।। आलस्यं हि मनुष्याणां – श्लोक ।।
आलस्यं हि मनुष्याणां
शरीरस्थो महान् रिपुः।
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः
कृत्वा यं नावसीदति।।
हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: मनुष्यों के लिए आलस्य उनके शरीर में बसा महान शत्रु है। उद्यमी व्यक्ति के लिए परिश्रम जैसा कोई मित्र नहीं होता, क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता। यह श्लोक आलस्य की महत्वपूर्णता को दर्शाता है और यह समझाता है कि आलस्य व्यक्ति की प्रगति को रोकने वाला शत्रु होता है, जो उसकी सफलता के मार्ग में बड़ी बाधा डाल सकता है।
Aalasyam hi manushyanam
sarirastho mahan ripuh,
Nastyudyamasamo bandhuh
krtva yam navasidati.
English Meaning: Let’s know this sanskrit shloka meaning in English: Laziness resides within the human body as a formidable enemy. For an industrious individual, there is no friend like hard work, as someone who works diligently is never unhappy. This quote emphasizes that laziness is a significant obstacle to human progress, while hard work acts as a steadfast companion for those who embrace it, ensuring both personal growth and contentment.
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