श्री गोरखनाथ चालीसा

॥ दोहा ॥ गणपति गिरजा पुत्र को, सुमिरूँ बारम्बार । हाथ जोड़ बिनती करूँ, शारद नाम आधार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय गोरख नाथ अविनासी । कृपा करो गुरु देव प्रकाशी ॥ जय जय जय गोरख गुण ज्ञानी । इच्छा रुप योगी वरदानी ॥ अलख निरंजन तुम्हरो नामा । सदा करो भक्तन हित कामा…