विनायक चतुर्थी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे भगवान गणेश की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माना जाता है।
विनायक चतुर्थी के दिन भक्त सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने उनकी पूजा करते हैं। पूजा में गणेश जी को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य (प्रसाद) आदि अर्पित किए जाते हैं। खासकर, मोदक और लड्डू का भोग गणेश जी को अत्यंत प्रिय है और उन्हें यह अवश्य चढ़ाया जाता है।
इस दिन का उपवास भी महत्वपूर्ण है। भक्त दिनभर उपवास रखते हैं और संध्या के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि विनायक चतुर्थी का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में आने वाले विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं।
विनायक चतुर्थी को भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों और तरीकों से मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर इसे वरद विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘वह जो इच्छाओं को पूर्ण करता है।’
विनायक चतुर्थी का उत्सव विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा, भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
इस दिन को मनाने के पीछे यह मान्यता है कि गणेश जी की आराधना से बुद्धि, ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भक्त यह विश्वास रखते हैं कि गणेश जी उनकी सभी समस्याओं का समाधान करेंगे और उनके जीवन को सुखमय बनाएंगे।
विनायक चतुर्थी का महत्व समय के साथ बढ़ता गया है और आज यह पर्व पूरे भारत में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भगवान गणेश के भक्त इस दिन को विशेष मानते हैं और इसे मनाने के लिए पूर्ण विधि-विधान का पालन करते हैं।
विनायक चतुर्थी 2025 लिस्ट
- पौष शुक्ल चतुर्थी- 03 जनवरी 2025
- माघ शुक्ल चतुर्थी – 01 फरवरी 2025
- फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी- 03 मार्च 2025
- चैत्र शुक्ल चतुर्थी – 01 अप्रैल, 2025
- वैशाख शुक्ल चतुर्थी – 01 मई 2025
- ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी – 30 मई, 2025
- आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी- 28 जून 2025
- श्रावण शुक्ल चतुर्थी -28 जुलाई 2025
- भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी – 27 अगस्त, 2025
- आश्विन शुक्ल चतुर्थी – 25 सितंबर, 2025
- कार्तिक शुक्ल चतुर्थी – 25 अक्टूबर, 2025
- मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी – 24 नवंबर, 2025
- पौष शुक्ल चतुर्थी – 24 दिसंबर 2025
विनायक चतुर्थी की पूजा विधि
- विनायक चतुर्थी के शुभ दिन पर प्रातः काल स्नानादि करने के पश्चात लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें।
- इसके बाद, गणेश जी को सिंदूर का तिलक लगाएं और उन्हें दूर्वा, फल, और फूल अर्पित करें।
- फिर, लड्डुओं का भोग गणेश जी को लगाएं।
- दीपक जलाकर भगवान गणेश की आरती करें और गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
- अंत में, भगवान गणेश को प्रणाम कर प्रसाद का वितरण करें।
- पूरे दिन फलाहारी व्रत रखकर, अगले दिन पंचमी तिथि में व्रत का पारण करें।
भगवान गणेश के कुछ शक्तिशाली मंत्र
- ॐ गं गणपतये नमो नमः
- ॐ एकदन्ताय विघ्ननाशाय नमो नमः
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा
- ॐ विघ्ननाशाय नमः
- ॐ गणेशाय नमः
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