Shri Kali Maa

श्री चामुण्डा देवी चालीसा

Shri Chaamunda Devi Chalisa Hindi Lyrics

Shri Kali MaaChalisa (चालीसा संग्रह)हिन्दी
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माँ चामुण्डा देवी, दुर्गा सप्तशती की एक प्रमुख शक्ति हैं, जिनका प्राकट्य चण्ड और मुण्ड नामक राक्षसों का संहार करने के लिए हुआ था। इनकी आराधना से भय, शत्रु, और सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। श्री चामुण्डा देवी चालीसा इन्हीं महिमामयी माँ को समर्पित है, जो उनकी स्तुति का एक सरल और प्रभावशाली माध्यम है। चालीसा का नियमित पाठ करने से मन शांत होता है और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। यह माँ चामुण्डा से सीधे जुड़ने का एक तरीका है, जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है।

|| श्री चामुण्डा देवी चालीसा (Chaamunda Devi Chalisa PDF) ||

|| दोहा ||

नीलवरण माँ कालिका रहती सदा प्रचंड ।
दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुष्ट को दंड ।।

मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत ।
मेरी भी पीड़ा हरो हो जो कर्म पुनीत ।।

|| चौपाई ||

नमस्कार चामुंडा माता ।
तीनो लोक मई मई विख्याता ।।

हिमाल्या मई पवितरा धाम है ।
महाशक्ति तुमको प्रणाम है ।।

मार्कंडिए ऋषि ने धीयया ।
कैसे प्रगती भेद बताया ।।

सूभ निसुभ दो डेतिए बलसाली ।
तीनो लोक जो कर दिए खाली ।।

वायु अग्नि याँ कुबेर संग ।
सूर्या चंद्रा वरुण हुए तंग ।।

अपमानित चर्नो मई आए ।
गिरिराज हिमआलये को लाए ।।

भद्रा-रॉंद्र्रा निट्टया धीयया ।
चेतन शक्ति करके बुलाया ।।

क्रोधित होकर काली आई ।
जिसने अपनी लीला दिखाई ।।

चंदड़ मूंदड़ ओर सुंभ पतए ।
कामुक वेरी लड़ने आए ।।

पहले सुग्गृीव दूत को मारा ।
भगा चंदड़ भी मारा मारा ।।

अरबो सैनिक लेकर आया ।
द्रहूँ लॉकंगन क्रोध दिखाया ।।

जैसे ही दुस्त ललकारा ।
हा उ सबद्ड गुंजा के मारा ।।

सेना ने मचाई भगदड़ ।
फादा सिंग ने आया जो बाद ।।

हत्टिया करने चंदड़-मूंदड़ आए ।
मदिरा पीकेर के घुर्रई ।।

चतुरंगी सेना संग लाए ।
उचे उचे सीविएर गिराई ।।

तुमने क्रोधित रूप निकाला ।
प्रगती डाल गले मूंद माला ।।

चर्म की सॅडी चीते वाली ।
हड्डी ढ़ाचा था बलसाली ।।

विकराल मुखी आँखे दिखलाई ।
जिसे देख सृिस्टी घबराई ।

चंदड़ मूंदड़ ने चकरा चलाया ।
ले तलवार हू साबद गूंजाया ।।

पपियो का कर दिया निस्तरा ।
चंदड़ मूंदड़ दोनो को मारा ।।

हाथ मई मस्तक ले मुस्काई ।
पापी सेना फिर घबराई ।।

सरस्वती मा तुम्हे पुकारा ।
पड़ा चामुंडा नाम तिहरा ।।

चंदड़ मूंदड़ की मिरतट्यु सुनकर ।
कालक मौर्या आए रात पर ।।

अरब खराब युध के पाठ पर ।
झोक दिए सब चामुंडा पर ।।

उगर्र चंडिका प्रगती आकर ।
गीडदीयो की वाडी भरकर ।।

काली ख़टवांग घुसो से मारा ।
ब्रह्माड्ड ने फेकि जल धारा ।।

माहेश्वरी ने त्रिशूल चलाया ।
मा वेश्दवी कक्करा घुमाया ।।

कार्तिके के शक्ति आई ।
नार्सिंघई दित्तियो पे छाई ।।

चुन चुन सिंग सभी को खाया ।
हर दानव घायल घबराया ।।

रक्टतबीज माया फेलाई ।
शक्ति उसने नई दिखाई ।।

रक्त्त गिरा जब धरती उपर ।
नया डेतिए प्रगता था वही पर ।।

चाँदी मा अब शूल घुमाया ।
मारा उसको लहू चूसाया ।।

सूभ निसुभ अब डोडे आए ।
सततर सेना भरकर लाए ।।

वाज्ररपात संग सूल चलाया ।
सभी देवता कुछ घबराई ।।

ललकारा फिर घुसा मारा ।
ले त्रिसूल किया निस्तरा ।।

सूभ निसुभ धरती पर सोए ।
डेतिए सभी देखकर रोए ।।

कहमुंडा मा धर्म बचाया ।
अपना सूभ मंदिर बनवाया ।।

सभी देवता आके मानते ।
हनुमत भेराव चवर दुलते ।।

आसवीं चेट नवराततरे अओ ।
धवजा नारियल भेट चाड़ौ ।।

वांडर नदी सनन करऔ ।
चामुंडा मा तुमको पियौ ।।

|| दोहा ||

शरणागत को शक्ति दो हे जग की आधार ।
‘ओम’ ये नैया डोलती कर दो भाव से पार ।।

|| श्री चामुण्डा देवी चालीसा पाठ की विधि ||

किसी भी पूजा या पाठ का पूरा फल तभी मिलता है जब उसे सही विधि से किया जाए। श्री चामुण्डा देवी चालीसा का पाठ करने की सरल विधि इस प्रकार है:

  • सुबह या शाम के समय, जब मन शांत हो, पाठ शुरू करें। एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनें।
  • एक चौकी पर माँ चामुण्डा देवी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। घी का दीपक जलाएं, अगरबत्ती लगाएं, और पुष्प अर्पित करें।
  • पाठ शुरू करने से पहले मन में अपनी इच्छा या संकल्प दोहराएं।
  • चालीसा का पाठ स्पष्ट और शांत मन से करें। आप इसे एक बार, तीन बार, सात बार, या ग्यारह बार अपनी श्रद्धा अनुसार पढ़ सकते हैं।
  • पाठ के बाद आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं। माँ से अपनी भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें।

|| श्री चामुण्डा देवी चालीसा के लाभ ||

श्री चामुण्डा देवी चालीसा का नियमित पाठ करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं:

  • यह चालीसा विशेष रूप से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और उनसे मुक्ति पाने के लिए बहुत प्रभावी मानी जाती है।
  • माँ चामुण्डा की कृपा से सभी प्रकार के भय, जैसे रोग का भय, मृत्यु का भय, और अज्ञात भय समाप्त होता है।
  • घर और मन से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • कानूनी मामलों और आपसी विवादों में सफलता मिलती है।
  • माँ के आशीर्वाद से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह जीवन की चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाता है।

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