സീതാപതി പഞ്ചക സ്തോത്രം

|| സീതാപതി പഞ്ചക സ്തോത്രം || ഭക്താഹ്ലാദം സദസദമേയം ശാന്തം രാമം നിത്യം സവനപുമാംസം ദേവം. ലോകാധീശം ഗുണനിധിസിന്ധും വീരം സീതാനാഥം രഘുകുലധീരം വന്ദേ. ഭൂനേതാരം പ്രഭുമജമീശം സേവ്യം സാഹസ്രാക്ഷം നരഹരിരൂപം ശ്രീശം. ബ്രഹ്മാനന്ദം സമവരദാനം വിഷ്ണും സീതാനാഥം രഘുകുലധീരം വന്ദേ. സത്താമാത്രസ്ഥിത- രമണീയസ്വാന്തം നൈഷ്കല്യാംഗം പവനജഹൃദ്യം സർവം. സർവോപാധിം മിതവചനം തം ശ്യാമം സീതാനാഥം രഘുകുലധീരം വന്ദേ. പീയൂഷേശം കമലനിഭാക്ഷം ശൂരം കംബുഗ്രീവം രിപുഹരതുഷ്ടം ഭൂയഃ. ദിവ്യാകാരം ദ്വിജവരദാനം ധ്യേയം സീതാനാഥം രഘുകുലധീരം വന്ദേ. ഹേതോർഹേതും…

సీతాపతి పంచక స్తోత్రం

|| సీతాపతి పంచక స్తోత్రం || భక్తాహ్లాదం సదసదమేయం శాంతం రామం నిత్యం సవనపుమాంసం దేవం. లోకాధీశం గుణనిధిసింధుం వీరం సీతానాథం రఘుకులధీరం వందే. భూనేతారం ప్రభుమజమీశం సేవ్యం సాహస్రాక్షం నరహరిరూపం శ్రీశం. బ్రహ్మానందం సమవరదానం విష్ణుం సీతానాథం రఘుకులధీరం వందే. సత్తామాత్రస్థిత- రమణీయస్వాంతం నైష్కల్యాంగం పవనజహృద్యం సర్వం. సర్వోపాధిం మితవచనం తం శ్యామం సీతానాథం రఘుకులధీరం వందే. పీయూషేశం కమలనిభాక్షం శూరం కంబుగ్రీవం రిపుహరతుష్టం భూయః. దివ్యాకారం ద్విజవరదానం ధ్యేయం సీతానాథం రఘుకులధీరం వందే. హేతోర్హేతుం…

சீதாபதி பஞ்சக ஸ்தோத்திரம்

|| சீதாபதி பஞ்சக ஸ்தோத்திரம் || பக்தாஹ்லாதம் ஸதஸதமேயம் ஶாந்தம் ராமம் நித்யம் ஸவனபுமாம்ஸம் தேவம். லோகாதீஶம் குணநிதிஸிந்தும் வீரம் ஸீதாநாதம் ரகுகுலதீரம் வந்த. பூனேதாரம் ப்ரபுமஜமீஶம் ஸேவ்யம் ஸாஹஸ்ராக்ஷம் நரஹரிரூபம் ஶ்ரீஶம். ப்ரஹ்மானந்தம் ஸமவரதானம் விஷ்ணும் ஸீதாநாதம் ரகுகுலதீரம் வந்தே. ஸத்தாமாத்ரஸ்தித- ரமணீயஸ்வாந்தம் நைஷ்கல்யாங்கம் பவனஜஹ்ருத்யம் ஸர்வம். ஸர்வோபாதிம் மிதவசனம் தம் ஶ்யாமம் ஸீதாநாதம் ரகுகுலதீரம் வந்தே. பீயூஷேஶம் கமலனிபாக்ஷம் ஶூரம் கம்புக்ரீவம் ரிபுஹரதுஷ்டம் பூய꞉. திவ்யாகாரம் த்விஜவரதானம் த்யேயம் ஸீதாநாதம் ரகுகுலதீரம் வந்தே. ஹேதோர்ஹேதும்…

ಸೀತಾಪತಿ ಪಂಚಕ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ಸೀತಾಪತಿ ಪಂಚಕ ಸ್ತೋತ್ರ || ಭಕ್ತಾಹ್ಲಾದಂ ಸದಸದಮೇಯಂ ಶಾಂತಂ ರಾಮಂ ನಿತ್ಯಂ ಸವನಪುಮಾಂಸಂ ದೇವಂ. ಲೋಕಾಧೀಶಂ ಗುಣನಿಧಿಸಿಂಧುಂ ವೀರಂ ಸೀತಾನಾಥಂ ರಘುಕುಲಧೀರಂ ವಂದೇ. ಭೂನೇತಾರಂ ಪ್ರಭುಮಜಮೀಶಂ ಸೇವ್ಯಂ ಸಾಹಸ್ರಾಕ್ಷಂ ನರಹರಿರೂಪಂ ಶ್ರೀಶಂ. ಬ್ರಹ್ಮಾನಂದಂ ಸಮವರದಾನಂ ವಿಷ್ಣುಂ ಸೀತಾನಾಥಂ ರಘುಕುಲಧೀರಂ ವಂದೇ. ಸತ್ತಾಮಾತ್ರಸ್ಥಿತ- ರಮಣೀಯಸ್ವಾಂತಂ ನೈಷ್ಕಲ್ಯಾಂಗಂ ಪವನಜಹೃದ್ಯಂ ಸರ್ವಂ. ಸರ್ವೋಪಾಧಿಂ ಮಿತವಚನಂ ತಂ ಶ್ಯಾಮಂ ಸೀತಾನಾಥಂ ರಘುಕುಲಧೀರಂ ವಂದೇ. ಪೀಯೂಷೇಶಂ ಕಮಲನಿಭಾಕ್ಷಂ ಶೂರಂ ಕಂಬುಗ್ರೀವಂ ರಿಪುಹರತುಷ್ಟಂ ಭೂಯಃ. ದಿವ್ಯಾಕಾರಂ ದ್ವಿಜವರದಾನಂ ಧ್ಯೇಯಂ ಸೀತಾನಾಥಂ ರಘುಕುಲಧೀರಂ ವಂದೇ. ಹೇತೋರ್ಹೇತುಂ…

सीतापति पंचक स्तोत्र

|| सीतापति पंचक स्तोत्र || भक्ताह्लादं सदसदमेयं शान्तं रामं नित्यं सवनपुमांसं देवम्। लोकाधीशं गुणनिधिसिन्धुं वीरं सीतानाथं रघुकुलधीरं वन्दे। भूनेतारं प्रभुमजमीशं सेव्यं साहस्राक्षं नरहरिरूपं श्रीशम्। ब्रह्मानन्दं समवरदानं विष्णुं सीतानाथं रघुकुलधीरं वन्दे। सत्तामात्रस्थित- रमणीयस्वान्तं नैष्कल्याङ्गं पवनजहृद्यं सर्वम्। सर्वोपाधिं मितवचनं तं श्यामं सीतानाथं रघुकुलधीरं वन्दे। पीयूषेशं कमलनिभाक्षं शूरं कम्बुग्रीवं रिपुहरतुष्टं भूयः। दिव्याकारं द्विजवरदानं ध्येयं सीतानाथं रघुकुलधीरं वन्दे। हेतोर्हेतुं…

જાનકી સ્તુતિ

|| જાનકી સ્તુતિ || ભઈ પ્રગટ કુમારી ભૂમિ-વિદારી જન હિતકારી ભયહારી . અતુલિત છબિ ભારી મુનિ-મનહારી જનકદુલારી સુકુમારી .. સુન્દર સિંહાસન તેહિં પર આસન કોટિ હુતાશન દ્યુતિકારી . સિર છત્ર બિરાજૈ સખિ સંગ ભ્રાજૈ નિજ -નિજ કારજ કરધારી .. સુર સિદ્ધ સુજાના હનૈ નિશાના ચઢ઼ે બિમાના સમુદાઈ . બરષહિં બહુફૂલા મંગલ મૂલા અનુકૂલા સિય ગુન…

জানকী স্তুতি

|| জানকী স্তুতি || ভঈ প্রগট কুমারী ভূমি-বিদারী জন হিতকারী ভয়হারী । অতুলিত ছবি ভারী মুনি-মনহারী জনকদুলারী সুকুমারী ॥ সুন্দর সিংহাসন তেহিং পর আসন কোটি হুতাশন দ্যুতিকারী । সির ছত্র বিরাজৈ সখি সঙ্গ ভ্রাজৈ নিজ -নিজ কারজ করধারী ॥ সুর সিদ্ধ সুজানা হনৈ নিশানা চঢ়ে বিমানা সমুদাঈ । বরষহিং বহুফূলা মঙ্গল মূলা অনুকূলা সিয় গুন…

ਜਾਨਕੀ ਸ੍ਤੁਤਿ

|| ਜਾਨਕੀ ਸ੍ਤੁਤਿ || ਭਈ ਪ੍ਰਗਟ ਕੁਮਾਰੀ ਭੂਮਿ-ਵਿਦਾਰੀ ਜਨ ਹਿਤਕਾਰੀ ਭਯਹਾਰੀ । ਅਤੁਲਿਤ ਛਬਿ ਭਾਰੀ ਮੁਨਿ-ਮਨਹਾਰੀ ਜਨਕਦੁਲਾਰੀ ਸੁਕੁਮਾਰੀ ॥ ਸੁਨ੍ਦਰ ਸਿੰਹਾਸਨ ਤੇਹਿੰ ਪਰ ਆਸਨ ਕੋਟਿ ਹੁਤਾਸ਼ਨ ਦ੍ਯੁਤਿਕਾਰੀ । ਸਿਰ ਛਤ੍ਰ ਬਿਰਾਜੈ ਸਖਿ ਸੰਗ ਭ੍ਰਾਜੈ ਨਿਜ -ਨਿਜ ਕਾਰਜ ਕਰਧਾਰੀ ॥ ਸੁਰ ਸਿੱਧ ਸੁਜਾਨਾ ਹਨੈ ਨਿਸ਼ਾਨਾ ਚੜ੍ਹੇ ਬਿਮਾਨਾ ਸਮੁਦਾਈ । ਬਰਸ਼਼ਹਿੰ ਬਹੁਫੂਲਾ ਮੰਗਲ ਮੂਲਾ ਅਨੁਕੂਲਾ ਸਿਯ ਗੁਨ…

জানকী স্তুতি

|| জানকী স্তুতি || ভঈ প্ৰগট কুমাৰী ভূমি-ৱিদাৰী জন হিতকাৰী ভয়হাৰী । অতুলিত ছবি ভাৰী মুনি-মনহাৰী জনকদুলাৰী সুকুমাৰী ॥ সুন্দৰ সিংহাসন তেহিং পৰ আসন কোটি হুতাশন দ্যুতিকাৰী । সিৰ ছত্ৰ বিৰাজৈ সখি সঙ্গ ভ্ৰাজৈ নিজ -নিজ কাৰজ কৰধাৰী ॥ সুৰ সিদ্ধ সুজানা হনৈ নিশানা চঢ়ে বিমানা সমুদাঈ । বৰষহিং বহুফূলা মঙ্গল মূলা অনুকূলা সিয় গুন…

ଜାନକୀ ସ୍ତୁତି

|| ଜାନକୀ ସ୍ତୁତି || ଭଈ ପ୍ରଗଟ କୁମାରୀ ଭୂମି-ବିଦାରୀ ଜନ ହିତକାରୀ ଭୟହାରୀ । ଅତୁଲିତ ଛବି ଭାରୀ ମୁନି-ମନହାରୀ ଜନକଦୁଲାରୀ ସୁକୁମାରୀ ॥ ସୁନ୍ଦର ସିଂହାସନ ତେହିଂ ପର ଆସନ କୋଟି ହୁତାଶନ ଦ୍ୟୁତିକାରୀ । ସିର ଛତ୍ର ବିରାଜୈ ସଖି ସଙ୍ଗ ଭ୍ରାଜୈ ନିଜ -ନିଜ କାରଜ କରଧାରୀ ॥ ସୁର ସିଦ୍ଧ ସୁଜାନା ହନୈ ନିଶାନା ଚଢ଼େ ବିମାନା ସମୁଦାଈ । ବରଷହିଂ ବହୁଫୂଲା ମଙ୍ଗଲ ମୂଲା ଅନୁକୂଲା ସିୟ ଗୁନ…

ஜானகீ ஸ்துதி

|| ஜானகீ ஸ்துதி || ப⁴ஈ ப்ரக³ட குமாரீ பூ⁴மி-விதா³ரீ ஜன ஹிதகாரீ ப⁴யஹாரீ . அதுலித ச²பி³ பா⁴ரீ முனி-மனஹாரீ ஜனகது³லாரீ ஸுகுமாரீ .. ஸுந்த³ர ஸிம்ʼஹாஸன தேஹிம்ʼ பர ஆஸன கோடி ஹுதாஶன த்³யுதிகாரீ . ஸிர ச²த்ர பி³ராஜை ஸகி² ஸங்க³ ப்⁴ராஜை நிஜ -நிஜ காரஜ கரதா⁴ரீ .. ஸுர ஸித்³த⁴ ஸுஜானா ஹனை நிஶானா சஃடே³ பி³மானா ஸமுதா³ஈ . ப³ரஷஹிம்ʼ ப³ஹுபூ²லா மங்க³ல மூலா அனுகூலா ஸிய கு³ன…

జానకీ స్తుతి

|| జానకీ స్తుతి || భఈ ప్రగట కుమారీ భూమి-విదారీ జన హితకారీ భయహారీ . అతులిత ఛబి భారీ ముని-మనహారీ జనకదులారీ సుకుమారీ .. సుందర సింహాసన తేహిం పర ఆసన కోటి హుతాశన ద్యుతికారీ . సిర ఛత్ర బిరాజై సఖి సంగ భ్రాజై నిజ -నిజ కారజ కరధారీ .. సుర సిద్ధ సుజానా హనై నిశానా చఢే బిమానా సముదాఈ . బరషహిం బహుఫూలా మంగల మూలా అనుకూలా సియ గున…

ಜಾನಕೀ ಸ್ತುತಿ

|| ಜಾನಕೀ ಸ್ತುತಿ || ಭಈ ಪ್ರಗಟ ಕುಮಾರೀ ಭೂಮಿ-ವಿದಾರೀ ಜನ ಹಿತಕಾರೀ ಭಯಹಾರೀ . ಅತುಲಿತ ಛಬಿ ಭಾರೀ ಮುನಿ-ಮನಹಾರೀ ಜನಕದುಲಾರೀ ಸುಕುಮಾರೀ .. ಸುಂದರ ಸಿಂಹಾಸನ ತೇಹಿಂ ಪರ ಆಸನ ಕೋಟಿ ಹುತಾಶನ ದ್ಯುತಿಕಾರೀ . ಸಿರ ಛತ್ರ ಬಿರಾಜೈ ಸಖಿ ಸಂಗ ಭ್ರಾಜೈ ನಿಜ -ನಿಜ ಕಾರಜ ಕರಧಾರೀ .. ಸುರ ಸಿದ್ಧ ಸುಜಾನಾ ಹನೈ ನಿಶಾನಾ ಚಢ಼ೇ ಬಿಮಾನಾ ಸಮುದಾಈ . ಬರಷಹಿಂ ಬಹುಫೂಲಾ ಮಂಗಲ ಮೂಲಾ ಅನುಕೂಲಾ ಸಿಯ ಗುನ…

ജാനകീ സ്തുതി

|| ജാനകീ സ്തുതി || ഭഈ പ്രഗട കുമാരീ ഭൂമി-വിദാരീ ജന ഹിതകാരീ ഭയഹാരീ . അതുലിത ഛബി ഭാരീ മുനി-മനഹാരീ ജനകദുലാരീ സുകുമാരീ .. സുന്ദര സിംഹാസന തേഹിം പര ആസന കോടി ഹുതാശന ദ്യുതികാരീ . സിര ഛത്ര ബിരാജൈ സഖി സംഗ ഭ്രാജൈ നിജ -നിജ കാരജ കരധാരീ .. സുര സിദ്ധ സുജാനാ ഹനൈ നിശാനാ ചഢേ ബിമാനാ സമുദാഈ . ബരഷഹിം ബഹുഫൂലാ മംഗല മൂലാ അനുകൂലാ സിയ ഗുന…

श्री सीता आरती

|| श्री सीता आरती || आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥ आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त…

जानिये माता सीता के जन्म से जुडी कुछ अनसुनी रोचक कथाये

Sita Mata

हिंदू धर्म में सीता माता को आदर्श भारतीय नारी और पत्नी के रूप में सम्मान दिया जाता है। उनका जीवन त्याग, धैर्य, पतिव्रता धर्म और अदम्य साहस का प्रतीक है। आइए जानें उनके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में: जन्म और विवाह: सीता माता मिथिला के राजा जनक की पुत्री थीं। उन्हें ‘जानकी’…

श्री सीताष्टाक्षर स्तोत्रम्

॥ श्रीसीताष्टाक्षरस्तोत्रम् ॥ श्रीसीताराम चरणौ शरणं प्रपद्ये । अङ्गद उवाच – लङ्काया हि प्रचण्डोग्रेर्यत्पाठाद् रक्षितोऽसि तत् । श्रीसीताष्टाक्षरस्तोत्रं वक्तुमर्हसि मारुते ॥ १॥ हनुमान उवाच – रामभक्त महाभाग सन्मते वालिनन्दन । श्रीसीताष्टाक्षरस्तोत्रं सर्वभीतिहरं शृणु ॥ २॥ श्रीमद् रामप्रिया पुण्या श्रीमद् रामपरायणा । श्रीमद् रामादभिन्ना च श्रीसीता शरणं मम ॥ ३॥ शरणाश्रित रक्षित्री भास्करार्देविभासिता । आकार त्रय…

श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली

।।श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली।। ॐ अकलङ्कायै नमः। ॐ अक्षुद्रायै नमः। ॐ अगोत्रायै नमः। ॐ अचिन्त्यमहिम्ने नमः। ॐ अचिन्त्यायै नमः। ॐ अचिन्त्यायै नमः। ॐ अच्युतायै नमः। ॐ अतिलालसायै नमः। ॐ अदित्यै नमः। ॐ अनन्तदृष्ट्यै नमः। ॐ अनन्तवर्णायै नमः। ॐ अनन्तशयनायै नमः। ॐ अनन्तायै नमः। ॐ अनन्तायै नमः। ॐ अनन्तोरसिस्थितायै नमः। ॐ अनन्यस्थायै नमः। ॐ अनवच्छिन्नायै…

देवी जानकी सहस्रनामावली

।।देवी जानकी सहस्रनामावली।। ॐ अकल्पायै नमः। ॐ अकल्मषायै नमः। ॐ अकामायै नमः। ॐ अकायायै नमः। ॐ अकारचर्चितायै नमः। ॐ अकारणायै नमः। ॐ अकोपपूज्यायै नमः। ॐ अक्रूरैकायै नमः। ॐ अक्षणायै नमः। ॐ अक्षरायै नमः। ॐ अगदायै नमः। ॐ अगुणायै नमः। ॐ अग्रगण्यायै नमः। ॐ अचलापुत्रिकायै नमः। ॐ अचलायै नमः। ॐ अच्युतायै नमः। ॐ अजायै नमः। ॐ…

माता सीता की जन्म कथा

।। माता सीता की जन्म कथा ।। रामायण में माता सीता को जानकी कहकर भी संबोधित किया गया है। देवी सीता मिथिला के राजा जनक की पुत्री थीं इसलिए उन्हें जानकी भी कहा जाता है। सीता मिथिला (सीतामढ़ी, बिहार) में जन्मी थी, यह स्थान आगे चलकर सीतामढ़ी से विख्यात हुआ। देवी सीता मिथिला के नरेश…

आओ बसाये मन मंदिर में झांकी – भजन

आओ बसाये मन मंदिर में झांकी सीताराम की तर्ज – क्या मिलिए ऐसे लोगो से आओ बसाये मन मंदिर में, झांकी सीताराम की, जिसके मन में राम नहीं वो, काया है किस काम की || गौतम नारी अहिल्या तारी, श्राप मिला अति भारी था, शिला रूप से मुक्ति पाई, चरण राम ने डाला था, मुक्ति…

सीता राम जी की प्यारी राजधानी लागे – भजन

सीता राम जी की प्यारी राजधानी लागे तर्ज – मीठे रस से भरयो री सीता राम जी की प्यारी, राजधानी लागे, राजधानी लागे, मोहे मिठो मिठो, सरयू जी रो पानी लागे || धन्य कौशल्या धन्य कैकई, धन्य सुमित्रा मैया, धन्य कौशल्या धन्य कैकई, धन्य सुमित्रा मैया, धन्य भूप दशरथ के अँगना, खेलत चारो भैया, मीठी…

जब जानकी नाथ सहाय करे – भजन

जब जानकी नाथ सहाय करे जानकी नाथ सहाय करें जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो || सुरज मंगल सोम भृगु सुत बुध और गुरु वरदायक तेरो राहु केतु की नाहिं गम्यता संग शनीचर होत हुचेरो दुष्ट दु:शासन विमल द्रौपदी चीर उतार कुमंतर प्रेरो || ताकी सहाय करी करुणानिधि बढ़ गये चीर…

जय सिया राम जय जय सिया राम – भजन

जय सिया राम जय जय सिया राम राम सिया राम सिया राम सिया राम, बोलो राम सिया राम सिया राम, राम सिया राम सिया राम सिया राम, बोलो राम सिया राम सिया राम || मेरे मन मंदिर में जबसे सीता राम पधारे, मेरे मन मंदिर में जबसे सीता राम पधारे, टूट गये है तबसे बंधन…

सिया राम जी का डंका लंका में – भजन

सिया राम जी का डंका लंका में तर्ज – दिल लूटने वाले जादूगर सिया राम जी का डंका लंका में, बजवा दिया बजरंग बाला ने, बजवा दिया बजरंग बाला ने, वो माँ अंजनी के लाला ने, सिया राम जी का डंका लंका मे, बजवा दिया बजरंग बाला ने || सूती मंडोतरी सपनो आयो, सपनो विस्वा…

सिया राम के चरणों की – भजन

|| सिया राम के चरणों की || सियाराम के चरणों की, गर धूल जो मिल जाए, सच कहता हे राम, तकदीर बदल जाए, सियाराम के चरणों की || ये मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा भजन करूँ, जितना इसे समझाऊं, उतना ही मचल जाए, सियाराम के चरणो की, गर धूल जो मिल जाए, सच कहता…

राम को देख कर के जनक नंदिनी – भजन

राम को देख कर के जनक नंदिनी राम को देख कर के जनक नंदिनी, बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी । राम देखे सिया को सिया राम को, चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी ॥ थे जनक पुर गये देखने के लिए, सारी सखियाँ झरोखो से झाँकन लगे । देखते ही नजर…

राम सिया राम – भजन

|| राम सिया राम || सिया मुख पर दिख जाये मुस्कान जो राम दरस मिल जाये सिया राम नाम से बनी है जोगन राम नाम की कहाये जिसे प्रीत लगी बस राम से उसकी लाज रखे एक नाम राम सिया राम सिया राम जै जै राम राम सिया राम सिया राम जै जै राम राम…

सीता अवतरण पौराणिक कथा

।।सीता अवतरण पौराणिक कथा।। पौराणिक कथा के अनुसार मारवाड़ क्षेत्र में एक वेदवादी श्रेष्ठ धर्मधुरीण ब्राह्मण निवास करते थे। उनका नाम देवदत्त था। उन ब्राह्मण की बड़ी सुंदर रूपगर्विता पत्नी थी, उसका नाम शोभना था। ब्राह्मण देवता जीविका के लिए अपने ग्राम से अन्य किसी ग्राम में भिक्षाटन के लिए गए हुए थे। इधर ब्राह्मणी…

Shri Sita Kavacham

|| Shri Sita Kavacham || || Agastiruvacha || Samyak prushtam tvaya vatsa Savadhanamanah shrunu. Adau vakshyamyaham ramyam Sitayaha kavacham shubham. Ya sitavani sambhavatmithilapalena Samvardhitapadmakshanripateh Suta nalgata ya. Matulingotbhava, ya ratne layamagata Jalanidhou ya vedavaramgatalankam. Sa mrigalochana shashimukhi Maanpatu ramapriya. || Atha Nyasah || Asya shri sitakavacha mantrasya Agasti rishihi. Shri Sita devata, Anushtup chandaha, Ramebhi…

श्री सीता कवचम्

॥ श्री सीताकवचम् ॥ ॥ अगस्तिरुवाच ॥ सम्यक् पृष्टं त्वया वत्स सावधानमनाः श्रुणु । आदौ वक्ष्याम्यहं रम्यं सीतायाः कवचं शुभम् ॥ या सीतावनि संभवाथमिथिलापालेन संवर्धितापद्माक्षनृपतेः सुता नलगता या मातुलिङ्गोत्भवा। या रत्ने लयमागता जलनिधौ या वेद वारं गतालङ्कां सा मृगलोचना शशिमुखी मांपातु रामप्रिया ॥ ॥ अथ न्यासः ॥ अस्य श्री सीताकवच मन्त्रस्य अगस्ति ऋषिः । श्री…

श्री जानकी स्तुति

॥जानकी स्तुति॥ भई प्रगट कुमारी भूमि-विदारी जन हितकारी भयहारी । अतुलित छबि भारी मुनि-मनहारी जनकदुलारी सुकुमारी ॥ सुन्दर सिंहासन तेहिं पर आसन कोटि हुताशन द्युतिकारी । सिर छत्र बिराजै सखि संग भ्राजै निज -निज कारज करधारी ॥ सुर सिद्ध सुजाना हनै निशाना चढ़े बिमाना समुदाई । बरषहिं बहुफूला मंगल मूला अनुकूला सिय गुन गाई ॥…

Shri Sita Mata Aarti

|| Aarti || Aarti Shri Janak Dulari Ki । Sita Ji Shri Raghubar Pyaari Ki ॥ Jagat Janani Jag Ki Vistaarini, Nitya Satya Saaket Viharini, Param Dayamai Dinodharini, Siya Maiya Bhaktan Hitkaari Ki ॥ Aarti Shri Janak Dulari Ki । Sita Ji Shri Raghubar Pyaari Ki ॥ Sita Sati Shiromani Pati Hit Kaarini, Pati Seva…

श्री सीता जी की आरती

|| आरती || आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ जगत जननी जग की विस्तारिणी, नित्य सत्य साकेत विहारिणी, परम दयामयी दिनोधारिणी, सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥ आरती श्री जनक दुलारी की । सीता जी रघुवर प्यारी की ॥ सती श्रोमणि पति हित कारिणी, पति सेवा वित्त वन वन…

Shri Sita Mata Chalisa

|| Doha || Bandau charan saroj nij Janak lali sukha dhaam, Ram priya kirpa karen Sumirau atho dharam | Keerati gaatha jo Padhe sudhre sagare kaam, Man mandir basa karen Duhkha bhanjan Siya Ram || || Choupaii || Ram priya Raghu pati Raghu Rai | Baidehi ki keerat gaai || Charan kamal bandon sir naai…

श्री सीता माता चालीसा

॥ दोहा ॥ बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम । राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥ कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम । मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन सिया राम ॥ ॥ चौपाई ॥ राम प्रिया रघुपति रघुराई । बैदेही की कीरत गाई ॥ चरण कमल बन्दों सिर नाई…