धर्मज्ञो धर्मकर्ता च – श्लोक अर्थ सहित

॥ धर्मज्ञो धर्मकर्ता च – श्लोक ॥ धर्मज्ञो धर्मकर्ता च सदा धर्मपरायणः। तत्त्वेभ्यः सर्व शास्त्रार्थादेशको गुरुरुच्यते॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: जो धर्म को जानने वाला है, उसे धर्म का पालन करने वाला, और सदैव धर्मपरायण है। जो सभी शास्त्रों के अर्थ को समझकर उनका उपदेश करता है, वह…

दारिद्रय रोग दुःखानि – श्लोक अर्थ सहित

।। दारिद्रय रोग दुःखानि – श्लोक ।। दारिद्रय रोग दुःखानि बंधन व्यसनानि च। आत्मापराध वृक्षस्य फलान्येतानि देहिनाम्।। हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: दारिद्र्य, रोग, दुख, बंधन और व्यसन व्यक्ति द्वारा किये गए पाप रूपी वृक्ष के फल अर्थात परिणाम होते हैं। इन फलों का उपभोग मनुष्य को करना ही…

मूर्खशिष्योपदेशेन – श्लोक अर्थ सहित

॥ मूर्ख शिष्योपदेशेन – श्लोक ॥ मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च। दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति॥ हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: मूर्ख शिष्य के उपदेश देने से और दुष्ट स्त्री के साथ रहने से, संकटपूर्ण परिस्थितियों के कारण पंडित भी दुःखित हो जाता है। Murkha-sishyopadesena dushtastribharanena cha, duhkhitah samprayogena pandito pyavasidati. English Meaning:…

येषां न विद्या – श्लोक अर्थ सहित

|| येषां न विद्या – श्लोक || येषां न विद्या न तपो न दानं ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः | ते मर्त्यलोके भुवि भारभूता मनुष्यरूपेण मृगश्चरन्ति || हिंदी अर्थ: आइये जानें यह संस्कृत श्लोक अर्थ सहित: जिनके पास न विद्या है, न तप, न दान, न ज्ञान, न शील, न गुण, और न…

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय – श्लोक अर्थ सहित

।। वासांसि जीर्णानि यथा विहाय – श्लोक ।। वासांसि जीर्णानि यथा विहाय, नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि। तथा शरीराणि विहाय जीर्णा – न्यन्यानि संयाति नवानि देही।। हिंदी अर्थ: यह श्लोक संसारिक अनुभवों को व्यक्त करने के लिए है और इसका मतलब है कि: जैसे कोई व्यक्ति पुराने और प्रयुक्त वस्त्रों को छोड़कर नए वस्त्र पहनता है, उसी…

धर्मो रक्षति रक्षित – श्लोक अर्थ सहित

।⁠। धर्मो रक्षति रक्षित – श्लोक ।⁠। धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद् धर्मं न त्यजामि मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।⁠। हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: जो धर्म का नाश करता है, धर्म उसी का नाश कर देता है और जो धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी…

आलस्यं हि मनुष्याणां – श्लोक अर्थ सहित

।। आलस्यं हि मनुष्याणां – श्लोक ।। आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः। नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।। हिंदी अर्थ: आइये जानें इस संस्कृत श्लोक का अर्थ हिंदी में: मनुष्यों के लिए आलस्य उनके शरीर में बसा महान शत्रु है। उद्यमी व्यक्ति के लिए परिश्रम जैसा कोई मित्र नहीं होता, क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी…

काक चेष्टा, बको ध्यानं – श्लोक अर्थ सहित

।। काक चेष्टा, बको ध्यानं – श्लोक ।। काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च। अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं।। हिंदी अर्थ: आइये जानें यह संस्कृत श्लोक अर्थ सहित: विद्या के लिए प्रतिबद्ध विद्यार्थी (छात्र) मे यह पांच लक्षण होने चाहिए – कौवे की तरह जानने की चेष्टा, बगुले की तरह ध्यान, कुत्ते की…

सत्यं ब्रूयात प्रियं ब्रूयात् – श्लोक अर्थ सहित

।। सत्यं ब्रूयात प्रियं ब्रूयात् – श्लोक ।। सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यम् अप्रियम् प्रियं च नानृतम् ब्रूयात् एष धर्मः सनातन: हिंदी अर्थ: आइये जानें यह संस्कृत श्लोक अर्थ सहित: सत्य बोलें, प्रिय बातें बोलें, पर अप्रिय सत्य नहीं बोलें। प्रिय असत्य भी न बोलें, यही सनातन धर्म है। यह श्लोक मानवीय संवाद…

पंचदेव ध्यान मंत्र

।। पंचदेव ध्यान मंत्र ।। श्री गणेश मंत्र: “प्रात: स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं सिन्दूरपूरपरिशोभितगण्डयुग्मम्। उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्ड-माखण्डलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम्।।” सूर्य देव मंत्र: “प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं, रूपं हि मण्डलमृचोअथ तनुर्यन्जूषि। सामानि यस्य किरणा: प्रभावादिहेतुं, ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्।।” भगवान विष्णु मंत्र: “प्रात: स्मरामि भवभीतिमहार्तिनाशं नारायणं गरुडवाहनमब्जनाभम्। महाभिभृतवरवारणमुक्तिहेतुं चक्रायुधं तरुणवारिजपत्रनेत्रम्॥” भगवान शिव मंत्र: “प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् । खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥” मां दुर्गा…

पंचदेव गायत्री मंत्र

।। पंचदेव गायत्री मंत्र ।। गणेश गायत्री मंत्र- ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।। विष्णु गायत्री महामंत्र- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम। मां दुर्गा मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ भगवान शिव- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनानत् मृत्योर्मुक्षीय…

श्री वाराही देवी ध्यानम मंत्र अर्थ सहित

।। श्री वाराही देवी ध्यानम मंत्र ।। पाथोरुहपीठगतां पाथोरुहमेचकां कुटिलदंष्ट्राम् । कपिलाक्षित्रितयां घनकुचकुम्भां प्रणत वाञ्छितवदान्याम् । दक्षोर्ध्वतोऽरिखङ्गां मुसलमभीतिं तदन्यतस्तद्वत् । शङ्खं खेटं हलवरान् करैर्दधानां स्मरामि वार्तालीम् । ।। श्री वाराही देवी ध्यानम मंत्र अर्थ सहित ।। पाथोरुहपीठगतां पाथोरुहमेचकां कुटिलदंष्ट्राम्: पत्थर के सीने में बैठी हुई और पत्थर की मूर्ति, कुटिल दंतों वाली धरा की छटा हुई…

कामदेव शाबर मंत्र लाभ सहित

।। कामदेव शाबर मंत्र ।। ‘ऊँ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।’ कामदेव मंत्र ऊँ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्। मोहिनी कामदेव मंत्र “ॐ नमः काम-देवाय। सहकल सहद्रश सहमसहलिए वन्हे धुनन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा।” कामदेव…

24 गायत्री मंत्र लाभ सहित

।। 24 गायत्री मंत्र ।। गणेश – गायत्री मन्त्र ओइम् एक दंष्ट्राय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो बुद्धिः प्रचोदयात्। नृसिंह – गायत्री मन्त्र ओइम् उग्रनृसिंहाय विद्महे बज्रनखाय धीमहि तन्नो नृसिंह प्रचोदयात्। विष्णु – गायत्री मन्त्र ओइम् नारायण विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्। शिव – गायत्री मन्त्र ओइम् पंचवक्त्राय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात्। कृष्ण…

नवनाथ शाबर मंत्र लाभ व विधि

नवनाथ शाबर मंत्र के लाभ: नवनाथ शाबर मंत्र का जाप करने से भय और दुःख का निवारण होता है। नवनाथ शाबर मंत्र का जाप करने से भूत, प्रेत, जादू, टोने का समाधान होता है। इस मंत्र के जाप से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। नवनाथ जी के रूप का ध्यान करके इस मंत्र का जाप…

नवनाथ स्तुति लाभ सहित

।। नवनाथ स्तुति ।। आदि-नाथ कैलाश-निवासी, उदय-नाथ काटै जम-फाँसी। सत्य-नाथ सारनी सन्त भाखै, सन्तोष-नाथ सदा सन्तन की राखै। कन्थडी-नाथ सदा सुख-दाई, अञ्चति अचम्भे-नाथ सहाई। ज्ञान-पारखी सिद्ध चौरङ्गी, मत्स्येन्द्र-नाथ दादा बहुरङ्गी। गोरख-नाथ सकल घट-व्यापी, काटै कलि-मल, तारै भव-पीरा। नव-नाथों के नाम सुमिरिए, तनिक भस्मी ले मस्तक धरिए। रोग-शोक-दारिद नशावै, निर्मल देह परम सुख पावै। भूत-प्रेत-भय-भञ्जना, नव-नाथों…

श्री विठोबाची आरती

॥ श्री विठोबाची आरती ॥ युगें अठ्ठावीस विटेवरी उभा। वामांगी रखुमाई दिसे दिव्य शोभा। पुण्डलिकाचे भेटी परब्रह्म आलें गा। चरणी वाहे भीमा उद्धरी जगा॥ जय देव जय देव जय पाण्डुरंगा। रखुमाईवल्लभा राईच्या वल्लभा पावें जिवलगा॥ तुळसीमाळा गळां कर ठेवुनि कटीं कांसे पीताम्बर कस्तुरि लल्लाटी। देव सुरवर नित्य येती भेटी। गरुड हनुमन्त पुढे उभे राहती॥ जय…

मकर संक्रांति व्रत कथा

मकर संक्रांति व्रत कथा पौराणिक कथा के अनुसार, राजा सगर अपने परोपकार और पुण्य कर्मों से तीन लोकों में प्रसिद्ध हो गए थे. चारों ओर उनका ही गुणगान हो रहा था. इस बात से देवताओं के राजा इंद्र को चिंता होने लगी कि कहीं राजा सगर स्वर्ग के राजा न बन जाएं. इसी दौरान राजा…

लोहड़ी की कहानी – पंजाबी लोक-कथा

।। लोहड़ी की कहानी – पंजाबी लोक-कथा ।। लोहड़ी का संबंध सुंदरी नामक एक कन्या तथा दुल्ला भट्टी नामक एक योद्धा से जोड़ा जाता है। इस संबंध में प्रचलित ऐतिहासिक कथा के अनुसार, गंजीबार क्षेत्र में एक ब्राह्मण रहता था जिसकी सुंदरी नामक एक कन्या थी जो अपने नाम की भांति बहुत सुंदर थी। वह…

Shri Kuber Ji Ki Aarti

|| Aarti || Om Jai Yaksha Kubera Hare, Swami Jai Yaksha Jai Yaksha Kubera Hare | Sharan Pade Bhakton Ke, Bhandar Kubera Bhare, || Om Jai Yaksha Kubera Hare || Shiv Bhakton Mein Bhakt Kubera Bade, Swami Bhakt Kubera Bade | Daitya Danav Manav Se, Kai-Kai Yudh Lade || || Om Jai Yaksha Kubera Hare…

कुबेर जी की आरती

|| आरती || ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे | शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे, || ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे || शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े | दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े || || ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे…

Shri Narsingh Ki Aarti

|| Aarti || Om Jai Narsimha Hare, Prabhu Jai Narsimha Hare. Stambh Fad Prabhu Prakate, Stambh Fad Prabhu Prakate, Janaka Tap Hare || || Om Jai Narsimha Hare… || Tum Ho Din Dayala, Bhaktan Hitkari, Prabhu Bhaktan Hitkari. Adbhut Roop Banakar, Adbhut Roop Banakar, Prakate Bhay Hari || || Om Jai Narsimha Hare… || Sabke…

श्री नरसिंह की आरती

|| आरती || ओम जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे | स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे || || ओम जय नरसिंह हरे… || तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी | अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी || || ओम जय नरसिंह हरे……

Rani Sati Ki Aarti

|| Aarti || Om Jai Shree Rani Sati Mata, Maaya Jai Rani Sati Mata, Apne bhakt janan ki, Door karan vipatti || Avani anantara jyoti akhandita, Mandit chahun kukumbha, Durjan dalan khadag ki, Vidyut sama pratibha || Marakata mani mandira atimanjula, Shobha lakhi na pade, Lalita dhvaja chahun ore, Kanchana kalasha dhare || Ghanta ghanana…

राणी ​​सतीजी की आरती

|| आरती || ॐ जय श्री राणी सती माता , मैया जय राणी सती माता , अपने भक्त जनन की, दूर करन विपत्ती || अवनि अननंतर ज्योति अखंडीत , मंडितचहुँक कुंभा, दुर्जन दलन खडग की , विद्युतसम प्रतिभा || मरकत मणि मंदिर अतिमंजुल , शोभा लखि न पडे, ललित ध्वजा चहुँ ओरे , कंचन कलश…

Babosa Churu Wale Ki Aarti

|| Aarti || Deva Babosa Churu Wale, Bhakto ke hai Rakhwale, Reem Jheem utaare teri aarti, Babosa Reem Jheem Utaare teri aarti || Sir pe mukut, kaan mein kundal, Haath mein sota saaje, Jag mag jag mag roop nirala, Jag mag jag mag roop nirala, Bhoot preet sab bhaage, Jai ho Mata Chhagni ke laale,…

बाबोसा चूरू वाले की आरती

|| आरती || देवा बाबोसा चूरू वाले, भक्तो के है रखवाले, रिम झिम उतारे तेरी आरती, बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती || सिर पे मुकुट कान में कुंडल, हाथ में सोटा साजे, जग मग जग मग रूप निराला, जग मग जग मग रूप निराला, भुत प्रेत सब भागे, जय हो माता छगनी के लाले,…

दीन दयाल भरोसे तेरे – भजन

दीन दयाल भरोसे तेरे दीन दयाल भरोसे तेरे दीन दयाल भरोसे तेरे सब परिवर चढ़ाया बेड़े सब परिवर चढ़ाया बेड़े राम जपोजी ऐसे ऐसे राम जपोजी ऐसे ऐसे द्रु प्रलहद जपो हर जैसे द्रु प्रलहद जपो हर जैसे दीन दयाल भरोसे तेरे दीन दयाल भरोसे तेरे सब परिवर चढ़ाया बेड़े सब परिवर चढ़ाया बेड़े जाट…

Shri Nrisimha Ashtakam

|| Shri Nrisimha Ashtakam || Dhyayami Narsimhakhyam Brahama Vedantagocaram Bhavabdhitaranopayam Sankhacakradharam Param Neelam Ramam Cha Paribhuya Kripa Rasena Stambhe Svasakti Managham Vinidhaya Deva Prahlada Rakshana Vidhi Yati Kripa Te Shri Narsimha Paripalaya Mama Cha Bhaktam Indradi Deva Nikarasya Keerthi Koti Pratyupta Ratna Prati Bimbita Padma Kalpanta Kala Ghana Garjana Tulya Nada Shri Narsimha Paripalaya Mama…

अलभ्य श्री गायत्री कवचम्

॥ अलभ्य श्री गायत्री कवचम् ॥ ॥ विनियोगः ॥ ॐ अस्य श्रीगायत्रीकवचस्य ब्रह्माविष्णुरुद्राः ऋषयः । ऋग्यजुःसामाथर्वाणि छन्दांसि । परब्रह्मस्वरूपिणी गायत्री देवता । भूः बीजम् । भुवः शक्तिः । स्वः कीलकम् । सुवः कीलकम् । चतुर्विंशत्यक्षरा श्रीगायत्रीप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः । ॥ ध्यानं ॥ वस्त्राभां कुण्डिकां हस्तां, शुद्धनिर्मलज्योतिषीम् । सर्वतत्त्वमयीं वन्दे, गायत्रीं वेदमातरम् ॥ मुक्ताविद्रुमहेमनीलधवलैश्छायैः मुखेस्त्रीक्षणैः ।…

गौ माता के सभी मंत्र

।।गौ माता के सभी मंत्र।। गौ रक्षा का मंत्र ॐ नमो भगवते त्र्यम्बकायोपशमयोपशमय चुलु चुलु मिलि मिलि भिदि भिदि गोमानिनि चक्रिणि हूँ फट् । अस्मिन्प्रामे गोकुलस्य रक्षां कुरु शान्तिं कुरु कुरु ठ ठ ठ ।। (अग्नि पुराण: ३०२.२९-३०) गौ नमस्कार मंत्र – गौ माता को नमस्कार करने के मन्त्र नमो गोभ्यः श्रीमतीभ्यः सौरभेयीभ्य एव च।…

श्री नृसिंह अष्टकम

||श्री नृसिंह अष्टकम|| ध्यायामि नरसिम्हक्यं ब्रह्म वेदन्तगोचारं । भवाब्धि तरनोपयं संख चाकर धरं परम् || नीलं रामं चा परिभूय कृपा रसेन स्तम्भे स्वसक्ति मनघं विनिधाय देव । प्रह्लाद रक्षण विधि यति कृपा ते श्री नरसिंह परिपालय मम च भक्तं || इन्द्रादि देव निकरस्य कीर्त कोटि प्रत्युप्त रत्न प्रति बिम्बित पद पद्म । कल्पान्त कला घन…

Maharshi Vyasa Kruta Shri Bhagavati Devi Stotram

|| Stotram || Jaya Bhagavati Devi Namo Varade, Jaya Papavinashini Bahuphalade || Jaya Shumbhanishumbha Kapaladhare, Pranamami Tu Devi Narartihare || Jaya Chandradivakara Netradhare, Jaya Pavakabhushita Vaktravare | Jaya Bhairava Dehanilinapare, Jaya Andhakadaitya Vishoshakare || Jaya Mahishavimardini Shoolakare, Jaya Lokasamastaka Papahare | Jaya Devi Pitamaha Vishnunate, Jaya Bhaskara Shakra Shiro’vante || Jaya Shanmukha Sayudha Ishanute, Jaya…

Ananda Tirtha Kritam Ganga Ashtakam

॥ Ashtakam ॥ Yadavadhi tavateeram Paataki naeti Gange Tadavadhi malajaalair Naivamuktah kalau syaat। Tava jalakanikaalam Paapinaam paapashuddhyai Patitaparamadeenaamstvamhi Paasi prapannaan॥ Tava shivajalalesham Vaayuneetam sametya Sapadi nirayajaalam Shunyataametigange। Shamalagirisamuhaah Prasphutanti prachandaa-stvayi Sakhi vishataam nah Paapashanka kutah syaat॥ Tava shivajalajaalam Nihshrutam yarhi Gange Sakalabhuvanajaalam Pootapootam tadaabhoot। Yamabhatakaliveartaa Devi luptaa yamopi Vyatikrita varadehaah Purnakaamaah sakaamaah॥ Madhumadhuvanapugai Ratnapugairnipugai- Rmadhumadhuvanapugai…

एक डाल दो पंछी बैठा – भजन

॥एक डाल दो पंछी बैठा – भजन॥ एक डाल दो पंछी बैठा, कौन गुरु कौन चेला, गुरु की करनी गुरु भरेगा, चेला की करनी चेला, उड़ जा हंस अकेला ॥ माटी चुन चुन महल बनाया, लोग कहे घर मेरा, ना घर तेरा ना घर मेरा, ना घर तेरा ना घर मेरा, चिड़िया रैन बसेरा, उड़…

Shri Subrahmanya Karavalamba Ashtakam

|| Shri Subrahmanya Karavalamba Ashtakam || Hey Swaminatha Karunakara Deenabandho Shri Parvatisha Mukhapankaja Padmabandho । Shri Shadideva Ganapooji Tapadapadma Vallish Natha Mama Dehi Karavalambam ॥ Devadideva Suta Devaganadhinaatha Devena Vandya Mrudupankajamamjupada । Devarshinaradamunin Drasugitakirte Vallish Natha Mama Dehi Karavalambam ॥ Nityaannadaanirat Aakhilarogahaarin Bhagyapradaanapari Pooritabhaktakaam । Shrutyagamapranavava Achyanijasvaroopa Vallish Natha Mama Dehi Karavalambam ॥ Kraunchaasurendrapari Khandaanashaktishoola…

Shri Subrahmanya Karavalamba Stotram

|| Shri Subrahmanya Karavalamba Stotram || Hey Swaminatha! Karunakara Deenabandho, Shri Parvatishamukha Pankajapadmabandho । Shri Shadidevagana Poojitapadapadma, Vallishnatha mama Dehi karavalambam ॥ Devadidevasuta Devaganadhinatha, Devendravandyamru Dupankajamamjupada । Devarshinaradamun Indrasugitakirte, Vallishnatha mama Dehi karavalambam ॥ Nityaannadanirata Akhilarogaharin, Bhagyapradanapari Pooritabhaktakaam । Shrutyagamapranava Vachyanijaswarupa, Vallishnatha mama Dehi karavalambam ॥ Kraunchasurendra Parikhanda shaktishoola, Chaapaadishastra Parimanditadivyapaane । Shrikundalishadhruta Tundashikheendravaaha, Vallishnatha…

Shri Subrahmanya Mangala Ashtakam

|| Shri Subrahmanya Mangala Ashtakam || Shivayosunujayastu Shritamandara Shakshine । Shikhivaryaturangaya Subrahmanyaaya Mangalam ॥ Bhaktabhishṭapradayastu Bhavamoga Vinaashine । Rajarajaadvandyaya Ranadheeraya Mangalam ॥ Shurapadmadi Daiteya Tamisrakulabhanave । Tarakaasurakalaya Balakayaastu Mangalam ॥ Vallivadanarajiva Madhupaya Mahatmane । Ullasanmani Kotira Bhasurayaastu Mangalam ॥ Kandarpakotilavanya Nidhaye Kamadaya । Kulishayudhahastaya Kumaarayaastu Mangalam ॥ Muktaaharalasat Kunda Rajaye Muktidaayine । Devasenaasametaaya Daivataayaastu Mangalam…

Shri Subrahmanya Ashtakam

|| Shri Subrahmanya Ashtakam || Namostu Brindaraka- Brindavandya- Padaravindaya Sudhakaraya । Shadanana- Yamita-Vikramaya Gauri-Hridayananda- Samudbhavaya ॥ Namostu Tubhyam Pranatarthi-Hantre Kartr-e Samastasya Manorathanam । Datr-e Rat-anam Paratarakasya Hantre Prachandasura- Tarakasya ॥ Amurta-Murtaya Sahasramurtaye Gunaya Gunyaya Parat-Paraya । Apara-Paraya Parat-Paraya Namostu Tubhyam Shikhivahanaya ॥ Namostu Te Brahma- Vidamvaraaya Digambaraayambara- Samstitaya । Hiranyavaranaaya Hiranyabahave Namo Hiranyaya Hiranyareta-se ॥…

Shri Subrahmanya Bhujanga Stotram

|| Shri Subrahmanya Bhujanga Stotram || Sadaa baalaruupaapi Vighnaadrihantri Mahaadantivaktraapi Panchaasyamaanyaa | Vidheendraadimrgyaa Ganeshaabhidhaa me Vidhattaam shriyam Kaapi kalyaanamoortih || Na jaanaami shabdam Na jaanaamichaartham Na jaanaami padyam Na jaanaami gadyam | Chideka shadaasyaa Hridi dyotate me Mukhaannih sarante Girashchaapi chitram || Mayuuradhiroodham Mahaavaakyagoodham Manohaarideham Mahachchittageham | Mahiidevadevam Mahaavedabhaavam Mahaadevabaalam Bhaje lokapaalam || Yadaa sannidhaanam…

श्री सुब्रह्मण्य करावलम्ब अष्टकम

॥श्री सुब्रह्मण्य करावलम्ब अष्टकम॥ हॆ स्वामिनाथ करुणाकर दीनबन्धॊ श्रीपार्वतीशमुखपङ्कजपद्मबन्धॊ । श्रीशादिदॆवगणपूजितपादपद्म वल्लीश नाथ मम दॆहि करावलम्बम् ॥ दॆवादिदॆवसुत दॆवगणाधिनाथ दॆवॆन्द्रवन्द्यमृदुपङ्कजमञ्जुपाद । दॆवर्षिनारदमुनीन्द्रसुगीतकीर्तॆ वल्लीश नाथ मम दॆहि करावलम्बम् ॥ नित्यान्नदाननिरताखिलरॊगहारिन् भाग्यप्रदानपरिपूरितभक्तकाम । श्रुत्यागमप्रणववाच्यनिजस्वरूप वल्लीश नाथ मम दॆहि करावलम्बम् ॥ क्रौञ्चासुरॆन्द्रपरिखण्डनशक्तिशूल चापादिशस्त्रपरिमण्डितदिव्यपाणॆ । श्रीकुण्डलीशधृततुण्डशिखीन्द्रवाह वल्लीश नाथ मम दॆहि करावलम्बम् ॥ दॆवादिदॆवरथमण्डलमध्यमॆत्य दॆवॆन्द्रपीठनगरं धृतचापहस्त । शूरं निहत्य सुरकॊटिभिरीड्यमान…

श्री सुब्रह्मण्य करावलम्ब स्तोत्रम्

॥श्री सुब्रह्मण्य करावलम्ब स्तोत्रम्॥ हे स्वामिनाथ! करुणाकर दीनबन्धो, श्रीपार्वतीशमुखपङ्कजपद्मबन्धो । श्रीशादिदेवगणपूजितपादपद्म, वल्लीशनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ देवाधिदेवसुत देवगणाधिनाथ, देवेन्द्रवन्द्यमृदुपङ्कजमञ्जुपाद । देवर्षिनारदमुनीन्द्रसुगीतकीर्ते, वल्लीशनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ नित्यान्नदाननिरताखिलरोगहारिन्, भाग्यप्रदानपरिपूरितभक्तकाम । शृत्यागमप्रणववाच्यनिजस्वरूप, वल्लीशनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ क्रौञ्चासुरेन्द्रपरिखण्डन शक्तिशूल-, चापादिशस्त्रपरिमण्डितदिव्यपाणे । श्रीकुण्डलीशधरतुण्डशिखीन्द्रवाहधृततुण्ड, वल्लीशनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ देवाधिदेवरथमण्डलमध्यवेऽद्य, देवेन्द्रपीठनकरं दृढचापहस्तम् । शूरं निहत्य सुरकोटिभिरीड्यमान, वल्लीशनाथ मम देहि…

श्री सुब्रह्मण्य मंगलाष्टक

॥ श्रीसुब्रह्मण्यमङ्गळाष्टकं ॥ शिवयोसूनुजायास्तु श्रितमन्दार शाखिने । शिखिवर्यातुरंगाय सुब्रह्मण्याय मङ्गळं ॥ भक्ताभीष्टप्रदायास्तु भवमोग विनाशिने । राजराजादिवन्द्याय रणधीराय मङ्गळं ॥ शूरपद्मादि दैतेय तमिस्रकुलभानवे । तारकासुरकालाय बालकायास्तु मङ्गळं ॥ वल्लीवदनराजीव मधुपाय महात्मने । उल्लसन्मणि कोटीर भासुरायास्तु मङ्गळं ॥ कन्दर्पकोटिलावण्यनिधये कामदायिने । कुलिशायुधहस्ताय कुमारायास्तु मङ्गळं ॥ मुक्ताहारलसत् कुण्ड राजये मुक्तिदायिने । देवसेनासमेताय दैवतायास्तु मङ्गळं ॥ कनकांबरसंशोभि कटये कलिहारिणे…

श्री सुब्रह्मण्य अष्टकम

॥श्री सुब्रह्मण्य अष्टकम॥ नमॊऽस्तु बृन्दारकबृन्दवन्द्य- पादारविन्दाय सुधाकराय । षडाननायामितविक्रमाय गौरीहृदानन्दसमुद्भवाय ॥ नमॊऽस्तु तुभ्यं प्रणतार्तिहन्त्रॆ कर्त्रॆ समस्तस्य मनॊरथानाम् । दात्रॆ रतानां परतारकस्य हन्त्रॆ प्रचण्डासुरतारकस्य ॥ अमूर्तमूर्तायसहस्रमूर्तयॆ गुणायगुण्यायपरात्पराय । अपारपाराय परात्पराय नमॊऽस्तु तुभ्यं शिखिवाहनाय ॥ नमॊऽस्तु तॆ ब्रह्मविदांवराय दिगंबरायाम्बरसंस्थिताय । हिरण्यवर्णाय हिरण्यबाहवॆ नमॊ हिरण्याय हिरण्यरॆतसॆ ॥ तपःस्वरूपाय तपॊधनाय तपः फलानां प्रतिपादकाय । सदा कुमाराय हिमारमारिणॆ तृणीकृतैश्वर्यविरागिणॆ नमः…

श्री सुब्रह्मण्य भुजङ्ग स्त्रोत

॥श्री सुब्रह्मण्य भुजङ्ग स्त्रोत॥ सदा बालरूपापि विघ्नाद्रिहन्त्री महादन्तिवक्त्रापि पञ्चास्यमान्या । विधीन्द्रादिमृग्या गणेशाभिधा मे विधत्तां श्रियं कापि कल्याणमूर्तिः ॥ न जानामि शब्दं न जानामिचार्थं न जानामि पद्यं न जानामि गद्यम् । चिदेका षडास्या हृदि द्योतते मे मुखान्निःसरन्ते गिरश्चापि चित्रम् ॥ मयूराधिरूढं महावाक्यगूढं मनोहारिदेहं महच्चित्तगेहम् । महीदेवदेवं महावेदभावं महादेवबालं भजे लोकपालम् ॥ यदा सन्निधानं गता मानवा मे…

आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा

।।आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा।। आशा दशमी की पौराणिक व्रत कथा, जो भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई थी, इस कथा के अनुसार प्राचीन काल में निषध देश में एक राजा राज्य करते थे, जिनका नाम नल था। उनके भाई पुष्कर ने युद्ध में जब उन्हें पराजित कर दिया, तब नल अपनी भार्या दमयंती के…

ऐ मालिक तेरे बंदे हम – प्रार्थना

॥ऐ मालिक तेरे बंदे हम – प्रार्थना॥ ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम नेकी पर चले और बदी से टले, ताकी हँसते हुये निकले दम। ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इन्सान घबरा रहा हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र, सुख का सूरज छुपा जा रहा है तेरी रोशनी में वो…

श्री वाराही सहस्त्रनाम

।।श्री वाराही सहस्त्रनाम।। ॐ ऐं ग्लौं वाराह्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वामन्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वामायै नमः । ॐ ऐं ग्लौं बगळायै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वासव्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वसवे नमः । ॐ ऐं ग्लौं वैदेह्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं विरसुवे नमः । ॐ ऐं ग्लौं बालायै…