|| श्री दुर्गा देवीची आरती ||
दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी।
अनाथ नाथे अम्बे करुणा विस्तारी।
वारी वारी जन्म मरणांते वारी।
हारी पडलो आता संकट निवारी॥
जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी।
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥
त्रिभुवन-भुवनी पाहता तुज ऐसी नाही।
चारी श्रमले परन्तु न बोलवे काही।
साही विवाद करिता पडले प्रवाही।
ते तू भक्तालागी पावसि लवलाही॥
जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी।
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥
प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासा।
क्लेशांपासुनि सोडवि तोडी भवपाशा।
अम्बे तुजवाचून कोण पुरविल आशा।
नरहरी तल्लिन झाला पदपंकजलेशा॥
जय देवी जय देवी महिषासुरमथिनी।
सुरवर ईश्वर वरदे तारक संजीवनी॥
- englishShri Naina Devi Aarti
- hindiमहागौरी माता आरती
- hindiकात्यायनी माता आरती
- englishDurga Ji Ki Aarti
- hindiआज है नवरात्री की पांचवी देवी का व्रत पढ़े – श्री स्कंदमाता आरती
- englishKushmanda Mata Aarti
- hindiजग जननी जय जय आरती
- hindiअंबे तू है जगदंबे काली आरती
- englishSanjhi Mata Ki Aarti
- englishAnnapurna Mata Aarti
- englishSiddhidatri Mata Aarti
- hindiश्री सिद्धिदात्री माता आरती
- hindiश्री कूष्माण्डा माँ आरती
- marathiआश्विनशुद्धपक्षी अंबा – नवरातीची आरती
- marathiसंतोषी मातेची आरती
Found a Mistake or Error? Report it Now
Download श्री दुर्गा देवीची आरती MP3 (FREE)
♫ श्री दुर्गा देवीची आरती MP3