श्री त्रैलोक्य मोहन काली कवचम्

॥ श्री त्रैलोक्य मोहन काली कवचम् ॥ ॥ श्री देव्युवाच ॥ देवदेवमहादेव संसारप्रीतिकारकः । सर्वविद्येश्वरीं विद्यां कालिकां कथयाद्भुताम् ॥ ॥ श्री शिव उवाच ॥ श्रृणुदेवि महाविद्यां सर्वविद्योत्तमोत्तमाम् । सर्वेश्वरीं महाविद्यां सर्वदेवप्रपूजिताम् ॥ यस्याः कटाक्षमात्रेण त्रैलोक्यविजयीहरः । बभूवकमलानाथो विभुब्रह्मा प्रजापति ॥ शचीस्वामीदेवनाथो यमोपिधर्मनायकः । त्रैलोक्यपावनी गङ्गा कमला श्रीर्हरिप्रिया ॥ दिनस्वामिरविश्चन्द्रो निशापतिर्ग्रहेश्वरः । जलाधिपतिर्वरुणः कुबेरोपिधनेश्वरः ॥ अव्याहतगतिर्वायुर्गजास्योविघ्ननायकः … Read more

श्री देवी काली कवचम्

॥ श्री देवी काली कवचम् ॥ ॥ भैरव् उवाच ॥ कालिका या महाविद्या कथिता भुवि दुर्लभा । तथापि हृदये शल्यमस्ति देवि कृपां कुरु ॥ कवचन्तु महादेवि कथयस्वानुकम्पया । यदि नो कथ्यते मातर्व्विमुञ्चामि तदा तनुं ॥ ॥ श्री देव्युवाच ॥ शङ्कापि जायते वत्स तव स्नेहात् प्रकाशितं । न वक्तव्यं न द्रष्टव्यमतिगुह्यतरं महत् ॥ कालिका जगतां माता … Read more

वैरिनाशनं श्री कालिका कवचम्

॥ वैरिनाशनं श्री कालिका कवचम् ॥ ॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥ कैलासशिखरासीनं देवदेवं जगद्गुरुम् । शङ्करं परिपप्रच्छ पार्वती परमेश्वरम् ॥ कैलासशिखरारूढं शङ्करं वरदं शिवम् । देवी पप्रच्छ सर्वज्ञं सर्वदेव महेश्वरम् ॥ ॥ पार्वत्युवाच ॥ भगवन् देवदेवेश देवानां भोगद प्रभो । प्रब्रूहि मे महादेव गोप्यं चेद्यदि हे प्रभो ॥ शत्रूणां येन नाशः स्यादात्मनो रक्षणं भवेत् … Read more

माँ महाकाली चालीसा

॥ दोहा ॥ जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब, देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥ जय तारा जय कालिका जय दश विद्या वृन्द, काली चालीसा रचत एक सिद्धि कवि हिन्द ॥ प्रातः काल उठ जो पढ़े दुपहरिया या शाम, दुःख दरिद्रता दूर हों सिद्धि होय सब काम ॥ ॥ चौपाई ॥ जय … Read more

श्री चामुण्डा देवी आरती

|| आरती || जय चामुंडा माता मैया जय चामुंडा माता I सरण आए जो तेरे सब कुछ पा जाता II मैया जय चामुंडा माता II चाँद मूंद दो राक्षस हुए है बलसाली I उनको तूने मारा क्रोध दृष्टि डाली II मैया जय चामुंडा माता II चौसठ योगिनी आकर तांडव नृत्य करे I बावन भेरो झूमे … Read more

श्री चामुण्डा देवी चालीसा

|| दोहा || नीलवरण माँ कालिका रहती सदा प्रचंड । दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुष्ट को दंड ।। मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत । मेरी भी पीड़ा हरो हो जो कर्म पुनीत ।। || चौपाई || नमस्कार चामुंडा माता । तीनो लोक मई मई विख्याता ।। हिमाल्या मई पवितरा धाम … Read more

श्री काली माँ आरती

|| आरती || जय काली माता, मा जय महा काली माँ | रतबीजा वध कारिणी माता | सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ || दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि | मधु और कैितभा नासिनी माता | महेशासुर मारदिनी …ओ माता जय महा काली माँ || हे हीमा गिरिकी नंदिनी प्रकृति … Read more

श्री कालिका माता की आरती

|| आरती || मंगल की सेवा सुन मेरी देवा , हाथ जोड तेरे द्वार खडे। पान सुपारी ध्वजा नारियल ले, ज्वाला तेरी भेट धरेसुन।। जगदम्बे न कर विलम्बे, संतन के भडांर भरे। सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे ।। बुद्धि विधाता तू जग माता , मेरा कारज सिद्व रे। चरण कमल का लिया … Read more

Shri Kali Maa Chalisa

॥ Doha ॥ Jai Kali Jagadamba Jai, Harani Ogha Agha Punja। Vasa Karahu Nija Dasa Ke, Nishadina Hridaya Nikunja॥ Jayati Kapali Kalika, Kankali Sukha Dani। Kripa Karahu Varadayini, Nija Sevaka Anumani॥ ॥ Chaupai ॥ Jai Jai Jai Kali Kankali। Jai Kapalini, Jayati Karali॥ Shankara Priya, Aparna, Amba। Jai Kapardini, Jai Jagadamba॥ Arya, Hala, Ambika, Maya। … Read more

श्री काली माँ चालीसा

॥ दोहा ॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥ ॥ चौपाई॥ अरि मद मान मिटावन हारी । मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥ अष्टभुजी सुखदायक माता । दुष्टदलन जग में विख्याता ॥ भाल विशाल मुकुट छवि छाजै । कर में शीश शत्रु का साजै ॥ दूजे हाथ लिए मधु प्याला … Read more