एक हरि को छोड़ किसी की
एक हरि को छोड़ किसी की,
चलती नहीं है मनमानी,
चलती नही है मनमानी ||
लंकापति रावण योद्धा ने,
सीता जी का हरण किया,
इक लख पूत सवालख नाती,
खोकर कुल का नाश किया,
धान भरी वो सोने की लंका,
हो गई पल मे कूल्धानि,
एक हरि को छोड़ किसी की,
चलती नही है मनमानी ||
मथुरा के उस कंस राजा ने,
बहन देवकी को त्रास दिया,
सारे पुत्र मार दीये उसने,
तब प्रभु ने अवतार लिया,
मार गिराया उस पापी को,
था मथुरा मे बलशाली,
एक हरि को छोड़ किसी की,
चलती नही है मनमानी ||
भस्मासुर ने करी तपस्या,
शंकर से वरदान लिया,
शंकर जी ने खुश होकर उसे,
शक्ति का वरदान दिया,
भस्म चला करने शंकर को,
शंकर भागे हरीदानी,
एक हरी को छोड़ किसी की,
चलती नही है मनमानी ||
उसे मारने श्री हरि ने,
सुंदरी का रुप लिया,
जेसा जेसा नाचे मोहन,
वेसा वेसा नाच किया,
अपने हाथ को सर पर रखकर,
भस्म हुआ वो अभिमानी,
एक हरी को छोड़ किसी की,
चलती नही है मनमानी ||
सुनो सुनो ए दुनिया वालो,
पल भर मे मीट जाओगे,
गुरु चरणों मे जल्दी जाओ,
हरि चरणों को पाओगे,
भजनानद कहे हरी भजलो,
दो दिन की है ज़िन्दगानी,
एक हरि को छोड़ किसी की,
चलती नही है मनमानी ||
- hindiराम जी करेंगे ना तो श्याम जी करेंगे – भजन
- hindiये चमक ये दमक – भजन
- hindiसजा दो घर को गुलशन सा – भजन
- hindiइतनी विनती है तुमसे कन्हैया – भजन
- hindiसांवरे तुमको पाना – भजन
- hindiमैं अपना किसे बनाऊं – भजन
- hindiहरि नाम नहीं तो जीना क्या – भजन
- hindiमेरा छोटा सा संसार – भजन
- hindiनैना नीचा करले श्याम से – भजन
- hindiनैन तेरे है कजरारे – भजन
- hindiमेरे दिल की पतंग कट गयी – भजन
- hindiरंग बरसे नाचे कृष्ण मुरारी – भजन
- hindiकैसा चक्कर चलाया रे – भजन
- hindiमुझे अपने ही रंग में रंगले – भजन
- hindiजब भी नैन मूंदो – भजन
Found a Mistake or Error? Report it Now