|| गणेश अंग पूजा मंत्र ||
गणेश अंग पूजा भगवान गणेश को समर्पित एक विशेष पूजा विधि है। इसमें भगवान के प्रत्येक अंग को अलग-अलग मंत्रों से पूजा जाता है। यह माना जाता है कि इस पूजा से भगवान गणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
सनातन धर्म में अंग पूजा किसी भी देव पूजन विधि का महत्वपूर्ण अंग होती है। श्री गणेश की पूजा में भक्तजन भगवान गणेश को प्रसन्न करने हेतु इन पवित्र मंत्रों का उच्चारण करते हैं। अंग पूजा के अंतर्गत, श्री गणेश के प्रत्येक प्रमुख अंग की श्रद्धापूर्वक पूजा मंत्रोच्चारण के साथ की जाती है। गणेशोत्सव के शुभ अवसर पर, विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के दिन, भक्तजन भगवान गणेश की विविध पूजन विधियों के साथ श्री गणेश अंग पूजा भी विधि-विधान से संपन्न करते हैं, जिससे भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।
भगवान श्री गणेश अंग पूजा मंत्र
ॐ गणेश्वराय नमः – पादौ पूजयामि ।
ॐ विघ्नराजाय नमः – जानुनि पूजयामि ।
ॐ आखुवाहनाय नमः – ऊरूः पूजयामि ।
ॐ हेरम्बाय नमः – कटि पूजयामि ।
ॐ कामरी सूनवे नमः – नाभिं पूजयामि ।
ॐ लम्बोदराय नमः – उदरं पूजयामि ।
ॐ गौरीसुताय नमः – स्तनौ पूजयामि ।
ॐ गणनाथाय नमः – हृदयं पूजयामि ।
ॐ स्थूल कण्ठाय नमः – कण्ठं पूजयामि ।
ॐ पाश हस्ताय नमः – स्कन्धौ पूजयामि ।
ॐ गजवक्त्राय नमः – हस्तान् पूजयामि ।
ॐ स्कन्दाग्रजाय नमः – वक्त्रं पूजयामि ।
ॐ विघ्नराजाय नमः – ललाटं पूजयामि ।
ॐ सर्वेश्वराय नमः – शिरः पूजयामि ।
ॐ गणाधिपताय नमः – सर्वाङ्गाणि पूजयामि ।
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