमः।
ॐ गाधायै नमः।
ॐ गान्धार्यै नमः।
ॐ गायत्र्यै नमः।
ॐ गिरिगह्वरमध्यस्थायै नमः।
ॐ गिरिजायै नमः।
ॐ गिरिसम्भवायै नमः।
ॐ गिरिस्थायै नमः।
ॐ गीत्यै नमः।
ॐ गीर्वाणचर्चितपदायै नमः।
ॐ गीर्वाणपूजितायै नमः।
ॐ गीर्वाणसुन्दर्यै नमः।
ॐ गीर्वाणायै नमः।
ॐ गुञ्जाहारविभूषणायै नमः।
ॐ गुणकानन्दकारिण्यै नमः।
ॐ गुणपूज्यायै नमः।
ॐ गुण्यायै नमः।
ॐ गुरुभक्तिपरायणायै नमः।
ॐ गुरुरतायै नमः।
ॐ गुरुरमात्रायै नमः।
ॐ गोत्रधरायै नमः।
ॐ गोत्रायै नमः।
ॐ गोदायै नमः।
ॐ गोदावर्यै नमः।
ॐ गोमत्यै नमः।
ॐ गोवर्धनकृतालयायै नमः।
ॐ गोवर्धनधरायै नमः।
ॐ गोवर्धन्यै नमः।
ॐ गौतमात्मजायै नमः।
ॐ गौराङ्ग्यै नमः।
ॐ गौर्यै नमः।
ॐ घनरवायै नमः।
ॐ घनस्थायै नमः।
ॐ घनानन्दायै नमः।
ॐ घनायै नमः।
ॐ घर्घरनादिन्यै नमः।
ॐ घर्घरायै नमः।
ॐ घोररूपायै नमः।
ॐ घोराग्निदाहदमन्यै नमः।
ॐ घोरायै नमः।
ॐ घोरार्त्तिनाशिन्यै नमः।
ॐ चक्रिण्यै नमः।
ॐ चण्डदैत्यघन्यै नमः।
ॐ चण्डमुण्डवधोद्यतायै नमः।
ॐ चण्डवेगायै नमः।
ॐ चण्डायै नमः।
ॐ चण्डिकायै नमः।
ॐ चतुरायै नमः।
ॐ चतुर्मुख्यै नमः।
ॐ चन्द्रकान्त्यै नमः।
ॐ चन्द्रकोटिनिभाननायै नमः।
ॐ चन्द्रकोटिसुशीलतायै नमः।
ॐ चन्द्रभगिन्यै नमः।
ॐ चन्द्रमण्डलमध्यस्थायै नमः।
ॐ चन्द्रशेखरवल्लभायै नमः।
ॐ चन्द्रशेखरायै नमः।
ॐ चन्द्रिकायै नमः।
ॐ चपलायै नमः।
ॐ चलनादिन्यै नमः।
ॐ चाण्डालिन्यै नमः।
ॐ चापिन्यै नमः।
ॐ चामुण्डायै नमः।
ॐ चारुचन्दनलिप्ताङ्ग्यै नमः।
ॐ चारुचम्पकमालिन्यै नमः।
ॐ चारुचम्पाभायै नमः।
ॐ चारुचामरवीजितायै नमः।
ॐ चित्तचिन्तामणिकृतालयायै नमः।
ॐ चित्तज्ञायै नमः।
ॐ चित्तरूपिण्यै नमः।
ॐ चित्तस्थायै नमः।
ॐ चित्स्वरूपायै नमः।
ॐ चिदाधारायै नमः।
ॐ चिदानन्दायै नमः।
ॐ चिदालयायै नमः।
ॐ चिन्तामणिकृतालयायै नमः।
ॐ चिन्तामणिगुणाधारायै नमः।
ॐ चिन्तामणिविभूषणायै नमः।
ॐ चिन्तितपदायै नमः।
ॐ चैतन्यघनगेहिन्यै नमः।
ॐ चैतन्यदायै नमः।
ॐ चैतन्यभैरव्यै नमः।
ॐ छत्रच्छायाकृतालयायै नमः।
ॐ छत्रदायै नमः।
ॐ छत्रधार्यै नमः।
ॐ छत्ररूपायै नमः।
ॐ छत्रहायै नमः।
ॐ छलच्चद्मविनाशिन्यै नमः।
ॐ जगज्जीवायै नमः।
ॐ जगदानन्दकारिण्यै नमः।
ॐ जगदीशप्रियायै नमः।
ॐ जगद्धात्त्र्यै नमः।
ॐ जगन्मात्रे नमः।
ॐ जनकात्मजायै नमः।
ॐ जनन्यै नमः।
ॐ जनाधारायै नमः।
ॐ जनाधीनायै नमः।
ॐ जनानन्दायै नमः।
ॐ जन्मदायै नमः।
ॐ जन्मभुवे नमः।
ॐ जन्मह्यै नमः।
ॐ जन्यायै नमः।
ॐ जपयज्ञपरायणायै नमः।
ॐ जपाकुसुमशोभितायै नमः।
ॐ जपाकुसुमसङ्काशायै नमः।
ॐ जम्बूद्वीपकृतालयायै नमः।
ॐ जम्भहायै नमः।
ॐ जयकारिण्यै नमः।
ॐ जयदायै नमः।
ॐ जयरूपायै नमः।
ॐ जयस्थायै नमः।
ॐ जयायै नमः।
ॐ जरापहायै नमः।
ॐ जलजाभायै नमः।
ॐ जलजास्यायै नमः।
ॐ जलजेक्षणायै नमः।
ॐ जलजोदर्यै नमः।
ॐ जलरूपायै नमः।
ॐ जलस्थायै नमः।
ॐ जलोदर्यै नमः।
ॐ जवनघ्न्यै नमः।
ॐ जह्नुकन्यायै नमः।
ॐ जातिदायै नमः।
ॐ जात्यै नमः।
ॐ जानक्यै नमः।
ॐ जामिन्यै नमः।
ॐ जाम्बवत्यै नमः।
ॐ जाम्बूनदविभूषणायै नमः।
ॐ जाम्बूनदसमानाभायै नमः।
ॐ जालन्धर्यै नमः।
ॐ जाह्नव्यै नमः।
ॐ जितेन्द्रियायै नमः।
ॐ जिनजैत्र्यै नमः।
ॐ जिनमात्रे नमः।
ॐ जिनाधारायै नमः।
ॐ जिनेश्वर्यै नमः।
ॐ जीमूतचयभाषिणै नमः।
ॐ जीवायै नमः।
ॐ जीवायै नमः।
ॐ जैत्र्यै नमः।
ॐ ज्ञानगोचरायै नमः।
ॐ ज्ञानदायै नमः।
ॐ ज्ञानभायै नमः।
ॐ ज्ञानरूपायै नमः।
ॐ ज्ञानविज्ञानशालिन्यै नमः।
ॐ ज्वलत्पावकसन्निभायै नमः।
ॐ ज्वलिन्यै नमः।
ॐ ज्वालामुख्यै नमः।
ॐ ज्वालायै नमः।
ॐ ज्वालिन्यै नमः।
ॐ डाकिनीतन्त्रगोचरायै नमः।
ॐ डाकिन्यै नमः।
ॐ तड्यै नमः।
ॐ तन्तुरूपायै नमः।
ॐ तन्त्रज्ञायै नमः।
ॐ तन्त्रधारिण्यै नमः।
ॐ तन्त्ररूपायै नमः।
ॐ तन्त्रिण्यै नमः।
ॐ तपस्विन्यै नमः।
ॐ तपस्सिद्धिदायिन्यै नमः।
ॐ तपोनिष्ठायै नमः।
ॐ तप्तकाञ्चनसन्निभायै नमः।
ॐ तमोपहायै नमः।
ॐ तरुणार्कप्रतीकाशायै नमः।
ॐ तरुण्यै नमः।
ॐ तर्क विद्यायै नमः।
ॐ तापघ्न्यै नमः।
ॐ तापत्रयविनाशिन्यै नमः।
ॐ तापस्यै नमः।
ॐ तामस्यै नमः।
ॐ ताररूपिण्यै नमः।
ॐ तारहारायै नमः।
ॐ तारायै नमः।
ॐ तारायै नमः।
ॐ तारिकायै नमः।
ॐ तारिणै नमः।
ॐ तार्किक्यै नमः।
ॐ तीर्थकर्यै नमः।
ॐ तीर्थरूपायै नमः।
ॐ तीर्थायै नमः।
ॐ तुरीयायै नमः।
ॐ तुलजायै नमः।
ॐ तुलसीप्रियायै नमः।
ॐ तैलोक्यायै नमः।
ॐ तोतलायै नमः।
ॐ त्रय्यै नमः।
ॐ त्रिकालज्ञायै नमः।
ॐ त्रिकोणस्थायै नमः।
ॐ त्रिकोदरस्थायै नमः।
ॐ त्रिगुणायै नमः।
ॐ त्रिघ्न्यै नमः।
ॐ त्रिजनन्यै नमः।
ॐ त्रितसुस्थितायै नमः।
ॐ त्रिदशायै नमः।
ॐ त्रिदशाराध्यायै नमः।
ॐ त्रिदिवायै नमः।
ॐ त्रिदिवेशायै नमः।
ॐ त्रिधाम्न्यै नमः।
ॐ त्रिपद्यै नमः।
ॐ त्रिपुरवासिन्यै नमः।
ॐ त्रिपुरसुन्दर्यै नमः।
ॐ त्रिपुरात्मिकायै नमः।
ॐ त्रिपुरायै नमः।
ॐ त्रिपुरासुरघातिन्यै नमः।
ॐ त्रिपुरेश्वर्यै नमः।
ॐ त्रिपुष्करायै नमः।
ॐ त्रिभुवे नमः।
ॐ त्रिमात्रायै नमः।
ॐ त्रिमूर्तिजनन्यै नमः।
ॐ त्रिमूर्त्यै नमः।
ॐ त्रिलोचनायै नमः।
ॐ त्रिवर्गस्थायै नमः।
ॐ त्रिवर्गायै नमः।
ॐ त्रिवर्णायै नमः।
ॐ त्रिविधायै नमः।
ॐ त्रिसन्ध्यायै नमः।
ॐ त्रिस्थायै नमः।
ॐ त्रैलोक्यधारिणै नमः।
ॐ त्रैलोक्यव्यापिकायै नमः।
ॐ त्रैविद्यायै नमः।
ॐ त्र्यक्षायै नमः।
ॐ दक्षपुत्रै नमः।
ॐ दक्षमात्रे नमः।
ॐ दक्षयज्ञविनाशिन्यै नमः।
ॐ दक्षायै नमः।
ॐ दक्षिणायै नमः।
ॐ दमिन्यै नमः।
ॐ दयात्मिकायै नमः।
ॐ दयापूर्णायै नमः।
ॐ दयायै नमः।
ॐ दाडिमीपुष्पसङ्काशायै नमः।
ॐ दान्तायै नमः।
ॐ दामिन्यै नमः।
ॐ दारिद्र्यघननाशिन्यै नमः।
ॐ दारिद्र्यदुःखदलिन्यै नमः।
ॐ दीनवत्सलायै नमः।
ॐ दीनानाथप्रियायै नमः।
ॐ दीर्घायै नमः।
ॐ दुःखदुष्कृतनाशिन्यै नमः।
ॐ दुःखदुस्वप्ननाशिन्यै नमः।
ॐ दुरासद्दायै नमः।
ॐ दुरितघ्न्यै नमः।
ॐ दुर्गतिनाशिन्यै नमः।
ॐ दुर्गदैत्यविनाशिन्यै नमः।
ॐ दुर्गरूपायै नमः।
ॐ दुर्गस्थायै नमः।
ॐ दुर्गायै नमः।
ॐ देवकीगर्भसम्भूतायै नमः।
ॐ देवक्यै नमः।
ॐ देवदानवसम्पूज्यायै नमः।
ॐ देवसुवे नमः।
ॐ देवानां प्रियकारिण्यै नमः।
ॐ देविकायै नमः।
ॐ देव्यै नमः।
ॐ दोग्धयै नमः।
ॐ दोलाकर्माभिनन्दिन्यै नमः।
ॐ दोलायै नमः।
ॐ द्वारकायै नमः।
ॐ द्वारकायै नमः।
ॐ द्वारवत्यै नमः।
ॐ धनञ्जय्यै नमः।
ॐ धनदायै नमः।
ॐ धनशालिन्यै नमः।
ॐ धनागारायै नमः।
ॐ धरण्यै नमः।
ॐ धरायै नमः।
ॐ धर्मदायै नमः।
ॐ धर्मिण्यै नमः।
ॐ धवलप्रियायै नमः।
ॐ धवलायै नमः।
ॐ धात्र्यै नमः।
ॐ धारिण्यै नमः।
ॐ धुरे नमः।
ॐ धूम्रकेश्यै नमः।
ॐ धूम्रदैत्यघ्न्यै नमः।
ॐ धूम्रनेत्रायै नमः।
ॐ धूम्रवक्रायै नमः।
ॐ धूम्राभायै नमः।
ॐ धूसरायै नमः।
ॐ धैर्यदायै नमः।
ॐ धैर्यायै नमः।
ॐ नरमांसरतायै नमः।
ॐ नरमुण्डविभूषणायै नमः।
ॐ नरवाहिन्यै नमः।
ॐ नरासृक्पानमत्तायै नमः।
ॐ नवलावण्यसुन्दर्यै नमः।
ॐ नवीनायै नमः।
ॐ नागकन्यायै नमः।
ॐ नागगामिन्यै नमः।
ॐ नागनायिकायै नमः।
ॐ नागयज्ञोपवीतिन्यै नमः।
ॐ नागर्यै नमः।
ॐ नागसुवे नमः।
ॐ नागात्मजायै नमः।
ॐ नागिन्यै नमः।
ॐ नागेश्वर्यै नमः।
ॐ नानाभरणमण्डितायै नमः।
ॐ नानारत्नविचित्राङ्ग्यै नमः।
ॐ नारसिंह्यै नमः।
ॐ नारायण्यै नमः।
ॐ नार्यै नमः।
ॐ नित्यायै नमः।
ॐ नित्यायै नमः।
ॐ निधिदायै नमः।
ॐ निधिरूपायै नमः।
ॐ निमेषायै नमः।
ॐ निम्मनाभ्यै नमः।
ॐ निरातङ्कायै नमः।
ॐ निराधारायै नमः।
ॐ निर्गुणायै नमः।
ॐ निर्वाणसुन्दर्यै नमः।
ॐ निर्विकारायै नमः।
ॐ निर्वैरायै नमः।
ॐ निष्ठायै नमः।
ॐ निष्ठुरायै नमः।
ॐ नीतिज्ञायै नमः।
ॐ नीतिदायै नमः।
ॐ नीत्यै नमः।
ॐ नीरजास्यायै नमः।
ॐ नीरदाभायै नमः।
ॐ नुत्यै नमः।
ॐ नूतनप्रियायै नमः।
ॐ नृसिंहहृदयालयायै नमः।
ॐ पञ्चमप्रियायै नमः।
ॐ पञ्चम्यै नमः।
ॐ पतिभक्तिपरायण्यै नमः।
ॐ पद्मकिञ्जल्कवासिन्यै नमः।
ॐ पद्मकोटिनिभाननायै नमः।
ॐ पद्मरागप्रतीकाशायै नमः।
ॐ पद्मवक्रायै नमः।
ॐ पद्मसम्भवायै नमः।
ॐ पद्मस्थायै नमः।
ॐ पद्महस्तायै नमः।
ॐ पद्माक्ष्यै नमः।
ॐ पद्मास्यायै नमः।
ॐ पद्मिन्यै नमः।
ॐ परचक्रनिवाशिन्यै नमः।
ॐ परञ्ज्योतिस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ परब्रह्मनिवासिन्यै नमः।
ॐ परब्रह्मस्वरूपायै नमः।
ॐ परमानन्ददायिन्यै नमः।
ॐ परमानन्दमुदितायै नमः।
ॐ परमायै नमः।
ॐ परमायै नमः।
ॐ परागत्यै नमः।
ॐ परात्परतरायै नमः।
ॐ परायै नमः।
ॐ परावरायै नमः।
ॐ परासिद्धये नमः।
ॐ परेश्यै नमः।
ॐ परेश्यै नमः।
ॐ पर्वणे नमः।
ॐ पर्वतात्मजायै नमः।
ॐ पर्वपावनपालिन्यै नमः।
ॐ पर्वप्रियायै नमः।
ॐ पर्वरतायै नमः।
ॐ पशुघ्न्यै नमः।
ॐ पशुपाशविनाशिन्यै नमः।
ॐ पशुरूपायै नमः।
ॐ पशुवाहिन्यै नमः।
ॐ पशुहायै नमः।
ॐ पशूनां पतिपत्नयै नमः।
ॐ पश्चिमायै नमः।
ॐ पाञ्चाल्यै नमः।
ॐ पापनाशिन्यै नमः।
ॐ पारगायै नमः।
ॐ पारायै नमः।
ॐ पार्वत्यै नमः।
ॐ पित्रे नमः।
ॐ पिनाकिपरिकीर्तितायै नमः।
ॐ पीनतुङ्गपयोधरायै नमः।
ॐ पुष्ट्यै नमः।
ॐ पूज्यायै नमः।
ॐ पूर्णपीठनिवासिन्यै नमः।
ॐ पूर्णायै नमः।
ॐ पूर्वायै नमः।
ॐ पृथ्वीकोटिजनाधारायै नमः।
ॐ पृथ्व्यै नमः।
ॐ प्रजावत्यै नमः।
ॐ प्रमितायै नमः।
ॐ प्रलम्बघ्न्यै नमः।
ॐ प्राकाम्यदायै नमः।
ॐ प्राज्ञायै नमः।
ॐ प्राणदायै नमः।
ॐ प्राणरूपायै नमः।
ॐ प्राणहायै नमः।
ॐ प्राप्त्यै नमः।
ॐ प्रियंवदायै नमः।
ॐ फकाराकुण्ठमालिन्यै नमः।
ॐ फणापेश्यै नमः।
ॐ फणिभूषायै नमः।
ॐ फणिराट्कृतसर्वाङ्ग्यै नमः।
ॐ फलिभागनिवासिन्यै नमः।
ॐ फल्गुरूपायै नमः।
ॐ फल्गूत्सवविनोदिन्यै नमः।
ॐ बलभद्रस्यभगिन्यै नमः।
ॐ बाणचापधरायै नमः।
ॐ बालप्रदायिन्यै नमः।
ॐ बालायै नमः।
ॐ बिन्दुमालिन्यै नमः।
ॐ बिन्दुस्थायै नमः।
ॐ ब्रह्मऋषयै नमः।
ॐ ब्रह्मण्यै नमः।
ॐ ब्रह्मरूपिणै नमः।
ॐ ब्रह्मविद्यायै नमः।
ॐ ब्रह्मेश्यै नमः।
ॐ ब्राह्म्यै नमः।
ॐ भक्तानामार्तिनाशिन्यै नमः।
ॐ भक्तानुकम्पिन्यै नमः।
ॐ भक्तिगम्यायै नमः।
ॐ भगक्लिनायै नमः।
ॐ भगगुह्यायै नमः।
ॐ भगनायिकायै नमः।
ॐ भगप्रदायै नमः।
ॐ भगमालिन्यै नमः।
ॐ भगयोन्यै नमः।
ॐ भगरूपायै नमः।
ॐ भगवत्यै नमः।
ॐ भगविद्यायै नमः।
ॐ भगानन्दायै नमः।
ॐ भगावहायै नमः।
ॐ भगिन्यै नमः।
ॐ भगेश्यै नमः।
ॐ भगोदर्यै नमः।
ॐ भद्रकाल्यै नमः।
ॐ भवकण्टकनाशिन्यै नमः।
ॐ भवघ्न्यै नमः।
ॐ भवनायिकायै नमः।
ॐ भवपत्न्यै नमः।
ॐ भवप्रियायै नमः।
ॐ भवभारविनाशिन्यै नमः।
ॐ भवभीतिहरायै नमः।
ॐ भवमात्रे नमः।
ॐ भवमोचिन्यै नमः।
ॐ भवागम्यायै नमः।
ॐ भवानन्दायै नमः।
ॐ भवान्यै नमः।
ॐ भवायै नमः।
ॐ भवाराध्यायै नमः।
ॐ भवेश्यै नमः।
ॐ भवेश्वर्यै नमः।
ॐ भव्यायै नमः।
ॐ भागीरथ्यै नमः।
ॐ भाग्यदायै नमः।
ॐ भारत्यै नमः।
ॐ भावनीयायै नमः।
ॐ भास्वत्यै नमः।
ॐ भास्वदुत्तानशालिन्यै नमः।
ॐ भास्वरायै नमः।
ॐ भिदोज्झितायै नमः।
ॐ भिस्साधात्र्यै नमः।
ॐ भीतिघ्न्यै नमः।
ॐ भीत्यै नमः।
ॐ भीमाक्ष्यै नमः।
ॐ भीमायै नमः।
ॐ भीमायै नमः।
ॐ भुवनात्मिकायै नमः।
ॐ भुवनायै नमः।
ॐ भुवनेशान्यै नमः।
ॐ भुवनेश्वर्यै नमः।
ॐ भूचर्यै नमः।
ॐ भूतघ्न्यै नमः।
ॐ भूतधात्र्यै नमः।
ॐ भूतपञ्चकवासिन्यै नमः।
ॐ भूतमात्रे नमः।
ॐ भूतरूपिण्यै नमः।
ॐ भूतवर्धिन्यै नमः।
ॐ भूतस्थायै नमः।
ॐ भूतस्थायै नमः।
ॐ भूतिदायै नमः।
ॐ भूतिरूपायै नमः।
ॐ भूतेश्यै नमः।
ॐ भेदिन्यै नमः।
ॐ भेरुण्डायै नमः।
ॐ भैरवाष्टकसेवितायै नमः।
ॐ भैरव्यै नमः।
ॐ भोगप्रदायै नमः।
ॐ भोगमूलायै नमः।
ॐ भोगवत्यै नमः।
ॐ भोगवासायै नमः।
ॐ भोगिन्यै नमः।
ॐ भोगोपचारकुशलायै नमः।
ॐ मकराकृतिकुण्डलायै नमः।
ॐ मङ्गलायै नमः।
ॐ मणिपूरनिवासिन्यै नमः।
ॐ मणिमण्डपमध्यस्थायै नमः।
ॐ मणिमन्त्रमहौषध्यै नमः।
ॐ मणिमालाविराजितायै नमः।
ॐ मतिदायै नमः।
ॐ मतिधारिण्यै नमः।
ॐ मत्तमातङ्गगामिन्यै नमः।
ॐ मत्तमातङ्ग्यै नमः।
ॐ मत्यै नमः।
ॐ मदधूर्णितलोचनायै नमः।
ॐ मदरूपायै नमः।
ॐ मदिरायै नमः।
ॐ मदोत्कटायै नमः।
ॐ मधुदैत्यविमर्दिन्यै नमः।
ॐ मधुपानपरायणायै नमः।
ॐ मधुमय्यै नमः।
ॐ मधुरायै नमः।
ॐ मधुरायै नमः।
ॐ मनश्चक्षुरगोचरायै नमः।
ॐ मनोरमायै नमः।
ॐ मन्तमर्य्यै नमः।
ॐ मन्त्रगम्यायै नमः।
ॐ मन्त्रमात्रे नमः।
ॐ मन्त्रात्मिकायै नमः।
ॐ मन्थरायै नमः।
ॐ महाकायायै नमः।
ॐ महाकुण्डलिन्यै नमः।
ॐ महाघोरायै नमः।
ॐ महाचिन्त्यस्वरूपायै नमः।
ॐ महाचोरभयापहायै नमः।
ॐ महाजिह्वायै नमः।
ॐ महाज्योतिषे नमः।
ॐ महातेजसे नमः।
ॐ महादंष्ट्रायै नमः।
ॐ महादारिद्र्यशमन्यै नमः।
ॐ महादूत्यै नमः।
ॐ महापराधाशिघ्न्यै नमः।
ॐ महापातकनाशिन्यै नमः।
ॐ महाभयविनाशिन्यै नमः।
ॐ महाभुजायै नमः।
ॐ महामायायै नमः।
ॐ महामूर्धायै नमः।
ॐ महामोक्षप्रदायिन्यै नमः।
ॐ महामोहान्धकारघ्न्यै नमः।
ॐ महारवायै नमः।
ॐ महारात्र्यै नमः।
ॐ महालोलायै नमः।
ॐ महाविभववर्धिन्यै नमः।
ॐ महावीर्यायै नमः।
ॐ महाव्रतायै नमः।
ॐ महाशक्त्यै नमः।
ॐ महाशत्रुविमर्दिन्यै नमः।
ॐ महासुरविमर्दिन्यै नमः।
ॐ महासुर्यै नमः।
ॐ महासूक्ष्मायै नमः।
ॐ महिमादिगुणोपेतायै नमः।
ॐ महिमायै नमः।
ॐ महिषारुढायै नमः।
ॐ महिषासुरमर्दिन्यै नमः।
ॐ महेश्वर्यै नमः।
ॐ महोक्षितायै नमः।
ॐ महोदर्यै नमः।
ॐ मातङ्गकुलमण्डितायै नमः।
ॐ मातङ्ग्यै नमः।
ॐ मात्रे नमः।
ॐ माधव्यै नमः।
ॐ माध्व्यै नमः।
ॐ मानदायै नमः।
ॐ माननीयायै नमः।
ॐ मानव्यै नमः।
ॐ मानस्यै नमः।
ॐ मानिन्यै नमः।
ॐ मान्यायै नमः।
ॐ मायायै नमः।
ॐ मालिन्यै नमः।
ॐ माहेन्द्यै नमः।
ॐ माहेश्यै नमः।
ॐ माहेश्वर्यै नमः।
ॐ मुक्तकेश्यै नमः।
ॐ मुक्ताहारलतोपेतायै नमः।
ॐ मुक्तिकाम्यार्थसिद्धिदायै नमः।
ॐ मेधायै नमः।
ॐ मेनकागर्भसम्भूतायै नमः।
ॐ मेनकाभगिन्यै नमः।
ॐ मेरुमन्दरमध्यस्थायै नमः।
ॐ मोदिन्यै नमः।
ॐ मोहरात्र्यै नमः।
ॐ यज्ञदायै नमः।
ॐ यज्ञनन्दिन्यै नमः।
ॐ यज्ञप्रियायै नमः।
ॐ यज्ञफलदायै नमः।
ॐ यज्ञभोक्त्यै नमः।
ॐ यज्ञरतायै नमः।
ॐ यज्ञरूपायै नमः।
ॐ यज्ञविघ्नविनाशिन्यै नमः।
ॐ यज्ञस्थानकृतालयायै नमः।
ॐ यज्ञहायै नमः।
ॐ यज्वायै नमः।
ॐ यदुवंशीद्भवायै नमः।
ॐ यन्त्र्यै नमः।
ॐ यमकोटिदुरापहायै नमः।
ॐ यमलार्जुनभञ्जकायै नमः।
ॐ यमुनायै नमः।
ॐ यशसांराश्यै नमः।
ॐ यशोदानन्दकारिण्यै नमः।
ॐ यशोदायै नमः।
ॐ यादवानन्दकारिण्यै नमः।
ॐ रक्तकेश्यै नमः।
ॐ रक्तचन्दनचर्चितायै नमः।
ॐ रक्तदंष्ट्रायै नमः।
ॐ रक्तप्रियायै नमः।
ॐ रक्तबीजनिपातिन्यै नमः।
ॐ रक्तभूषायै नमः।
ॐ रक्तलोचनायै नमः।
ॐ रक्तवस्त्रायै नमः।
ॐ रक्ताक्ष्यै नमः।
ॐ रक्ताङ्ग्यै नमः।
ॐ रक्तोत्पलविभूषणायै नमः।
ॐ रतिजायै नमः।
ॐ रतिदायिन्यै नमः।
ॐ रमामात्रे नमः।
ॐ रमायै नमः।
ॐ रागादिदोषरहितायै नमः।
ॐ राजपूज्यायै नमः।
ॐ राजमान्यायै नमः।
ॐ राजराजेश्वर्यै नमः।
ॐ राजीवलोचनायै नमः।
ॐ राधिकायै नमः।
ॐ रामवल्लभायै नमः।
ॐ रामायै नमः।
ॐ रुद्ररूपायै नमः।
ॐ रुद्राण्यै नमः।
ॐ रुद्रार्तिनाशिन्यै नमः।
ॐ रौद्रायै नमः।
ॐ लघिमायै नमः।
ॐ लावण्याम्बुधिवीचिकायै नमः।
ॐ वन्द्यायै नमः।
ॐ वरदायै नमः।
ॐ वर्णनिलयायै नमः।
ॐ वर्णमालिन्यै नमः।
ॐ वर्णात्मायै नमः।
ॐ वशङ्कर्यै नमः।
ॐ वातरूपिणै नमः।
ॐ वायुकोटिमहाबलायै नमः।
ॐ वाराह्यै नमः।
ॐ विख्यातायै नमः।
ॐ विचक्षणायै नमः।
ॐ विद्यायै नमः।
ॐ विद्याव्यै नमः।
ॐ विनोदिन्यै नमः।
ॐ विन्ध्यपीठनिवासिन्यै नमः।
ॐ विलपत्कचायै नमः।
ॐ विशालनयनोत्पलायै नमः।
ॐ विशालाक्ष्यै नमः।
ॐ विशालाक्ष्यै नमः।
ॐ विश्वपाशविमोचिन्यै नमः।
ॐ विश्वभुवे नमः।
ॐ विश्ववन्द्यायै नमः।
ॐ विश्ववायै नमः।
ॐ विश्वशकीर्त्यै नमः।
ॐ विश्वात्मने नमः।
ॐ विश्वासकारिण्यै नमः।
ॐ विश्वेश्वर्यै नमः।
ॐ विष्णुकोटिविमर्दिन्यै नमः।
ॐ विष्णुजायास्वरूपिण्यै नमः।
ॐ विष्णुमात्रे नमः।
ॐ विष्णुमायाविमोहिन्यै नमः।
ॐ विष्णुरूपायै नमः।
ॐ वीरनन्दिन्यै नमः।
ॐ वीरविद्यायै नमः।
ॐ वीरसुवे नमः।
ॐ वीरायै नमः।
ॐ वीरेश्वर्यै नमः।
ॐ वैद्यविद्यायै नमः।
ॐ वैश्यायै नमः।
ॐ शकयै नमः।
ॐ शक्रकोटिसुराज्यदायै नमः।
ॐ शम्भुकोटिदुराधरायै नमः।
ॐ शम्भुवनितायै नमः।
ॐ शाकिन्यै नमः।
ॐ शान्तायै नमः।
ॐ शाम्भव्यै नमः।
ॐ शाश्वत्यै नमः।
ॐ शितिकण्ठप्रियायै नमः।
ॐ शिवदायै नमः।
ॐ शिवमात्रे नमः।
ॐ शिवरूपिण्यै नमः।
ॐ शिवहृदासनायै नमः।
ॐ शिवायै नमः।
ॐ शिशुप्रियायै नमः।
ॐ शीतलायै नमः।
ॐ शीलप्रदायिन्यै नमः।
ॐ शीलायै नमः।
ॐ शुक्लाम्बरायै नमः।
ॐ शुचये नमः।
ॐ शूद्र्यै नमः।
ॐ शूलिन्यै नमः।
ॐ श्यामायै नमः।
ॐ श्रियै नमः।
ॐ श्रीकर्यै नमः।
ॐ श्रीकार्यै नमः।
ॐ श्रीदायै नमः।
ॐ श्रीनिवासायै नमः।
ॐ श्रीमत्यै नमः।
ॐ श्रीमत्यै नमः।
ॐ श्रीमय्यै नमः।
ॐ श्रीमायै नमः।
ॐ श्रीविभाविन्यै नमः।
ॐ श्रेष्ठायै नमः।
ॐ षट्चक्रभेदिन्यै नमः।
ॐ षोडशस्वररूपिण्यै नमः।
ॐ षोडशस्वरसम्भूतायै नमः।
ॐ षोडशारनिवासिन्यै नमः।
ॐ षोढायै नमः।
ॐ समुद्रकोटिगम्भीरायै नमः।
ॐ सर्वदुष्टप्रशमन्यै नमः।
ॐ सर्वमङ्गलमङ्गलायै नमः।
ॐ सर्वरक्षास्वरूपिण्यै नमः।
ॐ सर्वसिद्धेश्वराराध्यायै नमः।
ॐ सर्वानन्दमय्यै नमः।
ॐ सर्वेप्सितफलप्रदायै नमः।
ॐ सालग्रामशिलायै नमः।
ॐ सिंहगामिन्यै नमः।
ॐ सिद्धयै नमः।
ॐ सिद्धिदायै नमः।
ॐ सुमन्त्रिण्यै नमः।
ॐ सुलोचनायै नमः।
ॐ सूर्यकोटिप्रतीकाशायै नमः।
ॐ हरपत्न्यै नमः।
ॐ हरमूर्त्यै नमः।
ॐ हररूपिण्यै नमः।
ॐ हरसुवे नमः।
ॐ हराराध्यायै नमः।
ॐ हरिनेत्रकृतालयायै नमः।
ॐ हरिप्रियायै नमः।
ॐ हरिवक्त्रोद्भवायै नमः।
ॐ हरिवक्षस्थलस्थितायै नमः।
ॐ हालायै नमः।
ॐ हुँकार्यै नमः।
ॐ ह्रींकार्यै नमः।
ॐ ह्रीङ्कार्यै नमः।
॥ इति श्री अन्नपूर्णा सहस्रनामावलिः सम्पूर्णा ॥
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