||गुरू ग्रह के मंत्र||
गुरू वैदिक मंत्र
“ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु ।
यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्”।।गुरू तांत्रिक मंत्र ||
गुरु ग्रह के तांत्रिक मंत्र
“ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः”।गुरू एकाक्षरी बीज मंत्र ||
गुरु ग्रह का बीज मंत्र
“ॐ बृं बृहस्पतये नम:” ।।
“ऊं गुं गुरुवाये नम:” ।।गुरू का पौराणिक मंत्र ||
गुरु ग्रह के पौराणिक मंत्र
“ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरु कांचन संन्निभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्” ।।
गुरू के अन्य मंत्र
“ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:॥”
“ॐ गुं गुरवे नम:॥”
“ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:॥”
“ॐ ह्रीं क्लीं हूं बृहस्पतये नमः
गुरू गायत्री मंत्र
“ॐ अंगिरो जाताय विद्महे वाचस्पतये धीमहि तन्नो गुरु प्रचोदयात्” ।।
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