श्री धन्वन्तरी महामन्त्रम्

|| श्री धन्वन्तरी महामन्त्रम् || ध्यानम् । अच्युतानन्त गोविन्द विष्णो नारायणाऽमृत रोगान्मे नाशयाऽशेषानाशु धन्वन्तरे हरे । आरोग्यं दीर्घमायुष्यं बलं तेजो धियं श्रियं स्वभक्तेभ्योऽनुगृह्णन्तं वन्दे धन्वन्तरिं हरिम् ॥ धन्वन्तरेरिमं श्लोकं भक्त्या नित्यं पठन्ति ये । अनारोग्यं न तेषां स्यात् सुखं जीवन्ति ते चिरम् ॥ मन्त्रम् । ओं नमो भगवते वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय [वज्रजलौकहस्ताय] सर्वामयविनाशनाय त्रैलोक्यनाथाय श्रीमहाविष्णवे…

श्री देवराजाष्टकम्

|| श्री देवराजाष्टकम् || श्रीमत्काञ्चीमुनिं वन्दे कमलापतिनन्दनम् । वरदाङ्घ्रिसदासङ्गरसायनपरायणम् देवराजदयापात्रं श्रीकाञ्चीपूर्णमुत्तमम् । रामानुजमुनेर्मान्यं वन्देऽहं सज्जनाश्रयम् नमस्ते हस्तिशैलेश श्रीमन्नम्बुजलोचनः । शरणं त्वां प्रपन्नोऽस्मि प्रणतार्तिहराच्युत ॥ १ ॥ समस्तप्राणिसन्त्राणप्रवीण करुणोल्बण । विलसन्तु कटाक्षस्ते मय्यस्मिन् जगताम्पते ॥ २ ॥ निन्दिताचारकरणं निवृत्तं कृत्यकर्मणः । पापीयांस ममर्यादं पाहि मां वरदप्रभो ॥ ३ ॥ संसारमरुकान्तारे दुर्व्याधिव्याघ्रभीषणे । विषयक्षुद्रगुल्माढ्ये तृषापादपशालिनि ॥ ४…

रुद्रयामल सूर्य सहस्रनामावली

रुद्रयामल तंत्र एक प्रमुख तांत्रिक ग्रंथ है, जिसमें विविध देवताओं की स्तुतियों और साधनाओं का वर्णन है। इसमें वर्णित सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली सूर्य देव के विभिन्न स्वरूपों, गुणों और उनकी अनंत शक्ति का वर्णन करती है। भगवान सूर्य को वेदों में आदित्य, सविता और…

दीनबन्ध्वष्टकम्

|| दीनबन्ध्वष्टकम् || यस्मादिदं जगदुदेति चतुर्मुखाद्यं यस्मिन्नवस्थितमशेषमशेषमूले । यत्रोपयाति विलयं च समस्तमन्ते दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः ॥ १ ॥ चक्रं सहस्रकरचारु करारविन्दे गुर्वी गदा दरवरश्च विभाति यस्य । पक्षीन्द्रपृष्ठपरिरोपितपादपद्मो दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः ॥ २ ॥ येनोद्धृता वसुमती सलिले निमग्ना नग्ना च पाण्डववधूः स्थगिता दुकूलैः । सम्मोचितो जलचरस्य मुखाद्गजेन्द्रो दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स…

रुद्रयामल भगवान शिव सहस्रनामावली

रुद्रयामल तंत्र भगवान शिव की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन करने वाला एक अद्वितीय ग्रंथ है। इस ग्रंथ में शिव सहस्रनामावली भगवान शिव के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनके विभिन्न स्वरूपों, शक्तियों और गुणों को प्रकट करते हैं। यह सहस्रनामावली शिव की अनंत कृपा, उनकी भौतिक और आध्यात्मिक महिमा को व्यक्त करती…

स्कन्द पुराण सूर्य सहस्रनामावली

स्कन्द पुराण भारतीय धर्मग्रंथों में सबसे बड़ा पुराण है, जिसमें सृष्टि, धर्म और अध्यात्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण कथाएं और स्तोत्र शामिल हैं। इस पुराण में सूर्य देव की महिमा का विस्तृत वर्णन मिलता है। सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनके स्वरूप, शक्ति और उपकारकता को प्रकट…

दामोदराष्टकम्

|| दामोदराष्टकम् || नमामीश्वरं सच्चिदानन्दरूपं लसत्कुण्डलं गोकुले भ्राजमानम् । यशोदाभियोलूखलाद्धावमानं परामृष्टमत्यन्ततो द्रुत्य गोप्या ॥ १ ॥ रुदन्तं मुहुर्नेत्रयुग्मं मृजन्तं कराम्भोजयुग्मेन सातङ्कनेत्रम् । मुहुः श्वासकम्पत्रिरेखाङ्ककण्ठ- स्थितग्रैव-दामोदरं भक्तिबद्धम् ॥ २ ॥ इतीदृक् स्वलीलाभिरानन्दकुण्डे स्वघोषं निमज्जन्तमाख्यापयन्तम् । तदीयेषिताज्ञेषु भक्तैर्जितत्वं पुनः प्रेमतस्तं शतावृत्ति वन्दे ॥ ३ ॥ वरं देव मोक्षं न मोक्षावधिं वा न चान्यं वृणेऽहं वरेषादपीह । इदं…

श्री दामोदर स्तोत्रम्

|| श्री दामोदर स्तोत्रम् || सिन्धुदेशोद्भवो विप्रो नाम्ना सत्यव्रतस्सुधीः । विरक्त इन्द्रियार्थेभ्यस्त्यक्त्वा पुत्रगृहादिकम् ॥ १ ॥ बृन्दावने स्थितः कृष्णमारराध दिवानिशम् । निस्स्वस्सत्यव्रतो विप्रो निर्जनेऽव्यग्रमानसः ॥ २ ॥ कार्तिके पूजयामास प्रीत्या दामोदरं नृप । तृतीयेऽह्नि सकृद्भुङ्क्ते पत्रं मूलं फलं तथा ॥ ३ ॥ पूजयित्वा हरिं स्तौति प्रीत्या दामोदराभिधम् ॥ ४ ॥ सत्यव्रत उवाच – नमामीश्वरं सच्चिदानन्दरूपं…

भगवान गणेश गकार सहस्रनामावली

भगवान गणेश गकार सहस्रनामावली में भगवान गणेश के 1000 दिव्य नाम गकार अक्षर से आरंभ होते हैं। यह सहस्रनामावली भगवान गणेश के ज्ञान, बुद्धि, सिद्धि, और विघ्नहर्ता स्वरूप का वर्णन करती है। गकार से आरंभ होने वाले नाम भगवान गणेश के अद्भुत रूप, कार्य और प्रभाव को दर्शाते हैं। गकार सहस्रनामावली का पाठ न केवल…

गरुड द्वादशनाम स्तोत्रम्

|| गरुड द्वादशनाम स्तोत्रम् || सुपर्णं वैनतेयं च नागारिं नागभीषणम् । जितान्तकं विषारिं च अजितं विश्वरूपिणम् ॥ १ गरुत्मन्तं खगश्रेष्ठं तार्क्ष्यं कश्यपनन्दनम् । द्वादशैतानि नामानि गरुडस्य महात्मनः ॥ २ यः पठेत् प्रातरुत्थाय स्नाने वा शयनेऽपि वा । विषं नाक्रामते तस्य न च हिंसन्ति हिंसकाः ॥ ३ सङ्ग्रामे व्यवहारे च विजयस्तस्य जायते । बन्धनान्मुक्तिमाप्नोति यात्रायां सिद्धिरेव…

श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली

श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली में माता सीता के 1000 दिव्य और महिमामय नामों का वर्णन किया गया है। ये नाम देवी सीता के विभिन्न स्वरूपों, गुणों, और उनके जीवन के आदर्श पहलुओं को उजागर करते हैं। माता सीता को त्याग, समर्पण, प्रेम, और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस सहस्रनामावली का पाठ वाल्मीकि…

देवी राधा सहस्रनामावली

देवी राधा सहस्रनामावली राधा रानी के 1000 दिव्य और मधुर नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावलि उनके प्रेम, भक्ति, करुणा और आध्यात्मिक स्वरूप को समर्पित है। राधा रानी भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रेयसी और भक्ति के उच्चतम आदर्श का प्रतीक मानी जाती हैं। इस सहस्रनामावलि का पाठ करने से साधक राधा-कृष्ण की अलौकिक प्रेमलीला और…

श्री गरुड कवचम्

|| श्री गरुड कवचम् || अस्य श्री गरुड कवच स्तोत्रमन्त्रस्य नारद ऋषिः वैनतेयो देवता अनुष्टुप्छन्दः मम गरुड प्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः । शिरो मे गरुडः पातु ललाटं विनतासुतः । नेत्रे तु सर्पहा पातु कर्णौ पातु सुरार्चितः ॥ १ ॥ नासिकां पातु सर्पारिः वदनं विष्णुवाहनः । सूर्यसूतानुजः कण्ठं भुजौ पातु महाबलः ॥ २ ॥ हस्तौ खगेश्वरः…

श्री दुर्गा सहस्रनामावली

श्री दुर्गा सहस्रनामावली माँ दुर्गा के 1000 दिव्य और शक्तिशाली नामों का संकलन है। इन नामों में माँ दुर्गा के अनंत स्वरूपों, उनकी महिमा, शक्ति, करुणा और उनके भक्तों पर कृपा का वर्णन है। यह सहस्रनामावलि देवी के भक्तों को अद्भुत ऊर्जा और शक्ति प्रदान करती है। नवरात्रि और विशेष पर्वों में इसका पाठ अत्यधिक…

केवलाष्टकम्

|| केवलाष्टकम् || मधुरं मधुरेभ्योऽपि मङ्गलेभ्योऽपि मङ्गलम् । पावनं पावनेभ्योऽपि हरेर्नामैव केवलम् ॥ १ ॥ आब्रह्मस्तम्बपर्यन्तं सर्वं मायामयं जगत् । सत्यं सत्यं पुनः सत्यं हरेर्नामैव केवलम् ॥ २ ॥ स गुरुः स पिता चापि सा माता बान्धवोऽपि सः । शिक्षयेच्चेत्सदा स्मर्तुं हरेर्नामैव केवलम् ॥ ३ ॥ निश्श्वासे न हि विश्वासः कदा रुद्धो भविष्यति । कीर्तनीयमतो…

आर्तत्राणपरायणाष्टकम्

|| आर्तत्राणपरायणाष्टकम् || प्रह्लाद प्रभुतास्ति चेत्तव हरे सर्वत्र मे दर्शयन् स्तम्भे चैव हिरण्यकश्यपुपुरस्तत्राविरासीद्धरिः । वक्षस्तस्यविदारयन्निजनखैर्वात्सल्यमावेदय- न्नार्तत्राणपरायणस्स भगवान्नारायणो मे गतिः ॥ १ ॥ श्रीरामाऽर्त विभीषणोयमनघो रक्षो भयादागतः सुग्रीवानय पालयैन मधुना पौलस्त्यमेवागतम् । इत्युक्त्वाऽभयमस्य सर्वविदितो यो राघवो दत्तवा- नार्तत्राणपरायणस्स भगवान्नारायणो मे गतिः ॥ २ ॥ नक्रग्रस्तपदं समुद्धृतकरं ब्रह्मादिदेवासुराः रक्षन्तीत्यनुदीनवाक्यकरुणं देवेषु शक्तेषु यः । मा भैषीति ररक्ष नक्रवदनाच्चक्रायुधश्श्रीधरो…

अमृतसञ्जीवन धन्वन्तरि स्तोत्रम्

|| अमृतसञ्जीवन धन्वन्तरि स्तोत्रम् || अथापरमहं वक्ष्येऽमृतसञ्जीवनं स्तवम् । यस्यानुष्ठानमात्रेण मृत्युर्दूरात्पलायते ॥ १ ॥ असाध्याः कष्टसाध्याश्च महारोगा भयङ्कराः । शीघ्रं नश्यन्ति पठनादस्यायुश्च प्रवर्धते ॥ २ ॥ शाकिनीडाकिनीदोषाः कुदृष्टिग्रहशत्रुजाः । प्रेतवेतालयक्षोत्था बाधा नश्यन्ति चाखिलाः ॥ ३ ॥ दुरितानि समस्तानि नानाजन्मोद्भवानि च । संसर्गजविकाराणि विलीयन्तेऽस्य पाठतः ॥ ४ ॥ सर्वोपद्रवनाशाय सर्वबाधाप्रशान्तये । आयुः प्रवृद्धये चैतत् स्तोत्रं परममद्भुतम्…

अपामार्जन स्तोत्रम्

|| अपामार्जन स्तोत्रम् || श्रीदाल्भ्य उवाच । भगवन्प्राणिनः सर्वे विषरोगाद्युपद्रवैः । दुष्टग्रहाभिघातैश्च सर्वकालमुपद्रुताः ॥ १ ॥ आभिचारिककृत्याभिः स्पर्शरोगैश्च दारुणैः । सदा सम्पीड्यमानास्तु तिष्ठन्ति मुनिसत्तम ॥ २ ॥ केन कर्मविपाकेन विषरोगाद्युपद्रवाः । न भवन्ति नृणां तन्मे यथावद्वक्तुमर्हसि ॥ ३ ॥ श्री पुलस्त्य उवाच । व्रतोपवासैर्यैर्विष्णुः नान्यजन्मनि तोषितः, ते नरा मुनिशार्दूल विषरोगादिभागिनः। ॥ ४ ॥ [*ग्रह*] यैर्न…

देवी कमला सहस्रनामावली

देवी कमला सहस्रनामावली देवी कमला के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है, जो धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। देवी कमला, महालक्ष्मी का एक रूप हैं और उनकी पूजा से साधक को जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है। सहस्रनामावली में उनके विभिन्न नामों का उल्लेख उनकी महिमा,…

गरुड़ देव सहस्रनामावली

गरुड़ देव सहस्रनामावली भगवान विष्णु के वाहन और परम भक्त गरुड़ देव को समर्पित 1000 पवित्र नामों का संग्रह है। गरुड़ देव वेदों के ज्ञाता और शत्रु नाशक माने जाते हैं। वे अद्भुत पराक्रमी और दिव्य शक्तियों से युक्त हैं। उनके सहस्रनाम का पाठ करने से साधक को भय, रोग और शत्रुओं से मुक्ति मिलती…

देवी काली सहस्रनामावली

देवी काली सहस्रनामावली में माँ काली के 1000 पवित्र और शक्तिशाली नामों का वर्णन है। माँ काली शक्ति, साहस, और विनाशकारी ऊर्जा की देवी हैं। वे अपने भक्तों की सभी प्रकार की नकारात्मकता, भय और बाधाओं को नष्ट करने वाली हैं। इस सहस्रनामावली में देवी काली के अद्भुत स्वरूप, उनकी अनंत शक्ति और करुणा का…

बलराम सहस्रनामावली

बलराम सहस्रनामावली भगवान बलराम के 1000 पवित्र और शक्तिशाली नामों का संग्रह है। बलराम जी भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई और सत्य, बल और धर्म के प्रतीक हैं। उन्हें शेषनाग का अवतार माना जाता है, और वे अपनी अनंत शक्ति और सादगी के लिए पूजित हैं। बलराम जी की आराधना से मनुष्य के भीतर शारीरिक,…

श्री ललिता सहस्रनामावली

श्री ललिता सहस्रनामावली देवी ललिता त्रिपुरसुंदरी की स्तुति में रचित 1000 पवित्र नामों का संग्रह है। यह ग्रंथ ब्रह्मांड पुराण का एक अंश है और अद्वैत वेदांत में इसकी विशेष महिमा है। देवी ललिता को सर्वोच्च शक्ति और सृष्टि की माँ माना जाता है। वे सृष्टि, स्थिति और संहार की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनकी उपासना…

भगवान इन्द्र सहस्रनामावली

भगवान इन्द्र सहस्रनामावली में इन्द्रदेव के 1000 पवित्र नामों का वर्णन किया गया है। इन्द्रदेव को देवताओं के राजा और स्वर्गलोक के अधिपति के रूप में जाना जाता है। वे वायु, वर्षा, और बिजली के देवता हैं और प्रकृति को संतुलन में बनाए रखने का कार्य करते हैं। सहस्रनामावली में इन्द्रदेव के नामों के माध्यम…

कालभैरव सहस्रनामावली

कालभैरव सहस्रनामावली भगवान कालभैरव के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। कालभैरव को समय के अधिपति, मृत्यु के रक्षक और शिव के अंशावतार के रूप में पूजा जाता है। उनकी शक्ति और भयानक रूप बुराई और नकारात्मकता को समाप्त करते हैं। कालभैरव सहस्रनामावली में उनके अद्वितीय नामों के माध्यम से उनकी महिमा, शक्ति…

तुलसी सहस्रनामावली

तुलसी सहस्रनामावली में देवी तुलसी के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है। तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और पूजनीय माना गया है। तुलसी माता विष्णु जी की परम भक्त हैं और उनका पौधा स्वयं देवी का प्रतीक है। सहस्रनामावली में तुलसी माता की पवित्रता, शक्ति और आध्यात्मिक महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया…

नाग देवता सहस्रनामावली

नाग देवता सहस्रनामावली में नाग देवताओं के 1000 पवित्र नामों का उल्लेख है। नाग देवता भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यंत पूजनीय हैं। उन्हें सृष्टि के रक्षक, सर्पों के अधिपति और भगवान शिव के अनन्य सेवक के रूप में मान्यता प्राप्त है। नाग देवता को आध्यात्मिक शक्ति, शौर्य और सुरक्षा का प्रतीक माना गया…

श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम्

|| श्री अनन्तपद्मनाभ मङ्गल स्तोत्रम् || श्रियःकान्ताय कल्याणनिधये निधयेऽर्थिनाम् । श्रीशेषशायिने अनन्तपद्मनाभाय मङ्गलम् ॥ १ ॥ स्यानन्दूरपुरीभाग्यभव्यरूपाय विष्णवे । आनन्दसिन्धवे अनन्तपद्मनाभाय मङ्गलम् ॥ २ ॥ हेमकूटविमानान्तः भ्राजमानाय हारिणे । हरिलक्ष्मीसमेताय पद्मनाभाय मङ्गलम् ॥ ३ ॥ श्रीवैकुण्ठविरक्ताय शङ्खतीर्थाम्बुधेः तटे । रमया रममाणाय पद्मनाभाय मङ्गलम् ॥ ४ ॥ अशेष चिदचिद्वस्तुशेषिणे शेषशायिने । अशेषदायिने अनन्तपद्मनाभाय मङ्गलम् ॥ ५…

देवी यमुना सहस्रनामावली

देवी यमुना सहस्रनामावली में मां यमुना के 1000 दिव्य नामों का वर्णन है। यमुना देवी को भारतीय संस्कृति में पवित्रता, शुद्धता और कल्याण की प्रतीक माना गया है। वे भगवान सूर्य की पुत्री और यमराज की बहन हैं। हिंदू धर्म में यमुना नदी को देवी स्वरूप में पूजनीय माना जाता है, और इसका जल मोक्षदायक…

देवी गंगा सहस्रनामावली

देवी गंगा सहस्रनामावली में मां गंगा के 1000 पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनके दिव्य स्वरूप, महिमा और उनकी कृपा को प्रकट करते हैं। गंगा नदी को हिंदू धर्म में सर्वाधिक पवित्र माना गया है और उन्हें “मां गंगा” के रूप में पूजा जाता है। यह माना जाता है कि मां गंगा का स्मरण…

श्री श्यामलाष्टोत्तरशतनामावली १

|| श्री श्यामलाष्टोत्तरशतनामावली १ || ओं मातङ्ग्यै नमः । ओं विजयायै नमः । ओं श्यामायै नमः । ओं सचिवेश्यै नमः । ओं शुकप्रियायै नमः । ओं नीपप्रियायै नमः । ओं कदम्बेश्यै नमः । ओं मदघूर्णितलोचनायै नमः । ओं भक्तानुरक्तायै नमः । ९ ओं मन्त्रेश्यै नमः । ओं पुष्पिण्यै नमः । ओं मन्त्रिण्यै नमः । ओं…

देवी जानकी सहस्रनामावली

देवी जानकी सहस्रनामावली में मां सीता के 1000 दिव्य और पवित्र नामों का वर्णन है। मां जानकी को भगवान श्रीराम की अर्धांगिनी और सतीत्व, समर्पण, त्याग एवं धर्म की मूर्ति माना जाता है। वे भगवती लक्ष्मी का अवतार हैं और आदर्श नारीत्व का प्रतीक हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने…

श्री शनैश्चर सहस्रनामावली

श्री शनैश्चर सहस्रनामावली भगवान शनि देव के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है। शनैश्चर यानी शनि देव, जो कर्मफल दाता और न्याय के देवता माने जाते हैं। वे प्रत्येक व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। सहस्रनामावली का पाठ शनि देव की कृपा प्राप्त करने, शनि दोष दूर करने और जीवन में…

श्री श्यामलाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् 1

|| श्री श्यामलाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् 1 || मातङ्गी विजया श्यामा सचिवेशी शुकप्रिया । नीपप्रिया कदम्बेशी मदघूर्णितलोचना ॥ १ ॥ भक्तानुरक्ता मन्त्रेशी पुष्पिणी मन्त्रिणी शिवा । कलावती रक्तवस्त्राऽभिरामा च सुमध्यमा ॥ २ ॥ त्रिकोणमध्यनिलया चारुचन्द्रावतंसिनी । रहःपूज्या रहःकेलिः योनिरूपा महेश्वरी ॥ ३ ॥ भगप्रिया भगाराध्या सुभगा भगमालिनी । रतिप्रिया चतुर्बाहुः सुवेणी चारुहासिनी ॥ ४ ॥ मधुप्रिया श्रीजननी…

श्री मातङ्गी अष्टोत्तरशतनामावली

|| श्री मातङ्गी अष्टोत्तरशतनामावली || ओं महामत्तमातङ्गिनीसिद्धिरूपायै नमः । ओं योगिन्यै नमः । ओं भद्रकाल्यै नमः । ओं रमायै नमः । ओं भवान्यै नमः । ओं भवप्रीतिदायै नमः । ओं भूतियुक्तायै नमः । ओं भवाराधितायै नमः । ओं भूतिसम्पत्कर्यै नमः । ९ ओं धनाधीशमात्रे नमः । ओं धनागारदृष्ट्यै नमः । ओं धनेशार्चितायै नमः । ओं…

श्री मातङ्गी अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्

|| श्री मातङ्गी अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् || श्रीभैरव्युवाच । भगवन् श्रोतुमिच्छामि मातङ्ग्याः शतनामकम् । यद्गुह्यं सर्वतन्त्रेषु केनापि न प्रकाशितम् ॥ १ ॥ श्रीभैरव उवाच । शृणु देवि प्रवक्ष्यामि रहस्यातिरहस्यकम् । नाख्येयं यत्र कुत्रापि पठनीयं परात्परम् ॥ २ ॥ यस्यैकवारपठनात्सर्वे विघ्ना उपद्रवाः । नश्यन्ति तत्क्षणाद्देवि वह्निना तूलराशिवत् ॥ ३ ॥ प्रसन्ना जायते देवी मातङ्गी चास्य पाठतः ।…

देवी सरस्वती सहस्रनामावली

देवी सरस्वती सहस्रनामावली में मां सरस्वती के 1000 दिव्य नामों का वर्णन है। ये नाम उनकी बुद्धि, ज्ञान, संगीत, और सृजनात्मकता के स्वरूपों को प्रकट करते हैं। मां सरस्वती को विद्या, कला और वाणी की देवी माना जाता है। उनकी सहस्रनामावली का पाठ न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण…

श्री श्यामला स्तोत्रम्

|| श्री श्यामला स्तोत्रम् || जय मातर्विशालाक्षि जय सङ्गीतमातृके । जय मातङ्गि चण्डालि गृहीतमधुपात्रके ॥ १ ॥ नमस्तेऽस्तु महादेवि नमो भगवतीश्वरि । नमस्तेऽस्तु जगन्मातर्जय शङ्करवल्लभे ॥ २ ॥ जय त्वं श्यामले देवि शुकश्यामे नमोऽस्तु ते । महाश्यामे महारामे जय सर्वमनोहरे ॥ ३ ॥ जय नीलोत्पलप्रख्ये जय सर्ववशङ्करि । जय त्वजात्वसंस्तुत्ये लघुश्यामे नमोऽस्तु ते ॥ ४…

गोपाल सहस्रनामावली

गोपाल सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, “गोपाल” के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। “गोपाल” का अर्थ है गोकुल के रक्षक, गऊओं के पालनहार और समस्त प्राणियों के संरक्षक। इस सहस्रनामावली में भगवान श्रीकृष्ण के उन गुणों और लीलाओं का वर्णन है जो उनके बाल रूप में प्रकट होते हैं। यह सहस्रनामावली…

राधा कृष्ण सहस्रनामावली

राधा कृष्ण सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा के दिव्य स्वरूप और उनके गुणों का वर्णन करने वाला एक पवित्र ग्रंथ है। इसमें राधा-कृष्ण के 1000 नामों का संकलन है, जो उनकी दिव्यता, प्रेम, और भक्ति का प्रतीक हैं। यह सहस्रनामावली राधा-कृष्ण के प्रति समर्पण को बढ़ाती है और भक्तों को उनके अद्वितीय प्रेम का…

दुर्गा दकार सहस्रनामावली

दुर्गा दकार सहस्रनामावली देवी दुर्गा के दिव्य स्वरूप और गुणों का वर्णन करने वाला ग्रंथ है। इसमें माँ दुर्गा के नामों को “द” अक्षर से प्रारंभ करके संकलित किया गया है। यह सहस्रनामावली देवी के शक्ति, करुणा, और संरक्षणकारी रूप का प्रतीक है। इसका पाठ भक्तों को न केवल भौतिक सुख-सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि…

श्री लक्ष्मीनृसिंह सहस्रनामावली

श्री लक्ष्मीनृसिंह भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार और देवी लक्ष्मी का दिव्य संगम हैं। यह स्वरूप भक्ति, शक्ति और करुणा का प्रतीक है। भगवान नृसिंह का यह स्वरूप संकटमोचन और कल्याणकारी है, जो अपने भक्तों को भय और कष्टों से मुक्त करते हैं। श्री लक्ष्मीनृसिंह सहस्रनामावली भगवान लक्ष्मीनृसिंह के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

कृष्ण ककार सहस्रनामावली

कृष्ण ककार सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो “क” अक्षर से प्रारंभ होते हैं। यह सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के अनुपम गुणों, उनकी लीला, और उनके विभिन्न स्वरूपों का वर्णन करती है। भगवान कृष्ण जगत के पालनकर्ता, प्रेम और करुणा के प्रतीक, और मानव जीवन के मार्गदर्शक हैं। उनके नामों…

देवी भैरवी सहस्रनामावली

देवी भैरवी तंत्र साधना में प्रमुख स्थान रखने वाली दस महाविद्याओं में से एक हैं। वे शक्ति, तंत्र और असीम करुणा की प्रतीक हैं। देवी भैरवी का स्वरूप तेजस्वी और रौद्र है, लेकिन उनकी कृपा साधकों को असीम शांति और सिद्धियां प्रदान करती है। भैरवी सहस्रनामावली में देवी के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

श्री श्यामला षोडशनाम स्तोत्रम्

|| श्री श्यामला षोडशनाम स्तोत्रम् || हयग्रीव उवाच । सङ्गीतयोगिनी श्यामा श्यामला मन्त्रनायिका । मन्त्रिणी सचिवेशी च प्रधानेशी शुकप्रिया ॥ १ ॥ वीणावती वैणिकी च मुद्रिणी प्रियकप्रिया । नीपप्रिया कदम्बेशी कदम्बवनवासिनी ॥ २ ॥ सदामदा च नामानि षोडशैतानि कुम्भज । एतैर्यः सचिवेशानीं सकृत् स्तौति शरीरवान् । तस्य त्रैलोक्यमखिलं हस्ते तिष्ठत्यसंशयम् ॥ ३ ॥ इति श्री…

देवी षोडशी सहस्रनामावली

देवी षोडशी, जिन्हें त्रिपुरा सुंदरी या ललिता देवी के नाम से भी जाना जाता है, दस महाविद्याओं में से एक हैं। वे सौंदर्य, प्रेम, शक्ति और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी हैं। देवी षोडशी का नाम ‘षोडशी’ इसलिए पड़ा क्योंकि वे सोलह कलाओं से पूर्ण हैं। षोडशी सहस्रनामावली देवी के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

श्री श्यामला पञ्चाशत्स्वर वर्णमालिका स्तोत्रम्

|| श्री श्यामला पञ्चाशत्स्वर वर्णमालिका स्तोत्रम् || वन्देऽहं वनजेक्षणां वसुमतीं वाग्देवि तां वैष्णवीं शब्दब्रह्ममयीं शशाङ्कवदनां शातोदरीं शाङ्करीम् । षड्बीजां सशिवां समञ्चितपदामाधारचक्रेस्थितां चिद्रूपां सकलेप्सितार्थवरदां बालां भजे श्यामलाम् ॥ १ ॥ बालां भास्करभासमप्रभयुतां भीमेश्वरीं भारतीं माणिक्याञ्चितहारिणीमभयदां योनिस्थितेयं पदाम् । ह्रां ह्रां ह्रीं कमयीं रजस्तमहरीं लम्बीजमोङ्कारिणीं चिद्रूपां सकलेप्सितार्थवरदां बालां भजे श्यामलाम् ॥ २ ॥ डं ढं णं त…

श्री श्यामला कवचम्

|| श्री श्यामला कवचम् || श्री देव्युवाच । साधुसाधु महादेव कथयस्व महेश्वर । येन सम्पद्विधानेन साधकानां जयप्रदम् ॥ १ ॥ विना जपं विना होमं विना मन्त्रं विना नुतिम् । यस्य स्मरणमात्रेण साधको धरणीपतिः ॥ २ ॥ श्री भैरव उवाच । शृणु देवि प्रवक्ष्यामि मातङ्गीकवचं परम् । गोपनीयं प्रयत्नेन मौनेन जपमाचरेत् ॥ ३ ॥ मातङ्गीकवचं दिव्यं…