नमस्कार! क्या आपके घर में भी बाल-गोपाल (Laddu Gopal) विराजमान हैं? अगर हाँ, तो आप जानते होंगे कि उनकी सेवा करना, खासकर उन्हें भोग लगाना, कितना आनंददायक (Joyful) और महत्वपूर्ण होता है। लड्डू गोपाल साक्षात् बाल-कृष्ण (Child Krishna) का स्वरूप हैं, और उनकी सेवा में जरा सी भी कमी उन्हें रुष्ट कर सकती है।
आज हम आपको भोग लगाने के ऐसे गहन (Deep) और सरल नियम बताएंगे, जो आपकी सेवा को और भी भावपूर्ण (Emotional) और सही दिशा देंगे। यह सिर्फ नियम नहीं, बल्कि कान्हा से जुड़ने का एक मधुर (Sweet) तरीका है!
भोग लगाने का सही विधान – जानिये क्या करें? (What to Do)
भाव ही सबसे बड़ा मंत्र है (Emotion is the Biggest Mantra)
- भोग लगाते समय किसी मंत्र का जाप करना आवश्यक है, पर सबसे बड़ा मंत्र है “प्रेम और भाव”। कान्हा को भोग लगाते समय मन में ये विचार लाएं कि आप अपने ही बच्चे को खिला रहे हैं।
- उन्हें मनोयोग (Concentration) से भोग लगाएं। तुलसी दल (Tulsi leaves) अवश्य रखें, कान्हा तुलसी के बिना भोग स्वीकार नहीं करते।
समय का ध्यान रखें (Mind the Time)
- लड्डू गोपाल को दिन में कम से कम 4 बार भोग लगाना चाहिए:
- प्रातः काल (Morning) – मंगला आरती के बाद (फल, मक्खन-मिश्री)
- दोपहर (Afternoon) – राजभोग (मुख्य भोजन/Main Meal)
- संध्या काल (Evening) – अल्पाहार (Snacks/हल्का नाश्ता)
- रात्रि (Night) – शयन से पहले (दूध या कोई मीठा पकवान)
- कोशिश करें कि उनका भोग का समय निश्चित (Fixed) हो। बच्चे की तरह, उन्हें समय पर भोजन चाहिए।
शुद्धता सर्वोपरि (Purity is Paramount)
- भोग हमेशा नहा-धोकर और स्वच्छ वस्त्र (Clean Clothes) पहनकर ही बनाएं। भोग बनाने के दौरान किसी भी तरह के लहसुन (Garlic) या प्याज (Onion) का उपयोग न करें।
- भोग के लिए उपयोग किए जाने वाले बर्तन (Utensils) हमेशा अलग और साफ़ होने चाहिए।
भोग की थाली कान्हा के सामने रखें (Keep the Plate in Front of Kanha)
- भोग लगाते समय, भोग की थाली को सीधे कान्हा के सामने रखें। यदि संभव हो, तो उन्हें झूले (Swing) या आसन (Seat) पर बैठाकर भोग लगाएं।
- भोग लगाने से पहले घंटी बजाकर उन्हें सचेत (Alert) करें कि अब भोग लगने जा रहा है। भोग लगाने के बाद कम से कम 10-15 मिनट के लिए पर्दा (Curtain) लगा दें।
भोग लगाने का मंत्र (The Bhog Mantra)
- एक सरल और प्रभावी मंत्र जो आप हमेशा बोल सकते हैं: “त्वदीयं वस्तु गोविंद, तुभ्यमेव समर्पये। गृहण सम्मुखो भूत्वा, प्रसीद परमेश्वर॥”
- अर्थ – “हे गोविंद! यह सब आपका ही है और मैं आपको ही समर्पित कर रहा हूँ। हे परमेश्वर, आप सामने प्रकट होकर इसे स्वीकार करें और प्रसन्न हों।”
भोग लगाते समय क्या नहीं करें? (What Not to Do)
जुठा और बासी भोजन (Eaten or Stale Food)
- कभी भी कान्हा को ऐसा भोजन (Food) भोग न लगाएं जिसे आपने या किसी और ने पहले ही चख लिया हो (जुठा)।
- बासी (Stale) भोजन या फल का भोग भी न लगाएं। हमेशा ताज़ा (Fresh) और सात्विक भोग ही अर्पित करें।
मांस-मदिरा का सेवन (Consumption of Non-Veg/Alcohol)
- जिस घर में लड्डू गोपाल की सेवा होती है, वहां भोग बनाने वाले व्यक्ति को मांस, मदिरा (Alcohol), या अन्य तामसिक (Tamasic) चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- यदि आप स्वयं भोग बनाते हैं, तो रसोई में इन चीजों से दूरी बनाकर रखें।
अधूरी सेवा (Incomplete Service)
- कुछ लोग भोग लगाने के तुरंत बाद ही प्रसाद हटा देते हैं। यह अधीरता (Impatience) है।
- भोग लगाकर तुरंत प्रसाद न हटाएं। कम से कम 10 मिनट तक उन्हें एकांत में रहने दें ताकि वह भोग स्वीकार कर सकें।
भोग के बाद की गलती (Post-Bhog Mistake)
- भोग स्वीकार करने के बाद प्रसाद को उसी थाली में न छोड़ें।
- प्रसाद को हटाकर परिवार के सभी सदस्यों में वितरित (Distribute) करें और स्वयं भी ग्रहण करें। यह भगवान का आशीर्वाद (Blessing) है।
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