शनिदेवाची आरती

शनिदेवाची आरती ही भक्तीभावाने परिपूर्ण असते. शनिवारी सकाळी किंवा संध्याकाळी शुद्ध मनाने शनिदेवाची आरती केली जाते. या आरतीमुळे शनीची कृपा प्राप्त होते आणि साडेसाती, अडथळे व दोष दूर होतात. भक्त शनिदेवाची आरती गात असताना त्यांच्या जीवनात सकारात्मक ऊर्जा येते. “ॐ जय जय शनिदेव…” या आरतीच्या ओळी शनीच्या भक्तांमध्ये भक्तिभाव जागवतात. जर तुम्हाला ही आरती हवी…

श्री शनिदेव आरती

अब आप श्री शनिदेव आरती PDF को सरलता से डाउनलोड कर सकते हैं और घर पर कभी भी पाठ कर सकते हैं। इस PDF में पूरी आरती, पूजन विधि और लाभ विस्तार से दिए गए हैं। शनिदेव की आरती का विशेष महत्व है। यह न केवल शनिदेव को प्रसन्न करती है, बल्कि भक्तों को मानसिक…

श्री शनिदेव चालीसा

श्री शनिदेव चालीसा PDF की सहायता से आप घर पर सरलता से इसका पाठ कर सकते हैं। यह पीडीएफ प्रारूप में आसानी से उपलब्ध है, जिसे मोबाइल या प्रिंट करके नियमित पाठ किया जा सकता है। न्याय के देवता भगवान शनिदेव को समर्पित श्री शनिदेव चालीसा का पाठ करना भक्तों के लिए अत्यंत कल्याणकारी माना…

શનિ ચાલીસા

શનિદેવ ચાલીसा ગુજરતીમાં ભક્તજનો માટે અત્યંત મહત્ત્વપૂર્ણ સ્તુતિ છે. આ ચાલીસા શનિદેવની કૃપા મેળવવા અને દુઃખ, શાપ, સાડેસાતી તથા ઢૈયા જેવી ગ્રહદોષોથી બચવા માટે પઠન કરવામાં આવે છે. “Shanidev Chalisa Gujarati PDF” દ્વારા ભક્તો સરળતાથી દરરોજ પઠન કરી શકે છે અને ભગવાન શનિદેવની કૃપા પ્રાપ્ત કરી શકે છે. આ પીડીએફમાં ચાળીसा સ્પષ્ટ અને સરળ ભાષામાં…

শ্ৰী শনি চালীসা

Shanidev Chalisa in Assamese is a sacred hymn consisting of forty verses that glorify Lord Shani, the powerful deity of justice and discipline. Devotees recite this Chalisa with faith to reduce the malefic effects of Shani and invite blessings of peace, prosperity, and protection. The Shanidev Chalisa Assamese PDF is widely sought after by Assamese-speaking…

शनि कवच

शनि कवचम् एक शक्तिशाली वैदिक स्तोत्र है जो भगवान शनिदेव की कृपा पाने और उनकी दृष्टि से सुरक्षा हेतु पाठ किया जाता है। यह कवच विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो शनि की साढ़ेसाती, ढैया या शनि दोष से पीड़ित हैं। “Shani Kavacham Hindi pdf” के माध्यम से आप इस दिव्य…

శనిదేవ్ చాలీసా

ಶನಿದೇವ ಚಾಲಿಸಾ ತೆಲುಗು ಪಾಠವನ್ನು “Shanidev Chalisa telugu pdf” ಮೂಲಕ ಓದಲು ಬಯಸುವ ಭಕ್ತರಿಗಾಗಿ ಇದು ಅತ್ಯಂತ ಉಪಯುಕ್ತವಾಗಿದೆ. ಶನಿದೇವರನ್ನು ನಿತ್ಯ ಪಠಣೆ ಮಾಡುವುದರಿಂದ ಕಷ್ಟಗಳು ದೂರವಾಗಿ ಶನಿವಾರದ ದಿನದಲ್ಲಿ ವಿಶೇಷ ಫಲ ದೊರೆಯುತ್ತದೆ. “Shanidev Chalisa telugu pdf” ಅನ್ನು ಡೌನ್‌ಲೋಡ್ ಮಾಡಿಕೊಂಡು ಪ್ರತಿದಿನ ಭಕ್ತಿಭಾವದಿಂದ ಪಠಿಸಬಹುದು. ತೆಲುಗು ಭಾಷೆಯ ಈ ಚಾಲಿಸಾ ಶನಿದೇವನ ಮಹಿಮೆಯನ್ನು ವರ್ಣಿಸುತ್ತಿದ್ದು, ಶನಿ ದೋಷ ನಿವಾರಣೆಗೆ ಶ್ರೇಷ್ಠವಾಗಿದೆ. ಈ ಪಾಠವು ಮನಸ್ಸಿಗೆ ಶಾಂತಿ ನೀಡುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ಆತ್ಮಶುದ್ಧಿಯನ್ನು ತರುತ್ತದೆ….

শ্রী শনি চালীসা

ভক্তরা বাংলায় শনি চালিশা পাঠ করে শনিদেবের আশীর্বাদ পেতে পারেন। এই চালিশায় ভক্তির উপর শনিদেবের শক্তি, কৃপা এবং অনুগ্রহের বিস্তারিত বর্ণনা রয়েছে। যে ভক্তরা নিয়মিত বাংলা পিডিএফ-এ শনিদেব চালিসা পাঠ করেন তারা সাধেসাতি এবং দয়ার মতো পাপ থেকে মুক্তি পান। শুভ শনিবারে এই চালিশা পাঠ করলে শনিদেবের অশুভ প্রভাব কমে যায়। শনিদেব চালিশা বাংলা পিডিএফ…

ਸ਼੍ਰੀ ਸ਼ਨਿ ਚਾਲੀਸਾ

Shanidev Chalisa Punjabi pdf ਇਕ ਅਤਿ ਪਵਿੱਤਰ ਅਤੇ ਸ਼ਰਧਾਪੂਰਕ ਗ੍ਰੰਥ ਹੈ ਜੋ ਸ਼ਨੀ ਦੇਵ ਜੀ ਦੀ ਭਕਤੀ ਵਿੱਚ ਪੜ੍ਹਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਚਾਲੀਸਾ ਵਿੱਚ 40 ਛੰਦ ਹਨ ਜੋ ਸ਼ਨੀ ਮਹਾਰਾਜ ਦੇ ਗੁਣਗਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਜੋ ਭਗਤ ਪੰਜਾਬੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸ਼ਨੀ ਚਾਲੀਸਾ ਪੜ੍ਹਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਉਹ “Shanidev Chalisa Punjabi pdf” ਨੂੰ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਡਾਊਨਲੋਡ ਕਰਕੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ…

ശ്രീ ശനി ചാലീസാ

The Shanidev Chalisa is a devotional hymn consisting of 40 verses dedicated to Lord Shani (Shanidev). Reciting it is believed to bring peace, alleviate the malefic effects of Saturn (Shani Dosha), and attract blessings. Many devotees recite the Chalisa regularly, especially on Saturdays, which are dedicated to Lord Shani. You can often find the Shanidev…

ಶ್ರೀ ಶನಿ ಚಾಲೀಸಾ

ಶನಿದೇವರ ಕೃಪೆಗೆ ಪಾತ್ರರಾಗಲು “Shanidev Chalisa Kannada” ಪಾಠವನ್ನು ಪ್ರತಿದಿನವೂ ಓದುವುದು ಉತ್ತಮ ಎನ್ನಲಾಗುತ್ತದೆ. ಈ ಚಾಲಿಸಾ ಶನಿದೇವರ ನವಗ್ರಹ ಶಾಂತಿ ಹಾಗೂ ದುಷ್ಟಫಲ ನಿವಾರಣೆಗೆ ಮಹತ್ತರವಾದದು. ಈ ಪವಿತ್ರ ಪದ್ಯಗಳಲ್ಲಿ ಶನಿದೇವರ ಮಹಿಮೆ, ಅವರ ಕೃಪೆಯಿಂದ ಪ್ರಾಪ್ತವಾಗುವ ಶ್ರೇಷ್ಠ ಫಲಗಳು ಹಾಗೂ ಭಕ್ತರಿಗೆ ದೊರಕುವ ರಕ್ಷಣೆ ವಿವರಿಸಲಾಗಿದೆ. “Shanidev Chalisa Kannada pdf” ಅನ್ನು ಡೌನ್‌ಲೋಡ್ ಮಾಡಿ, ನೀವು ಮೊಬೈಲ್ ಅಥವಾ ಪ್ರಿಂಟ್ ರೂಪದಲ್ಲಿ ಓದಬಹುದು. ಶನಿವಾರದಂದು ನಿರಂತರ ಪಠಣ ಮಾಡುವುದರಿಂದ ಶನಿದೇವರ ಕೋಪದಿಂದ ರಕ್ಷಣೆ…

ஶ்ரீ ஶனி சாலீஸா

Shanidev Chalisa Tamil PDF என்று நீங்கள் குறிப்பிட்டிருப்பதால், ஷானிதேவ் சாலிசா தமிழின் முக்கியத்துவத்தையும், அதன் PDF வடிவம் கிடைப்பதையும் சுருக்கமாகக் கூறலாம். சனீஸ்வர பகவானின் அருளைப் பெறவும், அவருடைய தோஷங்களிலிருந்து விடுபடவும் சனீஸ்வர சாலிசா மிகவும் சக்திவாய்ந்த ஒரு துதியாகும். தமிழில் சனீஸ்வர சாலிசா படித்து மனனம் செய்வது மிகவும் எளிது. “Shanidev Chalisa Tamil PDF” வடிவில் பல இணையதளங்களில் இலவசமாக கிடைக்கிறது. இந்த PDF கோப்புகளை பதிவிறக்கம் செய்து, பக்தர்கள் தங்கள் வீடுகளிலோ…

ଶ୍ରୀ ଶନି ଚାଲୀସା

ଶନିଦେବ ଚାଳିସା ଓଡ଼ିଆ ଭାଷାରେ ପଢିବା ଦ୍ୱାରା ଭକ୍ତମାନେ ଶନିଦେବଙ୍କର କୃପା ପାଇପାରନ୍ତି । ଏହି ଚାଳିସାରେ ଶନିଦେବଙ୍କର ଶକ୍ତି, କୃପା, ଓ ଭକ୍ତି ଉପରେ ତାଙ୍କର ଅନୁଗ୍ରହ ବିଷୟରେ ବିସ୍ତୃତ ଭାବେ ବର୍ଣ୍ଣନା କରାଯାଇଛି । ଯେଉଁ ଭକ୍ତ ନିତ୍ୟ ଶନିଦେବ ଚାଳିସା ଓଡ଼ିଆ PDF ରେ ପଢନ୍ତି, ସେମାନେ ସାଢ଼େସାତି ଓ ଦୈୟା ପରି ଦୋଷରୁ ମୁକ୍ତି ଲାଭ କରନ୍ତି । ଏହି ଚାଳିସା ଶୁଭ ଶନିବାରରେ ପଢିବା ଦ୍ୱାରା ଶନିଦେବଙ୍କ ଅଶୁଭ ପ୍ରଭାବ…

शनिवार व्रत कथा और व्रत विधि

शनिवार व्रत कथा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के कष्टों का नाश होता है। जो भक्त “शनिवार व्रत कथा pdf” का नियमित पाठ करते हैं, उनके ऊपर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है। इस व्रत…

श्री शनैश्चर सहस्रनामावली

श्री शनैश्चर सहस्रनामावली भगवान शनि को समर्पित एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसमें उनके एक हजार पवित्र नामों का संकलन है। इसका पाठ करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैया और अन्य कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह सहस्रनामावली साधकों को धैर्य, न्याय और कर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। नियमित रूप से…

ಶನಿ ಪಂಚಕ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ಶನಿ ಪಂಚಕ ಸ್ತೋತ್ರ (Shani Panchakam Stotram Kannada PDF) || ಸರ್ವಾಧಿದುಃಖಹರಣಂ ಹ್ಯಪರಾಜಿತಂ ತಂ ಮುಖ್ಯಾಮರೇಂದ್ರಮಹಿತಂ ವರಮದ್ವಿತೀಯಂ. ಅಕ್ಷೋಭ್ಯಮುತ್ತಮಸುರಂ ವರದಾನಮಾರ್ಕಿಂ ವಂದೇ ಶನೈಶ್ಚರಮಹಂ ನವಖೇಟಶಸ್ತಂ. ಆಕರ್ಣಪೂರ್ಣಧನುಷಂ ಗ್ರಹಮುಖ್ಯಪುತ್ರಂ ಸನ್ಮರ್ತ್ಯಮೋಕ್ಷಫಲದಂ ಸುಕುಲೋದ್ಭವಂ ತಂ. ಆತ್ಮಪ್ರಿಯಂಕರಮ- ಪಾರಚಿರಪ್ರಕಾಶಂ ವಂದೇ ಶನೈಶ್ಚರಮಹಂ ನವಖೇಟಶಸ್ತಂ. ಅಕ್ಷಯ್ಯಪುಣ್ಯಫಲದಂ ಕರುಣಾಕಟಾಕ್ಷಂ ಚಾಯುಷ್ಕರಂ ಸುರವರಂ ತಿಲಭಕ್ಷ್ಯಹೃದ್ಯಂ. ದುಷ್ಟಾಟವೀಹುತಭುಜಂ ಗ್ರಹಮಪ್ರಮೇಯಂ ವಂದೇ ಶನೈಶ್ಚರಮಹಂ ನವಖೇಟಶಸ್ತಂ. ಋಗ್ರೂಪಿಣಂ ಭವಭಯಾಽಪಹಘೋರರೂಪಂ ಚೋಚ್ಚಸ್ಥಸತ್ಫಲಕರಂ ಘಟನಕ್ರನಾಥಂ. ಆಪನ್ನಿವಾರಕಮಸತ್ಯರಿಪುಂ ಬಲಾಢ್ಯಂ ವಂದೇ ಶನೈಶ್ಚರಮಹಂ ನವಖೇಟಶಸ್ತಂ. ಏನೌಘನಾಶನಮನಾರ್ತಿಕರಂ ಪವಿತ್ರಂ ನೀಲಾಂಬರಂ ಸುನಯನಂ ಕರುಣಾನಿಧಿಂ ತಂ….

சனி பஞ்சக ஸ்தோத்திரம்

|| சனி பஞ்சக ஸ்தோத்திரம் (Shani Panchakam Stotram Tamil PDF) || ஸர்வாதிது꞉கஹரணம் ஹ்யபராஜிதம் தம் முக்யாமரேந்த்ரமஹிதம் வரமத்விதீயம். அக்ஷோப்யமுத்தமஸுரம் வரதானமார்கிம் வந்தே ஶனைஶ்சரமஹம் நவகேடஶஸ்தம். ஆகர்ணபூர்ணதனுஷம் க்ரஹமுக்யபுத்ரம் ஸன்மர்த்யமோக்ஷபலதம் ஸுகுலோத்பவம் தம். ஆத்மப்ரியங்கரம- பாரசிரப்ரகாஶம் வந்தே ஶனைஶ்சரமஹம் நவகேடஶஸ்தம். அக்ஷய்யபுண்யபலதம் கருணாகடாக்ஷம் சாயுஷ்கரம் ஸுரவரம் திலபக்ஷ்யஹ்ருத்யம். துஷ்டாடவீஹுதபுஜம் க்ரஹமப்ரமேயம் வந்தே ஶனைஶ்சரமஹம் நவகேடஶஸ்தம். ருக்ரூபிணம் பவபயா(அ)பஹகோரரூபம் சோச்சஸ்தஸத்பலகரம் கடனக்ரநாதம். ஆபந்நிவாரகமஸத்யரிபும் பலாட்யம் வந்தே ஶனைஶ்சரமஹம் நவகேடஶஸ்தம். ஏனௌகநாஶனமனார்திகரம் பவித்ரம் நீலாம்பரம் ஸுநயனம் கருணாநிதிம் தம்….

శని పంచక స్తోత్రం

|| శని పంచక స్తోత్రం (Shani Panchakam Stotram Telugu PDF) || సర్వాధిదుఃఖహరణం హ్యపరాజితం తం ముఖ్యామరేంద్రమహితం వరమద్వితీయం. అక్షోభ్యముత్తమసురం వరదానమార్కిం వందే శనైశ్చరమహం నవఖేటశస్తం. ఆకర్ణపూర్ణధనుషం గ్రహముఖ్యపుత్రం సన్మర్త్యమోక్షఫలదం సుకులోద్భవం తం. ఆత్మప్రియంకరమ- పారచిరప్రకాశం వందే శనైశ్చరమహం నవఖేటశస్తం. అక్షయ్యపుణ్యఫలదం కరుణాకటాక్షం చాయుష్కరం సురవరం తిలభక్ష్యహృద్యం. దుష్టాటవీహుతభుజం గ్రహమప్రమేయం వందే శనైశ్చరమహం నవఖేటశస్తం. ఋగ్రూపిణం భవభయాఽపహఘోరరూపం చోచ్చస్థసత్ఫలకరం ఘటనక్రనాథం. ఆపన్నివారకమసత్యరిపుం బలాఢ్యం వందే శనైశ్చరమహం నవఖేటశస్తం. ఏనౌఘనాశనమనార్తికరం పవిత్రం నీలాంబరం సునయనం కరుణానిధిం తం….

ശനി പഞ്ചക സ്തോത്രം

|| ശനി പഞ്ചക സ്തോത്രം (Shani Panchakam Stotram Malayalam PDF) || സർവാധിദുഃഖഹരണം ഹ്യപരാജിതം തം മുഖ്യാമരേന്ദ്രമഹിതം വരമദ്വിതീയം. അക്ഷോഭ്യമുത്തമസുരം വരദാനമാർകിം വന്ദേ ശനൈശ്ചരമഹം നവഖേടശസ്തം. ആകർണപൂർണധനുഷം ഗ്രഹമുഖ്യപുത്രം സന്മർത്യമോക്ഷഫലദം സുകുലോദ്ഭവം തം. ആത്മപ്രിയങ്കരമ- പാരചിരപ്രകാശം വന്ദേ ശനൈശ്ചരമഹം നവഖേടശസ്തം. അക്ഷയ്യപുണ്യഫലദം കരുണാകടാക്ഷം ചായുഷ്കരം സുരവരം തിലഭക്ഷ്യഹൃദ്യം. ദുഷ്ടാടവീഹുതഭുജം ഗ്രഹമപ്രമേയം വന്ദേ ശനൈശ്ചരമഹം നവഖേടശസ്തം. ഋഗ്രൂപിണം ഭവഭയാഽപഹഘോരരൂപം ചോച്ചസ്ഥസത്ഫലകരം ഘടനക്രനാഥം. ആപന്നിവാരകമസത്യരിപും ബലാഢ്യം വന്ദേ ശനൈശ്ചരമഹം നവഖേടശസ്തം. ഏനൗഘനാശനമനാർതികരം പവിത്രം നീലാംബരം സുനയനം കരുണാനിധിം തം….

शनि पंचक स्तोत्र

|| शनि पंचक स्तोत्र PDF || सर्वाधिदुःखहरणं ह्यपराजितं तं मुख्यामरेन्द्रमहितं वरमद्वितीयम्। अक्षोभ्यमुत्तमसुरं वरदानमार्किं वन्दे शनैश्चरमहं नवखेटशस्तम्। आकर्णपूर्णधनुषं ग्रहमुख्यपुत्रं सन्मर्त्यमोक्षफलदं सुकुलोद्भवं तम्। आत्मप्रियङ्करम- पारचिरप्रकाशं वन्दे शनैश्चरमहं नवखेटशस्तम्। अक्षय्यपुण्यफलदं करुणाकटाक्षं चायुष्करं सुरवरं तिलभक्ष्यहृद्यम्। दुष्टाटवीहुतभुजं ग्रहमप्रमेयं वन्दे शनैश्चरमहं नवखेटशस्तम्। ऋग्रूपिणं भवभयाऽपहघोररूपं चोच्चस्थसत्फलकरं घटनक्रनाथम्। आपन्निवारकमसत्यरिपुं बलाढ्यं वन्दे शनैश्चरमहं नवखेटशस्तम्। एनौघनाशनमनार्तिकरं पवित्रं नीलाम्बरं सुनयनं करुणानिधिं तम्। एश्वर्यकार्यकरणं च विशालचित्तं वन्दे…

शनिदेव को चढ़ाएं ये 7 प्रिय चीजें और जानिए उनसे जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें

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शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफलदाता कहा जाता है। मान्यता है कि वे व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैया के प्रभाव को कम करने और उनकी कृपा पाने के लिए कुछ विशेष चीजें उन्हें अर्पित की जाती हैं और उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानना भी…

शनि चालीसा – शनि की साढ़ेसाती और ढैया में रामबाण उपाय, क्या है शनि की साढ़ेसाती/ शनि की ढैया?

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क्या आप शनि की साढ़ेसाती, ढैया, या शनि दोष से परेशान हैं? इस लेख में जानिए कैसे ‘शनि चालीसा’ पढ़कर आप शनिदेव की कृपा पा सकते हैं और जीवन की बाधाओं से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता कहा गया है। शनिदेव हर व्यक्ति को…

शनि प्रदोष व्रत कथा और पूजा विधि

|| शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि || प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े धारण करें। भगवान शंकर और माता पार्वती को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं। अब भगवान को बेल पत्र, गंध, अक्षत , फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची अर्पित…

शनि देव को प्रसन्न करने के 17 चमत्कारी उपाय – शनि देव की कृपा से बनें करोड़पति

shani-dev

शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना जाता है। इस दिन शनि देव की पूजा और उपासना करने से जीवन की समस्याएं, दुख और कष्ट कम हो जाते हैं। शनि देव को प्रसन्न करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि, शांति और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। आइए जानते हैं शनि देव को प्रसन्न करने के…

शनि के उपाय एवम टोटके (Shani Ke Upay Awam Totake)

शनि के उपाय एवम टोटके (Shani Ke Upay Awam Totake)

‘शनि के उपाय एवम् टोटके’ पुस्तक ज्योतिष शास्त्र और शनि ग्रह के प्रभावों को समझने और उनके निवारण के लिए एक प्रभावी मार्गदर्शिका है। अमरजीत यादव द्वारा लिखित यह पुस्तक उन पाठकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों, शनि की साढ़ेसाती, ढैया या कुंडली में शनि की स्थिति…

शनि चालीसा मराठी

॥ शनि चालीसा (Shani Chalisa PDF Marathi) ॥ ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीन दु:ख दूर करा कीजय नाथ निहाल । जय जय श्री शनिदेव प्रभू, सुनाहु विनय महाराज। करहू कृपा, हे रवि तनय, राखू लोकांची लाज। ॥ चौपट ॥ जयती जयति शनिदेव दयाला । करित सदा भक्त प्रतिपाल चारी…

Shani Jayanti 2025 – शनि जयंती व्रत कथा, आरती और शनि महाराज की कृपा प्राप्त करने के सरल उपाय

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शनि जयंती हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस दिन को शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2025 में, यह पावन तिथि 27 मई, मंगलवार को पड़ रही है। इस दिन भक्त शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, व्रत रखते हैं और उनकी…

महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्रम्

|| शनि मृत्युंजय स्तोत्र पाठ के लाभ || महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करते समय उच्चारण शुद्ध रखने से इसका पूर्ण प्रभाव होता है। इसका प्रति शनिवार पाठ करना चाहिए इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करने के पश्चात शनि देव को तेल अवश्य चढ़ाएं, इससे आपके ऊपर से…

शनि अमावस्या का रहस्य – कैसे पाएं शनि की विशेष कृपा?

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भारतीय ज्योतिष और धार्मिक परंपराओं में शनि देव का एक विशेष स्थान है। न्याय और कर्मफल के दाता माने जाने वाले शनि देव की कृपा प्राप्त करना हर व्यक्ति की इच्छा होती है। ऐसे में, शनि अमावस्या का संयोग एक अत्यंत महत्वपूर्ण और दुर्लभ अवसर लेकर आता है। यह वह दिन है जब अमावस्या तिथि…

शनिदेव के प्रिय रंग और वस्तुएं – क्या है इनका महत्व?

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शनिदेव, जिन्हें न्याय के देवता और कर्मफलदाता के रूप में पूजा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनकी आराधना और कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त कई प्रकार के उपाय करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव से संबंधित कुछ विशेष रंग और वस्तुएं बताई गई हैं, जिन्हें उनका प्रिय माना जाता…

शनि साढ़ेसाती – एक चुनौती या विकास का अवसर?

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ज्योतिष में ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव माना जाता है। इनमें से शनि ग्रह का एक विशेष स्थान है, जो न्याय, कर्म और अनुशासन का प्रतिनिधित्व करते हैं। शनि जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्रमा से बारहवें, पहले और दूसरे भाव से गुजरते हैं, तो इस अवधि को ‘शनि साढ़ेसाती’ कहा…

Shri Shani Dev Aarti

॥ Shri Shani Dev Aarti ॥ Jai Jai Shri Shani Dev Bhaktan Hitkari । Suraj Ke Putra Prabhu Chaya Mehatari ॥ ॥ Jai Jai Shri Shani..॥ Shyam Ank Vakra Drisht Chaturbhurja Dhari । Nilamber Dhar Nath Gaj Ki Aswari ॥ ॥ Jai Jai Shri Shani..॥ Krit Mukut Sheesh Sahej Dipat Hain Lilari । Muktan Ki…

Shaniwar Aarti

॥ Shaniwar Aarti ॥ Jai Shani Deva, Jai Shani Deva, Jai Jai Jai Shani Deva। Akhila Srishti Mein Koti-Koti Jana Karen Tumhari Seva। Jai Shani Deva…॥ Jaa Par Kupita Hou Tum Swami, Ghora Kashta Waha Pave। Dhana Vaibhava Aur Maan-Kirti, Sab Palbhara Mein Mita Jave। Raja Nala Ko Lagi Shani Dasha, Rajpaat Hara Leva। Jai…

शनिवार आरती

॥ शनिवार आरती ॥ जय शनि देवा, जय शनि देवा, जय जय जय शनि देवा। अखिल सृष्टि में कोटि-कोटिजन करें तुम्हारी सेवा। जय शनि देवा…॥ जा पर कुपित होउ तुम स्वामी, घोर कष्ट वह पावे। धन वैभव और मान-कीर्ति, सब पलभर में मिट जावे। राजा नल को लगी शनि दशा, राजपाट हर लेवा। जय शनि…

श्रीशनिवज्रपंजरकवचम्

|| श्रीशनिवज्रपंजरकवचम् || श्री गणेशाय नमः ॥ विनियोगः । ॐ अस्य श्रीशनैश्चरवज्रपञ्जर कवचस्य कश्यप ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्री शनैश्चर देवता, श्रीशनैश्चर प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥ ऋष्यादि न्यासः । श्रीकश्यप ऋषयेनमः शिरसि । अनुष्टुप् छन्दसे नमः मुखे । श्रीशनैश्चर देवतायै नमः हृदि । श्रीशनैश्चरप्रीत्यर्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे ॥ ध्यानम् । नीलाम्बरो नीलवपुः किरीटी गृध्रस्थितस्त्रासकरो धनुष्मान्…

शनिमङ्गलस्तोत्रम्

|| शनिमङ्गलस्तोत्रम् || मन्दः कृष्णनिभस्तु पश्चिममुखः सौराष्ट्रकः काश्यपः । स्वामी नक्रभकुम्भयोर्बुधसितौ मित्रे समश्चाऽङ्गिराः ॥ १॥ स्थानं पश्चिमदिक् प्रजापति यमौ देवौ धनुष्यासनः । षट्त्रिस्थः शुभकृच्छनी रविसुतः कुर्यात्सदा मङ्गलम् ॥ २॥ प्रार्थना आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम् । पूजां नैव हि जानामि क्षमस्व परमेश्वर ॥ मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वर । यत्पूजितं मया देव परिपूर्णं तदस्तु मे…

शनिभार्या एवम् शनिस्तोत्रम्

|| शनिभार्या एवम् शनिस्तोत्रम् || यः पुरा राज्यभ्रष्टाय नलाय प्रददो किल । स्वप्ने शौरिः स्वयं मन्त्रं सर्वकामफलप्रदम् ॥ १॥ क्रोडं नीलाञ्जनप्रख्यं नीलजीमूतसन्निभम् । छायामार्तण्डसम्भूतं नमस्यामि शनैश्चरम् ॥ २॥ ॐ नमोऽर्कपुत्राय शनैश्चराय नीहारवर्णाञ्जननीलकाय । स्मृत्वा रहस्यं भुवि मानुषत्वे फलप्रदो मे भव सूर्यपुत्र ॥ ३॥ नमोऽस्तु प्रेतराजाय कृष्णवर्णाय ते नमः । शनैश्चराय क्रूराय सिद्धिबुद्धिप्रदायिने ॥ ४॥ य…

श्रीशनिनामस्तुतिः

|| श्रीशनिनामस्तुतिः || क्रोडं नीलाञ्जनप्रख्यम् नीलवर्णसमस्रजम् । छायामार्तण्डसम्भूतं नमस्यामि शनैश्चरम् ॥ नमोऽर्कपुत्राय शनैश्चराय नीहारवर्णाञ्जनमेचकाय । श्रुत्वा रहस्यं भवकामदश्च फलप्रदो मे भव सूर्यपुत्र ॥ नमोऽस्तु प्रेतराजाय कृष्णदेहाय वै नमः । शनैश्चराय क्रूराय शुद्धबुद्धिप्रदायिने ॥ ॥ फल्श्रुतिः ॥ य एभिर्नामभिः स्तौति तस्य तुष्टो भवाम्यहम् । मदीयं तु भयं तस्य स्वप्नेऽपि न भविष्यति ॥ ॥ श्रीभविष्यपुराणे श्रीशनिनामस्तुतिः सम्पूर्णा…

శ్రీ శని వజ్రపంజర కవచం

|| Shani Vajra Panjara Kavacham || బ్రహ్మోవాచ | శృణుధ్వమృషయః సర్వే శనిపీడాహరం మహత్ | కవచం శనిరాజస్య సౌరేరిదమనుత్తమమ్ || ౧ || కవచం దేవతావాసం వజ్రపంజరసంజ్ఞకమ్ | శనైశ్చరప్రీతికరం సర్వసౌభాగ్యదాయకమ్ || ౨ || అస్య శ్రీశనైశ్చర వజ్రపంజర కవచస్య కశ్యప ఋషిః అనుష్టుప్ ఛందః శ్రీ శనైశ్చరః దేవతా శ్రీశనైశ్చర ప్రీత్యర్థే జపే వినియోగః || ఋష్యాదిన్యాసః – శిరసి కశ్యప ఋషయే నమః | ముఖే అనుష్టుప్ ఛందసే నమః…

श्री शनि वज्रपंजर कवच

|| श्री शनि वज्रपंजर कवच || ओं अस्य श्रीशनैश्चरवज्रपञ्जर कवचस्य कश्यप ऋषिः अनुष्टुप् छन्दः श्री शनैश्चर देवता श्रीशनैश्चर प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः । ध्यानम् । नीलाम्बरो नीलवपुः किरीटी गृध्रस्थितस्त्रासकरो धनुष्मान् । चतुर्भुजः सूर्यसुतः प्रसन्नः सदा मम स्याद्वरदः प्रशान्तः ॥ ब्रह्मोवाच । शृणुध्वं ऋषयः सर्वे शनिपीडाहरं महत् । कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम् ॥ कवचं देवतावासं वज्रपञ्जरसञ्ज्ञकम् । शनैश्चर…

શનિવાર વ્રત કથા ઔર વ્રત વિધિ

|| શનિવાર વ્રત વિધિ || શનિવાર વ્રત હિંદૂ ધર્મ મેં શનિદેવ કો સમર્પિત એક મહત્વપૂર્ણ વ્રત હૈ. યહ વ્રત શનિદેવ કે પ્રકોપ સે બચને ઔર ઉનકી કૃપા પ્રાપ્ત કરને કે લિએ કિયા જાતા હૈ. શનિવાર કે દિન પ્રાતઃ સ્નાન આદિ કરને કે બાદ કાલા તિલ ઔર લૌંગ મિશ્રિત જલ પશ્ચિમ દિશા કી ઓર મુખ કરકે…

శనివార వ్రత కథా ఔర వ్రత విధి

|| శనివార వ్రత విధి || శనివార వ్రత హిందూ ధర్మ మేం శనిదేవ కో సమర్పిత ఏక మహత్వపూర్ణ వ్రత హై. యహ వ్రత శనిదేవ కే ప్రకోప సే బచనే ఔర ఉనకీ కృపా ప్రాప్త కరనే కే లిఏ కియా జాతా హై. శనివార కే దిన ప్రాతః స్నాన ఆది కరనే కే బాద కాలా తిల ఔర లౌంగ మిశ్రిత జల పశ్చిమ దిశా కీ ఓర ముఖ కరకే…

Shani Mrityunjaya Stotram

|| Shani Mrityunjaya Stotram || || Viniyog || Om Asya Shri Mahaakala Shani Mrityunjaya Stotramantrasya Pipalaad Rishi, Anushtup Chando, Mahaakala Shanirdevata, Sham Beejam Maayasi Shaktih, Kaala Purushaayeti Keelakam Mama, Akaala Apamrityu Nivaaranaarthe Paathe Viniyogah. || Om Sri Ganeshaaya Namah || Om Mahaakala Shani Mrityunjayaaya Namah. Neelaadri Shobhaam Chitadivyamuurtih, Khadgo Tridandee Sharachaapahastah. Shambhur Mahaakala Shanirpuraari, Jayatyasheshaasuranashakaari….

Shani Vajra Panjar Kavacham

|| Shani Vajra Panjar Kavacham || || Viniyogah || Om Asya Shri Shanishchara Vajrapanjar Kavachasya Kashyapa Rishi, Anushtup Chhandah, Shri Shanishchara Devata, Shri Shanishchara Preetyarthe Jape Viniyogah || || Rishyadi Nyasah || Shri Kashyapa Rishayenamah Shirasi | Anushtup Chhandase Namah Mukhe | Shri Shanishchara Devatayai Namah Hridi | Shri Shanishcharapreetyarthe Jape Viniyogaya Namah Sarvangge ||…

श्री शनि अष्टकम्

|| शनि अष्टकम् || नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:। नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च। नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:। नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते। नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने। नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते। सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च।…

श्री शनि अष्टकम

|| श्री शनि अष्टकम || नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:। नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च। नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते। नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:। नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते। नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:। नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने। नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते। सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय…

Shri Shani Ashtakam

|| Shri Shani Ashtakam || Namah Krishnaaya Neelaaya Shitikantha Nibhaaya cha। Namah Kaalaagni Roopaaya Krutaantaya cha vai namah। Namo Nirmaamsa Dehaaya Deerghashmashrujataaya cha। Namo Vishaala Netraaya Shushkodara Bhayaakrite। Namah Pushkala Gaatraaya Sthoola Romne’tha vai namah। Namo Deerghaaya Shushkaaya Kaala Damshtra Namostu te। Namaste Kotaraakshaaya Durnareekshyaaya vai namah। Namo Ghoraya Raudraaya Bheeshanaaya Kapaaline। Namaste Sarva Bhakshaaya…

श्री शनि वज्र पंजर कवचम्

॥ श्री शनि वज्र पंजर कवचम् ॥ ॥ विनियोगः ॥ ॐ अस्य श्रीशनैश्चरवज्रपञ्जर कवचस्य कश्यप ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्री शनैश्चर देवता, श्रीशनैश्चर प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥ ॥ ऋष्यादि न्यासः ॥ श्रीकश्यप ऋषयेनमः शिरसि । अनुष्टुप् छन्दसे नमः मुखे । श्रीशनैश्चर देवतायै नमः हृदि । श्रीशनैश्चरप्रीत्यर्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे ॥ ॥ ध्यानम् ॥ नीलाम्बरो नीलवपुः…

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