वेणु गोपाल अष्टकम्

|| वेणु गोपाल अष्टकम् || कलितकनकचेलं खंडितापत्कुचेलं गलधृतवनमालं गर्वितारातिकालम् । कलिमलहरशीलं कांतिधूतेंद्रनीलं विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ व्रजयुवतिविलोलं वंदनानंदलोलं करधृतगुरुशैलं कंजगर्भादिपालम् । अभिमतफलदानं श्रीजितामर्त्यसालं विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ घनतरकरुणाश्रीकल्पवल्ल्यालवालं कलशजलधिकन्यामोदकश्रीकपोलम् । प्लुषितविनतलोकानंतदुष्कर्मतूलं विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ शुभदसुगुणजालं सूरिलोकानुकूलं दितिजततिकरालं दिव्यदारायितेलम् । मृदुमधुरवचःश्री दूरितश्रीरसालं विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ मृगमदतिलकश्रीमेदुरस्वीयफालं जगदुदयलयस्थित्यात्मकात्मीयखेलम् । सकलमुनिजनालीमानसांतर्मरालं विनमदवनशीलं वेणुगोपालमीडे ॥ असुरहरणखेलनं नंदकोत्क्षेपलीलं विलसितशरकालं विश्वपूर्णांतरालम् । शुचिरुचिरयशश्श्रीधिक्कृत…

श्री कृष्ण नाम कवचम्

॥ श्री कृष्ण नाम कवचम् ॥ ॥ नारद उवाच ॥ भगवञ्छ्रोतुमिच्छामि किं मन्त्रं भगवान्हरः । कृपया-ऽदात् परशुरामाय स्तोत्रं च वर्म च ॥ कोवाऽस्य मन्त्रस्याराध्यः किं फलं कवचस्य च । स्तवनस्य फलं किं वा तद्भवान्वक्तुमर्हसि ॥ ॥ नारायण उवाच ॥ मन्त्राराध्यो हि भगवान् परिपूर्णतमः स्वयम् । गोलोकनाथः श्रीकृष्णो गोप-गोपीश्वरः प्रभुः ॥ त्रैलोक्यविजयं नाम कवचं परमाद्भुतम् ।…

श्रीमद्भगवद गीता के 10 अनमोल उपदेश जो जीवन बदल सकते हैं

geeta

श्रीमद्भगवद गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवनदर्शन है। इसमें जीवन के हर पहलू के लिए महत्वपूर्ण उपदेश दिए गए हैं, जो हमें धर्म, कर्म, ज्ञान और भक्ति का सही मार्ग दिखाते हैं। इस लेख में हम गीता के 10 अनमोल उपदेशों को समझेंगे, जो हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते…

कृष्णचैतन्यद्वादशनामस्तोत्रम्

|| कृष्णचैतन्यद्वादशनामस्तोत्रम् || चैतन्यः कृष्णचैतन्यो गौराङ्गो द्विजनायकः । यतीनां दण्डिनां चैव न्यासिनां च शिरोमणिः ॥ १॥ रक्ताम्बरधरः श्रीमान् नवद्वीपसुधाकरः । प्रेमभक्तिप्रदश्चैव श्रीशचीनन्दनस्तथा ॥ २॥ द्वादशैतानि नामानि त्रीसन्ध्यं यः पठेन्नरः । तस्य वाञ्छासुसिद्धिः स्याद्भक्तिः श्रीलपदाम्बुजे ॥ ३॥ इति सार्वभौम भट्टाचार्यविरचितं कृष्णचैतन्यद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

देवकीकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् कृष्णजन्मस्तुतिः

|| देवकीकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् कृष्णजन्मस्तुतिः || देवक्युवाच । रूपं यत्तत्प्राहुरव्यक्तमाद्यं ब्रह्म ज्योतिर्निर्गुणं निर्विकारम् । सत्तामात्रं निर्विशेषं निरीहं स त्वं साक्षाद्विष्णुरध्यात्मदीपः ॥ २४॥ नष्टे लोके द्विपरार्धावसाने महाभूतेष्वादिभूतं गतेषु । व्यक्तेऽव्यक्तं कालवेगेन याते भवानेकः शिष्यते शेषसंज्ञः ॥ २५॥ योऽयं कालस्तस्य तेऽव्यक्तबन्धो चेष्टामाहुश्चेष्टते येन विश्वम् । निमेषादिर्वत्सरान्तो महीयां स्तं त्वेशानं क्षेमधाम प्रपद्ये ॥ २६॥ मर्त्यो मृत्युव्यालभीतः पलायन् लोकान् सर्वान्निर्भयं…

श्रीयादवाष्टकम्

|| श्रीयादवाष्टकम् || माधवानन्त केशवाच्युत वासुदेव जगत्पते मीन कच्छप नारसिंह श्रीवीरराघव पाहि माम् । निर्जरार्चित मौनिसन्नुत नीरजाक्ष दयानिधे देवनायक देहि मे तव पादभक्तिमचञ्चलाम् ॥ १॥ श्रीकरं करुणाकरं मुनिमानसाम्बुजवासिनं पाकशासनसेवितं फणिराजतल्पसुशायिनम् । शोकमोहविनाशकं सुगुणाकरं शुभदायकं लोकजीवनहेतुकं प्रणमामि यादवकुञ्जरम् ॥ २॥ कृष्ण श्रीधर वासवानुज पद्मनाभ नमोऽस्तु ते किङ्किणीघननाददिव्यसुपादपद्म नमोऽस्तु ते । वृष्णिवंशप्रदीप नायक वेदवेद्य नमोऽस्तु ते विप्रसंस्तुत…

विनय पचासा

|| Banke Bihari Chalisa (Vinay Pachasa) || ॥ दोहा ॥ बांकी चितवन कटि लचक, बांके चरन रसाल। स्वामी श्री हरिदास के बांके बिहारी लाल॥ ॥ चौपाई ॥ जै जै जै श्री बाँकेबिहारी, हम आये हैं शरण तिहारी। स्वामी श्री हरिदास के प्यारे, भक्तजनन के नित रखवारे। श्याम स्वरूप मधुर मुसिकाते, बड़े-बड़े नैन नेह बरसाते। पटका पाग…

श्रीकृष्णलहरीस्तोत्रम्

|| श्रीकृष्णलहरीस्तोत्रम् || वासुदेवानन्दसरस्वतीकृतम् कदा वृन्दारण्ये विपुलयमुनातीरपुलिने चरन्तं गोविन्दं हलधरसुदामादिसहितम् । अहो कृष्ण स्वामिन् मधुरमुरलीमोहन विभो प्रसीदेति क्रोशन्निमिषमिव नेष्यामि दिवसान् ॥ १॥ कदा कालिन्दीयैर्हरिचरणमुद्राङ्किततटैः स्मरन्गोपीनाथं कमलनयनं सस्मितमुखम् । अहो पूर्णानन्दाम्बुजवदन भक्तैकललन प्रसीदेति क्रोशन्निमिषमिव नेष्यामि दिवसान् ॥ २॥ कदाचित्खेलन्तं व्रजपरिसरे गोपतनयैः कुतश्चित्सम्प्राप्तं किमपि लसितं गोपललनम् । अये राधे किं वा हरसि रसिके कञ्चुकयुगं प्रसीदेति क्रोशन्निमिषमिव नेष्यामि…

श्री अच्युताष्टकम्

|| अच्युताष्टकम् || अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम्। श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकीनायकं रामचन्द्रं भजे॥ अच्युतं केशवं सत्यभामाधवं माधवं श्रीधरं राधिकाराधितम्। इंदिरामन्दिरं चेतसा सुन्दरं देवकीनन्दनं नन्दजं संदधे॥ विष्णवे जिष्णवे शङ्खिने चक्रिणे रूक्मिणीरागिणे जानकीजानये। वल्लवीवल्लभायार्चितायात्मने कंसविध्वंसिने वंशिने ते नम:॥ कृष्ण गोविन्दहे राम नारायण श्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे। अच्युतानन्त हे माधवाधोक्षज द्वारकानायक द्रौपदीरक्षक॥ राक्षसक्षोभित: सीतया शोभितो दण्डकारण्यभूपुण्यताकारण:। लक्ष्मणेनान्वितो…

गोपाल सहस्त्रनाम

|| Gopal Sahastranam Stotram || 1 ॐ हरये स्वाहा। 2 ॐ देवकीनंदनाय स्वाहा। 3 ॐ कंसहन्त्रे स्वाहा। 4 ॐ परात्मने स्वाहा। 5 ॐ पीताम्बराय स्वाहा। 6 ॐ पूर्णदेवाय स्वाहा। 7 ॐ रमेशाय स्वाहा। 8 ॐ कृष्णाय स्वाहा। 9 ॐ परेशाय स्वाहा। 10 ॐ पुराणाय स्वाहा। 11 ॐ सुरेशाय स्वाहा। 12 ॐ अच्युताय स्वाहा। 13 ॐ…

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ और श्रवण…

Yashoda Jayanti 2025 – श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ा यह पावन पर्व, जानें शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और पूजन प्रक्रिया

krishna bhog

यशोदा जयन्ती हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण की पालक मां यशोदा के प्रति श्रद्धा और समर्पण के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को स्मरण करते हुए मां यशोदा के स्नेह और उनकी भक्ति का गुणगान किया जाता है। यशोदा जयन्ती का पावन पर्व…

श्री राधे गोविंदा मन भज ले हरि का प्यारा नाम है

|| श्री राधे गोविंदा मन भज ले हरि का प्यारा नाम है || श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है । गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्यारा नाम है ॥ मोर मुकुट सर गल बन माला, केसर तिलक लगाए, वृन्दावन में कुञ्ज गलिन में सब को नाच…

पकड़ लो हाथ बनवारी

|| पकड़ लो हाथ बनवारी || पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे, हमारा कुछ ना बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगी, पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे ॥ धरी है पाप की गठरी, हमारे सर पे ये भारी, वजन पापो का है भारी, इसे कैसे उठाऐंगे, पकड़ लों हाथ बनवारी, नहीं तो डूब…

भर दे रे श्याम झोली भर दे

|| भर दे रे श्याम झोली भर दे || भरदे रे श्याम झोली भरदे, भरदे, ना बहला ओ बातों में, ना बहला ओ, बातों में ॥ नादान है अनजान हैं, श्याम तू ही मेरा भगवान है, तुझे चाहूं तुझे पाऊं, मेरे दिल का यही अरमान है, पढ़ ले रे श्याम दिल की पढ़ले, सब लिखा…

तूने अजब रचा भगवान खिलौना मिट्टी का

|| तूने अजब रचा भगवान खिलौना मिट्टी का || तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का, माटी का रे, माटी का, माटी का रे, माटी का, तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का । कान दिए हरी भजन सुनन को, हो कान दिए हरी भजन सुनन को, तु मुख से कर गुणगान, खिलौना माटी का…

घर घर बधाई बाजे रे देखो

|| घर घर बधाई बाजे रे देखो || घर घर बधाई बाजे रे देखो, घर घर बधाई बाजे रे, ढोलक नगाड़ा वाजे रे देखो, ढोलक नगाड़ा वाजे रे जन में अयोध्या में राम लला की, माता कौशल्या खिलाये रे, ॥ घर घर बधाई बाजे रे देखो..॥ ॥ जय श्री राम, जय श्री राम॥ सोने के…

काली काली अलकों के फंदे क्यों डाले

|| काली काली अलकों के फंदे क्यों डाले || मेरा एक नज़र तुझे देखना, किसी बंदगी से कम नहीं, करो मेरा शुक्रिया मेहरबां, तुझे दिल में हमने बसा लिया, आप इस तरह से होश, उड़ाया ना कीजिये, यूँ बन संवर के सामने, आया ना कीजिये ॥ काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले, हमें जिन्दा…

राधे कृष्ण की ज्योति अलौकिक

|| राधे कृष्ण की ज्योति अलौकिक || राधे कृष्ण की ज्योति अलोकिक, तीनों लोक में छाये रही है । भक्ति विवश एक प्रेम पुजारिन, फिर भी दीप जलाये रही है । कृष्ण को गोकुल से राधे को… कृष्ण को गोकुल से राधे को, बरसाने से बुलाय रही है । दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन…

जरी की पगड़ी बांधे

|| जरी की पगड़ी बांधे || जरी की पगड़ी बांधे, सुंदर आँखों वाला, कितना सुंदर लागे बिहारी, कितना लागे प्यारा, जरी की पगड़ी बाँधे ॥ कानों में कुण्डल साजे, सिर मोर मुकुट विराजे, सखियाँ पगली होती, जब जब होठों पे बंसी बाजे, हैं चंदा यह सांवरा, तारे हैं ग्वाल बाला, कितना सुंदर लागे बिहारी, कितना…

जरा इतना बता दे कान्हा

|| जरा इतना बता दे कान्हा || जरा इतना बता दे कान्हा, कि तेरा रंग काला क्यों । श्लोक श्याम का काला बदन, और श्याम घटा से काला, शाम होते ही, गजब कर गया मुरली वाला ॥ जरा इतना बता दे कान्हा, कि तेरा रंग काला क्यों, तु काला होकर भी जग से, इतना निराला…

मेरा आप की कृपा से

|| मेरा आप की कृपा से || मेरा आपकी दया से सब काम हो रहा है। करते हो तुम कन्हिया मेरा नाम हो रहा है॥ ॥ मेरा आपकी दया से…॥ पतवार के बिना ही मेरी नाव चल रही है। हैरान है ज़माना मंजिल भी मिल रही है। करता नहीं मैं कुछ भी, सब काम हो…

हाथी घोड़ा पाल की

|| हाथी घोड़ा पाल की || हाथी घोड़ा पालकी,जय कन्हैया लाल की ॥ आनंद उमंग भयो जय कन्हैया लाल की, नंद के आनंद भयो जय यशोदा लाल की, आनंद उमंग भयो जय कन्हैया लाल की, नंद के आनंद भयो जय यशोदा लाल की, हे ब्रज में आनंद भयो जय यशोदा लाल की, ए आनंद उमंग…

गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ क्यों और कैसे करें? भगवान श्रीकृष्ण के 1000 नाम चमत्कारिक प्रभाव

shree krishna

भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। यह स्त्रोत भगवान श्रीकृष्ण के 1000 नामों का संग्रह है, जो उनकी दिव्यता, गुणों और लीलाओं का वर्णन करता है। यह पाठ न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि इसे जीवन में सकारात्मकता और चमत्कारिक अनुभवों के लिए…

तेरो लाल यशोदा छल गयो री – भजन

|| तेरो लाल यशोदा छल गयो री || तेरो लाल यशोदा छल गयो री, मेरो माखन चुराकर बदल गयो री || मैंने चोरी से इसे मटकी उठाते देखा, आप खाते हुए औरो को खिलाते देखा, नाचकर घूमकर कुछ नीचे गिराते देखा, माल चोरी का इसे खूब लुटाते देखा, माल चोरी का इसे खूब लुटाते देखा,…

मोहन से दिल क्यों लगाया है

|| मोहन से दिल क्यों लगाया है || मोहन से दिल क्यूँ लगाया है, ये मैं जानू या वो जाने, छलिया से दिल क्यूँ लगाया है, ये मैं जानू या वो जाने ॥ हर बात निराली है उसकी, हर बात में है इक टेढापन, टेढ़े पर दिल क्यूँ आया है, ये मैं जानू या वो…

श्री नन्दकुमार अष्टकम्

Nandkumar

॥ श्री नन्दकुमाराष्टकम् ॥ सुन्दरगोपालम् उरवनमालंनयनविशालं दुःखहरं। वृन्दावनचन्द्रमानन्दकन्दंपरमानन्दं धरणिधर वल्लभघनश्यामं पूर्णकामंअत्यभिरामं प्रीतिकरं। भज नन्दकुमारं सर्वसुखसारंतत्त्वविचारं ब्रह्मपरम्॥ सुन्दरवारिजवदनं निर्जितमदनंआनन्दसदनं मुकुटधरं। गुञ्जाकृतिहारं विपिनविहारंपरमोदारं चीरहर वल्लभपटपीतं कृतउपवीतंकरनवनीतं विबुधवरं। भज नन्दकुमारं सर्वसुखसारंतत्त्वविचारं ब्रह्मपरम्॥ शोभितमुखधूलं यमुनाकूलंनिपटअतूलं सुखदतरं। मुखमण्डितरेणुं चारितधेनुंवादितवेणुं मधुरसुर वल्लभमतिविमलं शुभपदकमलंनखरुचिअमलं तिमिरहरं। भज नन्दकुमारं सर्वसुखसारंतत्त्वविचारं ब्रह्मपरम्॥ शिरमुकुटसुदेशं कुञ्चितकेशंनटवरवेशं कामवरं। मायाकृतमनुजं हलधरअनुजंप्रतिहतदनुजं भारहर वल्लभव्रजपालं सुभगसुचालंहितमनुकालं भाववरं। भज नन्दकुमारं सर्वसुखसारंतत्त्वविचारं ब्रह्मपरम्॥…

श्री गोविन्दाष्टकम्

॥ श्री गोविन्दाष्टकम् ॥ सत्यं ज्ञानमनन्तं नित्यमनाकाशं परमाकाशं गोष्ठप्राङ्गणरिङ्गणलोलमनायासं परमायासम्। मायाकल्पितनानाकारमनाकारं भुवनाकारं क्ष्मामा नाथमनाथं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्॥ मृत्स्नामत्सीहेति यशोदाताडनशैशवसंत्रासं व्यादितवक्त्रालोकितलोकालोक चतुर्दशलोकालिम्। लोकत्रयपुरमूलस्तम्भं लोकालोकमनालोकं लोकेशं परमेशं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्॥ त्रैविष्टपरिपुवीरघ्नं क्षितिभारघ्नं भवरोगघ्नं कैवल्यं नवनीताहारमनाहारं भुवनाहारम्। वैमल्यस्फुटचेतोवृत्ति विशेषाभासमनाभासं शैवं केवलशान्तं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्॥ गोपालं भुलीलाविग्रहगोपालं कुलगोपालं गोपीखेलनगोवर्धन धृतिलीलालालितगोपालम्। गोभिर्निगदितगोविन्द स्फुटनामानं बहुनामानं गोपीगोचरदूरं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्॥ गोपीमण्डलगोष्ठीभेदं भेदावस्थमभेदाभं…

काली कमली वाला मेरा यार है

|| काली कमली वाला मेरा यार है || काली कमली वाला मेरा यार है, मेरे मन का मोहन तु दिलदार है, तु मेरा यार है, मेरा दिलदार है ॥ मन मोहन मैं तेरा दीवाना, गाउँ बस अब यही तराना, श्याम सलोने तू मेरा रिजवार है, मेरे मन का मोहन तु दिलदार है ॥ तु मेरा…

बांके बिहारी की देख छटा

|| बांके बिहारी की देख छटा || बांके बिहारी की देख छटा, मेरो मन है गयो लटा पटा। कब से खोजूं बनवारी को, बनवारी को, गिरिधारी को। कोई बता दे उसका पता, मेरो मन है गयो लटा पटा॥ ॥ बांके बिहारी की देख छटा…॥ मोर मुकुट श्यामल तन धारी, कर मुरली अधरन सजी प्यारी। कमर…

इतनी कृपा सांवरे बनाए रखना

|| इतनी कृपा सांवरे बनाए रखना || इतनी किरपा सांवरे बनाये रखना, मरते दम तक सेवा में लगाये रखना, इतनी किरपा सांवरे ॥ मैं तेरा तू मेरा बाबा, मैं राजी तू राजी, तेरे नाम पे लिख दी मैंने, इस जीवन की बाजी, लाज तुम्हारे हाथ है बचाए रखना, लाज तुम्हारे हाथ है बचाए रखना, मरते…

काहे तेरी अंखियों में पानी

|| काहे तेरी अंखियों में पानी || काहे तेरी अखियों में पानी, काहें तेरी अखियों में पानी, कृष्ण दीवानी मीरा, श्याम दीवानी, कृष्ण दीवानी मीरा, श्याम दीवानी, दीवानी दीवानी दीवानी, ओ मीरा प्रेम दीवानी, ओ मीरा कृष्ण दीवानी ॥ हँस के तू पीले विष का प्याला, हँस के तू पीले विष का प्याला, तोहे क्या…

मेरे बांके बिहारी लाल भजन

|| मेरे बांके बिहारी लाल भजन || मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार, नजर तोहे लग जाएगी । तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका । प्यारा लागे तेरा पीला पटका । तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार, नजर तोहे लग जाएगी ॥ मेरे बांके बिहारी लाल…॥ तेरी मुरलिया पे…

छोटी छोटी गैया

|| छोटी छोटी गैया || छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल । छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥ छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल । आगे आगे गैया पीछे पीछे ग्वाल । छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल । कारी कारी गैया, गोरे गोरे ग्वाल। श्याम वरण मेरो मदन गोपाल॥ छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे…

अक्षय तृतीया श्रीकृष्ण का मुंडन कथा

|| अक्षय तृतीया श्रीकृष्ण का मुंडन कथा || प्राचीन काल में व्रज के लोगों का मुख्य व्यवसाय गौ-चारण ही था इसलिए मुख्य व्यवसाय से सम्बंधित कुछ वर्जनाएं भी थी। अब इसे वर्जनाएं कहें या सामाजिक नियम बालक का जब तक मुंडन नहीं हो जाता तब तक उसे जंगल में गाय चराने नहीं जाने दिया जाता…

श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || यदु वंशी श्रीकृष्ण दुर्वासा ऋषि को अपना कुलगुरु मानते थे। जब श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का विवाह हुआ तो वे अशीर्वाद प्राप्ति के लिए दुर्वासा ऋषि से मिलने के लिए उनके आश्रम पधारे, जो द्वारका से दूरी पर स्थित था। श्री कृष्ण ने ऋषि दुर्वासा को महल आने…

राम भी मिलेंगे तुझे श्याम भी मिलेंगे – भजन

|| राम भी मिलेंगे तुझे श्याम भी मिलेंगे || राम भी मिलेंगे तुझे, श्याम भी मिलेंगे, जब तुझे श्री हनुमान, जी मिलेंगे, राम भी मिलेंगे तुझें, श्याम भी मिलेंगे || राम और श्याम को, बजरंगी बड़े प्यारे, योद्धा है कन्हैया के, राम के दुलारे, चाहे जो बजरंगी, राम श्याम जी मिलेंगे, चाहे जो बजरंगी, राम…

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 कब है? इस बार कब बजेगा ‘मटकी फोड़’ का शंख? जानिए शुभ मुहूर्त

krishna janamastmi

हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव प्रति वर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल, कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। कृष्ण जन्माष्टमी 2025 में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से…

राम जी करेंगे ना तो श्याम जी करेंगे – भजन

|| राम जी करेंगे ना तो श्याम जी करेंगे || राम जी करेंगे ना तो श्याम जी करेंगे, तेरे सारे काम हनुमानजी करेंगे || जय हो जय हो | राम और श्याम दोनों बात मानते हैं, भक्त से बड़ा ना कोई सब जानते हैं, होगा वही जो भी ये जुबान से कहेंगे, राम जी करेगे…

ये चमक ये दमक – भजन

|| ये चमक ये दमक || ये चमक ये दमक फूलवान वा महक सब कुछ सरकार तुम्हाई से है ये चमक ये दमक फूलवान वा महक ये चमक ये दमक फूलवान वा महक सब कुछ सरकार तुम्हाई से है सब कुछ सरकार तुम्हाई से है चूमे सैया के चरण इठलाके पवन बगियन में बाहर तुमई…

सजा दो घर को गुलशन सा – भजन

|| सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये है || सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है, मेरे सरकार आये है, लगे कुटिया भी दुल्हन सी, लगे कुटिया भी दुल्हन सी, मेरे सरकार आये है, सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।। पखारो इनके चरणो को, बहा…

श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत पाठ विधि व लाभ

|| श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् का पाठ कैसे करें || हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर या मूर्ति के समक्ष श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए। सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण का आवाहन करें और उन्हें आसन अर्पित करें। उनके चरण धोने के लिए जल…

अधरं मधुरं वदनं मधुरं – श्लोक अर्थ सहित

॥ अधरं मधुरं वदनं मधुरं – श्लोक ॥ अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम् । हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: श्री मधुराधिपति (श्री कृष्ण) का सभी कुछ मधुर है। उनके अधर (होंठ) मधुर है, मुख मधुर है, नेत्र मधुर है,…

एकोनविंशे विंशतिमे – श्लोक अर्थ सहित

॥ एकोनविंशे विंशतिमे – श्लोक ॥ एकोनविंशे विंशतिमे वृष्णिषु प्राप्य जन्मनी । रामकृष्णाविति भुवो भगवानहरद्भरम् ॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: वृष्णिवंशी कुल में उन्नीसवें तथा बीसवें अवतारों में भगवान कृष्ण के रूप में अवतरित हुए और इस तरह उन्होंने संसार के भार को दूर किया। Ekona-vinse vinsatim vrsnisu…

कृष्णाय वासुदेवाय देवकी नन्दनाय – श्लोक अर्थ सहित

॥ कृष्णाय वासुदेवाय देवकी नन्दनाय – श्लोक ॥ कृष्णाय वासुदेवाय देवकी नन्दनाय च । नन्दगोप कुमाराय गोविन्दाय नमो नमः ॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: वासुदेव के पुत्र श्रीकृष्ण को, और देवकी नंदन है अर्थात देवकी के पुत्र को, ग्वाल नंद के पुत्र को, जो स्वयं भगवान श्री गोविंद…

क्यों श्री कृष्ण कहलाते हैं ‘संपूर्ण पुरुष’? श्री कृष्ण: धर्म, कर्म और प्रेम का संपूर्ण स्वरूप

shri-krishna

श्री कृष्ण भारतीय धर्म और संस्कृति में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। उन्हें ‘संपूर्ण पुरुष’ कहा जाता है, जो इस बात का प्रतीक है कि वे मानव जीवन के सभी पहलुओं को पूर्णता के साथ प्रस्तुत करते हैं। उनका व्यक्तित्व धर्म, कर्म, प्रेम, ज्ञान और नेतृत्व जैसे सभी गुणों का समावेश है। आइए समझते हैं…

जानिए श्री कृष्ण के प्रिय बाल मित्रों के नाम – कौन थे श्री कृष्ण के बाल सखा?

friends-of-shri-krishna

भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में उनके मित्रों का विशेष महत्व रहा है। बचपन से लेकर उनके किशोरावस्था तक, श्रीकृष्ण ने कई सखा और सखियों के साथ अद्भुत समय बिताया। गोकुल और वृंदावन में उनके बचपन के कुछ खास मित्र थे, जिनके साथ उन्होंने अपनी लीलाएं कीं। लगभग 11 वर्ष की उम्र तक वे इन मित्रों…

गोपाल सहस्रनामावली

गोपाल सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, “गोपाल” के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। “गोपाल” का अर्थ है गोकुल के रक्षक, गऊओं के पालनहार और समस्त प्राणियों के संरक्षक। इस सहस्रनामावली में भगवान श्रीकृष्ण के उन गुणों और लीलाओं का वर्णन है जो उनके बाल रूप में प्रकट होते हैं। यह सहस्रनामावली…

Join WhatsApp Channel Download App