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माघ मेला 2026 – प्रयागराज के संगम तट पर फिर सजेगा आस्था का महाकुंभ! (Magh Mela 2026 Dates & Guide)

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आज हम जानेंगे कि 2026 में माघ मेला कब शुरू हो रहा है, नहाने की प्रमुख तारीखें (Snan Dates) क्या हैं और आपको अपनी यात्रा (Trip) की प्लानिंग कैसे करनी चाहिए। तो चलिए, संगम की रेती पर एक मानसिक डुबकी लगाते हैं! अगर आप भी मेरी तरह धर्म और आध्यात्म (Spirituality) में विश्वास रखते हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है। प्रयागराज की पवित्र धरती, जिसे हम “तीर्थराज” कहते हैं, वहां एक बार फिर आस्था का सैलाब उमड़ने वाला है। जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ माघ मेला 2026 की!

कब से शुरू हो रहा है माघ मेला 2026?

दोस्तों, पंचांग और हाल ही में मिली जानकारी (Latest Update) के अनुसार, माघ मेला 2026 की शुरुआत 3 जनवरी 2026 को ‘पौष पूर्णिमा’ के पावन अवसर से होगी। यह मेला करीब डेढ़ महीने तक चलेगा और 15 फरवरी 2026 को ‘महाशिवरात्रि‘ के दिन समाप्त होगा।

सोचिए, कड़कड़ाती ठंड, कोहरे (Fog) की चादर और उसमें गंगा मैया की गोद में डुबकी लगाने का वो दिव्य अनुभव (Divine Experience) रोंगटे खड़े कर देता है ना?

माघ मेला 2026 के प्रमुख स्नान पर्व (Important Snan Dates List)

अगर आप प्रयागराज जाने का प्लान बना रहे हैं, तो अपनी टिकटें इन तारीखों के हिसाब से ही बुक करें। ये वो दिन हैं जब संगम में स्नान करने का महत्त्व (Significance) कई गुना बढ़ जाता है:

पौष पूर्णिमा (Paush Purnima): 3 जनवरी 2026 (शनिवार)

इसी दिन से ‘कल्पवास‘ (Kalpavas) की शुरुआत होती है। साधु-संत और गृहस्थ लोग एक महीने के लिए संगम किनारे तंबू लगाकर रहते हैं।

मकर संक्रांति (Makar Sankranti): 14 जनवरी 2026 (बुधवार)

सूर्य देव का राशि परिवर्तन! यह शाही स्नान (Royal Bath) का दिन भी माना जाता है। खिचड़ी दान करना मत भूलिएगा।

मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya): 18 जनवरी 2026 (रविवार)

यह मेले का सबसे बड़ा स्नान होता है। माना जाता है कि इस दिन देवता भी संगम में अदृश्य रूप से स्नान करने आते हैं। भीड़ (Crowd) इस दिन सबसे ज्यादा होती है।

बसंत पंचमी (Basant Panchami): 23 जनवरी 2026 (शुक्रवार)

ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का दिन। संगम का पानी इस दिन और भी पावन लगता है।

माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima): 1 फरवरी 2026 (रविवार)

कल्पवासियों के लिए यह अंतिम बड़ा स्नान होता है।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri): 15 फरवरी 2026 (रविवार)

मेले का समापन। भोलेनाथ (Lord Shiva) की पूजा के साथ भक्त अपने घरों को लौटते हैं।

क्यों खास है माघ मेला? (Significance)

हमारे भारतीय संस्कृति (Culture) में माघ मेले का स्थान बहुत ऊँचा है। कहते हैं, माघ के महीने में प्रयागराज के संगम तट पर “त्रिवेणी” (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती) में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं।

सिर्फ नहाना ही नहीं, यहाँ का माहौल (Atmosphere) ही कुछ अलग होता है।

  • रेत पर बसे तंबुओं का शहर (Tent City)।
  • साधुओं का धुनी रमाना।
  • शाम की गंगा आरती की वो गूँज।
  • और भंडारे का वो स्वादिष्ट प्रसाद।

यह सब मिलकर आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं जहाँ सिर्फ शांति (Peace) है।

जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान (Travel Tips)

  • मुख्य स्नान के दिनों में लाखों लोग आते हैं। अपने साथ कम सामान रखें और बुजुर्गों/बच्चों का हाथ थाम कर चलें।
  • जनवरी में प्रयागराज में अच्छी खासी ठंड होती है, खासकर सुबह और रात में। गर्म कपड़े, मफलर और कम्बल (Blanket) जरूर साथ रखें।
  • मेले के दौरान कई आश्रम और टेंट सिटी (Tent City) बनते हैं, लेकिन बुकिंग पहले से करवा लेना समझदारी है।
  • गंगा हमारी माँ है, उसे स्वच्छ रखना हमारी जिम्मेदारी है। प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें।

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