आदित्य हृदयम्

|| आदित्य हृदयम् || ध्यानम् नमस्सवित्रे जगदेक चक्षुसे जगत्प्रसूति स्थिति नाशहेतवे त्रयीमयाय त्रिगुणात्म धारिणे विरिंचि नारायण शंकरात्मने ततो युद्ध परिश्रांतं समरे चिंतयास्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ 1 ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपागम्याब्रवीद्रामं अगस्त्यो भगवान् ऋषिः ॥ 2 ॥ राम राम महाबाहो शृणु गुह्यं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसि…

सूर्य सहस्रनामावली (भविष्य पुराण)

भविष्य पुराण में वर्णित सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली भगवान सूर्य की महिमा, उनके स्वरूप, और उनके द्वारा विश्व में प्रदान की जाने वाली ऊर्जा और जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन करती है। भगवान सूर्य वेदों में आदित्य के रूप में पूजित हैं और उन्हें जीवनदाता,…

रुद्रयामल सूर्य सहस्रनामावली

रुद्रयामल तंत्र एक प्रमुख तांत्रिक ग्रंथ है, जिसमें विविध देवताओं की स्तुतियों और साधनाओं का वर्णन है। इसमें वर्णित सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली सूर्य देव के विभिन्न स्वरूपों, गुणों और उनकी अनंत शक्ति का वर्णन करती है। भगवान सूर्य को वेदों में आदित्य, सविता और…

स्कन्द पुराण सूर्य सहस्रनामावली

स्कन्द पुराण भारतीय धर्मग्रंथों में सबसे बड़ा पुराण है, जिसमें सृष्टि, धर्म और अध्यात्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण कथाएं और स्तोत्र शामिल हैं। इस पुराण में सूर्य देव की महिमा का विस्तृत वर्णन मिलता है। सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनके स्वरूप, शक्ति और उपकारकता को प्रकट…

मकर संक्रांति 2025 शुभ मुहूर्त – जानें इस दिन का खगोलीय और आध्यात्मिक महत्व

makar-sankrati

मकर संक्रांति का दिन सूर्य देव को समर्पित है और इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग में बारह संक्रांतियाँ होती हैं, लेकिन धार्मिक दृष्टि से मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इसकी लोकप्रियता इतनी अधिक है कि इसे सामान्यतः “संक्रांति” कहकर संबोधित किया जाता है। मकर संक्रान्ति 2025 पुण्य काल मुहूर्त…

आदित्य कवच पाठ

॥ आदित्य कवच पाठ विधि ॥ सर्वप्रथम नित्यकर्म आदि से निर्वत्त होकर एक लाल रंग का स्वच्छ आसान बिछायें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके पद्मासन में बैठ जायें अपने सामने भगवान सूर्यदेव का छायाचित्र अथवा मूर्ति स्थापित करें, दोनों में से कुछ भी उपलब्ध न होने की दशा में आकाश में पूर्व दिशा…

रविवार व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| रविवार व्रत पूजा विधि || रविवार का व्रत सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए उत्तम माना गया है। इस व्रत को करने की विधि इस प्रकार है: सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शांत मन से भगवान का ध्यान करें। इस व्रत में केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए। भोजन और फलाहार…

श्री सूर्य देव चालीसा

|| सूर्य देव चालीसा || ॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु पतंग मरीची भास्कर, सविता हंस सुनूर विभाकर॥ विवस्वान आदित्य विकर्तन, मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥ अम्बरमणि खग रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥…

Surya Dev Chalisa

|| Surya Dev Chalisa || ॥ Doha ॥ Kanak Badan Kundal Makar, Mukta Mala Anga, Padmasan Sthit Dhyaiye, Sankh Chakra Ke Sang ॥ ॥ Chaupai ॥ Jai Savita Jai Jayati Diwakar, Sahasranshu Saptashwa Timihar ॥ Bhanu Patang Marichi Bhaskar, Savita Hans Sunur Vibhakar ॥ Vivaswan Adity Vikartan, Martand Hariroop Virochan ॥ Ambaramani Khag Ravi Kahalate,…

Surya Dev Ji Ki Aarti

|| Surya Dev Aarti || Om Jai Surya Bhagwan, Jai Ho Dinkar Bhagwan। Jagat Ke Netra Swaroopa, Tum Ho Triguna Swaroopa। Dharat Saba Hi Tab Dhyan, Om Jai Surya Bhagwan॥ ॥ Om Jai Surya Bhagwan…॥ Sarathi Arun Hai Prabhu Tum, Shwet Kamaladhari। Tum Char Bhuja Dhari॥ Ashwa Hai Sath Tumharey, Koti Kirana Pasarey। Tum Ho…

सूर्य देव जी की आरती

|| सूर्य देव आरती || ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान । जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा । धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥ ॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥ सारथी अरूण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी । तुम चार भुजाधारी ॥ अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटी…

रविवार आरती

|| रविवार आरती || कहूँ लगी आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकी जोत बिराजे || सात समुद्र जाके चरणनि बसे, कहा भयो जल कुम्भ भरे || सात समुद्र जाके चरणनि बसे, कहा भयो जल कुम्भ भरे || सकल जगत जाकी जोत बिराजे || कहूँ लगी आरती दास करेंगे|| कोटि भानु जाके नख की शोभा, कहा…

Ravivar Aarti

॥ Ravivar Aarti ॥ Kahu Lagi Aarti, Das Karenge, Sakal Jagat Jaki Jot Biraje || Saath Samudra Jake Charani Base, Kaha Bhayo Jal Kumbh Bhare || Saath Samudra Jake Charani Base, Kaha Bhayo Jal Kumbh Bhare || Sakal Jagat Jaki Jot Biraje || Kahu Lagi Aarti, Das Karenge || Koti Bhanu Jake Nakh Ki Shobha,…

सूर्यदेव की कृपा पाने का सरल उपाय – जानिए व्रत कथा, पूजा विधि और नियम

Suryadev

सूर्य देव व्रत, जिसे रविवार व्रत के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा और उपवास करने का विधान है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि, आरोग्य और शत्रुओं से रक्षा प्राप्त होती है। इस…

श्री सूर्य देव आरती: जय जय रविदेव

|| श्री सूर्य देव आरती: जय जय रविदेव || जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव । रजनीपति मदहारी, शतलद जीवन दाता ॥ पटपद मन मदुकारी, हे दिनमण दाता । जग के हे रविदेव, जय जय जय स्वदेव ॥ नभ मंडल के वाणी, ज्योति प्रकाशक देवा । निजजन हित सुखराशी, तेरी हम सब सेवा…

శ్రీ సూర్య నమస్కార మంత్రం

|| శ్రీ సూర్య నమస్కార మంత్రం || ఓం ధ్యాయేస్సదా సవితృమండలమధ్యవర్తీ నారాయణస్సరసిజాసన సన్నివిష్టః | కేయూరవాన్ మకరకుండలవాన్ కిరీటీ హారీ హిరణ్మయవపుః ధృతశంఖచక్రః || ఓం మిత్రాయ నమః | 1 | ఓం రవయే నమః | 2 | ఓం సూర్యాయ నమః | 3 | ఓం భానవే నమః | 4 | ఓం ఖగాయ నమః | 5 | ఓం పూష్ణే నమః | 6 |…

श्री सूर्य नमस्कार मन्त्रं

|| श्री सूर्य नमस्कार मन्त्रं || ॐ ध्यायेस्सदा सवितृमण्डलमध्यवर्ती नारायणस्सरसिजासन सन्निविष्टः । केयूरवान् मकरकुण्डलवान् किरीटी हारी हिरण्मयवपुः धृतशङ्खचक्रः ॥ ॐ मित्राय नमः । ॐ रवये नमः । ॐ सूर्याय नमः । ॐ भानवे नमः । ॐ खगाय नमः । ॐ पूष्णे नमः । ॐ हिरण्यगर्भाय नमः । ॐ मरीचये नमः । ॐ आदित्याय नमः ।…

ਸ਼੍ਰੀ ਸੂਰ੍ਯ ਨਮਸ੍ਕਾਰ ਮਂਤ੍ਰਂ

|| ਸ਼੍ਰੀ ਸੂਰ੍ਯ ਨਮਸ੍ਕਾਰ ਮਂਤ੍ਰਂ || ਓਂ ਧ੍ਯਾਯੇਸ੍ਸਦਾ ਸਵਿਤ੍ਰੁਰੁਇਮਂਡਲਮਧ੍ਯਵਰ੍ਤੀ ਨਾਰਾਯਣਸ੍ਸਰਸਿਜਾਸਨ ਸਨ੍ਨਿਵਿਸ਼੍ਟਃ । ਕੇਯੂਰਵਾਨ੍ ਮਕਰਕੁਂਡਲਵਾਨ੍ ਕਿਰੀਟੀ ਹਾਰੀ ਹਿਰਣ੍ਮਯਵਪੁਃ ਧ੍ਰੁਰੁਇਤਸ਼ਂਖਚਕ੍ਰਃ ॥ ਓਂ ਮਿਤ੍ਰਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਰਵਯੇ ਨਮਃ । ਓਂ ਸੂਰ੍ਯਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਭਾਨਵੇ ਨਮਃ । ਓਂ ਖਗਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਪੂਸ਼੍ਣੇ ਨਮਃ । ਓਂ ਹਿਰਣ੍ਯਗਰ੍ਭਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਮਰੀਚਯੇ ਨਮਃ । ਓਂ ਆਦਿਤ੍ਯਾਯ ਨਮਃ ।…

ଶ୍ରୀ ସୂର୍ୟ ନମସ୍କାର ମଂତ୍ରଂ

|| ଶ୍ରୀ ସୂର୍ୟ ନମସ୍କାର ମଂତ୍ରଂ || ଓଂ ଧ୍ୟାୟେସ୍ସଦା ସଵିତୃମଂଡଲମଧ୍ୟଵର୍ତୀ ନାରାୟଣସ୍ସରସିଜାସନ ସନ୍ନିଵିଷ୍ଟଃ । କେୟୂରଵାନ୍ ମକରକୁଂଡଲଵାନ୍ କିରୀଟୀ ହାରୀ ହିରଣ୍ମୟଵପୁଃ ଧୃତଶଂଖଚକ୍ରଃ ॥ ଓଂ ମିତ୍ରାୟ ନମଃ । ଓଂ ରଵୟେ ନମଃ । ଓଂ ସୂର୍ୟାୟ ନମଃ । ଓଂ ଭାନଵେ ନମଃ । ଓଂ ଖଗାୟ ନମଃ । ଓଂ ପୂଷ୍ଣେ ନମଃ । ଓଂ ହିରଣ୍ୟଗର୍ଭାୟ ନମଃ । ଓଂ ମରୀଚୟେ ନମଃ । ଓଂ ଆଦିତ୍ୟାୟ ନମଃ ।…

শ্রী সূর্য নমস্কার মংত্রং

|| শ্রী সূর্য নমস্কার মংত্রং || ওং ধ্যাযেস্সদা সবিতৃমংডলমধ্যবর্তী নারাযণস্সরসিজাসন সন্নিবিষ্টঃ । কেযূরবান্ মকরকুংডলবান্ কিরীটী হারী হিরণ্মযবপুঃ ধৃতশংখচক্রঃ ॥ ওং মিত্রায নমঃ । ওং রবযে নমঃ । ওং সূর্যায নমঃ । ওং ভানবে নমঃ । ওং খগায নমঃ । ওং পূষ্ণে নমঃ । ওং হিরণ্যগর্ভায নমঃ । ওং মরীচযে নমঃ । ওং আদিত্যায নমঃ ।…

श्री सूर्य नमस्कार मंत्रं

|| श्री सूर्य नमस्कार मंत्रं || ॐ ध्यायेस्सदा सवितृमंडलमध्यवर्ती नारायणस्सरसिजासन सन्निविष्टः । केयूरवान् मकरकुंडलवान् किरीटी हारी हिरण्मयवपुः धृतशंखचक्रः ॥ ॐ मित्राय नमः । ॐ रवये नमः । ॐ सूर्याय नमः । ॐ भानवे नमः । ॐ खगाय नमः । ॐ पूष्णे नमः । ॐ हिरण्यगर्भाय नमः । ॐ मरीचये नमः । ॐ आदित्याय नमः ।…

ശ്രീ സൂര്യ നമസ്കാര മംത്രം

|| ശ്രീ സൂര്യ നമസ്കാര മംത്രം || ഓം ധ്യായേസ്സദാ സവിതൃമംഡലമധ്യവര്തീ നാരായണസ്സരസിജാസന സന്നിവിഷ്ടഃ । കേയൂരവാന് മകരകുംഡലവാന് കിരീടീ ഹാരീ ഹിരണ്മയവപുഃ ധൃതശംഖചക്രഃ ॥ ഓം മിത്രായ നമഃ । ഓം രവയേ നമഃ । ഓം സൂര്യായ നമഃ । ഓം ഭാനവേ നമഃ । ഓം ഖഗായ നമഃ । ഓം പൂഷ്ണേ നമഃ । ഓം ഹിരണ്യഗര്ഭായ നമഃ । ഓം മരീചയേ നമഃ । ഓം ആദിത്യായ നമഃ ।…

ಶ್ರೀ ಸೂರ್ಯ ನಮಸ್ಕಾರ ಮಂತ್ರಂ

|| ಶ್ರೀ ಸೂರ್ಯ ನಮಸ್ಕಾರ ಮಂತ್ರಂ || ಸೂರ್ಯ ನಮಸ್ಕಾರ ಮಂತ್ರವು ಸೂರ್ಯ ದೇವರನ್ನು ಪೂಜಿಸಲು. ಸೂರ್ಯ ನಮಸ್ಕಾರವು ಹನ್ನೆರಡು ಯೋಗ ಭಂಗಿಗಳು ಅಥವಾ ಸೂರ್ಯನ ಚಕ್ರಗಳನ್ನು ಪ್ರತಿನಿಧಿಸುವ ಆಸನಗಳನ್ನು ಒಳಗೊಂಡಿದೆ, ಇದು ಸರಿಸುಮಾರು ಹನ್ನೆರಡು ಮತ್ತು ಕಾಲು ವರ್ಷಗಳವರೆಗೆ ನಡೆಯುತ್ತದೆ. ಸೂರ್ಯ ನಮಸ್ಕಾರವು ನಿಮ್ಮ ಭೌತಿಕ ಚಕ್ರ ಮತ್ತು ಸೂರ್ಯನ ನಡುವೆ ಈ ಸಾಮರಸ್ಯವನ್ನು ಸೃಷ್ಟಿಸಲು ಸಹಾಯ ಮಾಡುತ್ತದೆ. ಸೂರ್ಯ ನಮಸ್ಕಾರವನ್ನು ಸೂರ್ಯ ನಮಸ್ಕಾರ ಮಂತ್ರಗಳು ಅಥವಾ ಸೂರ್ಯ ನಮಸ್ಕಾರ ಮಂತ್ರಗಳು ಎಂಬ ಪಠಣಗಳೊಂದಿಗೆ ಸೇರಿಸಬಹುದು….

શ્રી સૂર્ય નમસ્કાર મંત્રં

|| શ્રી સૂર્ય નમસ્કાર મંત્રં || ઓં ધ્યાયેસ્સદા સવિતૃમંડલમધ્યવર્તી નારાયણસ્સરસિજાસન સન્નિવિષ્ટઃ । કેયૂરવાન્ મકરકુંડલવાન્ કિરીટી હારી હિરણ્મયવપુઃ ધૃતશંખચક્રઃ ॥ ઓં મિત્રાય નમઃ । ઓં રવયે નમઃ । ઓં સૂર્યાય નમઃ । ઓં ભાનવે નમઃ । ઓં ખગાય નમઃ । ઓં પૂષ્ણે નમઃ । ઓં હિરણ્યગર્ભાય નમઃ । ઓં મરીચયે નમઃ । ઓં આદિત્યાય નમઃ ।…

श्री सूर्य नमस्कार मंत्र

|| श्री सूर्य नमस्कार मंत्र || ॐ ध्यायेस्सदा सवितृमण्डलमध्यवर्ती नारायणस्सरसिजासन सन्निविष्टः | केयूरवान् मकरकुण्डलवान् किरीटी हारी हिरण्मयवपुः धृतशङ्खचक्रः ‖ ॐ मित्राय नमः | 1 ॐ रवये नमः | 2 ॐ सूर्याय नमः | 3 ॐ भानवे नमः | 4 ॐ खगाय नमः | 5 ॐ पूष्णे नमः | 6 ॐ हिरण्यगर्भाय नमः | 7 ॐ…

Surya Ashtottara Shatanamavali

Surya Ashtottara Shatanamavali om arunaya namah । om śaranyaya namah । om karunarasasindhavē namah । om asamanabalaya namah । om artaraksakaya namah । om adityaya namah । om adibhūtaya namah । om akhilagamavēdinē namah । om achyutaya namah । om akhilajñaya namah ॥ 10 ॥ om anantaya namah । om inaya namah । om viśvarūpaya…

ஆதி³த்ய ஹ்ருத³யம்

|| ஆதி³த்ய ஹ்ருத³யம் || த்⁴யானம் நமஸ்ஸவித்ரே ஜக³தே³க சக்ஷுஸே ஜக³த்ப்ரஸூதி ஸ்தி²தி நாஶஹேதவே த்ரயீமயாய த்ரிகு³ணாத்ம தா⁴ரிணே விரிஞ்சி நாராயண ஶங்கராத்மனே ததோ யுத்³த⁴ பரிஶ்ரான்தம் ஸமரே சின்தயாஸ்தி²தம் । ராவணம் சாக்³ரதோ த்³ருஷ்ட்வா யுத்³தா⁴ய ஸமுபஸ்தி²தம் ॥ 1 ॥ தை³வதைஶ்ச ஸமாக³ம்ய த்³ரஷ்டுமப்⁴யாக³தோ ரணம் । உபாக³ம்யாப்³ரவீத்³ராமம் அக³ஸ்த்யோ ப⁴க³வான் ருஷி: ॥ 2 ॥ ராம ராம மஹாபா³ஹோ ஶ்ருணு கு³ஹ்யம் ஸனாதனம் । யேன ஸர்வானரீன் வத்ஸ ஸமரே விஜயிஷ்யஸி…

ଆଦିତ୍ୟ ହୃଦୟମ୍

|| ଆଦିତ୍ୟ ହୃଦୟମ୍ || ଧ୍ୟାନମ୍ ନମସ୍ସଵିତ୍ରେ ଜଗଦେକ ଚକ୍ଷୁସେ ଜଗତ୍ପ୍ରସୂତି ସ୍ଥିତି ନାଶହେତଵେ ତ୍ରୟୀମୟାୟ ତ୍ରିଗୁଣାତ୍ମ ଧାରିଣେ ଵିରିଂଚି ନାରାୟଣ ଶଂକରାତ୍ମନେ ତତୋ ୟୁଦ୍ଧ ପରିଶ୍ରାଂତଂ ସମରେ ଚିଂତୟାସ୍ଥିତମ୍ । ରାଵଣଂ ଚାଗ୍ରତୋ ଦୃଷ୍ଟ୍ଵା ୟୁଦ୍ଧାୟ ସମୁପସ୍ଥିତମ୍ ॥ 1 ॥ ଦୈଵତୈଶ୍ଚ ସମାଗମ୍ୟ ଦ୍ରଷ୍ଟୁମଭ୍ୟାଗତୋ ରଣମ୍ । ଉପାଗମ୍ୟାବ୍ରଵୀଦ୍ରାମଂ ଅଗସ୍ତ୍ୟୋ ଭଗଵାନ୍ ଋଷିଃ ॥ 2 ॥ ରାମ ରାମ ମହାବାହୋ ଶୃଣୁ ଗୁହ୍ୟଂ ସନାତନମ୍ । ୟେନ ସର୍ଵାନରୀନ୍ ଵତ୍ସ ସମରେ ଵିଜୟିଷ୍ୟସି…

ਆਦਿਤ੍ਯ ਹ੍ਰੁਰੁਇਦਯਮ੍

|| ਆਦਿਤ੍ਯ ਹ੍ਰੁਰੁਇਦਯਮ੍ || ਧ੍ਯਾਨਮ੍ ਨਮਸ੍ਸਵਿਤ੍ਰੇ ਜਗਦੇਕ ਚਕ੍ਸ਼ੁਸੇ ਜਗਤ੍ਪ੍ਰਸੂਤਿ ਸ੍ਥਿਤਿ ਨਾਸ਼ਹੇਤਵੇ ਤ੍ਰਯੀਮਯਾਯ ਤ੍ਰਿਗੁਣਾਤ੍ਮ ਧਾਰਿਣੇ ਵਿਰਿਂਚਿ ਨਾਰਾਯਣ ਸ਼ਂਕਰਾਤ੍ਮਨੇ ਤਤੋ ਯੁਦ੍ਧ ਪਰਿਸ਼੍ਰਾਂਤਂ ਸਮਰੇ ਚਿਂਤਯਾਸ੍ਥਿਤਮ੍ । ਰਾਵਣਂ ਚਾਗ੍ਰਤੋ ਦ੍ਰੁਰੁਇਸ਼੍ਟ੍ਵਾ ਯੁਦ੍ਧਾਯ ਸਮੁਪਸ੍ਥਿਤਮ੍ ॥ 1 ॥ ਦੈਵਤੈਸ਼੍ਚ ਸਮਾਗਮ੍ਯ ਦ੍ਰਸ਼੍ਟੁਮਭ੍ਯਾਗਤੋ ਰਣਮ੍ । ਉਪਾਗਮ੍ਯਾਬ੍ਰਵੀਦ੍ਰਾਮਂ ਅਗਸ੍ਤ੍ਯੋ ਭਗਵਾਨ੍ ਰੁਰੁਇਸ਼ਿਃ ॥ 2 ॥ ਰਾਮ ਰਾਮ ਮਹਾਬਾਹੋ ਸ਼੍ਰੁਰੁਇਣੁ ਗੁਹ੍ਯਂ ਸਨਾਤਨਮ੍ । ਯੇਨ ਸਰ੍ਵਾਨਰੀਨ੍ ਵਤ੍ਸ ਸਮਰੇ ਵਿਜਯਿਸ਼੍ਯਸਿ…

ఆదిత్య హృదయం

|| ఆదిత్య హృదయం || ధ్యానం నమస్సవిత్రే జగదేక చక్షుసే జగత్ప్రసూతి స్థితి నాశహేతవే త్రయీమయాయ త్రిగుణాత్మ ధారిణే విరించి నారాయణ శంకరాత్మనే తతో యుద్ధ పరిశ్రాంతం సమరే చింతయాస్థితమ్ । రావణం చాగ్రతో దృష్ట్వా యుద్ధాయ సముపస్థితమ్ ॥ 1 ॥ దైవతైశ్చ సమాగమ్య ద్రష్టుమభ్యాగతో రణమ్ । ఉపాగమ్యాబ్రవీద్రామం అగస్త్యో భగవాన్ ఋషిః ॥ 2 ॥ రామ రామ మహాబాహో శృణు గుహ్యం సనాతనమ్ । యేన సర్వానరీన్ వత్స సమరే విజయిష్యసి…

ಆದಿತ್ಯ ಹೃದಯಂ

|| ಆದಿತ್ಯ ಹೃದಯಂ || ಧ್ಯಾನಂ ನಮಸ್ಸವಿತ್ರೇ ಜಗದೇಕ ಚಕ್ಷುಸೇ ಜಗತ್ಪ್ರಸೂತಿ ಸ್ಥಿತಿ ನಾಶಹೇತವೇ ತ್ರಯೀಮಯಾಯ ತ್ರಿಗುಣಾತ್ಮ ಧಾರಿಣೇ ವಿರಿಂಚಿ ನಾರಾಯಣ ಶಂಕರಾತ್ಮನೇ ತತೋ ಯುದ್ಧ ಪರಿಶ್ರಾಂತಂ ಸಮರೇ ಚಿಂತಯಾಸ್ಥಿತಮ್ । ರಾವಣಂ ಚಾಗ್ರತೋ ದೃಷ್ಟ್ವಾ ಯುದ್ಧಾಯ ಸಮುಪಸ್ಥಿತಮ್ ॥ 1 ॥ ದೈವತೈಶ್ಚ ಸಮಾಗಮ್ಯ ದ್ರಷ್ಟುಮಭ್ಯಾಗತೋ ರಣಮ್ । ಉಪಾಗಮ್ಯಾಬ್ರವೀದ್ರಾಮಂ ಅಗಸ್ತ್ಯೋ ಭಗವಾನ್ ಋಷಿಃ ॥ 2 ॥ ರಾಮ ರಾಮ ಮಹಾಬಾಹೋ ಶೃಣು ಗುಹ್ಯಂ ಸನಾತನಮ್ । ಯೇನ ಸರ್ವಾನರೀನ್ ವತ್ಸ ಸಮರೇ ವಿಜಯಿಷ್ಯಸಿ…

ആദിത്യ ഹൃദയമ്

|| ആദിത്യ ഹൃദയമ് || ധ്യാനമ് നമസ്സവിത്രേ ജഗദേക ചക്ഷുസേ ജഗത്പ്രസൂതി സ്ഥിതി നാശഹേതവേ ത്രയീമയായ ത്രിഗുണാത്മ ധാരിണേ വിരിംചി നാരായണ ശംകരാത്മനേ തതോ യുദ്ധ പരിശ്രാംതം സമരേ ചിംതയാസ്ഥിതമ് । രാവണം ചാഗ്രതോ ദൃഷ്ട്വാ യുദ്ധായ സമുപസ്ഥിതമ് ॥ 1 ॥ ദൈവതൈശ്ച സമാഗമ്യ ദ്രഷ്ടുമഭ്യാഗതോ രണമ് । ഉപാഗമ്യാബ്രവീദ്രാമം അഗസ്ത്യോ ഭഗവാന് ഋഷിഃ ॥ 2 ॥ രാമ രാമ മഹാബാഹോ ശൃണു ഗുഹ്യം സനാതനമ് । യേന സര്വാനരീന് വത്സ സമരേ വിജയിഷ്യസി…

आदित्य हृदयम्

|| आदित्य हृदयम् || ध्यानम् नमस्सवित्रे जगदेक चक्षुसे जगत्प्रसूति स्थिति नाशहेतवे त्रयीमयाय त्रिगुणात्म धारिणे विरिंचि नारायण शंकरात्मने ततो युद्ध परिश्रांतं समरे चिंतयास्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ 1 ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपागम्याब्रवीद्रामं अगस्त्यो भगवान् ऋषिः ॥ 2 ॥ राम राम महाबाहो शृणु गुह्यं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसि…

आदित्य हृदयम्

|| आदित्य हृदयम् || ध्यानम् नमस्सवित्रे जगदेक चक्षुसे जगत्प्रसूति स्थिति नाशहेतवे त्रयीमयाय त्रिगुणात्म धारिणे विरिञ्चि नारायण शङ्करात्मने ततो युद्ध परिश्रान्तं समरे चिन्तयास्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ 1 ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपागम्याब्रवीद्रामं अगस्त्यो भगवान् ऋषिः ॥ 2 ॥ राम राम महाबाहो शृणु गुह्यं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसि…

আদিত্য হৃদযম্

|| আদিত্য হৃদযম্ || ধ্যানম্ নমস্সবিত্রে জগদেক চক্ষুসে জগত্প্রসূতি স্থিতি নাশহেতবে ত্রযীমযায ত্রিগুণাত্ম ধারিণে বিরিংচি নারাযণ শংকরাত্মনে ততো যুদ্ধ পরিশ্রাংতং সমরে চিংতযাস্থিতম্ । রাবণং চাগ্রতো দৃষ্ট্বা যুদ্ধায সমুপস্থিতম্ ॥ 1 ॥ দৈবতৈশ্চ সমাগম্য দ্রষ্টুমভ্যাগতো রণম্ । উপাগম্যাব্রবীদ্রামং অগস্ত্যো ভগবান্ ঋষিঃ ॥ 2 ॥ রাম রাম মহাবাহো শৃণু গুহ্যং সনাতনম্ । যেন সর্বানরীন্ বত্স সমরে বিজযিষ্যসি…

આદિત્ય હૃદયમ્

|| આદિત્ય હૃદયમ્ || ધ્યાનમ્ નમસ્સવિત્રે જગદેક ચક્ષુસે જગત્પ્રસૂતિ સ્થિતિ નાશહેતવે ત્રયીમયાય ત્રિગુણાત્મ ધારિણે વિરિંચિ નારાયણ શંકરાત્મને તતો યુદ્ધ પરિશ્રાંતં સમરે ચિંતયાસ્થિતમ્ । રાવણં ચાગ્રતો દૃષ્ટ્વા યુદ્ધાય સમુપસ્થિતમ્ ॥ 1 ॥ દૈવતૈશ્ચ સમાગમ્ય દ્રષ્ટુમભ્યાગતો રણમ્ । ઉપાગમ્યાબ્રવીદ્રામં અગસ્ત્યો ભગવાન્ ઋષિઃ ॥ 2 ॥ રામ રામ મહાબાહો શૃણુ ગુહ્યં સનાતનમ્ । યેન સર્વાનરીન્ વત્સ સમરે વિજયિષ્યસિ…

सूर्यार्यास्तोत्रम्

|| सूर्यार्यास्तोत्रम् || श्री गणेशाय नमः ॥ शुकतुण्डच्छवि-सवितुश्चण्डरुचेः पुण्डरीकवनबन्धोः । मण्डलमुदितं वन्दे कुण्डलमाखण्डलाशायाः ॥ १॥ यस्योदयास्तसमये सुरमुकुटनिघृष्टचरणकमलोऽपि । कुरुतेञ्जलिं त्रिनेत्रः स जयति धाम्नां निधिः सूर्यः ॥ २॥ उदयाचलतिलकाय प्रणतोऽस्मि विवस्वते ग्रहेशाय । अम्बरचूडामणये दिग्वनिताकर्णपूराय ॥ ३॥ जयति जनानन्दकरः करनिकरनिरस्ततिमिरसङ्घातः । लोकालोकालोकः कमलारुणमण्डलः सूर्यः ॥ ४॥ प्रतिबोधितकमलवनः कृतघटनश्चक्रवाकमिथुनानाम् । दर्शितसमस्तभुवनः परहितनिरतो रविः सदा जयति ॥ ५॥…

Surya Panjara Stotram Telugu

॥ శ్రీ సూర్య పంజర స్తోత్రం ॥ ఓం ఉదయగిరిముపేతం భాస్కరం పద్మహస్తం సకలభువననేత్రం రత్నరజ్జూపమేయమ్ । తిమిరకరిమృగేంద్రం బోధకం పద్మినీనాం సురవరమభివంద్యం సుందరం విశ్వదీపమ్ ॥ 1 ॥ ఓం శిఖాయాం భాస్కరాయ నమః । లలాటే సూర్యాయ నమః । భ్రూమధ్యే భానవే నమః । కర్ణయోః దివాకరాయ నమః । నాసికాయాం భానవే నమః । నేత్రయోః సవిత్రే నమః । ముఖే భాస్కరాయ నమః । ఓష్ఠయోః పర్జన్యాయ నమః ।…

ਸੂਰ੍ਯ ਅਸ਼੍ਟੋਤ੍ਤਰ ਸ਼ਤ ਨਾਮਾਵਲ਼ਿ

|| ਸੂਰ੍ਯ ਅਸ਼੍ਟੋਤ੍ਤਰ ਸ਼ਤ ਨਾਮਾਵਲ਼ਿ || ਓਂ ਅਰੁਣਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਸ਼ਰਣ੍ਯਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਕਰੁਣਾਰਸਸਿਂਧਵੇ ਨਮਃ । ਓਂ ਅਸਮਾਨਬਲਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਆਰ੍ਤਰਕ੍ਸ਼ਕਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਆਦਿਤ੍ਯਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਆਦਿਭੂਤਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਅਖਿਲਾਗਮਵੇਦਿਨੇ ਨਮਃ । ਓਂ ਅਚ੍ਯੁਤਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਅਖਿਲਜ੍ਞਾਯ ਨਮਃ ॥ 10 ॥ ਓਂ ਅਨਂਤਾਯ ਨਮਃ । ਓਂ ਇਨਾਯ ਨਮਃ…

सूर्य अष्टोत्तर शतनामावलि

|| सूर्य अष्टोत्तर शतनामावलि || ॐ अरुणाय नमः । ॐ शरण्याय नमः । ॐ करुणारससिंधवे नमः । ॐ असमानबलाय नमः । ॐ आर्तरक्षकाय नमः । ॐ आदित्याय नमः । ॐ आदिभूताय नमः । ॐ अखिलागमवेदिने नमः । ॐ अच्युताय नमः । ॐ अखिलज्ञाय नमः ॥ 10 ॥ ॐ अनंताय नमः । ॐ इनाय नमः ।…

ஸூர்ய அஷ்டோத்தர ஶத நாமாவல்தி³

||ஸூர்ய அஷ்டோத்தர ஶத நாமாவல்தி³|| ஓம் அருணாய னமஃ | ஓம் ஶரண்யாய னமஃ | ஓம் கருணாரஸஸிம்தவே னமஃ | ஓம் அஸமானபலாய னமஃ | ஓம் ஆர்தரக்ஷணாய னமஃ | ஓம் ஆதித்யாய னமஃ ஓம் ஆதிபூதாய னமஃ | ஓம் அகிலாகமவேதினே னமஃ | ஓம் அச்யுதாய னமஃ | ஓம் அகிலஜ்ஞாய னமஃ || ௧0 || ஓம் அனம்தாய னமஃ | ஓம் இனாய னமஃ | ஓம் விஶ்வரூபாய…

સૂર્ય અષ્ટોત્તર શતનામાવલિ

||સૂર્ય અષ્ટોત્તર શતનામાવલિ|| ૐ અરુણાય નમઃ | ૐ શરણ્યાય નમઃ | ૐ કરુણારસસિંધવે નમઃ | ૐ અસમાનબલાય નમઃ | ૐ આર્તરક્ષણાય નમઃ | ૐ આદિત્યાય નમઃ | ૐ આદિભૂતાય નમઃ | ૐ અખિલાગમવેદિને નમઃ | ૐ અચ્યુતાય નમઃ | ૐ અખિલજ્ઞાય નમઃ || ૧૦ || ૐ અનંતાય નમઃ | ૐ ઇનાય નમઃ | ૐ વિશ્વરૂપાય…

ಸೂರ್ಯ ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತ ನಾಮಾವಳಿ

||ಸೂರ್ಯ ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತ ನಾಮಾವಳಿ|| ಓಂ ಅರುಣಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಶರಣ್ಯಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಕರುಣಾರಸಸಿಂಧವೇ ನಮಃ | ಓಂ ಅಸಮಾನಬಲಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಆರ್ತರಕ್ಷಣಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಆದಿತ್ಯಾಯ ನಮಃ ಓಂ ಆದಿಭೂತಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಅಖಿಲಾಗಮವೇದಿನೇ ನಮಃ | ಓಂ ಅಚ್ಯುತಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಅಖಿಲಜ್ಞಾಯ ನಮಃ || ೧೦ || ಓಂ ಅನಂತಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ಇನಾಯ ನಮಃ | ಓಂ ವಿಶ್ವರೂಪಾಯ…

ସୂର୍ୟ ଅଷ୍ଟୋତ୍ତର ଶତ ନାମାଵଳି

||ସୂର୍ୟ ଅଷ୍ଟୋତ୍ତର ଶତ ନାମାଵଳି|| ଓଂ ଅରୁଣାୟ ନମଃ | ଓଂ ଶରଣ୍ୟାୟ ନମଃ | ଓଂ କରୁଣାରସସିଂଧଵେ ନମଃ | ଓଂ ଅସମାନବଲାୟ ନମଃ | ଓଂ ଆର୍ତରକ୍ଷଣାୟ ନମଃ | ଓଂ ଆଦିତ୍ୟାୟ ନମଃ ଓଂ ଆଦିଭୂତାୟ ନମଃ | ଓଂ ଅଖିଲାଗମଵେଦିନେ ନମଃ | ଓଂ ଅଚ୍ୟୁତାୟ ନମଃ | ଓଂ ଅଖିଲଜ୍ଞାୟ ନମଃ || ୧୦ || ଓଂ ଅନଂତାୟ ନମଃ | ଓଂ ଇନାୟ ନମଃ | ଓଂ ଵିଶ୍ଵରୂପାୟ…

सूर्य अष्टोत्तर शतनामावलि

||सूर्य अष्टोत्तर शतनामावलि|| ॐ अरुणाय नमः । ॐ शरण्याय नमः । ॐ करुणारससिन्धवे नमः । ॐ असमानबलाय नमः । ॐ आर्तरक्षकाय नमः । ॐ आदित्याय नमः । ॐ आदिभूताय नमः । ॐ अखिलागमवेदिने नमः । ॐ अच्युताय नमः । ॐ अखिलज्ञाय नमः ॥ 10 ॥ ॐ अनन्ताय नमः । ॐ इनाय नमः । ॐ विश्वरूपाय…

సూర్య అష్టోత్తర శత నామావళి

||సూర్య అష్టోత్తర శత నామావళి|| ఓం అరుణాయ నమః । ఓం శరణ్యాయ నమః । ఓం కరుణారససింధవే నమః । ఓం అసమానబలాయ నమః । ఓం ఆర్తరక్షకాయ నమః । ఓం ఆదిత్యాయ నమః । ఓం ఆదిభూతాయ నమః । ఓం అఖిలాగమవేదినే నమః । ఓం అచ్యుతాయ నమః । ఓం అఖిలజ్ఞాయ నమః ॥ 10 ॥ ఓం అనంతాయ నమః । ఓం ఇనాయ నమః । ఓం…

സൂര്യ അഷ്ടോത്തര ശത നാമാവലി

||സൂര്യ അഷ്ടോത്തര ശത നാമാവലി|| ഓം അരുണായ നമഃ । ഓം ശരണ്യായ നമഃ । ഓം കരുണാരസസിംധവേ നമഃ । ഓം അസമാനബലായ നമഃ । ഓം ആര്തരക്ഷകായ നമഃ । ഓം ആദിത്യായ നമഃ । ഓം ആദിഭൂതായ നമഃ । ഓം അഖിലാഗമവേദിനേ നമഃ । ഓം അച്യുതായ നമഃ । ഓം അഖിലജ്ഞായ നമഃ ॥ 10 ॥ ഓം അനംതായ നമഃ । ഓം ഇനായ നമഃ । ഓം…

सूर्य अष्टोत्तर शतनामावली

||सूर्य अष्टोत्तर शतनामावली(108 नाम)|| ओं अरुणाय नमः। ओं शरण्याय नमः । ओं करुणारससिन्धवे नमः । ओं असमानबलाय नमः । ओं आर्तरक्षकाय नमः । ओं आदित्याय नमः । ओं आदिभूताय नमः । ओं अखिलागमवेदिने नमः । ओं अच्युताय नमः । 9 ओं अखिलज्ञाय नमः । ओं अनन्ताय नमः । ओं इनाय नमः । ओं विश्वरूपाय नमः…