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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में देवी-देवताओं की मूर्तियाँ कहाँ और कैसे रखें?

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हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि देवी-देवताओं की मूर्तियाँ उचित स्थान पर और सही दिशा में स्थापित की जाएँ, तो यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और सुख-समृद्धि प्रदान करता है। इस लेख में हम जानेंगे कि घर में देवी-देवताओं की मूर्तियों को कहाँ और कैसे रखना चाहिए, ताकि उनका अधिकतम आध्यात्मिक और वास्तु लाभ प्राप्त हो।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, देवी-देवताओं की मूर्तियों को सही दिशा में और सही नियमों के अनुसार स्थापित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पूजा स्थान को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखना आवश्यक है। वास्तु नियमों का पालन करके आप अपने घर में सुख-शांति और समृद्धि ला सकते हैं।

घर में मंदिर की सही दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मंदिर या पूजा स्थान स्थापित करने के लिए सबसे शुभ दिशाएँ निम्नलिखित हैं:

  1. उत्तर-पूर्व (ईशान कोण): यह दिशा सबसे पवित्र मानी जाती है। इस दिशा में मंदिर स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  2. पूर्व दिशा: यदि उत्तर-पूर्व दिशा में स्थान उपलब्ध नहीं हो, तो पूर्व दिशा में भी मंदिर स्थापित किया जा सकता है।
  3. उत्तर दिशा: यह भी एक शुभ दिशा मानी जाती है, विशेष रूप से धन और समृद्धि के लिए।
  4. टिप: दक्षिण दिशा में मंदिर या मूर्तियाँ रखने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है, इसलिए इससे बचना चाहिए।

देवी-देवताओं की मूर्तियाँ रखने के नियम

  • मूर्ति का आकार और सामग्री – मंदिर में रखी जाने वाली मूर्तियों का अधिकतम ऊँचाई 9 इंच से 12 इंच तक होनी चाहिए। बहुत बड़ी मूर्तियाँ घर में रखने से पूजा प्रभावी नहीं होती और मंदिर का प्रभाव कम हो जाता है। पत्थर, धातु, संगमरमर और अष्टधातु से बनी मूर्तियाँ श्रेष्ठ मानी जाती हैं।
  • मूर्तियों की संख्या – एक ही देवता की एक से अधिक मूर्तियाँ नहीं रखनी चाहिए। घर में शिवलिंग की एक ही मूर्ति होनी चाहिए, अन्यथा परिवार में कलह उत्पन्न हो सकता है।
  • मूर्ति की स्थिति और दिशा – भगवान विष्णु, लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की मूर्ति उत्तर दिशा की ओर मुख करके रखनी चाहिए। भगवान शिव, हनुमान और सूर्य की मूर्ति पूर्व दिशा में होनी चाहिए। माँ दुर्गा, काली और अन्य शक्ति रूपों को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है।

पूजा कक्ष में ये गलतियाँ न करें

  • पूजा कक्ष शयनकक्ष में न बनाएं।
  • मूर्तियों को दीवार से सटाकर न रखें, पीछे 1-2 इंच का स्थान अवश्य छोड़ें।
  • टूटे-फूटे या खंडित मूर्तियाँ घर में नहीं रखनी चाहिए।
  • पूजा स्थान में झाड़ू, जूते-चप्पल या कोई अशुद्ध वस्तु न रखें।

घर के विभिन्न हिस्सों में मूर्तियाँ रखने के नियम

  • ड्राइंग रूम में छोटी मूर्तियाँ सजावट के लिए रख सकते हैं, लेकिन पूजा के लिए उपयोग न करें। तुलसी के पौधे के पास श्रीकृष्ण या विष्णु की मूर्ति शुभ मानी जाती है।
  • रसोई में देवी अन्नपूर्णा की छोटी मूर्ति या चित्र रखना शुभ माना जाता है।
  • बेडरूम/शयनकक्ष में देवी-देवताओं की मूर्तियाँ नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।
  • घर के मुख्य द्वार पर गणपति और लक्ष्मी की मूर्ति लगाने से धन और समृद्धि आती है।

वास्तु दोष दूर करने के लिए विशेष उपाय

  • घर में शुद्ध वातावरण बनाए रखने के लिए नियमित रूप से हवन और पूजा करें।
  • मंदिर में रोज़ दीपक जलाएं और गंगाजल का छिड़काव करें।
  • तुलसी का पौधा मंदिर के पास रखना शुभ होता है।
  • अगर घर में वास्तु दोष है, तो श्री यंत्र या वास्तु दोष निवारण यंत्र रखें।

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