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Durga Ji

मेरे मन के अंध तमस में – भजन

Mere Man Ke Andh Tamas Me Bhajan Hindi

Durga JiBhajan (भजन संग्रह)हिन्दी
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।।मेरे मन के अंध तमस में – भजन।।

जय जय माँ, जय जय माँ ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।
मेरे मन के अंध तमस में,

ज्योतिर्मय उतारो ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।
मेरे मन के अंध तमस में,

ज्योतिर्मय उतारो ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।

कहाँ यहाँ देवों का नंदन,
मलयाचल का अभिनव चन्दन ।
मेरे उर के उजड़े वन में,
करुणामयी विचरो ॥

॥ मेरे मन के अंध तमस में…॥

नहीं कहीं कुछ मुझ में सुन्दर,
काजल सा काला यह अंतर ।
प्राणों के गहरे गह्वर में,
ममता मई विहरो ॥

॥ मेरे मन के अंध तमस में…॥

वर दे वर दे,
वींणा वादिनी वर दे ।
निर्मल मन कर दे,
प्रेम अतुल कर दे ।
सब की सद्गति हो,
ऐसा हम को वर दे ॥

॥ मेरे मन के अंध तमस में…॥

सत्यमयी तू है,
ज्ञानमयी तू है ।
प्रेममयी भी तू है,
हम बच्चो को वर दे ॥

सरस्वती भी तू है,
महालक्ष्मी तू है ।
महाकाली भी तू है,
हम भक्तो को वर दे ॥

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