ಶ್ರೀ ಗಜಲಕ್ಷ್ಮೀ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ

|| ಶ್ರೀ ಗಜಲಕ್ಷ್ಮೀ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ || ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಗಜಲಕ್ಷ್ಮ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅನಂತಶಕ್ತ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅಜ್ಞೇಯಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅಣುರೂಪಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅರುಣಾಕೃತ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅವಾಚ್ಯಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅನಂತರೂಪಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ…

శ్రీ గజలక్ష్మీ అష్టోత్తరశతనామావళిః

|| శ్రీ గజలక్ష్మీ అష్టోత్తరశతనామావళిః || ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం గజలక్ష్మ్యై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అనంతశక్త్యై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అజ్ఞేయాయై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అణురూపాయై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అరుణాకృత్యై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అవాచ్యాయై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అనంతరూపాయై నమః | ఓం…

वामन द्वादशी 2025 – जानें कहानी, व्रत, अनुष्ठान और पूजा विधि

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भगवान विष्णु को समर्पित पवित्र वामन द्वादशी प्रति वर्ष 2 बार मनाई जाती है। साल 2025 में वामन द्वादशी का व्रत बुधवार 09 अप्रैल 2025 को पड़ रहा है। एक चैत्र माह की शुक्ल द्वादशी तिथि को, और दूसरी बार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को। विष्णु जी के दस अवतारों में…

श्री गजलक्ष्मी अष्टोत्तरशतनामावली

|| श्री गजलक्ष्मी अष्टोत्तरशतनामावली || ओं श्रीं ह्रीं क्लीं गजलक्ष्म्यै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अनन्तशक्त्यै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अज्ञेयायै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अणुरूपायै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अरुणाकृत्यै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अवाच्यायै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अनन्तरूपायै नमः । ओं…

Sri Dhairyalakshmi Ashtottara Shatanamavali

|| Sri Dhairyalakshmi Ashtottara Shatanamavali || ōṁ śrīṁ hrīṁ klīṁ dhairyalakṣmyai namaḥ | ōṁ śrīṁ hrīṁ klīṁ apūrvāyai namaḥ | ōṁ śrīṁ hrīṁ klīṁ anādyāyai namaḥ | ōṁ śrīṁ hrīṁ klīṁ adirīśvaryai namaḥ | ōṁ śrīṁ hrīṁ klīṁ abhīṣṭāyai namaḥ | ōṁ śrīṁ hrīṁ klīṁ ātmarūpiṇyai namaḥ | ōṁ śrīṁ hrīṁ klīṁ apramēyāyai namaḥ |…

ரீ தை⁴ர்யலக்ஷ்மீ அஷ்டோத்தரஶதனாமாவளி

|| ரீ தை⁴ர்யலக்ஷ்மீ அஷ்டோத்தரஶதனாமாவளி || ஓம் ஶ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் தை⁴ர்யலக்ஷ்ம்யை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் அபூர்வாயை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் அனாத்³யாயை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் அதி³ரீஶ்வர்யை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் அபீ⁴ஷ்டாயை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஆத்மரூபிண்யை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் அப்ரமேயாயை நம꞉ | ஓம்…

ಶ್ರೀ ಧೈರ್ಯಲಕ್ಷ್ಮೀ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ

|| ಶ್ರೀ ಧೈರ್ಯಲಕ್ಷ್ಮೀ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ || ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಧೈರ್ಯಲಕ್ಷ್ಮ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅಪೂರ್ವಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅನಾದ್ಯಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅದಿರೀಶ್ವರ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅಭೀಷ್ಟಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಆತ್ಮರೂಪಿಣ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅಪ್ರಮೇಯಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ…

శ్రీ ధైర్యలక్ష్మీ అష్టోత్తరశతనామావళిః

|| శ్రీ ధైర్యలక్ష్మీ అష్టోత్తరశతనామావళిః || ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం ధైర్యలక్ష్మ్యై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అపూర్వాయై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అనాద్యాయై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అదిరీశ్వర్యై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అభీష్టాయై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం ఆత్మరూపిణ్యై నమః | ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం అప్రమేయాయై నమః | ఓం…

श्री धैर्यलक्ष्मी अष्टोत्तरशतनामावली

|| श्री धैर्यलक्ष्मी अष्टोत्तरशतनामावली || ओं श्रीं ह्रीं क्लीं धैर्यलक्ष्म्यै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अपूर्वायै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अनाद्यायै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अदिरीश्वर्यै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अभीष्टायै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं आत्मरूपिण्यै नमः । ओं श्रीं ह्रीं क्लीं अप्रमेयायै नमः । ओं…

अक्षय तृतीया महोत्सव 2025 – जानें, शुभ मुहूर्त, धार्मिक महत्व, अनुष्ठान और उत्सव

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अक्षय तृतीया हिंदू धर्म के सबसे शुभ त्योहारों में से एक है। यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025 को है। अक्षय तृतीया एक हिंदू पर्व है जो भारतीय समाज में बहुत उत्साह और उत्सव के साथ मनाया जाता है। यह पर्व…

श्री धान्यलक्ष्मी अष्टोत्तरशतनामावली

|| श्री धान्यलक्ष्मी अष्टोत्तरशतनामावली || ओं श्रीं क्लीं धान्यलक्ष्म्यै नमः । ओं श्रीं क्लीं आनन्दाकृत्यै नमः । ओं श्रीं क्लीं अनिन्दितायै नमः । ओं श्रीं क्लीं आद्यायै नमः । ओं श्रीं क्लीं आचार्यायै नमः । ओं श्रीं क्लीं अभयायै नमः । ओं श्रीं क्लीं अशक्यायै नमः । ओं श्रीं क्लीं अजयायै नमः । ओं श्रीं…

Sri Dhanyalakshmi Ashtottara Shatanamavali

|| Sri Dhanyalakshmi Ashtottara Shatanamavali || ōṁ śrīṁ klīṁ dhānyalakṣmyai namaḥ | ōṁ śrīṁ klīṁ ānandākr̥tyai namaḥ | ōṁ śrīṁ klīṁ aninditāyai namaḥ | ōṁ śrīṁ klīṁ ādyāyai namaḥ | ōṁ śrīṁ klīṁ ācāryāyai namaḥ | ōṁ śrīṁ klīṁ abhayāyai namaḥ | ōṁ śrīṁ klīṁ aśakyāyai namaḥ | ōṁ śrīṁ klīṁ ajayāyai namaḥ | ōṁ…

ஶ்ரீ தா⁴ன்யலக்ஷ்மீ அஷ்டோத்தரஶதனாமாவளி꞉

|| ஶ்ரீ தா⁴ன்யலக்ஷ்மீ அஷ்டோத்தரஶதனாமாவளி꞉ || ஓம் ஶ்ரீம் க்லீம் தா⁴ன்யலக்ஷ்ம்யை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் க்லீம் ஆனந்தா³க்ருத்யை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் க்லீம் அனிந்தி³தாயை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் க்லீம் ஆத்³யாயை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் க்லீம் ஆசார்யாயை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் க்லீம் அப⁴யாயை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் க்லீம் அஶக்யாயை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம் க்லீம் அஜயாயை நம꞉ | ஓம் ஶ்ரீம்…

108 Divya Desam List

108 Divya Desam List

108 Divya Desam List District Wise Tamil Nadu (84 Divya Desams, 12 Days) Tiruchirapalli 1. Thiruvarangam (Sri Rangam) – Sri Ranganathaswamy Temple 2. Thirukkozhi (Uraiyur) – Sri Azhagiya Manavala Perumal Temple 3. Thirukkarambanoor – Sri Purushothaman Perumal Temple 4. Thiruvellarai – Sri Pundarikashan Perumal Temple 5. Thiru Anbil – Sri Vadivazhagiya Nambi Perumal Temple 6. Thirupper…

ರೀ ಧಾನ್ಯಲಕ್ಷ್ಮೀ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ

|| ರೀ ಧಾನ್ಯಲಕ್ಷ್ಮೀ ಅಷ್ಟೋತ್ತರಶತನಾಮಾವಳಿಃ || ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಧಾನ್ಯಲಕ್ಷ್ಮ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಆನಂದಾಕೃತ್ಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅನಿನ್ದಿತಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಆದ್ಯಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಆಚಾರ್ಯಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅಭಯಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅಶಕ್ಯಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಅಜಯಾಯೈ ನಮಃ | ಓಂ ಶ್ರೀಂ…

శ్రీ ధాన్యలక్ష్మీ అష్టోత్తరశతనామావళిః

|| శ్రీ ధాన్యలక్ష్మీ అష్టోత్తరశతనామావళిః || ఓం శ్రీం క్లీం ధాన్యలక్ష్మ్యై నమః | ఓం శ్రీం క్లీం ఆనందాకృత్యై నమః | ఓం శ్రీం క్లీం అనిన్దితాయై నమః | ఓం శ్రీం క్లీం ఆద్యాయై నమః | ఓం శ్రీం క్లీం ఆచార్యాయై నమః | ఓం శ్రీం క్లీం అభయాయై నమః | ఓం శ్రీం క్లీం అశక్యాయై నమః | ఓం శ్రీం క్లీం అజయాయై నమః | ఓం శ్రీం…

दर्श अमावस्या व्रत कथा

|| दर्श अमावस्या व्रत कथा || हिन्दू कैलेंडर में नए चंद्रमा के दिन को अमावस्या कहा जाता है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि कई धार्मिक अनुष्ठान और कर्मकांड केवल अमावस्या तिथि पर ही संपन्न किए जाते हैं। जब अमावस्या सोमवार को आती है, तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता…

पौष अमावस्या व्रत कथा

|| पौष अमावस्या व्रत कथा || पौष अमावस्या से जुड़ी एक प्राचीन कथा है जो एक निर्धन ब्राह्मण परिवार की कहानी को दर्शाती है। इस परिवार में पति-पत्नी और उनकी एक सुंदर और गुणवान पुत्री रहती थी। समय के साथ बेटी बड़ी होने लगी और उसमें सभी अच्छे गुण विकसित हो गए। हालांकि, गरीबी के…

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

|| सोमवती अमावस्या व्रत कथा || सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था जिसमें पति, पत्नी और उनकी एक पुत्री थी। उनकी पुत्री समय के साथ-साथ बड़ी होने लगी और उसमें सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास होने लगा। वह सुंदर, संस्कारी और गुणवान थी, लेकिन गरीबी के कारण उसका विवाह नहीं…

Aditya Hrudayam Telugu

|| ఆదిత్య హృదయం || ధ్యానం నమస్సవిత్రే జగదేక చక్షుసే జగత్ప్రసూతి స్థితి నాశహేతవే త్రయీమయాయ త్రిగుణాత్మ ధారిణే విరించి నారాయణ శంకరాత్మనే తతో యుద్ధ పరిశ్రాంతం సమరే చింతయాస్థితమ్ । రావణం చాగ్రతో దృష్ట్వా యుద్ధాయ సముపస్థితమ్ ॥ 1 ॥ దైవతైశ్చ సమాగమ్య ద్రష్టుమభ్యాగతో రణమ్ । ఉపాగమ్యాబ్రవీద్రామం అగస్త్యో భగవాన్ ఋషిః ॥ 2 ॥ రామ రామ మహాబాహో శృణు గుహ్యం సనాతనమ్ । యేన సర్వానరీన్ వత్స సమరే విజయిష్యసి…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा || धार्मिक पौराणिक कथा के अनुसार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि…

శ్రీ లలితా సహస్రనామం (Lalitha Sahasranamam Telugu)

॥ లలిత సహస్రనామం ॥ ॥ ఓమ్ ॥ అస్య శ్రీ లలితా దివ్య సహస్రనామ స్తోత్ర మహామంత్రస్య, వశిన్యాది వాగ్దేవతా ఋషయః, అనుష్టుప్ ఛందః, శ్రీ లలితా పరాభట్టారికా మహా త్రిపుర సుందరీ దేవతా, ఐం బీజం, క్లీం శక్తిః, సౌః కీలకం, మమ ధర్మార్థ కామ మోక్ష చతుర్విధ ఫలపురుషార్థ సిద్ధ్యర్థే లలితా త్రిపురసుందరీ పరాభట్టారికా సహస్ర నామ జపే వినియోగః కరన్యాసః ఐం అంగుష్టాభ్యాం నమః, క్లీం తర్జనీభ్యాం నమః, సౌః మధ్యమాభ్యాం…

शनि प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

।। शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि ।। प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े धारण करें। भगवान शंकर और माता पार्वती को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं। अब भगवान को बेल पत्र, गंध, अक्षत , फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची अर्पित…

रंग पंचमी 2025? क्यों मनाते हैं ये पर्व, जानें महत्व, विधि और शुभ मुहूर्त

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होली के बाद हिंदू धर्म में रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल 2025 रंग पंचमी 19 मार्च, बुधवार को है। रंग पंचमी एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है जो होली के बाद मनाया जाता है। यह पर्व भारतीय संस्कृति में गहरी महत्वपूर्णता रखता है। इस लेख में, हम रंग पंचमी के महत्व को…

आमलकी एकादशी 2025 कब है, जानिए आंवला एकादशी शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

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फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है। आमलकी, अर्थात आंवला, को शास्त्रों में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। आमलकी एकादशी की कथा और महिमा को बताते हुए भगवान श्री विष्णु ने कहा है कि जो व्यक्ति स्वर्ग तथा मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं, उनके लिए फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष…

कब है 2025 फुलेरा दूज, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजाविधि और पौराणिक कथा

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पंचाग के अनुसार, प्रतिवर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का उत्सव आयोजित किया जाता है। इस दिन मान्यता है कि श्रीकृष्ण, राधा, और उनकी गोपियाँ मिलकर फूलों की होली खेलते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, फाल्गुन मास का पूरा महीना श्री राधा-कृष्ण की आराधना के लिए अत्यंत पुण्यकारी है,…

2025 कब है होली? जानिए होलिका दहन का मुहूर्त और पूजा विधि

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चलिए जानें होलिका दहन का अर्थ और इतिहास। होलिका दहन का त्योहार हमें यह सिखाता है कि भगवान हमेशा अपने विशेष भक्तों की सुरक्षा में सदैव सहायक रहते हैं। होलिका दहन 2025, होली त्योहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों से खेलने का परंपरागत आदान-प्रदान है,…

रंग तेरस 2025 – शुभ मुहूर्त, परंपरागत उत्सव की विशेषता और महत्व

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रंग त्रयोदशी एक उत्सव है जो रंगों से भरा होता है और इसे चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इसे ‘रंग तेरस’ भी कहा जाता है। अन्य क्षेत्रों में रंग तेरस का अवधि फाल्गुन माह के हिंदू महीने में कृष्ण पक्ष के साथ मेल खाती है, जो कि ग्रेगोरियन…

श्री संकष्टनाशन स्तोत्रम्

॥ श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र एवं अर्थ ॥ श्री गणेशाय नमः॥ अर्थ: श्री गणेश को मेरा प्रणाम है। नारद उवाच, प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्। भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायुःकामार्थसिद्धये॥ अर्थ: नारद जी कहते हैं- पहले मस्तक झुकाकर गौरीपुत्र विनायका देव को प्रणाम करके प्रतिदिन आयु, अभीष्ट मनोरथ और धन आदि प्रयोजनों की सिद्धि के लिए भक्त के…

Satguru Ki Aarti

|| Satguru Ki Aarti || Aarti sang Satguru ke kijai, Antar jot hot lakh lijiye || Paanch tatva tan agni jaraai, Deepak chaas prakash karijiye || Gagan-thaal ravi-shashi phal-phoola, Mool kapoor kalash dhar dijiye || Achhat nabha taare muktaahal, Pohap-maal hiy haar guhijiye || Set paan mishtaan maithaai, Chandan dhup deep sab cheejiye || Jhalak…

Tukaram Gatha (तुकाराम गाथा संपूर्ण)

Tukaram Gatha (तुकाराम गाथा संपूर्ण)

तुकाराम गाथा प्रसिद्ध मराठी संत तुकाराम द्वारा लिखित सबसे प्रसिद्ध मराठी कविता (अभंग) में से एक है। तुकाराम (1608-1645) भक्ति के एक प्रमुख वारकरी संत और आध्यात्मिक कवि थे। तुकाराम भगवान विष्णु के एक रूप विट्ठल या विठोबा के भक्त थे। वह महाराष्ट्र में पैदा हुए महानतम संतों में से एक थे। तुकाराम गाथा उनकी…

सतगुरु मैं तेरी पतंग – भजन

॥ सतगुरु मैं तेरी पतंग – भजन ॥ सतगुरु मैं तेरी पतंग, बाबा मैं तेरी पतंग, हवा विच उडदी जावांगी, हवा विच उडदी जावांगी । साईयां डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥ तेरे चरना दी धूलि साईं माथे उते लावां, करा मंगल साईंनाथ गुण तेरे गावां। साईं भक्ति पतंग वाली डोर, अम्बरा विच…

பகவத் கீதை (Bhagavad Gita Book)

Bhagavad Gita Tamil Book

இந்த உரையாடல் கருத்துக்களே பகவத் கீதையாகும். இதில் கிருஷ்ணர் சொல்வதாக 620 ஸ்லோகங்களும், அர்ஜுனன் சொல்வதாக 57, சஞ்சயன் சொல்வதாக 67, திருதராஷ்டிரன் சொல்வதாக ஒரு ஸ்லோகம் என மொத்தமாக 700 ஸ்லோகங்களையும், 18 அத்தியாயங்களையும் கொண்டதாகும். பகவத் கீதை மிகவும் பிரபலமான மற்றும் இந்து மத நூல்களில் மிகவும் செல்வாக்கு மிக்க நூல் ஆகும். இந்து மதம் அதன் பன்முகத்தன்மை மற்றும் அதன் தொகுப்புக்காக அறியப்பட்டாலும், பகவத் கீதை ஒரு தனித்துவமான அனைத்து சமய ஹிந்துக்களும்…

Rigveda Samhita (ऋग्वेद संहिता)

Rigveda Samhita (ऋग्वेद संहिता)

ऋग्वेद संहिता सनातन धर्म का सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं। इसमें इंद्र, अग्नि, रुद्र,वरुण, मरुत, सवित्रु ,सूर्य और दो अश्विनी देवताओं की स्तुति है। ऋग्वेद के 10 अध्याय में 1028 सूक्त में 11 हजार मंत्र है। इसमें लगभग 125 ऐसी औषधियों के बारे में भी बताया गया है, जो 107 स्थानों पर पाई जाती है। ऋग्वेद…

Brahmanda Purana Part 1 (ब्रह्माण्ड पुराण)

Brahmanda Purana Part 1 (ब्रह्माण्ड पुराण)

ब्रह्माण्डपुराण, अट्ठारह महापुराणों में से एक है। मध्यकालीन भारतीय साहित्य में इस पुराण को ‘वायवीय पुराण’ या ‘वायवीय ब्रह्माण्ड’ कहा गया है। ब्रह्माण्ड का वर्णन करनेवाले वायु ने व्यास जी को दिये हुए इस बारह हजार श्लोकों के पुराण में विश्व का पौराणिक भूगोल, विश्व खगोल, अध्यात्मरामायण आदि विषय हैं। इस पुराण में देवी ललिता…

(Agni Puran) अग्नि पुराण

अग्नि पुराण

हिन्दू धर्म ग्रंथों में एक है अग्नि पुराण है जिसे वेदव्यास द्वारा रचित किया गया हैं इसमे प्रकाशित पांडुलिपियों को 382 या 383 अध्यायों में विभाजित किया गया है, जिसमें 12,000 से 15,000 छंद हैं। अग्नि पुराण में ११ रुद्रों, ८ वसुओं तथा १२ आदित्यों के बारे में बताया गया है। विष्णु तथा शिव की पूजा के…

स्कन्द पुराण

स्कन्द पुराण

हिन्दू धार्मिक के 18 ग्रंथों में एक स्कन्द पुराण जिसमे 81,000 से ज़्यादा श्लोक हैं। इस पुराण में धर्म ज्ञान, नीतियां, पौराणिक कथाएं, ब्रह्मांड विज्ञान, वंशावली, त्यौहार, भूगोल, रत्न विज्ञान, और तीर्थयात्रा मार्गदर्शन से जुड़ी जानकारी है। यह पुराण श्लोको की दृष्टि से सभी पुराणों में बड़ा है। इसमें भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय द्वारा…

Shri Guru Stuti

|| Shri Guru Stuti || Akhandamandalaakaram Vyaptam Yena Characharam Tatpadam Darshitam Yena Tasmai Shri Gurave Namah. Ajñānatimirandhasya Jñānāñjanashalākayā Cakṣurunmīlitam Yena Tasmai Shri Gurave Namah. GururBrahma GururVishnuh GururDevo Maheshvarah Gurureva ParamBrahma Tasmai Shri Gurave Namah. Sthavarangam Vyaptam Yatkincitsacharacharam Tatpadam Darshitam Yena Tasmai Shri Gurave Namah. Chinmayam Vyapiyat Sarvam Trailokyam Sacharacharam Tatpadam Darshitam Yena Tasmai Shri Gurave…

सतगुरु की आरती

|| सतगुरु की आरती || आरती संग सतगुरु के कीजै। अन्तर जोत होत लख लीजै ।। पाँच तत्व तन अग्नि जराई। दीपक चास प्रकाश करीजै ।। गगन-थाल रवि-शशि फल-फूला। मूल कपूर कलश धर दीजै ।। अच्छत नभ तारे मुक्ताहल। पोहप-माल हिय हार गुहीजै ।। सेत पान मिष्टान्न मिठाई। चन्दन धूप दीप सब चीजैं ।। झलक…

श्री गुरु कवचम्

॥ श्री गुरु कवचम् ॥ ॥ श्रीईश्वर उवाच ॥ श्रृणु देवि! प्रवक्ष्यामि गुह्याद्गुह्यतरं महत् । लोकोपकारकं प्रश्नं न केनापि कृतं पुरा ॥ १॥ अद्य प्रभृति कस्यापि न ख्यातं कवचं मया । देशिकाः बहवः सन्ति मन्त्रसाधनतत्पराः ॥ २॥ न तेषां जायते सिद्धिः मन्त्रैर्वा चक्रपूजनैः । गुरोर्विधानं कवचमज्ञात्वा क्रियते जपः । वृथाश्रमो भवेत् तस्य न सिद्धिर्मन्त्रपूजनैः ॥…

गुरु स्तुति

॥ गुरु स्तुति ॥ अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् । तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया । चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुरेव परम्ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ स्थावरं जङ्गमं व्याप्तं यत्किञ्चित्सचराचरम् । तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ चिन्मयं व्यापियत्सर्वं त्रैलोक्यं सचराचरम् । तत्पदं दर्शितं…

गुरूची आरती

|| गुरूची आरती || सगुण हे आरती निर्गुण ओवाळू ॥ कल्पनेचे घृत घालू दीप पाजळू ॥ १ ॥ ओवाळू आरती सद्गुरुनाथा, श्रीगुरुनाथा ॥ भावे चरणकमळावरी ठेविला माथा ॥ ध्रु० ॥ अविद्येचा मोह पडला उपडोनी सांडू ॥ आशा मनशा तृष्णा काम क्रोध कुरवंडू ॥ ओवाळू ॥ २ ॥ सद्गुरूचे पूजनकेले षोडशोपचारी ॥ रामानंद जीवनमुक्त झाला संसारी…

राम की शक्ति पूजा (Ram Ki Shakti pooja)

राम की शक्ति पूजा (Ram Ki Shakti pooja)

राम की शक्ति पूजा सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की एक उत्कृष्ट काव्य रचना है, जो हिंदी साहित्य के छायावादी युग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह काव्य महाकाव्यात्मक शैली में लिखा गया है और भगवान राम के जीवन के उस प्रसंग को चित्रित करता है, जब वे रावण के साथ युद्ध में शक्ति प्राप्ति के लिए…

जानिए 6 शास्त्र के नाम क्या है

हिन्दू धर्म में छह शास्त्रों को महत्वपूर्ण माना गया है, जिन्हें षड्दर्शन (छह दर्शन) भी कहा जाता हैं। ये शास्त्र हिंदू दर्शन की विभिन्न शाखाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन 6 शास्त्र के अंदर जगत्,जीव और जीवन से संबंधित हर “क्यों” और “कैसे” का उत्तर ढूंढने का प्रयास किया गया है। 6 शास्त्र के नाम…

Manusmriti – The Laws of Manu

Manusmriti The Laws of Manu

The Manusmriti, also known as the Laws of Manu, is one of the most foundational ancient legal and dharmic texts in Hinduism. Composed in Sanskrit, it is traditionally credited to the sage Manu and is considered one of the earliest works of Hindu law. The text is believed to have been written around 200 BCE…

नष्ट-जातकम (Nashta-Jatakam)

नष्ट-जातकम (Nashta-Jatakam)

नष्ट-जातकम ज्योतिष के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट ग्रंथ है, जिसकी रचना आचार्य मुकुंद दैवज्ञ पर्वतीय ने की है। यह पुस्तक उन विशेष स्थितियों में उपयोगी होती है, जब जातक का जन्म समय, स्थान, या अन्य विवरण उपलब्ध नहीं होते। इस ग्रंथ में ऐसे रहस्यमय और गहन ज्योतिषीय सिद्धांतों का वर्णन किया गया है, जो बिना…

श्री आदिलक्ष्मी अष्टोत्तरशतनामावली

|| श्री आदिलक्ष्मी अष्टोत्तरशतनामावली || ओं श्रीं आदिलक्ष्म्यै नमः । ओं श्रीं अकारायै नमः । ओं श्रीं अव्ययायै नमः । ओं श्रीं अच्युतायै नमः । ओं श्रीं आनन्दायै नमः । ओं श्रीं अर्चितायै नमः । ओं श्रीं अनुग्रहायै नमः । ओं श्रीं अमृतायै नमः । ओं श्रीं अनन्तायै नमः । ९ ओं श्रीं इष्टप्राप्त्यै नमः…

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