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Falgun Month Festival 2025 – जानें हिन्दू कैलंडर फाल्गुन माह के विशेष पर्व और रीति-रिवाज

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फाल्गुन माह 2025 एक ऐसा समय होगा जब भारत में वसंत ऋतु का आगमन हो रहा होगा। यह माह हिन्दू पंचांग का अंतिम माह होता है और इसे आनंद, उत्सव और रंगों का प्रतीक माना जाता है।

फाल्गुन हिंदू पंचांग का बारहवां और अंतिम महीना है जो बसंत ऋतु का आगमन लेकर आता है। यह माह विशेष रूप से उल्लास, उमंग और धार्मिक त्योहारों से भरपूर होता है। फाल्गुन मास में प्रकृति अपनी पूरी सुंदरता में खिलती है और यह माह आध्यात्मिक साधना के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है।

फाल्गुन माह 2025 की तिथियाँ

फाल्गुन माह 2025 का आरंभ 14 फरवरी 2025 से होगा और इसका समापन 14 मार्च 2025 को होगा।

फाल्गुन महीने का धार्मिक महत्व

फाल्गुन मास में भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा का विशेष महत्व है। इस माह में आने वाली पूर्णिमा को होली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे रंगों का त्योहार कहा जाता है। इसके अलावा, फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि और कई अन्य व्रत-त्यौहार भी आते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीना वर्ष का अंतिम महीना होता है। यह माह माघ पूर्णिमा के बाद शुरू होकर चैत्र अमावस्या तक चलता है। इस महीने का धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। फाल्गुन का महीना बसंत ऋतु का प्रतीक है और इसे नई ऊर्जा, प्रेम और भक्ति का समय माना जाता है। इस माह में होलिका दहन और होली जैसे प्रमुख त्योहार भी मनाए जाते हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत और सामाजिक समरसता के प्रतीक हैं।

फाल्गुन मास में भगवान शिव और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा का विधान है। इस महीने में महाशिवरात्रि आती है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का उत्सव है। इसके अलावा, होली का त्योहार भी इसी महीने में आता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

फाल्गुन में प्रकृति में नया जीवन आता है। पेड़-पौधों में नई कोंपलें फूटती हैं और वातावरण रंग-बिरंगा हो जाता है। यह मौसम बदलाव का समय होता है, जब सर्दी कम होने लगती है और गर्मी बढ़ने लगती है। फाल्गुन का महीना मेल-मिलाप और खुशियों का महीना होता है। होली के अवसर पर लोग एक-दूसरे के साथ रंग खेलते हैं और आपसी प्रेम और सौहार्द को बढ़ाते हैं।

फाल्गुन माह के प्रमुख त्योहार एवं व्रत

तिथित्योहार/व्रतपंचांग विवरण
फरवरी 13, 2025, बृहस्पतिवारफाल्गुन प्रारम्भ *उत्तरमाघ, शुक्ल पूर्णिमा
फरवरी 16, 2025, रविवारद्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थीफाल्गुन, कृष्ण चतुर्थी
फरवरी 18, 2025, मंगलवारयशोदा जयन्तीफाल्गुन, कृष्ण षष्ठी
फरवरी 20, 2025, बृहस्पतिवारशबरी जयन्तीफाल्गुन, कृष्ण सप्तमी
फरवरी 20, 2025, बृहस्पतिवारकालाष्टमीफाल्गुन, कृष्ण अष्टमी
फरवरी 20, 2025, बृहस्पतिवारमासिक कृष्ण जन्माष्टमीफाल्गुन, कृष्ण अष्टमी
फरवरी 21, 2025, शुक्रवारजानकी जयन्तीफाल्गुन, कृष्ण अष्टमी
फरवरी 24, 2025, सोमवारविजया एकादशीफाल्गुन, कृष्ण एकादशी
फरवरी 25, 2025, मंगलवारप्रदोष व्रतफाल्गुन, कृष्ण त्रयोदशी
फरवरी 26, 2025, बुधवारमहा शिवरात्रिफाल्गुन, कृष्ण चतुर्दशी
फरवरी 26, 2025, बुधवारमासिक शिवरात्रिफाल्गुन, कृष्ण चतुर्दशी
फरवरी 27, 2025, बृहस्पतिवारदर्श अमावस्याफाल्गुन, कृष्ण अमावस्या
फरवरी 27, 2025, बृहस्पतिवारअन्वाधानफाल्गुन, कृष्ण चतुर्दशी
फरवरी 27, 2025, बृहस्पतिवारफाल्गुन अमावस्याचैत्र, कृष्ण अमावस्या
फरवरी 28, 2025, शुक्रवारइष्टिफाल्गुन, कृष्ण अमावस्या
मार्च 1, 2025, शनिवारफुलैरा दूजफाल्गुन, शुक्ल द्वितीया
मार्च 1, 2025, शनिवाररामकृष्ण जयन्तीफाल्गुन, शुक्ल द्वितीया
मार्च 1, 2025, शनिवारचन्द्र दर्शनफाल्गुन, शुक्ल प्रतिपदा
मार्च 3, 2025, सोमवारविनायक चतुर्थीफाल्गुन, शुक्ल चतुर्थी
मार्च 4, 2025, मंगलवारस्कन्द षष्ठीफाल्गुन, शुक्ल षष्ठी
मार्च 5, 2025, बुधवारमासिक कार्तिगाईसौर कैलेण्डर पर आधारित
मार्च 6, 2025, बृहस्पतिवाररोहिणी व्रतजैन कैलेण्डर पर आधारित
मार्च 7, 2025, शुक्रवारमासिक दुर्गाष्टमीफाल्गुन, शुक्ल अष्टमी
मार्च 10, 2025, सोमवारआमलकी एकादशीफाल्गुन, शुक्ल एकादशी
मार्च 10, 2025, सोमवारनृसिंह द्वादशीफाल्गुन, शुक्ल द्वादशी
मार्च 11, 2025, मंगलवारप्रदोष व्रतफाल्गुन, शुक्ल त्रयोदशी
मार्च 12, 2025, बुधवारमासी मागमतमिल कैलेण्डर पर आधारित
मार्च 13, 2025, बृहस्पतिवारछोटी होलीफाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा
मार्च 13, 2025, बृहस्पतिवारहोलिका दहनफाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा
मार्च 13, 2025, बृहस्पतिवारअट्टुकल पोंगलमलयालम कैलेण्डर पर आधारित
मार्च 13, 2025, बृहस्पतिवारफाल्गुन चौमासी चौदसजैन कैलेण्डर पर आधारित
मार्च 13, 2025, बृहस्पतिवारफाल्गुन पूर्णिमा व्रतफाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा
मार्च 14, 2025, शुक्रवारवसन्त पूर्णिमाफाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा
मार्च 14, 2025, शुक्रवारचैतन्य महाप्रभु जयन्तीफाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा
मार्च 14, 2025, शुक्रवारहोलीचैत्र, कृष्ण प्रतिपदा
मार्च 14, 2025, शुक्रवारदोल पूर्णिमाफाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा
मार्च 14, 2025, शुक्रवारलक्ष्मी जयन्तीफाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा
मार्च 14, 2025, शुक्रवारमीन संक्रान्तिसूर्य का कुम्भ से मीन राशि में प्रवेश
मार्च 14, 2025, शुक्रवारकारादाइयन नौम्बूतमिल कैलेण्डर पर आधारित
मार्च 14, 2025, शुक्रवारचन्द्र ग्रहण *पूर्णपूर्णिमा के दौरान
मार्च 14, 2025, शुक्रवारफाल्गुन पूर्णिमाफाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा
मार्च 14, 2025, शुक्रवारअन्वाधानफाल्गुन, शुक्ल चतुर्दशी
मार्च 14, 2025, शुक्रवारसावर्णि मन्वादिफाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा

फाल्गुन माह में क्या करना चाहिए

  • इस महीने में भगवान शिव और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करनी चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखना और भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही फलदायी माना जाता है।
  • फाल्गुन मास में चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस महीने में चंद्रमा की पूजा करने से मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
  • फाल्गुन मास में दान-पुण्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस महीने में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
  • होली के त्योहार को प्रेम और उत्साह के साथ मनाना चाहिए। रंगों के साथ खेलना और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए।
  • गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। अन्न, वस्त्र, और जरूरतमंदों को भोजन दान करना शुभ माना जाता है।
  • बसंत ऋतु में प्रकृति की सुंदरता अपने चरम पर होती है। इस समय ध्यान, योग और प्रकृति में समय बिताने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  • होलिका दहन के दिन घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए होलिका पूजन करना चाहिए।

फाल्गुन के महीने में क्या नहीं करना चाहिए

  • इस महीने में तामसिक भोजन (जैसे मांस, मदिरा) का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • क्रोध और अहंकार से बचना चाहिए। यह महीना प्रेम और उल्लास का समय है, इसलिए कटुता और कलह से दूर रहना चाहिए।
  • किसी को भी वाणी या कर्म से दुख नहीं पहुंचाना चाहिए।
  • झूठ, छल-कपट और बुरे कर्मों से दूर रहकर सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखना चाहिए।
  • इस माह में आलस्य छोड़कर ऊर्जा और उत्साह के साथ कार्य करना चाहिए।

फाल्गुन माह में किसकी पूजा करनी चाहिए

  • फाल्गुन माह में मुख्य रूप से भगवान शिव, श्रीकृष्ण और चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए।
  • महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।
  • फाल्गुन का महीना भगवान श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है। इस महीने में उनकी पूजा करने से प्रेम और आनंद की प्राप्ति होती है। राधा-कृष्ण की पूजा इस माह में अत्यंत शुभ मानी जाती है।
  • फाल्गुन मास में चंद्रमा की पूजा करने से मानसिक शांति और सौंदर्य की प्राप्ति होती है।
  • बुराई के नाश और समृद्धि के लिए होलिका दहन की पूजा विशेष फलदायी होती है

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