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Rigveda Samhita (ऋग्वेद संहिता)

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ऋग्वेद संहिता सनातन धर्म का सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं। इसमें इंद्र, अग्नि, रुद्र,वरुण, मरुत, सवित्रु ,सूर्य और दो अश्विनी देवताओं की स्तुति है। ऋग्वेद के 10 अध्याय में 1028 सूक्त में 11 हजार मंत्र है। इसमें लगभग 125 ऐसी औषधियों के बारे में भी बताया गया है, जो 107 स्थानों पर पाई जाती है।

ऋग्वेद से ही अन्य तीन वेदों की रचना हुई है। ऋग, यजु, साम और अथर्व ये चार वेद हैं। ऋग्वेद पद्यात्मक है, यजुर्वेद गद्यमय है और सामवेद गीतात्मक है। ऋग्वेद दुनिया का प्रथम ग्रंथ और धर्मग्रंथ है। ऋग्वेद-संहिता में 10 मण्डल, 85 अनुवाक, 1028 सूक्त और 10552 मन्त्र हैं।

ऋग्वेद मुख्य बातें क्या है

  • यह दुनिया का सबसे पुराना ग्रंथ है।
  • इसमे में 10 मंडल, 1028 सूक्त, और 11,000 मंत्र हैं।
  • ऋग्वेद में कई देवी-देवताओं की स्तुतियां हैं।
  • ऋग्वेद में इंद्र, अग्नि, वरुण, सूर्य, रुद्र, मरुत, सवित्रु, और दो अश्विनी देवताओं की स्तुति है।
  • ऋग्वेद में जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सौर चिकित्सा, मानस चिकित्सा, और हवन से जुड़ी जानकारी है।
  • ऋग्वेद में नैतिकता और सही सामाजिक व्यवहार के बारे में बताया गया है।
  • ऋग्वेद में दर्शाया गया धर्म, कई देवताओं में विश्वास और आकाश और वायुमंडल से जुड़े देवताओं की पूजा को दर्शाता है।
  • ऋग्वेद में बहुदेववाद, एकेश्वरवाद, और एकात्मवाद का उल्लेख है। और इसमे नासदीय सूक्त में निर्गुण ब्रह्म का वर्णन है।
  • ऋग्वेद में ‘असतो मा सद्गमय’ वाक्य आया है।
  • ऋग्वेद में गाय के लिए ‘अहन्या’ शब्द का प्रयोग किया गया है।

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