भगवान शिव (Lord Shiva) को कल्याण का देवता माना जाता है। कहते हैं कि जिस घर में शिवलिंग की स्थापना होती है, वहां सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। लेकिन घर में शिवलिंग रखने के कुछ विशेष वास्तु नियम (Vastu rules) और दिशा-निर्देश (guidelines) हैं, जिनका पालन करना अत्यंत आवश्यक है। अगर आप भी अपने घर में छोटा शिवलिंग (small Shivling) स्थापित करने की सोच रहे हैं, तो ये 10 महत्वपूर्ण बातें आपके लिए जानना बेहद जरूरी हैं!
घर में शिवलिंग – 10 वास्तु नियम (दिशा और आकार)
शिवलिंग का सही आकार (Right Size of Shivling)
घर के मंदिर में रखे जाने वाले शिवलिंग का आकार बहुत मायने रखता है।
- नियम – वास्तु के अनुसार, घर में स्थापित शिवलिंग का आकार आपके अंगूठे के पहले पोर (first joint of thumb) से बड़ा नहीं होना चाहिए।
- अधिकतम सीमा – कुछ मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग की ऊंचाई 4 इंच से 6 इंच (लगभग 12 इंच अधिकतम) के भीतर ही होनी चाहिए।
- क्यों? – बड़े शिवलिंग में ऊर्जा का प्रवाह (energy flow) बहुत तीव्र होता है, जिसे संभालना और उसकी नियमित पूजा करना हर किसी के लिए संभव नहीं होता। छोटा शिवलिंग घर में सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) का संतुलन बनाए रखता है।
स्थापना की सही दिशा (Correct Direction for Installation)
शिवलिंग को किस दिशा में रखना है, यह सबसे महत्वपूर्ण है।
- सर्वोत्तम दिशा – उत्तर-पूर्व कोण (ईशान कोण – North-East) भगवान शिव का प्रिय स्थान माना जाता है। यह दिशा शिवलिंग स्थापित करने के लिए सर्वोत्तम है।
- अन्य दिशा – आप इसे उत्तर (North) या पूर्व (East) दिशा में भी स्थापित कर सकते हैं।
- वर्जित दिशा – भूलकर भी शिवलिंग को दक्षिण (South) दिशा में स्थापित न करें।
जलाधारी का मुख (Direction of the Jaladhari)
शिवलिंग की जलाधारी (वह भाग जिससे जल बहकर नीचे गिरता है) की दिशा का विशेष ध्यान रखें।
- नियम – शिवलिंग की जलाधारी का मुख हमेशा उत्तर दिशा (North) की ओर होना चाहिए।
- कारण – उत्तर दिशा को कैलाश पर्वत की दिशा माना जाता है, जो भगवान शिव का निवास स्थान है।
बैठने की दिशा (Direction for Worship)
पूजा करते समय आपका मुख किस दिशा में होना चाहिए?
- सर्वोत्तम स्थिति – शिवलिंग पर जल चढ़ाते या पूजा करते समय आपका मुख पूर्व (East) दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है। हालांकि, आप उत्तर (North) दिशा की ओर मुख करके भी पूजा कर सकते हैं।
- ध्यान दें – आप जलाधारी (जल निकलने का स्थान) के सामने खड़े होकर पूजा न करें।
शिवलिंग की संख्या (Number of Shivlings)
एक घर में कितने शिवलिंग होने चाहिए?
- नियम – घर के मंदिर में केवल एक शिवलिंग (only one Shivling) रखना ही सबसे शुभ माना जाता है।
शिवलिंग का प्रकार (Type of Shivling)
आप किस धातु या पत्थर का शिवलिंग घर में रख सकते हैं?
- शुभ प्रकार – नर्मदेश्वर शिवलिंग (Narmadeshwar Shivling) को सबसे उत्तम माना जाता है, क्योंकि इसे स्वयं जागृत (self-manifested) माना जाता है और इसकी प्राण-प्रतिष्ठा (Prana-Pratishtha) की आवश्यकता नहीं होती।
- अन्य – आप स्फटिक (crystal), पारद (mercury), या चांदी (silver) के छोटे शिवलिंग भी रख सकते हैं।
नियमित अभिषेक (Regular Abhishekam)
शिवलिंग घर में है तो उसकी देखभाल और पूजा अत्यंत जरूरी है।
- नियम – घर में स्थापित शिवलिंग का नियमित रूप से जल से अभिषेक (regular water offering) करना अनिवार्य है।
- महत्व – शिवलिंग पर निरंतर जलधारा (continuous water flow) बनाए रखने का विशेष महत्व है। अगर यह संभव न हो, तो कम से कम हर दिन जल अवश्य चढ़ाएं।
खंडित/टूटा हुआ शिवलिंग (Broken Shivling)
टूटे या खंडित शिवलिंग को घर में नहीं रखना चाहिए।
- नियम – यदि शिवलिंग खंडित हो जाए या उसमें कोई दरार आ जाए, तो उसे तुरंत हटाकर किसी पवित्र नदी (holy river) में विसर्जित (immerse) कर देना चाहिए।
- वास्तु दोष – खंडित मूर्तियों और शिवलिंग की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) आकर्षित होती है।
साफ-सफाई और स्थान (Cleanliness and Placement)
मंदिर और शिवलिंग के आस-पास का स्थान हमेशा शुद्ध (pure) और हवादार (airy) होना चाहिए।
- स्थान – शिवलिंग को कभी भी बेडरूम (bedroom), बेसमेंट (basement) या भंडार गृह (storage room) में न रखें।
- स्वच्छता – जिस स्थान पर शिवलिंग स्थापित हो, वहां रोजाना सफाई होनी चाहिए।
गणेश और माता पार्वती (Ganesha and Parvati)
शिवलिंग के पास अन्य देवी-देवताओं को कैसे रखें?
- नियम – भगवान शिव के परिवार (Shiva’s family) यानी गणेश जी (Ganesha) और माता पार्वती (Mata Parvati) की मूर्ति शिवलिंग के साथ रखना शुभ माना जाता है। इससे शिव परिवार का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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