गुरु गोरखनाथ आरती PDF

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Shri GorakhnathAarti (आरती संग्रह)हिन्दी

|| आरती || जय गोरख देवा जय गोरख देवा। कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा॥ शीश जटा अति सुन्दर भालचन्द्र सोहे। कानन कुण्डल झलकत निरखत मन मोहे॥ गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी। आदि पुरुष योगीश्वर सन्तन हितकारी॥ नाथ निरंजन आप ही घट-घट के वासी। करत कृपा निज जन पर मेटत यम...

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गुरु गोरखनाथ आरती
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