Parvati Ji

श्री शैलपुत्री आरती

Shri Shailputri Aarti Hindi Lyrics

Parvati JiAarti (आरती संग्रह)हिन्दी
Share This

Join HinduNidhi WhatsApp Channel

Stay updated with the latest Hindu Text, updates, and exclusive content. Join our WhatsApp channel now!

Join Now

मां शैलपुत्री नवदुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं। ‘शैल’ का अर्थ है पर्वत, और ‘पुत्री’ का अर्थ है बेटी। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा गया। ये देवी वृषभ (बैल) पर सवार होती हैं, इसलिए इन्हें वृषारूढ़ा भी कहते हैं। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है।

ये ही पूर्व जन्म में सती थीं, जिन्होंने अपने पति भगवान शिव के अपमान पर आत्मदाह कर लिया था। नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा से स्थिरता, शक्ति, धैर्य, और आरोग्य की प्राप्ति होती है। साधक इस दिन मूलाधार चक्र में ध्यान केंद्रित करते हैं।

|| श्री शैलपुत्री आरती (Shailputri Aarti PDF) ||

शैलपुत्री मां बैल पर सवार।
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।

पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।

सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।

घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।

|| श्री शैलपुत्री आरती – विधि ||

  • नवरात्रि के पहले दिन प्रातः स्नान के बाद कलश स्थापना करें और व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद मां शैलपुत्री की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • माँ को सफेद वस्त्र, सफेद फूल और गाय के घी से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
  • धूप-दीप जलाएं और नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें – मंत्र: “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥” या “वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।”
  • इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और अंत में आरती करें।

|| श्री शैलपुत्री आरती – लाभ ||

मां शैलपुत्री की पूजा से भक्तों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

  • माँ शैलपुत्री पर्वतराज की पुत्री हैं, अतः उनकी पूजा से साधक के जीवन और मन में पर्वत के समान दृढ़ता और स्थिरता आती है।
  • माँ को गाय के घी का भोग लगाने और अखंड दीप जलाने से भक्तों को निरोगी काया और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।
  • माँ की कृपा से आत्मविश्वास जागृत होता है, जिससे जीवन की सभी बाधाओं और संकटों का नाश होता है।
  • जो भक्त सच्चे मन से माँ की आराधना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

Read in More Languages:

Found a Mistake or Error? Report it Now

Download श्री शैलपुत्री आरती MP3 (FREE)

♫ श्री शैलपुत्री आरती MP3
श्री शैलपुत्री आरती PDF

Download श्री शैलपुत्री आरती PDF

श्री शैलपुत्री आरती PDF

Leave a Comment

Join WhatsApp Channel Download App