Hanuman Ji

श्री हनुमान आरती (जय जय महावीर धीर चिरंजिव)

Hanuman Maruti Aarti Jay Jay Mahavir Dhir Chirnjiv Marathi Lyrics

Hanuman JiAarti (आरती संग्रह)मराठी
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|| श्री हनुमान आरती (जय जय महावीर धीर चिरंजिव) ||​

जयजय महावीर धीर चिरंजिव, मारुती बलभीमा ।
जनकसुता-भय-शोक-निवारण, कपिगण-विश्रामा ।

दशकंधर पुर दाहक प्रियकर, दाशरथी रामा ॥ जय जय॥धृ.॥

जन्मतांचि पुढें नवल देखिलें, रक्‍तवर्ण नयनीं ।।
बाळ क्षुधित तें फळ म्हणुनि बळें, झेंपावें गगनीं ।।
ग्रहणकाळ खग्रास केतुवत, रवि घालि वदनीं ।।
समर करुनि अरि अमर भासिले, करितां संग्रामा ॥ जय जय १॥

कडाडिलें ब्रह्मांड झोकितां, क्रोधें उड्‌डाण ।।
क्षणमात्रें तळ मुळ उत्पाटुन, आणिला गिरि द्रोण ।।
लक्ष्मणासह मृत रणकपिचा, जीवविला प्राण ।।
खळ राक्षसकुळ सकळ धाडिलें, रविनंदन-धामा ॥जय जय २॥

वज्रतनू घनशाम विराजे, तेज प्रखर तरणी ।
अटिव जेठि निट कटि कासूटी, कुंडलेंदु करणी ।
मुगुट गळा हार भार डोलती, नुपुर द्वय चरणीं ।
सजल नयन पुट जलज वदन शशि, सज्जन सप्रेमा ॥ जय जय ३॥

दुर्घट संकटें कोटि लोपतीं, देतां बुभुःक्कार ।
करुणासागर नत जनिं वागवि, ब्रीद अहंकार ।
विष्णुदास कर जोडुनि नमना, करि वारंवार ।
चरण गुणार्णव अगणित वर्णन, न कळे तव सीमा ॥ जय जय ४॥

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