॥ साईं बाबा व्रत कथा ॥
किरन बहन और उनके पति किशन भाई एक शहर में रहते थे। वैसे तो दोनों का एक दूसरे के प्रति गहरा प्रेम भाव था। परन्तु किशन भाई का स्वरूप झगड़ालू था। अड़ोसी-पड़ोसी भी उनके स्वभाव से परेशान थे, लेकिन किरन बहन धार्मिक स्वभाव की थी, भगवान पर विश्वास रखती बिना कुछ कहे सब कुछ सह लेती थी। धीरे-धीरे उनके पति का रोजगार ठप हो गया। कुछ भी कमाई न होती थी।
अब किशन भाई दिन भर घर पर ही रहते। घर में पड़े-पड़े उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया। एक दिन दोपहर को एक वृद्ध दरवाजे पर आकर खड़ा हो गया। चेहरे पर गजब का तेज था, आकर वृद्ध ने दाल चावल की मांग की। किरन बहन ने दाल चावल दिए और दोनों हाथों से उस वृद्ध को नमस्कार किया। वृद्ध ने कहा, साईं सुखी रखे। किरन बहन ने कहा कि महाराज सुख किस्मत में नहीं है। फिर मिलेगा कैसे? ऐसा कहकर उन्होंने अपने दुःखी जीवन का वर्णन किया।
वृद्ध ने श्री साईं बाबा की व्रत कथा के बारे में बताते हुए कहा – नौ गुरुवार फलाहार या एक समय का भोजन करना। हो सके तो बेटा सांई मंदिर जाना, घर पर साईं बाबा की नौ गुरुवार पूजा करना, साईं व्रत करना, आरती पढ़ना और विधिपूर्वक उद्यापन करना। भूखे को भोजन देना। साईं व्रत के बारे में लोगों को यथाशक्ति बताना। इस तरह साईं व्रत का प्रचार करना। साईं बाबा तेरी सभी मनोकामना पूर्ण करेंगे। यह व्रत कलयुग में बड़ा चमत्कारिक है। यह सभी की मनोकामना पूर्ण करता है। लेकिन साईं बाबा पर अटूट श्रद्धा रखना जरूरी है। धीरज रखना चाहिये। जो इस विधि से साईं बाबा की व्रत कथा और आरती पढ़ेगा, बाबा उसकी सभी मनोकामना जरूर पूर्ण करेंगे।
किरन बहन ने भी गुरुवार का व्रत किया। नौवें गुरुवार को ग़रीबों को भोजन कराया। सांई व्रत के बारे में औरों को बताया। उनके घर के झगड़े दूर हुए और सुख-शान्ति हो गई जैसे किशन भाई का स्वभाव ही बदल गया हो। उनका रोजगार फिर से चालू हो गया। थोड़े समय में ही सुख समृद्धि बढ़ गयी।
अब दोनों पति-पत्नी सुखी जीवन बिताने लगे। एक दिन किरन बहन के जेठ-जेठानी आये और बातों ही बातों में उन्होंने बताया की उनके बच्चे पढ़ाई नहीं करते। परीक्षा में फेल हो गये हैं। किरन बहन ने नौ गुरुवार की महिमा बताई और कहा कि साईं बाबा की भक्ति से बच्चे अच्छी तरह अभ्यास कर पाएंगे। लेकिन इसके लिए सांई बाबा पर विश्वास रखना जरूरी है। वे सबकी सहायता करते हैं। उनकी जेठानी ने व्रत की विधि पूछी, तो किरन बहन ने कहा कि नौ गुरुवार फलाहार करके अथवा एक समय भोजन करके यह व्रत किया जा सकता है और नौ गुरुवार हो सके तो साईं दर्शन के लिए मंदिर जाने को कहा। साथ ही यह कहा कि–
- यह व्रत स्त्री-पुरुष या बच्चे कोई भी कर सकता है। नौ गुरुवार साईं तस्वीर की पूजा करना।
- फूल चढ़ाना, दीपक अगरबत्ती आदि करना। प्रसाद चढ़ाना एवं सांई बाबा का स्मरण करना, आरती करना आदि की विधि बताई।
- साईं व्रत कथा, सांई स्मरण, साईं चालीसा, आदि का पाठ करना।
- नौवें गुरुवार को गरीबों को भोजन देना।
- नौवें गुरूवार को सांई व्रत की जानकारी अपने सगे संबंधी, अड़ोसी पड़ोसी को देना।
सूरत से उनकी जेठानी का थोड़े दिनों बाद पत्र आया कि उनके बच्चे सांई व्रत करने लगे हैं और बहुत मन लगाकर पढ़ते हैं। उन्होंने भी व्रत किया था। इस बारे में उन्होंने लिखा की उनकी सहेली कोमल बहन की बेटी की शादी साईं बाबा की व्रत कथा और आरती पढ़ने से बहुत ही अच्छी जगह हो गई है। उनके पड़ोसी के गहनों का डिब्बा गुम हो गया था। वह सांई व्रत की महिमा के कारण दो महीने के बाद मिल गया ऐसा अद्भुत चमत्कार हुआ था। किरन बहन ने कहा कि साईं बाबा की महिमा महान है। यह जान लिया था कि साई बाबा जैसे आप लोगों पर प्रसन्न होते हैं। वैसे हम पर भी होना।
॥ साई बाबा व्रत की पूजा विधि ॥
- साईं बाबा की पूजा बेहद सादगी और सरलता से की जाती है। गुरुवार के दिन प्रात: काल स्नानादि के बाद साईं बाबा के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
- पीले रंग के वस्त्र धारण करे बाबा की पूजा करें क्योंकि पीला रंग साईं को अधिक प्रिय है।
- पूजा स्थान पर एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं। उस पर साईं बाबा की तस्वीर स्थापित करें।
- बाबा को रोली, चावल और पीले फूल चढ़ाएं। घी का दीपक लगाकर साईं बाबा के व्रत की कथा पढ़ें।
- साईं नाथ को पीलें रंग की मिठाई जैसे बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। खिचड़ी का भोग साईं बाबा को अति प्रिय है।
- अब आरती कर प्रसाद सभी लोगों में बांट दें। इस दिन का विशेष महत्व है। अन्न, वस्त्र का गरीबों को दान कर सकते हैं।
|| साईं बाबा व्रत कथा के लाभ ||
- साईं बाबा व्रत कथा श्रद्धा और भक्ति भाव से सुनने और करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
- मान्यता है कि साईं बाबा व्रत कथा सुनने और करने से पापों का नाश होता है और आत्मा शुद्ध होती है।
- साईं बाबा व्रत कथा नियमित रूप से करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- साईं बाबा को दयालु और जल्दी प्रसन्न होने वाला देवता माना जाता है। व्रत कथा श्रद्धा से करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- साईं बाबा व्रत कथा सुनने और करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और रोगों का नाश होता है।
- मान्यता है कि साईं बाबा व्रत कथा करने से संकटों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- साईं बाबा व्रत कथा सुनने और करने से मन में सकारात्मकता का प्रभाव पड़ता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
- व्रत कथा से धैर्य और सहनशक्ति में वृद्धि होती है।
- साईं बाबा व्रत कथा से परोपकार की भावना जागृत होती है।
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