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Shri Ram

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं – श्लोक अर्थ सहित

Yatra Yatra Raghunath Kirtanam Shloka Hindi

Shri RamShloka (श्लोक संग्रह)English
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॥ यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं – श्लोक ॥

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं
तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम्
वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं
नमत राक्षसान्तकम् ॥

हिंदी अर्थ: जहाँ-जहाँ भगवान श्रीराम की महिमा का गान होता है, वहाँ-वहाँ भगवान हनुमान जी हाथ जोड़े खड़े रहते हैं। उनकी आँखें प्रेमाश्रुओं से भरी होती हैं। मैं उन हनुमान जी को प्रणाम करता हूँ, जो राक्षसों का नाश करने वाले और मारुति के नाम से प्रसिद्ध हैं।

Yatra yatra raghunatha-kirtanam
tatra tatra kṛtam-astakanjalim,
Vaspa-vari-paripurnalochanam
marutam namata raksasantakam

English Meaning: Wherever the praises of Lord Rama are sung, there stands Lord Hanuman with folded hands and eyes filled with tears of love. I bow to Hanuman ji, the destroyer of demons, known as Maruti.

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