एक हरि को छोड़ किसी की - भजन PDF

एक हरि को छोड़ किसी की – भजन PDF हिन्दी

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Shri KrishnaBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी

एक हरि को छोड़ किसी की एक हरि को छोड़ किसी की, चलती नहीं है मनमानी, चलती नही है मनमानी || लंकापति रावण योद्धा ने, सीता जी का हरण किया, इक लख पूत सवालख नाती, खोकर कुल का नाश किया, धान भरी वो सोने की लंका, हो गई पल मे कूल्धानि, एक हरि को छोड़...

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एक हरि को छोड़ किसी की – भजन
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