Devi Ji Ki Aarti

|| Devi Ji Ki Aarti || Jagjanani Jai! Jai!! (Ma! Jagjanani Jai! Jai!!) । Bhayharini, Bhavtarini, Bhavbhamini Jai! Jai ॥ ॥ Jagjanani Jai Jai.. ॥ Tu Hi Sat-chit-sukhmay Shuddh Brahmaroopa । Satya Sanatan Sundar Par-shiv Sur-bhoopa ॥ ॥ Jagjanani Jai Jai.. ॥ Aadi Anaadi Anmay Avichal Avinashi । Amal Anant Agochar Aj Anandarashi ॥ ॥…

Aadinath Chalisa

|| Aadinath Chalisa || ॥ Doha ॥ Sheesh Nava Arihant Ko, Siddhan Ko, Karoon Pranam । Upadhyay Aachary Ka, Le Sukhkari Naam ॥ Sarv Sadhu Aur Saraswati, Jin Mandir Sukhkaar । Aadinath Bhagwan Ko, Man Mandir Mein Dhaar ॥ ॥ Chaupai ॥ Jai Jai Aadinath Jin Swami । Teenkaal Tihoon Jag Mein Naami ॥ Vesh…

Kaila Devi Chalisa

|| Kaila Devi Chalisa || ॥ Doha ॥ Jai Jai Kaila Maat Hey Tumhe Namau Math ॥ Sharan Padoon Mein Charan Mein Jodun Donon Hath ॥ Aap Jani Jaan Ho Main Mata Anjan ॥ Kshama Bhool Meri Karo Karoon Tera Gungan ॥ ॥ Chaupai ॥ Jai Jai Jai Kaila Maharani । Namo Namo Jagdamb Bhawani…

Banke Bihari Teri Aarti Gaun Aarti

|| Banke Bihari Teri Aarti Gaun Aarti || Shri Banke Bihari Teri Aarti Gaoon, Hey Giridhar Teri Aarti Gaoon । Aarti Gaoon Pyare Aapako Rijhaoon, Shyam Sundar Teri Aarti Gaoon । ॥ Shri Banke Bihari Teri Aarti Gaoon..॥ Mor Mukut Pyare Sheesh Pe Sohe, Pyari Bansi Mero Man Mohe । Dekh Chhavi Balihari Main Jaoon…

Kuber Aarti

|| Kuber Aarti || Om Jai Yaksh Kuber Hare, Swami Jai Yaksh Kuber Hare। Sharan Pade Bhagato Ke, Bhandar kuber Bhare॥ ॥ Om Jai Yaksh Kuber Hare…॥ Shiv Bhakto Me Bhakt Kuber Bade, Swami Bhakta Kuber Bade । Daitya Danav Manav Se, Kai-Kai Yuddh Lade ॥ ॥ Om Jai Yaksh Kuber Hare…॥ Swarn Sinhasan Baithe,…

ॐ जय जगदीश हरे

|| ॐ जय जगदीश हरे || ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे भक्त जनों के सङ्कट, दास जनों के सङ्कट, क्षण में दूर करे, ॐ जय जगदीश हरे ॥ 1 ॥ जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का स्वामी दुख बिनसे मन का सुख सम्मति घर आवे, सुख सम्मति घर आवे, कष्ट…

ఆరతీ కుంజబిహారీ కీ

|| ఆరతీ కుంజబిహారీ కీ || ఆరతీ కుంజబిహారీ కీ శ్రీ గిరిధర కృష్ణమురారీ కీ ఆరతీ కుంజబిహారీ కీ శ్రీ గిరిధర కృష్ణమురారీ కీ ఆరతీ కుంజబిహారీ కీ శ్రీ గిరిధర కృష్ణమురారీ కీ ఆరతీ కుంజబిహారీ కీ శ్రీ గిరిధర కృష్ణమురారీ కీ గలే మేం బైజంతీ మాలా బజావై మురలీ మధుర బాలా శ్రవణ మేం కుణ్డల ఝలకాలా నంద కే ఆనంద నందలాలా గగన సమ అంగ కాంతి కాలీ రాధికా…

ಆರತೀ ಕುಂಜ ಬಿಹಾರೀ ಕೆ

|| ಆರತೀ ಕುಂಜ ಬಿಹಾರೀ ಕೆ || ಆರತೀ ಕುಂಜಬಿಹಾರೀ ಕೆ ಶ್ರೀ ಗಿರಿಧರ ಕೃಷ್ಣಮುರಾರಿ ಕೆ ಆರತೀ ಕುಂಜಬಿಹಾರೀ ಕೆ ಶ್ರೀ ಗಿರಿಧರ ಕೃಷ್ಣಮುರಾರಿ ಕೆ ಆರತೀ ಕುಂಜಬಿಹಾರೀ ಕೆ ಶ್ರೀ ಗಿರಿಧರ ಕೃಷ್ಣಮುರಾರಿ ಕೆ ಆರತೀ ಕುಂಜಬಿಹಾರೀ ಕೆ ಶ್ರೀ ಗಿರಿಧರ ಕೃಷ್ಣಮುರಾರಿ ಕೆ ಗೇಲೆ ಮೇಂ ಬೈಜಂತೀ ಮಾಲಾ ಬಜಾವೇಈ ಮುರಲೀ ಮಧುರ ಬಾಲಾ ಶ್ರವಣ ಮೇಂ ಕುಂಡಲ ಝಲ್ಕಲಾ ನಂದ ಕೆ ಆನಂದ ನಂದಲಾಲಾ ಗಗನ ಸಮ ಅಂಗ ಕಾಂತಿ ಕಾಲಿ…

मन में बसाकर तेरी मूर्ति: आरती

|| मन में बसाकर तेरी मूर्ति: आरती || मन में बसाकर तेरी मूर्ति, उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥ मन में बसाकर तेरी मूर्ति, उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥ करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन, भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन, करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन, भव में फसी…

श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव

|| श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव || सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची । नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची । सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची । कंठी झलके माल मुकताफळांची । जय देव जय देव.. जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति । दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति जय देव जय देव ॥ रत्नखचित फरा…

श्री चित्रगुप्त आरती

|| श्री चित्रगुप्त आरती || भगवान श्री चित्रगुप्त जी की आरती ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामीजय चित्रगुप्त हरे । भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तनसुखदायी । भक्तों के प्रतिपालक, त्रिभुवनयश छायी ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे…॥ रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत, पीताम्बरराजै । मातु इरावती, दक्षिणा, वामअंग साजै ॥ ॐ जय चित्रगुप्त…

आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन – भोग आरती

|| आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन – भोग आरती || आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… दुर्योधन को मेवा त्यागो, साग विदुर घर खायो प्यारे मोहन, आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… भिलनी के बैर सुदामा के तंडुल रूचि रूचि भोग लगाओ प्यारे मोहन… आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… वृदावन की कुञ्ज गली मे, आओं रास रचाओ…

श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा

 || श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा || ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा । पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥ तुहिंजे दर दे केई, सजण अचनि सवाली । दान वठन सभु दिलि, सां कोन दिठुभ खाली ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा…॥ अंधड़नि खे दिनव, अखडियूँ – दुखियनि खे…

અનામય સ્તોત્રમ્

|| અનામય સ્તોત્રમ્ || તૃષ્ણાતન્ત્રે મનસિ તમસા દુર્દિને બન્ધુવર્તી માદૃગ્જન્તુઃ કથમધિકરોત્યૈશ્વરં જ્યોતિરગ્ર્યમ્ . વાચઃ સ્ફીતા ભગવતિ હરેસ્સન્નિકૃષ્ટાત્મરૂપા- સ્સ્તુત્યાત્માનસ્સ્વયમિવમુખાદસ્ય મે નિષ્પતન્તિ .. વેધા વિષ્ણુર્વરુણધનદૌ વાસવો જીવિતેશ- શ્ચન્દ્રાદિત્યે વસવ ઇતિ યા દેવતા ભિન્નકક્ષ્યા . મન્યે તાસામપિ ન ભજતે ભારતી તે સ્વરૂપં સ્થૂલે ત્વંશે સ્પૃશતિ સદૃશં તત્પુનર્માદૃશોઽપિ .. તન્નસ્થાણોસ્સ્તુતિરતિભરા ભક્તિરુચ્ચૈર્મુખી ચેદ્ ગ્રામ્યસ્તોતા ભવતિ પુરુષઃ કશ્ચિદારણ્યકો વા . નો…

ଅନାମୟ ସ୍ତୋତ୍ରମ୍

|| ଅନାମୟ ସ୍ତୋତ୍ରମ୍ || ତୃଷ୍ଣାତନ୍ତ୍ରେ ମନସି ତମସା ଦୁର୍ଦିନେ ବନ୍ଧୁବର୍ତୀ ମାଦୃଗ୍ଜନ୍ତୁଃ କଥମଧିକରୋତ୍ୟୈଶ୍ୱରଂ ଜ୍ୟୋତିରଗ୍ର୍ୟମ୍ । ବାଚଃ ସ୍ଫୀତା ଭଗବତି ହରେସ୍ସନ୍ନିକୃଷ୍ଟାତ୍ମରୂପା- ସ୍ସ୍ତୁତ୍ୟାତ୍ମାନସ୍ସ୍ୱୟମିବମୁଖାଦସ୍ୟ ମେ ନିଷ୍ପତନ୍ତି ॥ ବେଧା ବିଷ୍ଣୁର୍ୱରୁଣଧନଦୌ ବାସବୋ ଜୀବିତେଶ- ଶ୍ଚନ୍ଦ୍ରାଦିତ୍ୟେ ବସବ ଇତି ଯା ଦେବତା ଭିନ୍ନକକ୍ଷ୍ୟା । ମନ୍ୟେ ତାସାମପି ନ ଭଜତେ ଭାରତୀ ତେ ସ୍ୱରୂପଂ ସ୍ଥୂଲେ ତ୍ୱଂଶେ ସ୍ପୃଶତି ସଦୃଶଂ ତତ୍ପୁନର୍ମାଦୃଶୋଽପି ॥ ତନ୍ନସ୍ଥାଣୋସ୍ସ୍ତୁତିରତିଭରା ଭକ୍ତିରୁଚ୍ଚୈର୍ମୁଖୀ ଚେଦ୍ ଗ୍ରାମ୍ୟସ୍ତୋତା ଭବତି ପୁରୁଷଃ କଶ୍ଚିଦାରଣ୍ୟକୋ ବା । ନୋ…

அநாமய ஸ்தோத்ரம்

|| அநாமய ஸ்தோத்ரம் || த்ருʼஷ்ணாதந்த்ரே மனஸி தமஸா து³ர்தி³னே ப³ந்து⁴வர்தீ மாத்³ருʼக்³ஜந்து꞉ கத²மதி⁴கரோத்யைஶ்வரம்ʼ ஜ்யோதிரக்³ர்யம் . வாச꞉ ஸ்பீ²தா ப⁴க³வதி ஹரேஸ்ஸன்னிக்ருʼஷ்டாத்மரூபா- ஸ்ஸ்துத்யாத்மானஸ்ஸ்வயமிவமுகா²த³ஸ்ய மே நிஷ்பதந்தி .. வேதா⁴ விஷ்ணுர்வருணத⁴னதௌ³ வாஸவோ ஜீவிதேஶ- ஶ்சந்த்³ராதி³த்யே வஸவ இதி யா தே³வதா பி⁴ன்னகக்ஷ்யா . மன்யே தாஸாமபி ந ப⁴ஜதே பா⁴ரதீ தே ஸ்வரூபம்ʼ ஸ்தூ²லே த்வம்ʼஶே ஸ்ப்ருʼஶதி ஸத்³ருʼஶம்ʼ தத்புனர்மாத்³ருʼஶோ(அ)பி .. தன்னஸ்தா²ணோஸ்ஸ்துதிரதிப⁴ரா ப⁴க்திருச்சைர்முகீ² சேத்³ க்³ராம்யஸ்தோதா ப⁴வதி புருஷ꞉ கஶ்சிதா³ரண்யகோ வா . நோ…

অনাময় স্তোত্ৰম্

|| অনাময় স্তোত্ৰম্ || তৃষ্ণাতন্ত্ৰে মনসি তমসা দুৰ্দিনে বন্ধুৱৰ্তী মাদৃগ্জন্তুঃ কথমধিকৰোত্যৈশ্ৱৰং জ্যোতিৰগ্ৰ্যম্ । ৱাচঃ স্ফীতা ভগৱতি হৰেস্সন্নিকৃষ্টাত্মৰূপা- স্স্তুত্যাত্মানস্স্ৱয়মিৱমুখাদস্য মে নিষ্পতন্তি ॥ ৱেধা ৱিষ্ণুৰ্ৱৰুণধনদৌ ৱাসৱো জীৱিতেশ- শ্চন্দ্ৰাদিত্যে ৱসৱ ইতি যা দেৱতা ভিন্নকক্ষ্যা । মন্যে তাসামপি ন ভজতে ভাৰতী তে স্ৱৰূপং স্থূলে ত্ৱংশে স্পৃশতি সদৃশং তৎপুনৰ্মাদৃশোঽপি ॥ তন্নস্থাণোস্স্তুতিৰতিভৰা ভক্তিৰুচ্চৈৰ্মুখী চেদ্ গ্ৰাম্যস্তোতা ভৱতি পুৰুষঃ কশ্চিদাৰণ্যকো ৱা । নো…

అనామయ స్తోత్రం

|| అనామయ స్తోత్రం || తృష్ణాతంత్రే మనసి తమసా దుర్దినే బంధువర్తీ మాదృగ్జంతుః కథమధికరోత్యైశ్వరం జ్యోతిరగ్ర్యం . వాచః స్ఫీతా భగవతి హరేస్సన్నికృష్టాత్మరూపా- స్స్తుత్యాత్మానస్స్వయమివముఖాదస్య మే నిష్పతంతి .. వేధా విష్ణుర్వరుణధనదౌ వాసవో జీవితేశ- శ్చంద్రాదిత్యే వసవ ఇతి యా దేవతా భిన్నకక్ష్యా . మన్యే తాసామపి న భజతే భారతీ తే స్వరూపం స్థూలే త్వంశే స్పృశతి సదృశం తత్పునర్మాదృశోఽపి .. తన్నస్థాణోస్స్తుతిరతిభరా భక్తిరుచ్చైర్ముఖీ చేద్ గ్రామ్యస్తోతా భవతి పురుషః కశ్చిదారణ్యకో వా . నో…

অনাময় স্তোত্রম্

|| অনাময় স্তোত্রম্ || তৃষ্ণাতন্ত্রে মনসি তমসা দুর্দিনে বন্ধুবর্তী মাদৃগ্জন্তুঃ কথমধিকরোত্যৈশ্বরং জ্যোতিরগ্র্যম্ । বাচঃ স্ফীতা ভগবতি হরেস্সন্নিকৃষ্টাত্মরূপা- স্স্তুত্যাত্মানস্স্বয়মিবমুখাদস্য মে নিষ্পতন্তি ॥ বেধা বিষ্ণুর্বরুণধনদৌ বাসবো জীবিতেশ- শ্চন্দ্রাদিত্যে বসব ইতি যা দেবতা ভিন্নকক্ষ্যা । মন্যে তাসামপি ন ভজতে ভারতী তে স্বরূপং স্থূলে ত্বংশে স্পৃশতি সদৃশং তৎপুনর্মাদৃশোঽপি ॥ তন্নস্থাণোস্স্তুতিরতিভরা ভক্তিরুচ্চৈর্মুখী চেদ্ গ্রাম্যস্তোতা ভবতি পুরুষঃ কশ্চিদারণ্যকো বা । নো…

ಅನಾಮಯ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ಅನಾಮಯ ಸ್ತೋತ್ರಂ || ತೃಷ್ಣಾತಂತ್ರೇ ಮನಸಿ ತಮಸಾ ದುರ್ದಿನೇ ಬಂಧುವರ್ತೀ ಮಾದೃಗ್ಜಂತುಃ ಕಥಮಧಿಕರೋತ್ಯೈಶ್ವರಂ ಜ್ಯೋತಿರಗ್ರ್ಯಂ . ವಾಚಃ ಸ್ಫೀತಾ ಭಗವತಿ ಹರೇಸ್ಸನ್ನಿಕೃಷ್ಟಾತ್ಮರೂಪಾ- ಸ್ಸ್ತುತ್ಯಾತ್ಮಾನಸ್ಸ್ವಯಮಿವಮುಖಾದಸ್ಯ ಮೇ ನಿಷ್ಪತಂತಿ .. ವೇಧಾ ವಿಷ್ಣುರ್ವರುಣಧನದೌ ವಾಸವೋ ಜೀವಿತೇಶ- ಶ್ಚಂದ್ರಾದಿತ್ಯೇ ವಸವ ಇತಿ ಯಾ ದೇವತಾ ಭಿನ್ನಕಕ್ಷ್ಯಾ . ಮನ್ಯೇ ತಾಸಾಮಪಿ ನ ಭಜತೇ ಭಾರತೀ ತೇ ಸ್ವರೂಪಂ ಸ್ಥೂಲೇ ತ್ವಂಶೇ ಸ್ಪೃಶತಿ ಸದೃಶಂ ತತ್ಪುನರ್ಮಾದೃಶೋಽಪಿ .. ತನ್ನಸ್ಥಾಣೋಸ್ಸ್ತುತಿರತಿಭರಾ ಭಕ್ತಿರುಚ್ಚೈರ್ಮುಖೀ ಚೇದ್ ಗ್ರಾಮ್ಯಸ್ತೋತಾ ಭವತಿ ಪುರುಷಃ ಕಶ್ಚಿದಾರಣ್ಯಕೋ ವಾ . ನೋ…

ਅਨਾਮਯ ਸ੍ਤੋਤ੍ਰਮ੍

|| ਅਨਾਮਯ ਸ੍ਤੋਤ੍ਰਮ੍ || ਤ੍ਰੁਸ਼਼੍ਣਾਤਨ੍ਤ੍ਰੇ ਮਨਸਿ ਤਮਸਾ ਦੁਰ੍ਦਿਨੇ ਬਨ੍ਧੁਵਰ੍ਤੀ ਮਾਦ੍ਰੁਗ੍ਜਨ੍ਤੁਃ ਕਥਮਧਿਕਰੋਤ੍ਯੈਸ਼੍ਵਰੰ ਜ੍ਯੋਤਿਰਗ੍ਰ੍ਯਮ੍ । ਵਾਚਃ ਸ੍ਫੀਤਾ ਭਗਵਤਿ ਹਰੇੱਸੰਨਿਕ੍ਰੁਸ਼਼੍ਟਾਤ੍ਮਰੂਪਾ- ੱਸ੍ਤੁਤ੍ਯਾਤ੍ਮਾਨੱਸ੍ਵਯਮਿਵਮੁਖਾਦਸ੍ਯ ਮੇ ਨਿਸ਼਼੍ਪਤਨ੍ਤਿ ॥ ਵੇਧਾ ਵਿਸ਼਼੍ਣੁਰ੍ਵਰੁਣਧਨਦੌ ਵਾਸਵੋ ਜੀਵਿਤੇਸ਼- ਸ਼੍ਚਨ੍ਦ੍ਰਾਦਿਤ੍ਯੇ ਵਸਵ ਇਤਿ ਯਾ ਦੇਵਤਾ ਭਿੰਨਕਕ੍ਸ਼਼੍ਯਾ । ਮਨ੍ਯੇ ਤਾਸਾਮਪਿ ਨ ਭਜਤੇ ਭਾਰਤੀ ਤੇ ਸ੍ਵਰੂਪੰ ਸ੍ਥੂਲੇ ਤ੍ਵੰਸ਼ੇ ਸ੍ਪ੍ਰੁਸ਼ਤਿ ਸਦ੍ਰੁਸ਼ੰ ਤਤ੍ਪੁਨਰ੍ਮਾਦ੍ਰੁਸ਼ੋ(ਅ)ਪਿ ॥ ਤੰਨਸ੍ਥਾਣੋੱਸ੍ਤੁਤਿਰਤਿਭਰਾ ਭਕ੍ਤਿਰੁੱਚੈਰ੍ਮੁਖੀ ਚੇਦ੍ ਗ੍ਰਾਮ੍ਯਸ੍ਤੋਤਾ ਭਵਤਿ ਪੁਰੁਸ਼਼ਃ ਕਸ਼੍ਚਿਦਾਰਣ੍ਯਕੋ ਵਾ । ਨੋ…

श्री गोवर्धन महाराज आरती

|| श्री गोवर्धन महाराज आरती || श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ। ॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥ तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार। ॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥ तेरे गले में कंठा साज रेहेओ, ठोड़ी पे हीरा लाल। ॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥ तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ, तेरी…

श्री रामायण जी आरती

|| श्री रामायण जी आरती || आरती श्री रामायण जी की । कीरति कलित ललित सिय पी की ॥ गावत ब्रहमादिक मुनि नारद । बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ॥ शुक सनकादिक शेष अरु शारद । बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥ ॥ आरती श्री रामायण जी की..॥ गावत बेद पुरान अष्टदस । छओं शास्त्र सब ग्रंथन को…

श्री भागवत भगवान की है आरती

|| श्री भागवत भगवान की है आरती || श्री भगवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती। ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जलाने वाला। हरि नाम यही हरि धाम यही, यही जग मंगल की आरती पापियों को पाप से है तारती॥ ॥ श्री भगवत भगवान…

संकटा माता आरती

|| संकटा माता आरती || जय जय संकटा भवानी, करहूं आरती तेरी । शरण पड़ी हूँ तेरी माता, अरज सुनहूं अब मेरी ॥ जय जय संकटा भवानी..॥ नहिं कोउ तुम समान जग दाता, सुर-नर-मुनि सब टेरी । कष्ट निवारण करहु हमारा, लावहु तनिक न देरी ॥ जय जय संकटा भवानी..॥ काम-क्रोध अरु लोभन के वश…

आरती: श्री राणी सती दादी जी

|| आरती: श्री राणी सती दादी जी || ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता । अपने भक्त जनन की, दूर करन विपत्ती ॥ ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता ॥ अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत, मंडितचहुँक कुंभा । दुर्जन दलन खडग की, विद्युतसम प्रतिभा ॥ ॐ…

आरती: माँ महाकाली

|| आरती: माँ महाकाली || जय काली माता, माँ जय महा काली माँ। रतबीजा वध कारिणी माता। सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥ दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि। मधु और कैितभा नासिनी माता। महेशासुर मारदिनी, ओ माता जय महा काली माँ॥ हे हीमा गिरिकी नंदिनी प्रकृति रचा इत्ठि। काल विनासिनी…

अन्नपूर्णा आरती

|| अन्नपूर्णा आरती || बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम । सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया…

आरती: ॐ जय महावीर प्रभु

|| आरती: ॐ जय महावीर प्रभु || ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर प्रभु । कुण्डलपुर अवतारी, चांदनपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभु ॥ सिध्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी । बाल ब्रह्मचारी व्रत, पाल्यो तप धारी ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥ आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी । माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॥…

ओम जय कैला रानी – कैला माता आरती

|| ओम जय कैला रानी – कैला माता आरती || ॐ जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी । ज्योति अखंड दिये माँ तुम सब जगजानी ॥ तुम हो शक्ति भवानी मन वांछित फल दाता ॥ मैया मन वांछित फल दाता ॥ अद्भुत रूप अलौकिक सदानन्द माता ॥ ॐ जय कैला रानी। गिरि त्रिकूट पर…

श्री जगन्नाथ संध्या आरती

|| श्री जगन्नाथ संध्या आरती || अनंत रूप अन्नांत नाम अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्ववयापका नारायाणा विस्ववयापका नारायाणा विस्वा तेजसा प्रज्ञा स्वरूपा विस्वा…

भगवद्‍ गीता आरती

|| भगवद्‍ गीता आरती || जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते । हरि-हिय-कमल-विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि, कामासक्तिहरा । तत्त्वज्ञान-विकाशिनि, विद्या ब्रह्म परा ॥ जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि, निर्मल मलहारी । शरण-सहस्य-प्रदायिनि, सब विधि सुखकारी ॥ जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणि, कारिणि मोद सदा । भव-भय-हारिणि, तारिणि परमानन्दप्रदा ॥ जय भगवद् गीते…॥ आसुर-भाव-विनाशिनि, नाशिनि तम रजनी…

बाबा गोरखनाथ आरती

|| बाबा गोरखनाथ आरती || जय गोरख देवा, जय गोरख देवा । कर कृपा मम ऊपर, नित्य करूँ सेवा ॥ शीश जटा अति सुंदर, भाल चन्द्र सोहे । कानन कुंडल झलकत, निरखत मन मोहे ॥ गल सेली विच नाग सुशोभित, तन भस्मी धारी । आदि पुरुष योगीश्वर, संतन हितकारी ॥ नाथ नरंजन आप ही, घट…

नर्मदा आरती

|| नर्मदा आरती || ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी । ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हर‍ि शंकर, रुद्रौ पालन्ती ॥ ॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥ देवी नारद सारद तुम वरदायक, अभिनव पदण्डी । सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि… शारद पदवाचन्ती । ॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥ देवी धूमक वाहन राजत, वीणा वाद्यन्ती।…

तुकाराम आरती

|| तुकाराम आरती || आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम ॥ सच्चिदानंद मूर्ती । पाय दाखवी आम्हा ॥ आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम ॥ सच्चिदानंद मूर्ती । पाय दाखवी आम्हा ॥ राघवे सागरात । पाषाण तारीले ॥ तैसे हें तुकोबाचे । अभंग उदकी रक्षिले ॥ आरती तुकाराम ॥ आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम…

श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती

|| श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती || चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँ जन को तारो भोली माँ, काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥ ॥ भोली माँ ॥ सिन्हा पर भाई असवार, भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥ ॥ भोली माँ ॥ एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा, तीजे त्रिशूल सम्भालो…

माँ कालरात्रि की आरती

|| माँ कालरात्रि की आरती || कालरात्रि जय-जय-महाकाली । काल के मुह से बचाने वाली ॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा । महाचंडी तेरा अवतार ॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा । महाकाली है तेरा पसारा ॥ खडग खप्पर रखने वाली । दुष्टों का लहू चखने वाली ॥ कलकत्ता स्थान तुम्हारा । सब जगह देखूं तेरा…

जगन्नाथ मंगल आरती

|| जगन्नाथ मंगल आरती || आरती श्री जगन्नाथ आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, मंगलकारी नाथ आपादा हरि, कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी, अगर कपूर बाटी भव से धारी, आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, घर घरन बजता बाजे बंसुरी, घर घरन बजता बाजे बंसुरी, झांझ या मृदंग…

भारत माता की आरती

|| भारत माता की आरती || आरती भारत माता की, जगत के भाग्य विधाता की । आरती भारत माता की, ज़गत के भाग्य विधाता की । सिर पर हिम गिरिवर सोहै, चरण को रत्नाकर धोए, देवता गोदी में सोए, रहे आनंद, हुए न द्वन्द, समर्पित छंद, बोलो जय बुद्धिप्रदाता की, जगत के भाग्य विधाता की…

సర్వ దేవతా గాయత్రీ మంత్రాః

|| సర్వ దేవతా గాయత్రీ మంత్రాః || శివ గాయత్రీ మంత్రః ఓం తత్పురు॑షాయ వి॒ద్మహే॑ మహాదే॒వాయ॑ ధీమహి । తన్నో॑ రుద్రః ప్రచో॒దయా᳚త్ ॥ గణపతి గాయత్రీ మంత్రః ఓం తత్పురు॑షాయ వి॒ద్మహే॑ వక్రతుం॒డాయ॑ ధీమహి । తన్నో॑ దంతిః ప్రచో॒దయా᳚త్ ॥ నంది గాయత్రీ మంత్రః ఓం తత్పురు॑షాయ వి॒ద్మహే॑ చక్రతుం॒డాయ॑ ధీమహి । తన్నో॑ నందిః ప్రచో॒దయా᳚త్ ॥ సుబ్రహ్మణ్య గాయత్రీ మంత్రః ఓం తత్పురు॑షాయ వి॒ద్మహే॑ మహాసే॒నాయ॑ ధీమహి । తన్నః…

సుబ్రహ్మణ్య అపరాధ క్షమాపణ స్తోత్రం

|| సుబ్రహ్మణ్య అపరాధ క్షమాపణ స్తోత్రం || నమస్తే నమస్తే గుహ తారకారే నమస్తే నమస్తే గుహ శక్తిపాణే । నమస్తే నమస్తే గుహ దివ్యమూర్తే క్షమస్వ క్షమస్వ సమస్తాపరాధమ్ ॥ 1 ॥ నమస్తే నమస్తే గుహ దానవారే నమస్తే నమస్తే గుహ చారుమూర్తే । నమస్తే నమస్తే గుహ పుణ్యమూర్తే క్షమస్వ క్షమస్వ సమస్తాపరాధమ్ ॥ 2 ॥ నమస్తే నమస్తే మహేశాత్మపుత్ర నమస్తే నమస్తే మయూరాసనస్థ । నమస్తే నమస్తే సరోర్భూత దేవ…

ਸੁਬ੍ਰਹ੍ਮਣ੍ਯ ਅਪਰਾਧ ਕ੍ਸ਼ਮਾਪਣ ਸ੍ਤੋਤ੍ਰਮ੍

|| ਸੁਬ੍ਰਹ੍ਮਣ੍ਯ ਅਪਰਾਧ ਕ੍ਸ਼ਮਾਪਣ ਸ੍ਤੋਤ੍ਰਮ੍ || ਨਮਸ੍ਤੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਗੁਹ ਤਾਰਕਾਰੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਗੁਹ ਸ਼ਕ੍ਤਿਪਾਣੇ । ਨਮਸ੍ਤੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਗੁਹ ਦਿਵ੍ਯਮੂਰ੍ਤੇ ਕ੍ਸ਼ਮਸ੍ਵ ਕ੍ਸ਼ਮਸ੍ਵ ਸਮਸ੍ਤਾਪਰਾਧਮ੍ ॥ 1 ॥ ਨਮਸ੍ਤੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਗੁਹ ਦਾਨਵਾਰੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਗੁਹ ਚਾਰੁਮੂਰ੍ਤੇ । ਨਮਸ੍ਤੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਗੁਹ ਪੁਣ੍ਯਮੂਰ੍ਤੇ ਕ੍ਸ਼ਮਸ੍ਵ ਕ੍ਸ਼ਮਸ੍ਵ ਸਮਸ੍ਤਾਪਰਾਧਮ੍ ॥ 2 ॥ ਨਮਸ੍ਤੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਮਹੇਸ਼ਾਤ੍ਮਪੁਤ੍ਰ ਨਮਸ੍ਤੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਮਯੂਰਾਸਨਸ੍ਥ । ਨਮਸ੍ਤੇ ਨਮਸ੍ਤੇ ਸਰੋਰ੍ਭੂਤ ਦੇਵ…

ସୁବ୍ରହ୍ମଣ୍ୟ ଅପରାଧ କ୍ଷମାପଣ ସ୍ତୋତ୍ରମ୍

|| ସୁବ୍ରହ୍ମଣ୍ୟ ଅପରାଧ କ୍ଷମାପଣ ସ୍ତୋତ୍ରମ୍ || ନମସ୍ତେ ନମସ୍ତେ ଗୁହ ତାରକାରେ ନମସ୍ତେ ନମସ୍ତେ ଗୁହ ଶକ୍ତିପାଣେ । ନମସ୍ତେ ନମସ୍ତେ ଗୁହ ଦିଵ୍ୟମୂର୍ତେ କ୍ଷମସ୍ଵ କ୍ଷମସ୍ଵ ସମସ୍ତାପରାଧମ୍ ॥ 1 ॥ ନମସ୍ତେ ନମସ୍ତେ ଗୁହ ଦାନଵାରେ ନମସ୍ତେ ନମସ୍ତେ ଗୁହ ଚାରୁମୂର୍ତେ । ନମସ୍ତେ ନମସ୍ତେ ଗୁହ ପୁଣ୍ୟମୂର୍ତେ କ୍ଷମସ୍ଵ କ୍ଷମସ୍ଵ ସମସ୍ତାପରାଧମ୍ ॥ 2 ॥ ନମସ୍ତେ ନମସ୍ତେ ମହେଶାତ୍ମପୁତ୍ର ନମସ୍ତେ ନମସ୍ତେ ମୟୂରାସନସ୍ଥ । ନମସ୍ତେ ନମସ୍ତେ ସରୋର୍ଭୂତ ଦେଵ…

सुब्रह्मण्य अपराध क्षमापण स्तोत्रम्

|| सुब्रह्मण्य अपराध क्षमापण स्तोत्रम् || नमस्ते नमस्ते गुह तारकारे नमस्ते नमस्ते गुह शक्तिपाणे । नमस्ते नमस्ते गुह दिव्यमूर्ते क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 1 ॥ नमस्ते नमस्ते गुह दानवारे नमस्ते नमस्ते गुह चारुमूर्ते । नमस्ते नमस्ते गुह पुण्यमूर्ते क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 2 ॥ नमस्ते नमस्ते महेशात्मपुत्र नमस्ते नमस्ते मयूरासनस्थ । नमस्ते नमस्ते सरोर्भूत देव…

സുബ്രഹ്മണ്യ അപരാധ ക്ഷമാപണ സ്തോത്രമ്

|| സുബ്രഹ്മണ്യ അപരാധ ക്ഷമാപണ സ്തോത്രമ് || നമസ്തേ നമസ്തേ ഗുഹ താരകാരേ നമസ്തേ നമസ്തേ ഗുഹ ശക്തിപാണേ । നമസ്തേ നമസ്തേ ഗുഹ ദിവ്യമൂര്തേ ക്ഷമസ്വ ക്ഷമസ്വ സമസ്താപരാധമ് ॥ 1 ॥ നമസ്തേ നമസ്തേ ഗുഹ ദാനവാരേ നമസ്തേ നമസ്തേ ഗുഹ ചാരുമൂര്തേ । നമസ്തേ നമസ്തേ ഗുഹ പുണ്യമൂര്തേ ക്ഷമസ്വ ക്ഷമസ്വ സമസ്താപരാധമ് ॥ 2 ॥ നമസ്തേ നമസ്തേ മഹേശാത്മപുത്ര നമസ്തേ നമസ്തേ മയൂരാസനസ്ഥ । നമസ്തേ നമസ്തേ സരോര്ഭൂത ദേവ…

सुब्रह्मण्य अपराध क्षमापण स्तोत्रम्

|| सुब्रह्मण्य अपराध क्षमापण स्तोत्रम् || नमस्ते नमस्ते गुह तारकारे नमस्ते नमस्ते गुह शक्तिपाणे । नमस्ते नमस्ते गुह दिव्यमूर्ते क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 1 ॥ नमस्ते नमस्ते गुह दानवारे नमस्ते नमस्ते गुह चारुमूर्ते । नमस्ते नमस्ते गुह पुण्यमूर्ते क्षमस्व क्षमस्व समस्तापराधम् ॥ 2 ॥ नमस्ते नमस्ते महेशात्मपुत्र नमस्ते नमस्ते मयूरासनस्थ । नमस्ते नमस्ते सरोर्भूत देव…

ಸುಬ್ರಹ್ಮಣ್ಯ ಅಪರಾಧ ಕ್ಷಮಾಪಣ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ಸುಬ್ರಹ್ಮಣ್ಯ ಅಪರಾಧ ಕ್ಷಮಾಪಣ ಸ್ತೋತ್ರಂ || ನಮಸ್ತೇ ನಮಸ್ತೇ ಗುಹ ತಾರಕಾರೇ ನಮಸ್ತೇ ನಮಸ್ತೇ ಗುಹ ಶಕ್ತಿಪಾಣೇ । ನಮಸ್ತೇ ನಮಸ್ತೇ ಗುಹ ದಿವ್ಯಮೂರ್ತೇ ಕ್ಷಮಸ್ವ ಕ್ಷಮಸ್ವ ಸಮಸ್ತಾಪರಾಧಮ್ ॥ 1 ॥ ನಮಸ್ತೇ ನಮಸ್ತೇ ಗುಹ ದಾನವಾರೇ ನಮಸ್ತೇ ನಮಸ್ತೇ ಗುಹ ಚಾರುಮೂರ್ತೇ । ನಮಸ್ತೇ ನಮಸ್ತೇ ಗುಹ ಪುಣ್ಯಮೂರ್ತೇ ಕ್ಷಮಸ್ವ ಕ್ಷಮಸ್ವ ಸಮಸ್ತಾಪರಾಧಮ್ ॥ 2 ॥ ನಮಸ್ತೇ ನಮಸ್ತೇ ಮಹೇಶಾತ್ಮಪುತ್ರ ನಮಸ್ತೇ ನಮಸ್ತೇ ಮಯೂರಾಸನಸ್ಥ । ನಮಸ್ತೇ ನಮಸ್ತೇ ಸರೋರ್ಭೂತ ದೇವ…

સુબ્રહ્મણ્ય અપરાધ ક્ષમાપણ સ્તોત્રમ્

|| સુબ્રહ્મણ્ય અપરાધ ક્ષમાપણ સ્તોત્રમ્ || નમસ્તે નમસ્તે ગુહ તારકારે નમસ્તે નમસ્તે ગુહ શક્તિપાણે । નમસ્તે નમસ્તે ગુહ દિવ્યમૂર્તે ક્ષમસ્વ ક્ષમસ્વ સમસ્તાપરાધમ્ ॥ 1 ॥ નમસ્તે નમસ્તે ગુહ દાનવારે નમસ્તે નમસ્તે ગુહ ચારુમૂર્તે । નમસ્તે નમસ્તે ગુહ પુણ્યમૂર્તે ક્ષમસ્વ ક્ષમસ્વ સમસ્તાપરાધમ્ ॥ 2 ॥ નમસ્તે નમસ્તે મહેશાત્મપુત્ર નમસ્તે નમસ્તે મયૂરાસનસ્થ । નમસ્તે નમસ્તે સરોર્ભૂત દેવ…