श्याम संग प्रीत
|| श्याम संग प्रीत || दूर से आया बाबा धाम तेरे खाटू दूर से आया बाबा धाम तेरे खाटू दर्द ना कहूं मैं किसी से बस तो से बाटूं दर्द ना कहूं मैं किसी से बस तो से बाटूं मुझको सताए जो आ के अभी दर्द बस नाम है तेरा लेना गम मेरे हर के…
|| श्याम संग प्रीत || दूर से आया बाबा धाम तेरे खाटू दूर से आया बाबा धाम तेरे खाटू दर्द ना कहूं मैं किसी से बस तो से बाटूं दर्द ना कहूं मैं किसी से बस तो से बाटूं मुझको सताए जो आ के अभी दर्द बस नाम है तेरा लेना गम मेरे हर के…
|| श्याम चंदा है श्यामा चकोरी || श्याम चंदा है श्यामा चकोरी, बड़ी सुंदर है दोनो की जोडी ॥ श्याम रसिया है श्यामा रसीली, कृष्ण छलिया है राधा शर्मीली, कृष्ण काला है राधा है गौरी, बड़ी सुंदर है दोनो की जोडी ॥ श्याम चंदा है श्यामा चकोरी, बड़ी सुंदर है दोनो की जोडी ॥ गिरधर…
|| श्यामा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए || श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए । सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए ॥ श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की सुनता हूँ तेरी रहमत, दिन रात बरसती है । एक बूँद जो मिल जाए,…
|| श्री कुंजबिहारी अष्टक अर्थ सहित PDF || यः स्तूयते श्रुतिगणैर्निपुणैरजस्रं, सम्पूज्यते क्रतुगतैः प्रणतैः क्रियाभिः। तं सर्वकर्मफलदं निजसेवकानां, श्रीमद् विहारिचरणं शरणं प्रपद्ये॥ जो वेद मन्त्रों के द्वारा नित्य स्तुत्य हैं, यज्ञों में समर्पित क्रियाओं के द्वारा जो नित्य सम्पूजित हैं, अपने भक्तों को सम्पूर्ण कर्मों का फल प्रदान करने वाले , उन श्री बिहारी जी…
|| सोचा नहीं जो ख्वाब में, उतना हमें मिला || सोचा नहीं जो ख्वाब में, उतना हमें मिला, टूटे ना तेरी रहमतों का, श्याम सिलसिला, सोचा नही था ख्वाब में ॥ एक दिन मेरी ये जिंदगी, तेरे दर पे मुड़ गई, टूटी हुई थी ख्वाहिशे, एक पल में जुड़ गई, पहली ही हाजरी का, इतना…
|| श्री कृष्णाष्टकम् PDF || वसुदेव सुतं देवंकंस चाणूर मर्दनम्। देवकी परमानन्दंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ अतसी पुष्प सङ्काशम्हार नूपुर शोभितम्। रत्न कङ्कण केयूरंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ कुटिलालक संयुक्तंपूर्णचन्द्र निभाननम्। विलसत् कुण्डलधरंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ मन्दार गन्ध संयुक्तंचारुहासं चतुर्भुजम्। बर्हि पिञ्छाव चूडाङ्गंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ उत्फुल्ल पद्मपत्राक्षंनील जीमूत सन्निभम्। यादवानां शिरोरत्नंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ रुक्मिणी केलि संयुक्तंपीताम्बर सुशोभितम्। अवाप्त तुलसी गन्धंकृष्णं…
|| Shri Krishnashtakam PDF || Vasudeva Sutam Devam Kansa Chanura Mardanam। Devaki Paramanandam Krishnam Vande Jagadgurum॥ Atasi Pushpa Sankasham Hara Nupura Shobhitam। Ratna Kankana Keyuram Krishnam Vande Jagadgurum॥ Kutilalaka Samyuktam Purnachandra Nibhananam। Vilasat Kundaladharam Krishnam Vande Jagadgurum॥ Mandara Gandha Samyuktam Charuhasam Chaturbhujam। Barhi Pinchhava Chudangam Krishnam Vande Jagadgurum॥ Utphulla Padmapatraksham Nila Jimuta Sannibham। Yadavanam Shiroratnam…
|| Shri Achyutashtakam PDF || Achyutam Keshavam Ramanarayanam Krishnadamodaram Vasudevam Harim। Shridharam Madhavam Gopikavallabham Janakinayakam Ramachandram Bhaje॥ Achyutam Keshavam Satyabhamadhavam Madhavam Shridharam Radhikaradhitam। Indiramandiram Chetasa Sundaram Devakinandanam Nandajam Sandadhe॥ Vishnave Jishnave Shankhine Chakrine Rukminiragine Janakijanaye। Vallavivallabhayarchitayatmane Kansavidhvansine Vanshine Te Namah॥ Krishna Govindahe Rama Narayana Shripate Vasudevajita Shrinidhe। Achyutananta He Madhavadhokshaja Dvarakanayaka Draupadirakshaka॥ Rakshasakshobhitah Sitaya Shobhito Dandakaranyabhupunyatakaranah।…
|| तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे || तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे, तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे । तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे, तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे । मस्तक पर मलियागिरी चन्दन, केसर तिलक लगाया । मोर मुकुट कानो में कुण्डल, इत्र खूब बरसाया । महकता रहे यह दरबार सांवरे, तेरा किसने…
|| तेरे नाम की धुन लागी || तेरे नाम की धुन लागी, मन है तेरा मतवाला, मैं तान हूँ मुरली की, तू मोहन मुरली वाला ॥ तू ही मेरा स्वामी हैं, तू ही है मेरा दाता, भक्ति मेरा जीवन है, भक्तो से तेरा नाता, मैं तेरी शरण में हूँ, तू हैं मेरा रखवाला, मैं तान…
|| तुम्हारी याद आती है, बताओ क्या करें मोहन || तुम्हारी याद आती है, बताओ क्या करें मोहन, तुम्हारी याद आती हैं, बताओ क्या करें मोहन ॥ सुबह और शाम आती हैं, रात भर वो रुलाती हैं, चैन हमको नही आता, चैन हमको नही आता, बताओ क्या करें मोहन, तुम्हारी याद आती हैं, बताओ क्या…
|| Venu Gopala Ashtakam PDF || Kalita kanaka chelam Khandita patkuchelam Galadhruta vanamalam Garvitaratikalam | Kalimalaharashilam Kantidhutendraneelam Vinamadavanasheelam Venu Gopalamide || Vraja yuvati vilolam Vandanandlolam Karadhruta gurushailam Kanjagarbhadipalam | Abhimata phaladanam Shreejitamartyasalam Vinamadavanasheelam Venu Gopalamide || Ghanatarakarunashri Kalpavallyaalavalam Kalashajaladhikanya Kodakashreekapolam | Plushitavinatalok Anantadushkarmatoolam Vinamadavanasheelam Yenu Gopalamide || Shubhadasugunajalam Surilokanukoolam Ditijatatikaralam Divyadaarayitelam | Mridumadhuravachah Shree dooritashreerasalam…
|| Bal Mukundashtakam PDF || Karaaravindena Padaaravindam Mukhaaravinde Viniveshayantam Vatasya patrasya Pute shayaanam Balam Mukundam Manasa smaraami Samhritya lokaan Vatapatramadhye Shayaanam aadyant Aviheenaroopam Sarveshwaram Sarvahitaavataram Balam Mukundam Manasa smaraami Indeevarashyam Alakomalaangam Indraadidevaar Chitapaadapadmam Santaanakalpad Rumamaashritaanaam Balam Mukundam Manasa smaraami Lambaalam lambi Tahaarayashtim Shringaaraleela Amkitadantapanktim Bimbaadharam chaaru Vishaala netram Balam Mukundam Manasa smaraami Shikyedharaaya Adyapayodadheeni Bahirgataayaam…
|| Krishna Bhog Aarti PDF || Aao bhog lagaao pyaare Mohan Aao bhog lagaao pyaare Mohan… Duryodhan ko meva tyago, Saag Vidur ghar Khayo pyaare Mohan, Aao bhog lagaao pyaare Mohan… Bhilani ke bair Sudama ke tandul, Ruchi ruchi bhog Lagaao pyaare Mohan… Aao bhog lagaao pyaare Mohan… Vrindavan ki kunj gali mein, Aaon raas…
|| Shri Krishna Nam Kavacham PDF || ॥ Narada Uvacha ॥ Bhagavan Shrotumichchhami kim mantram Bhagavan Harah Krpaya-‘dat Parasuramaya Stotram cha Varma cha ॥ Ko va’sya mantrasyaradhyah kim phalam kavachasya cha Stavansya phalam kim va tadbhavanvaktum arhasi ॥ ॥ Narayana Uvacha ॥ Mantraradhyo hi Bhagavan Paripurnatamah Svayam Golokanathah Shri Krishnah Gopa-Gopesvarah Prabhuh ॥ Trailokyavijayam Nama…
|| श्री युगलकिशोर आरती PDF || आरती युगलकिशोर की कीजै । तन मन धन न्योछावर कीजै ॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै । हरि का रूप नयन भरि पीजै ॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा । ताहि निरखि मेरो मन लोभा ॥ ओढ़े नील पीत पट सारी । कुंजबिहारी गिरिवरधारी ॥ फूलन सेज फूल की…
|| Shri Yugalkishor Aarti || Aarti Yugalkishor Ki Kijiye। Tan Man Dhan Nayochawar Kijiye॥ Gorshyam Mukh Nirkhan Lijiye। Hari Ka Rup Nayan Bhari Pijiye॥ Ravi Shashi Koti Badan Ki Shobha। Tahi Nirkhi Mero Mann Lobha॥ Odhe Neel Peet Pat Sari। Kunjbihari Girivardhari॥ Fulan Sej Phul Ki Mala। Ratan Singhasan Baatai Nandlal॥ Kanchan Thar Kapoor Ki…
|| Shri Krishnashtakam PDF || Bhaje Vrajaik Maṇḍanam, Samasta Papa Khaṇḍanam, Swabhakta Chitta Ranjanam, Sadaiv Nand Nandanam, Supincha Guccha Mastakam, Sunad Veṇu Hastakam, Anang Rang Sagaram, Nammmi Kriṣṇa Nagaram ॥ Manoj Garv Mochnam Visal Lola Lochanam, Vidhut Gop Sochnam Namami Padma Lochanam, Kararavind Bhudharam Smitavalok Sundaram, Mahendra Nama Daraṇam, Namami Kr̥iṣṇa Varanam ॥ Kadamb Sun…
|| Yugal Ashtakam PDF || Krishnapremamayi Radha Radhaprem Mayo Hari: । Jivanen Dhane Nitya Radhakrishnagatirmam ॥ Krishnasya Dravinam Radha Radhaya: Dravinam Hari: । Jivanen Dhane Nitya Radhakrishnagatirmam ॥ Krishnapranamayi Radha Radhapranamayo Hari: । Jivanen Dhane Nitya Radhakrishnagatirmam ॥ Krishnadravamayi Radha Radhadravamayo Hari: । Jivanen Dhane Nitya Radhakrishnagatirmam ॥ Krishna Gehe Sthita Radha Radha Gehe Sithton…
|| Madhurashtakam PDF || Adharam Madhuram Vadanam Madhuram Nayanam Madhuram Hasitam Madhuram Hridayam Madhuram Gamanam Madhuram Madhur-Adipater Akhilam Madhuram || Vachanam Madhuram Charitam Madhuram Vasanam Madhuram Valitam Madhuram Chalitam Madhuram Bhramitam Madhuram Madhur-Adipater Akhilam Madhuram || Venur Madhuro Renur Madhurah Panir Madhurah Padau Madhurau Nrityam Madhuram Shakhyam Madhuram Madhur-Adipater Akhilam Madhuram || Gitam Madhuram Pitam…
|| श्री गोपाल आरती PDF || आरती बाल कृष्ण की कीजै । अपना जन्म सफल कर लीजै ॥ आरती बाल कृष्ण की कीजै… श्री यशोदा का परम दुलारा । बाबा के अँखियन का तारा ॥ आरती बाल कृष्ण की कीजै… गोपियन के प्राणन से प्यारा । इन पर प्राण न्योछावर कीजै ॥ आरती बाल कृष्ण…
|| देवगन्धर्वादिभिः कृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || ततो देवाः सगन्धर्वा आकाशेऽधिष्ठितास्तदा । तुष्टुवुः पुण्डरीकाक्षं वाग्भिरिष्टाभिरीश्वरम् ॥ १॥ जय देव जगन्नाथ नय विष्णो जगत्पते । जयाजेय नमो देव भूतभावनभावन ॥ २॥ नमः परमसिंहाय दैत्यदानवनाशन । जयाजेय हरे देव योगिध्येय भयापह ॥ ३॥ नारायण नमो देव कृष्ण कृष्ण हरे हरे । आदिकर्तः पुराणात्मन् ब्रह्मयोने सनातन ॥ ४॥ नमस्ते सकलेशाय…
|| दुर्वाससा कृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || स्वस्त्यस्तु भवते कृष्ण जगतां स्वस्ति सर्वदा । किं नु नाम जगन्नाथ दुःसाध्यं तव केशव ॥ १॥ त्रिलोकेश त्रिधामासि सर्गसंहारकारकः । देवानामपि देवेश सर्वत्र समदर्शनः ॥ २॥ विष्णो देव हरे कृष्ण नमस्ते चक्रपाणये । नमः स्वभावशुद्धाय शुद्धाय नियताय च ॥ ३॥ शब्दागोचर देवेश नमस्ते भक्तवत्सल । अज्ञानादथ वा ज्ञानाद्यन्मयोक्तं क्षमस्व तत्…
|| ज्वरकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || ज्वर उवाच । नमः कृष्णाय हरये विष्णवे प्रभविष्णवे । आदिदेवाय देवाय पुराणाय गदाभृते ॥ १॥ नमः सहस्रशिरसे सहस्रचरणाय च । सहस्राक्ष नमो नित्यं लोकानामभयंकर ॥ २॥ उद्गीथाय नमो देव यज्ञाधिपतये नमः । नमस्ते चक्रिणे नित्यमसिहस्ताय ते नमः ॥ ३॥ अनन्ताय विरूपाय नमस्ते मधुसूदन । नमस्ते देवदेवेश तुभ्यं देव कपर्दिने ॥ ४॥…
|| गोपैः कृतं श्रीकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || गते शक्रे ततः कृष्णः पूज्यमानो व्रजौकसैः । गोवर्धनधरः श्रीमान् विवेश व्रजमेव ह ॥ १॥ तं स्म वृद्धाभिनन्दन्ति ज्ञातयश्च सहोषिताः । धन्याः स्मोऽनुगृहीताः स्मस्त्वद्धृतेन नगेन ह ॥ २॥ गावो वर्षभयात्तीर्णा वयं तीर्णा महाभयात् । तव प्रसादाद्गोविन्द देवतुल्य महाद्युते ॥ ३॥ अमानुषाणि कर्माणि तव पश्याम गोपते । धारणेनास्य शैलस्य विद्मस्त्वां कृष्णमव्ययम्…
|| गर्गकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || गर्ग उवाच । हे कृष्ण जगतां नाथ भक्तानां भयभञ्जन । प्रसन्नो भव मामीश देहि दास्यं पदाम्बुजे ॥ १९३॥ त्वत्पित्रा मे धनं दत्तं तेन मे किं प्रयोजनम् । देहि मे निश्चलां भक्तिं भक्तानामभयप्रद ॥ १९४॥ अणिमादिकसिद्धिषु योगेषु मुक्तिषु प्रभो । ज्ञानतत्त्वेऽमरत्वे वा किञ्चिन्नास्ति स्पृहा मम ॥ १९५॥ इन्द्रत्वे वा मनुत्वे वा स्वर्गलोकफले…
|| कालियकृतं १ श्रीकृष्णस्तोत्रम् || व्यास उवाच । इत्युक्ते ताभिराश्वास्य क्लान्तदेहोऽपि पन्नगः । प्रसीद देवदेवेति प्राह वाक्यं शनैः शनैः ॥ ४३॥ कालीय उवाच । तवाष्टगुणमैश्वर्यं नाथ स्वाभविकं परम् । निरस्तातिशयं यस्य तस्य स्तोष्यामि किन्वहम् ॥ ४४॥ त्वं परस्त्वं परस्याऽऽद्यः परं त्वं तत्परात्मकम् । परस्मात्परमो यस्त्वं तस्य स्तोष्यामि किं न्वहम् ॥ ४५॥ यथाऽहं भवता सृष्टो जात्या…
|| कालपुरुषकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || कालपुरुष उवाच । को वाऽहं को यमः का च मृत्युकन्या च व्याधयः । वयं भ्रमामः सततमीशाज्ञापरिपालकाः ॥ ४३॥ यस्य सृष्टा च प्रकृतिर्ब्रह्मविष्णुशिवादयः । सुरा मुनीन्द्रा मनवो मानवाः सर्वजन्तवः ॥ ४४॥ ध्यायन्ते तत्पदाम्भोजं योगिनश्च विचक्षणाः । जपन्ति शश्वन्नामानि पुण्यानि परमात्मनः ॥ ४५॥ यद्भयाद्वाति वातोऽयं सूर्यस्तपति यद्भयात् । स्रष्टा ब्रह्माऽऽज्ञया यस्य पाता विष्णुर्यदाज्ञया…
|| इन्द्रकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || श्रीगणेशाय नमः ॥ इन्द्र उवाच । अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम् । गुणातीतं निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम् ॥ १॥ भक्तध्यानाय सेवायै नानारूपधरं वरम् । शुक्लरक्तपीतश्यामं युगानुक्रमणेन च ॥ २॥ शुक्लतेजःस्वरूपं च सत्ये सत्यस्वरूपिणम् । त्रेतायां कुङ्कुमाकारं ज्वलन्तं ब्रह्मतेजसा ॥ ३॥ द्वापरे पीतवर्णं च शोभितं पीतवाससा । कृष्णवर्णं कलौ कृष्णं परिपूर्णतमं प्रभुम् ॥ ४॥…
|| अनन्तकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || अनन्त उवाच । त्वमनन्तो हि भगवन्नाहमेव कलांशकः । विश्वैकस्थे क्षुद्रकूर्मे मशकोऽहं गजे यथा ॥ २४॥ असङ्ख्यशेषाः कूर्माश्च ब्रह्मविष्णुशिवात्मकाः । असङ्ख्यानि च विश्वानि तेषामीशः स्वयं भवान् ॥ २५॥ अस्माकमीदृशं नाथ सुदिनं क्व भविष्यति । स्वप्नादृष्टश्च यश्चेशः स दृष्टः सर्वजीविनाम् ॥ २६॥ नाथ प्रयासि गोलोकं पूतां कृत्वा वसुन्धराम् । तामनाथां रुदन्तीं च निमग्नां…
|| अष्टावक्रकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || अष्टावक्र उवाच । गुणातीत गुणाधार गुणबीज गुणात्मक । गुणीश गुणिनां बीज गुणायन नमोऽस्तु ते ॥ ४०॥ सिद्धिस्वरूप सिद्ध्येश सिद्धिबीज परात्पर । सिद्धिसिद्धिगुणाधीश सिद्धानां गुरवे नमः ॥ ४१॥ हे वेदबीज वेदज्ञ वेदिन्वेदविदां वर । वेदाज्ञाताद्यरूपेश वेदाज्ञेश नमोऽस्तु ते ॥ ४२॥ ब्रह्मानन्तेश शेषेन्द्र धर्मादीनामधीश्वर । सर्व सर्वेश शर्वेश बीजरूप नमोऽस्तु ते ॥ ४३॥…
|| अदितिकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || अदितिरुवाच । नमस्ते पुण्डरीकाक्ष भक्तानामभयङ्कर । सनातनात्मन्भूतात्मन्सर्वात्मन्भूतभावन ॥ ६॥ प्रणेतर्मनसो बुद्धेरिन्द्रियाणां गुणात्मक । सितदीर्घादिनिःशेषकल्पनापरिवर्जित ॥ ७॥ जन्मादिभिरसंस्पृष्ट स्वप्नादिपरिवर्जित । सन्ध्यारात्रिरहर्भूमिर्गगनं वायुरम्बु च ॥ ८॥ हुताशनो मनो बुद्धिर्भूतादिस्त्वं तथाऽच्युत । सृष्टिस्थितिविनाशानां कर्ता कर्तृपतिर्भवान् ॥ ९॥ ब्रह्मविष्णुशिवाख्याभिरात्ममूर्तिभिरीश्वरः । मायाभिरेतद्व्याप्तं ते जगत्स्थावरजङ्गमम् ॥ १०॥ अनात्मन्यात्मविज्ञानं सा ते माया जनार्दन । अहं ममेति भावोऽत्र यया…
|| अक्रूरकृतं श्रीकृष्णस्तोत्रम् || प्रत्युवाच स तं कृष्णमाश्चर्यं भवता विना । किं भविष्यति लोकेषु चरेषु स्थावरेषु च ॥ १॥ तत्राश्चर्यं मया दृष्टं यत्कृष्ण भुवि दुर्लभम् । तदिहापि यथा तत्र पश्यामि च रमामि च ॥ २॥ संगतश्चास्मि लोकानामश्चर्येणेह रूपिणा । अतः परतरं कृष्ण नाश्चर्यं द्रष्टुमुत्सहे ॥ ३॥ को वायं त्रिषु लोकेषु विस्मयं भवता विना । नमः…
|| श्रीकृष्णसहस्रनामस्तोत्रम् || ॐ श्री कृष्णाय परमात्मने नमः । ध्यानं अनन्तनामकं कृष्णं कृपावर्षं कृपार्णवम् । भक्त्या नामसहस्रेण स्तोतुमिच्छामि सर्वदा ॥ १॥ श्री कृष्णचन्द्र! सर्वेश! स्त्रव्यरूप! स्तुतिप्रिय । वेणुगोपाल! राधेश! स्तोतुं त्वां देहि मे वरम् ॥ २॥ प्रेमार्पितमनोबुद्धिं, देहि मे करुणानिधे! । नीलसुन्दररूपस्य, देहि मे दिव्यदर्शनम् ॥ ३॥ अथ श्रीकृष्णसहस्रनामस्तोत्रं प्रारभ्यते । हरिः ॐ – ॐ…
|| श्रीकृष्णरक्षाकवचम् || गोप्य ऊचुः श्रीकृष्णस्ते शिरः पातु वैकुण्ठः कण्ठमेव हि । श्वेतद्वीपपतिः कर्णौ नासिकां यज्ञरूपधृक् ॥ १॥ नृसिंहो नेत्रयुग्मं च जिह्वां दशरथात्मजः । अधराववतां ते तु नरनाराणावृषी ॥ २॥ कपोलौ पातु ते साक्षात्सनकाद्याः कला हरेः । भालं ते श्वेतवाराहो नारदो भ्रूलतेऽवतु ॥ ३॥ चिबुकं कपिलः पातु दत्तात्रेय उरोऽवतु । स्कन्धौ द्वावृषभः पातु करौ मत्स्यः…
|| श्रीकृष्णभजनाष्टकम् || कंसदलनमुक्तिमिलनभुक्तिभवनकाशितं दुष्टशकटराहुकपटकालियशठशासितम् । दानवमधुकैटभमुरदारुणवकनाशितं कृष्णचरणपङ्कजसुखदीप्तभजनभासितम् ॥ १॥ ब्रह्मकिरणमुग्धवदनमङ्गलमयवीक्षणं सान्द्रललितकुञ्जनिकटकेलितरलकारणम् । धर्मविनतकर्मनिरतभोगनिकरधारितं कृष्णचरणपङ्कजसुखदीप्तभजनभासितम् ॥ २॥ पूर्णपुरुषयोगजनकभोगसकलधारकं दुस्तरभवपारकपटुनाविकहरिनामकम् । दुर्जनमुखमर्दनगुणवर्द्धनदरदारितं कृष्णचरणपङ्कजसुखदीप्तभजनभासितम् ॥ ३॥ वैभवसुखसागरतटशुद्धसलिलशीतलं स्मितरुचिरफुल्लकमलवेणुनिनदकोमलम् । मन्दमलयचन्दनमुखनन्दितशुभवन्दितं कृष्णचरणपङ्कजसुखदीप्तभजनभासितम् ॥ ४॥ शान्तसरलभक्तविधुरमाधवमधुसूदनं देवमदनमोहन-अपवर्गविभवधारिणम् । गोपयुवतिवल्लभचिरसुन्दरतरलायितं कृष्णचरणपङ्कजसुखदीप्तभजनभासितम् ॥ ५॥ वल्लवललनासुखमुखचुम्बनरतिविह्वलं चारुहसनपीतवसनमोहनशशिमण्डलम् । वन्यकुसुमनम्रसुषमसज्जितदमधारितं कृष्णचरणपङ्कजसुखदीप्तभजनभासितम् ॥ ६॥ प्रेमखचितकुञ्जसदनकेलिकुतुकनर्तनं यामुनतटमण्डलनटपाटवजलखेलनम् । लुब्धललितरासकलितकुङ्कुममृदुवासितं कृष्णचरणपङ्कजसुखदीप्तभजनभासितम् ॥ ७॥ प्रेमकरुणमूर्तितरुणपूर्तिसकलकारकं भक्तनयनचित्रितनवनाटकनटनायकम् ।…
|| देवैः कृतं श्रीकृष्णचैतन्यस्तोत्रम् || देवा ऊचुः । कुलिशध्वजपद्मगदाङ्कुशाभं चरणं तव नाथ महाभरणम् । रमणं मुनिभिर्विधिशम्भुयुतं प्रणमाम वयं भवभीतिहरम् ॥ २७॥ दरचक्रगदाम्बुजमानधरः सुरशत्रुकठोरशरीरहरः । सचराचरलोकभरश्चपलः खलनाशकरस्सुरकार्यकरः ॥ २८॥ नमस्ते शचीनन्दनानन्दकारिन्महापापसन्तापदुर्लापहारिन् । सुरारीन्निहत्याशु लोकाधिधारिन्स्वभक्त्याघजाताङ्गकोटिप्रहारिन् ॥ २९॥ त्वयाहं स्वरूपेण सत्यं प्रपाल्य त्वया यज्ञरूपेण वेदः प्ररक्ष्यः । स वै यज्ञरूपो भवाँल्लोकधारी शचीनन्दनः शक्रशर्मप्रसक्तः ॥ ३०॥ अनर्पितचरो चिरात्करुणयावतीर्णः कलौ…
|| श्रीकृष्णकवचम् || प्रणम्य देवं विप्रेशं प्रणम्य च सरस्वतीम् । प्रणम्य च मुनीन् सर्वान् सर्वशास्त्रविशारदान् ॥ १॥ श्रीकृष्णकवचं वक्ष्ये श्रीकीर्तिविजयप्रदम् । कान्तारे पथि दुर्गे च सदा रक्षाकरं नृणाम् ॥ २॥ स्मृत्वा नीलाम्बुदश्यामं नीलकुञ्चितकुन्तलम् । बर्हिपिञ्छलसन्मौलिं शरच्चन्द्रनिभाननम् ॥ ३॥ राजीवलोचनं राजद्वेणुना भूषिताधरम् । दीर्घपीनमहाबाहुं श्रीवत्साङ्कितवक्षसम् ॥ ४॥ भूभारहरणोद्युक्तं कृष्णं गीर्वाणवन्दितम् । निष्कलं देवदेवेशं नारदादिभिरर्चितम् ॥ ५॥…
|| श्री गोपाल चालीसा (Gopal Chalisa PDF Hindi) || ।। दोहा ।। श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल।। ।। चौपाई ।। जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला अवतारी। जो कोई तुम्हरी लीला गावै, बिन श्रम सकल पदारथ पावै। श्री वसुदेव देवकी माता, प्रकट भये संग…
|| Shree Kunj Bihari Ashtkam || Ya: stuyate shrutiganair Nipunairajasram, Sampujyate kratugatai: Pranatai: kriyabhi:. Tam sarvakarmaphaladam Nijasevakana:, Shri madd viharicharanam Sharanam prapadye॥ Yam manase sumatayo Vatayo nidhaya, Sadyo jahu: Sahrudaya hridayandhakaram। Tam chandramandalana Khavali-dipyamanam, Shri madd viharicharanam Sharanam prapadye॥ Yena kshanena Samakari vipadviyogo, Dhyana-spadam sugamitena Nutena vijnai:। Tam tapavaran Nivaran-sankushankam, Shri madd viharicharanam Sharanam prapadye॥…
|| श्री कुंज बिहारी अष्टकम || य: स्तूयते श्रुतिगणैर्निपुणैरजस्रं, सम्पूज्यते क्रतुगतै: प्रणतै: क्रियाभि:। तं सर्वकर्मफ़लदं निजसेवकानां, श्रीमद् विहारिचरणं शरणं प्रपद्ये॥ यं मानसे सुमतयो यतयो निधाय, सद्यो जहु: सहृदया हृदयान्धकारम्। तं चन्द्रमण्डल-नखावलि-दीप्यमानं, श्री मद् विहारिचरणं शरणं प्रपद्ये॥ येन क्षणेन समकारि विपद्वियोगो, ध्यानास्पदं सुगमितेन नुतेन विज्ञै:। तं तापवारण-निवारण-सांकुशांकं , श्री मद् विहारिचरणं शरणं प्रपद्ये॥ यस्मै विधाय विधिना…
|| श्री कुंजबिहारी अष्टक || यः स्तूयते श्रुतिगणैर्निपुणैरजस्रं, सम्पूज्यते क्रतुगतैः प्रणतैः क्रियाभिः। तं सर्वकर्मफलदं निजसेवकानां, श्रीमद् विहारिचरणं शरणं प्रपद्ये॥ यं मानसे सुमतयो यतयो निधाय, सद्यो जहुः सहृदयान्धकारम्। तं चन्द्रमण्डल-नखावलि-दीप्यमानं, श्री मद् विहारिचरणं शरणं प्रपद्ये॥ येन क्षणेन समकारि विपद्वियोगो, ध्यानास्पदं सुगमितेन नुतेन विज्ञैः। तं तापवारण-तनवारण-सांकुषांकं, श्री मद् विहारिचरणं शरणं प्रपद्ये॥ यस्मै विधाय विधिना विधिनारदाद्याः पूजां विवेकवरदां…
|| Shri Damodarastakam PDF || Namamiswaram Sach- chid-anand-roopam Lasat-kundalam Gokule Bharajamanam Yashoda-bhiyolukhalad Dhavamaanan Paraamrshtam Atyantato Druty Gopya ॥ Rudantan Muhur Netr- yugman Mrjantam Karaambhoj-yugmen Saatank-netram Muhuh Shvaas-kamp- trirekhaank-kanth Sthit-graivan Daamodaran Bhakti-baddham ॥ Iteedrk Sv-leelaabhir Aanand-kunde Sv-ghoshan Nimajjantam Aakhyaapayantam Tadeeyeshit-gyeshu Bhaktyer Jitatwan Punah Prematas Tan Shataavrtti Vande ॥ Varan Dev Mokshan Na Mokshaavadhin Va Na Chanyan…
|| Madan Mohan Ashtakam PDF || Jaya Sankhagadadhara Nilakalevara Pitapatambara Dehi Padam । Jaya Candanacarcita Kundalamandita Kaustubhasobhita Dehi Padam ॥ Jaya Pankajalocana Maravimohana Papavikhandana Dehi Padam । Jaya Venuninadaka Rasaviharaka Vankima Sundara Dehi Padam ॥ Jaya Dhiradhurandhara Adbhutasundara Daivatasevita Dehi Padam । Jaya Visvavimohana Manasamohana Samsthitikarana Dehi Padam ॥ Jaya Bhaktajanasraya Nityasukhalaya Antimabandhava Dehi Padam…
|| Shri Nandakumarashtakam PDF || Sundaragopalam Uravanamalam Nayanavishalam Duhkhaharam। Vrindavana-chandramanandakandam Paramanandam Dharanidhara Vallabhaghanashyamam Purnakamam Atyabhiramam Pritikaram। Bhaja Nandakumaram Sarvasukhasaram Tattvavicharam Brahmaparam॥ Sundaravarijavadanam Nirjitamadanam Anandasadanam Mukutadharam। Gunjakritiharam Vipinaviharam Paramodaram Chirahara Vallabhapatapitam Kritaupavitam Karanavanitam Vibudhavaram। Bhaja Nandakumaram Sarvasukhasaram Tattvavicharam Brahmaparam॥ Shobhitamukhadhulam Yamunakulam Nipata-atulam Sukhadataram। Mukhamanditarenunm Charitadhenum Vaditavenunm Madhurasura Vallabhamativimalam Shubhapadakamalam Nakharuchiamalam Timiraharam। Bhaja Nandakumaram Sarvasukhasaram Tattvavicharam Brahmaparam॥…
|| Shri Govindashtakam PDF || Satyam Jnanamanantam Nityamanakasham Paramakasham Goshtha-pranganaringana- lolamanayasam Paramayasam। Mayakalpita-nanakaramanakaram Bhuvanakaram Kshmama Nathamanatham Pranamata Govindam Paramanandam॥ Mritsnamatsiheti Yashodatadanashaishavasantrasam Vyaditavaktralokita- lokalokachaturdashlokalim। Lokatrayapuramulastambham Lokalokamanalokam Lokesham Paramesham Pranamata Govindam Paramanandam॥ Traivishtaparipuviraghnam Kshitibharaghnam Bhavarogaghnam Kaivalyam Navanitaharamanaharam Bhuvanaharam। Vaimalyasphutacheto- vrittivisheshabhasamanabhasam Shaivam Kevalashantam Pranamata Govindam Paramanandam॥ Gopalam Bhulilavigrahagopalam Kulagopalam Gopikhelana-govardhanadhriti- lilalalitagopalam। Gobhirnigadita-govindasphutanamanam Bahunamanam Gopigocharaduram Pranamata Govindam Paramanandam॥ Gopimandalagoshthibhedam…
||Bhaye Pragat Kripala Din Dayala || भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी । हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी ॥ लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा, निज आयुध भुजचारी । भूषन बनमाला, नयन बिसाला, सोभासिंधु खरारी ॥ कह दुइ कर जोरी, अस्तुति तोरी, केहि बिधि करूं अनंता । माया गुन ग्यानातीत अमाना, वेद पुरान भनंता ॥…
|| नवनीतकृष्णाष्टकम् || मन्दस्मितं मधुरकोमललास्थलीलं कन्दर्पकोटिकमनीयकिशोरमूर्तिम् । कुन्दस्फुरद्दशनकं कुटिलालकान्तं वन्देय नन्दतनयं नवनीतकृष्णम् ॥ १॥ नाट्यावलोकनकुतूहलिभिः प्रदिष्टं कोट्या करस्य नवनीतघनं दधानम् । शाट्या शिशोरुचितया शबलावलमं वीट्या लसन्मुखमिमो नवनीतकृष्णम् ॥ २॥ मञ्जीरमञ्जुचरणं मृदुलाङ्गुलीकं पुञ्जीभवन्मधुपपुष्कलपुष्पमालम् । कञ्जीभवन्नयनमाश्रितिदेहभाजां सञ्जीवनं नम मनो नवनीतकृष्णम् ॥ ३॥ पूरेण नीलमहसां परिपूर्णगात्रं हारेण मौक्तिकजुषा हृतसर्वचित्तम् । चोरेण मोहितमुनिं दधिकुण्डभाजा पारेगिरं स्तुहि मनो नवनीतकृष्णम् ॥…