हरियाली और श्रावणी अमावस्या 2024 – जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

hariyali amavsya

हरियाली अमावस्या, जिसे श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार आमतौर पर श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह त्योहार 4 अगस्त, 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है।…

सिद्धि विनायक स्तोत्र

|| सिद्धि विनायक स्तोत्र || विघ्नेश विघ्नचयखण्डननामधेय श्रीशङ्करात्मज सुराधिपवन्द्यपाद। दुर्गामहाव्रतफलाखिलमङ्गलात्मन् विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्। सत्पद्मरागमणिवर्णशरीरकान्तिः श्रीसिद्धिबुद्धिपरिचर्चितकुङ्कुमश्रीः। दक्षस्तने वलियितातिमनोज्ञशुण्डो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्। पाशाङ्कुशाब्जपरशूंश्च दधच्चतुर्भि- र्दोर्भिश्च शोणकुसुमस्रगुमाङ्गजातः। सिन्दूरशोभितललाटविधुप्रकाशो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्। कार्येषु विघ्नचयभीतविरिञ्चिमुख्यैः संपूजितः सुरवरैरपि मोहकाद्यैः। सर्वेषु च प्रथममेव सुरेषु पूज्यो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्। शीघ्राञ्चनस्खलनतुङ्गरवोर्ध्वकण्ठ- स्थूलेन्दुरुद्रगणहासितदेवसङ्घः। शूर्पश्रुतिश्च पृथुवर्त्तुलतुङ्गतुन्दो विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्। यज्ञोपवीतपदलम्भितनागराजो मासादिपुण्यददृशीकृत-ऋक्षराजः।…

Narad Puran (नारद पुराण)

Narad Puran (नारद पुराण)

नारद पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण और प्राचीन पुराण है। यह पुराण देवर्षि नारद के नाम पर है, जो भगवान विष्णु के अनन्य भक्त और ब्रह्मांड के यात्रा करने वाले ऋषि माने जाते हैं। नारद पुराण में धर्म, भक्ति, संगीत, और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई…

Markandya Puran (मार्कण्डेय पुराण)

Markandya Puran (मार्कण्डेय पुराण)

मार्कण्डेय पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख और अत्यंत महत्वपूर्ण पुराण है। इसका नाम ऋषि मार्कण्डेय के नाम पर रखा गया है, जो इस पुराण के प्रमुख ऋषि हैं। मार्कण्डेय पुराण में विभिन्न धार्मिक, नैतिक, और आध्यात्मिक विषयों का विस्तृत वर्णन है। इसमें देवी महात्म्य (दुर्गा सप्तशती) का भी उल्लेख है,…

Ling Puran (लिंग पुराण)

Ling Puran (लिंग पुराण)

लिंग पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख पुराण है। यह पुराण भगवान शिव और शिवलिंग की महिमा को समर्पित है। लिंग पुराण में शिवलिंग की उत्पत्ति, महत्व, पूजा विधियाँ, विभिन्न तीर्थ स्थलों का विवरण, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन है। इसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता…

Bhavishya Puran (भविष्य पुराण)

Bhavishya Puran (भविष्य पुराण)

भविष्य पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख पुराण है। इस पुराण का नाम “भविष्य” (भविष्यकाल) पर आधारित है, जो इसके विषयवस्तु को दर्शाता है। भविष्य पुराण में आने वाले समय के घटनाओं, भविष्यवाणियों, और विभिन्न युगों का वर्णन मिलता है। यह पुराण विशेषकर धार्मिक और सामाजिक परंपराओं, विधियों, और रीति-रिवाजों का…

ಗಣೇಶ ಪಂಚಾಕ್ಷರ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ಗಣೇಶ ಪಂಚಾಕ್ಷರ ಸ್ತೋತ್ರ || ವಕ್ರತುಂಡ ಮಹಾಕಾಯ ಸೂರ್ಯಕೋಟಿಸಮಪ್ರಭ। ನಿರ್ವಿಘ್ನಂ ಕುರು ಮೇ ದೇವ ಸರ್ವಕಾರ್ಯೇಷು ಸರ್ವದಾ। ಅಗಜಾನನಪದ್ಮಾರ್ಕಂ ಗಜಾನನಮಹರ್ನಿಶಂ। ಅನೇಕದಂ ತಂ ಭಕ್ತಾನಾಮೇಕದಂತಮುಪಾಸ್ಮಹೇ। ಗೌರೀಸುಪುತ್ರಾಯ ಗಜಾನನಾಯ ಗೀರ್ವಾಣಮುಖ್ಯಾಯ ಗಿರೀಶಜಾಯ। ಗ್ರಹರ್ಕ್ಷಪೂಜ್ಯಾಯ ಗುಣೇಶ್ವರಾಯ ನಮೋ ಗಕಾರಾಯ ಗಣೇಶ್ವರಾಯ। ನಾದಸ್ವರೂಪಾಯ ನಿರಂಕುಶಾಯ ನಂದ್ಯಪ್ರಶಸ್ತಾಯ ನೃತಿಪ್ರಿಯಾಯ। ನಮತ್ಸುರೇಶಾಯ ನಿರಗ್ರಜಾಯ ನಮೋ ಣಕಾರಾಯ ಗಣೇಶ್ವರಾಯ। ವಾಣೀವಿಲಾಸಾಯ ವಿನಾಯಕಾಯ ವೇದಾಂತವೇದ್ಯಾಯ ಪರಾತ್ಪರಾಯ। ಸಮಸ್ತವಿದ್ಯಾಽಽಶುವರಪ್ರದಾಯ ನಮೋ ವಕಾರಾಯ ಗಣೇಶ್ವರಾಯ। ರವೀಂದುಭೌಮಾದಿಭಿರರ್ಚಿತಾಯ ರಕ್ತಾಂಬರಾಯೇಷ್ಟವರಪ್ರದಾಯ। ಋದ್ಧಿಪ್ರಿಯಾಯೇಂದ್ರಜಯಪ್ರದಾಯ ನಮೋಽಸ್ತು ರೇಫಾಯ ಗಣೇಶ್ವರಾಯ। ಯಕ್ಷಾಧಿನಾಥಾಯ ಯಮಾಂತಕಾಯ ಯಶಸ್ವಿನೇ ಚಾಮಿತಕೀರ್ತಿತಾಯ।…

Brahma Puran (ब्रह्म पुराण)

Brahma Puran (ब्रह्म पुराण)

ब्रह्म पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण पुराण है। यह पुराण भगवान ब्रह्मा को समर्पित है, जो सृष्टि के रचयिता माने जाते हैं। ब्रह्म पुराण में ब्रह्मा की महिमा, सृष्टि की उत्पत्ति, धर्म, आचार, पूजा विधियाँ, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन है। इसे वैदिक साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना…

Bhagwat Puran (भागवत पुराण)

Bhagwat Puran (भागवत पुराण)

भागवत पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित पुराण है। इसे श्रीमद्भागवत या सिर्फ भागवत के नाम से भी जाना जाता है। यह पुराण भगवान विष्णु और उनके अवतारों, विशेषकर श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं का विस्तृत वर्णन करता है। भागवत पुराण में भक्तिभावना, धर्म, और ज्ञान का समृद्ध संगम…

Garuda Puran (गरुड़ पुराण)

Garuda Puran (गरुड़ पुराण)

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख पुराण है। यह पुराण भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ को समर्पित है। गरुड़ पुराण में मृत्यु, आत्मा, पुनर्जन्म, कर्म, और मोक्ष के विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई है। इसे विशेष रूप से मृत्युकाल में सुनने और पढ़ने का महत्व बताया गया है, जिससे…

Kurma Puran (कूर्म पुराण)

Kurma Puran (कूर्म पुराण)

कूर्म पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण पुराण है। यह पुराण भगवान विष्णु के कूर्म (कछुआ) अवतार को समर्पित है। कूर्म पुराण में धर्म, आचार, पूजा विधियाँ, तीर्थ यात्रा, और विभिन्न पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन है। इसे धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कूर्म पुराण की…

गणेश पंचाक्षर स्तोत्र

|| गणेश पंचाक्षर स्तोत्र || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटिसमप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा। अगजाननपद्मार्कं गजाननमहर्निशम्। अनेकदं तं भक्तानामेकदन्तमुपास्महे। गौरीसुपुत्राय गजाननाय गीर्वाणमुख्याय गिरीशजाय। ग्रहर्क्षपूज्याय गुणेश्वराय नमो गकाराय गणेश्वराय। नादस्वरूपाय निरङ्कुशाय नन्द्यप्रशस्ताय नृतिप्रियाय। नमत्सुरेशाय निरग्रजाय नमो णकाराय गणेश्वराय। वाणीविलासाय विनायकाय वेदान्तवेद्याय परात्पराय। समस्तविद्याऽऽशुवरप्रदाय नमो वकाराय गणेश्वराय। रवीन्दुभौमादिभिरर्चिताय रक्ताम्बरायेष्टवरप्रदाय। ऋद्धिप्रियायेन्द्रजयप्रदाय नमोऽस्तु रेफाय गणेश्वराय। यक्षाधिनाथाय यमान्तकाय यशस्विने चामितकीर्तिताय।…

వక్రతుండ స్తుతి

|| వక్రతుండ స్తుతి || సదా బ్రహ్మభూతం వికారాదిహీనం వికారాదిభూతం మహేశాదివంద్యం । అపారస్వరూపం స్వసంవేద్యమేకం నమామః సదా వక్రతుండం భజామః ॥ అజం నిర్వికల్పం కలాకాలహీనం హృదిస్థం సదా సాక్షిరూపం పరేశం । జనజ్ఞానకారం ప్రకాశైర్విహీనం నమామః సదా వక్రతుండం భజామః ॥ అనంతస్వరూపం సదానందకందం ప్రకాశస్వరూపం సదా సర్వగం తం । అనాదిం గుణాదిం గుణాధారభూతం నమామః సదా వక్రతుండం భజామః ॥ ధరావాయుతేజోమయం తోయభావం సదాకాశరూపం మహాభూతసంస్థం । అహంకారధారం తమోమాత్రసంస్థం నమామః…

வக்ரதுண்ட ஸ்துதி

|| வக்ரதுண்ட ஸ்துதி || ஸதா ப்ரஹ்மபூதம் விகாராதிஹீனம் விகாராதிபூதம் மஹேஶாதிவந்த்யம் । அபாரஸ்வரூபம் ஸ்வஸம்வேத்யமேகம் நமாம꞉ ஸதா வக்ரதுண்டம் பஜாம꞉ ॥ அஜம் நிர்விகல்பம் கலாகாலஹீனம் ஹ்ருதிஸ்தம் ஸதா ஸாக்ஷிரூபம் பரேஶம் । ஜனஜ்ஞானகாரம் ப்ரகாஶைர்விஹீனம் நமாம꞉ ஸதா வக்ரதுண்டம் பஜாம꞉ ॥ அனந்தஸ்வரூபம் ஸதானந்தகந்தம் ப்ரகாஶஸ்வரூபம் ஸதா ஸர்வகம் தம் । அநாதிம் குணாதிம் குணாதாரபூதம் நமாம꞉ ஸதா வக்ரதுண்டம் பஜாம꞉ ॥ தராவாயுதேஜோமயம் தோயபாவம் ஸதாகாஶரூபம் மஹாபூதஸம்ஸ்தம் । அஹங்காரதாரம் தமோமாத்ரஸம்ஸ்தம் நமாம꞉…

ವಕ್ರತುಂಡ ಸ್ತುತಿ

|| ವಕ್ರತುಂಡ ಸ್ತುತಿ || ಸದಾ ಬ್ರಹ್ಮಭೂತಂ ವಿಕಾರಾದಿಹೀನಂ ವಿಕಾರಾದಿಭೂತಂ ಮಹೇಶಾದಿವಂದ್ಯಂ । ಅಪಾರಸ್ವರೂಪಂ ಸ್ವಸಂವೇದ್ಯಮೇಕಂ ನಮಾಮಃ ಸದಾ ವಕ್ರತುಂಡಂ ಭಜಾಮಃ ॥ ಅಜಂ ನಿರ್ವಿಕಲ್ಪಂ ಕಲಾಕಾಲಹೀನಂ ಹೃದಿಸ್ಥಂ ಸದಾ ಸಾಕ್ಷಿರೂಪಂ ಪರೇಶಂ । ಜನಜ್ಞಾನಕಾರಂ ಪ್ರಕಾಶೈರ್ವಿಹೀನಂ ನಮಾಮಃ ಸದಾ ವಕ್ರತುಂಡಂ ಭಜಾಮಃ ॥ ಅನಂತಸ್ವರೂಪಂ ಸದಾನಂದಕಂದಂ ಪ್ರಕಾಶಸ್ವರೂಪಂ ಸದಾ ಸರ್ವಗಂ ತಂ । ಅನಾದಿಂ ಗುಣಾದಿಂ ಗುಣಾಧಾರಭೂತಂ ನಮಾಮಃ ಸದಾ ವಕ್ರತುಂಡಂ ಭಜಾಮಃ ॥ ಧರಾವಾಯುತೇಜೋಮಯಂ ತೋಯಭಾವಂ ಸದಾಕಾಶರೂಪಂ ಮಹಾಭೂತಸಂಸ್ಥಂ । ಅಹಂಕಾರಧಾರಂ ತಮೋಮಾತ್ರಸಂಸ್ಥಂ ನಮಾಮಃ…

वक्रतुंड स्तुति

|| वक्रतुंड स्तुति || सदा ब्रह्मभूतं विकारादिहीनं विकारादिभूतं महेशादिवन्द्यम् । अपारस्वरूपं स्वसंवेद्यमेकं नमामः सदा वक्रतुण्डं भजामः ॥ अजं निर्विकल्पं कलाकालहीनं हृदिस्थं सदा साक्षिरूपं परेशम् । जनज्ञानकारं प्रकाशैर्विहीनं नमामः सदा वक्रतुण्डं भजामः ॥ अनन्तस्वरूपं सदानन्दकन्दं प्रकाशस्वरूपं सदा सर्वगं तम् । अनादिं गुणादिं गुणाधारभूतं नमामः सदा वक्रतुण्डं भजामः ॥ धरावायुतेजोमयं तोयभावं सदाकाशरूपं महाभूतसंस्थम् । अहङ्कारधारं तमोमात्रसंस्थं नमामः…

ഗജാനന സ്തോത്രം

|| ഗജാനന സ്തോത്രം || ഗണേശ ഹേരംബ ഗജാനനേതി മഹോദര സ്വാനുഭവപ്രകാശിൻ। വരിഷ്ഠ സിദ്ധിപ്രിയ ബുദ്ധിനാഥ വദന്തമേവം ത്യജത പ്രഭീതാഃ। അനേകവിഘ്നാന്തക വക്രതുണ്ഡ സ്വസഞ്ജ്ഞവാസിംശ്ച ചതുർഭുജേതി। കവീശ ദേവാന്തകനാശകാരിൻ വദന്തമേവം ത്യജത പ്രഭീതാഃ। മഹേശസൂനോ ഗജദൈത്യശത്രോ വരേണ്യസൂനോ വികട ത്രിനേത്ര। പരേശ പൃഥ്വീധര ഏകദന്ത വദന്തമേവം ത്യജത പ്രഭീതാഃ। പ്രമോദ മേദേതി നരാന്തകാരേ ഷഡൂർമിഹന്തർഗജകർണ ഢുണ്ഢേ। ദ്വന്ദ്വാഗ്നിസിന്ധോ സ്ഥിരഭാവകാരിൻ വദന്തമേവം ത്യജത പ്രഭീതാഃ। വിനായക ജ്ഞാനവിഘാതശത്രോ പരാശരസ്യാത്മജ വിഷ്ണുപുത്ര। അനാദിപൂജ്യാഖുഗ സർവപൂജ്യ വദന്തമേവം ത്യജത പ്രഭീതാഃ। വൈരിഞ്ച്യ…

గజానన స్తోత్రం

|| గజానన స్తోత్రం || గణేశ హేరంబ గజాననేతి మహోదర స్వానుభవప్రకాశిన్। వరిష్ఠ సిద్ధిప్రియ బుద్ధినాథ వదంతమేవం త్యజత ప్రభీతాః। అనేకవిఘ్నాంతక వక్రతుండ స్వసంజ్ఞవాసింశ్చ చతుర్భుజేతి। కవీశ దేవాంతకనాశకారిన్ వదంతమేవం త్యజత ప్రభీతాః। మహేశసూనో గజదైత్యశత్రో వరేణ్యసూనో వికట త్రినేత్ర। పరేశ పృథ్వీధర ఏకదంత వదంతమేవం త్యజత ప్రభీతాః। ప్రమోద మేదేతి నరాంతకారే షడూర్మిహంతర్గజకర్ణ ఢుంఢే। ద్వంద్వాగ్నిసింధో స్థిరభావకారిన్ వదంతమేవం త్యజత ప్రభీతాః। వినాయక జ్ఞానవిఘాతశత్రో పరాశరస్యాత్మజ విష్ణుపుత్ర। అనాదిపూజ్యాఖుగ సర్వపూజ్య వదంతమేవం త్యజత ప్రభీతాః। వైరించ్య…

கஜானன ஸ்தோத்திரம்

|| கஜானன ஸ்தோத்திரம் || கணேஶ ஹேரம்ப கஜானனேதி மஹோதர ஸ்வானுபவப்ரகாஶின்। வரிஷ்ட ஸித்திப்ரிய புத்திநாத வதந்தமேவம் த்யஜத ப்ரபீதா꞉। அனேகவிக்னாந்தக வக்ரதுண்ட ஸ்வஸஞ்ஜ்ஞவாஸிம்ஶ்ச சதுர்புஜேதி। கவீஶ தேவாந்தகநாஶகாரின் வதந்தமேவம் த்யஜத ப்ரபீதா꞉। மஹேஶஸூனோ கஜதைத்யஶத்ரோ வரேண்யஸூனோ விகட த்ரிநேத்ர। பரேஶ ப்ருத்வீதர ஏகதந்த வதந்தமேவம் த்யஜத ப்ரபீதா꞉। ப்ரமோத மேதேதி நராந்தகாரே ஷடூர்மிஹந்தர்கஜகர்ண டுண்டே। த்வந்த்வாக்நிஸிந்தோ ஸ்திரபாவகாரின் வதந்தமேவம் த்யஜத ப்ரபீதா꞉। விநாயக ஜ்ஞானவிகாதஶத்ரோ பராஶரஸ்யாத்மஜ விஷ்ணுபுத்ர। அநாதிபூஜ்யாகுக ஸர்வபூஜ்ய வதந்தமேவம் த்யஜத ப்ரபீதா꞉। வைரிஞ்ச்ய…

गजानन स्तोत्र

|| गजानन स्तोत्र || गणेश हेरम्ब गजाननेति महोदर स्वानुभवप्रकाशिन्। वरिष्ठ सिद्धिप्रिय बुद्धिनाथ वदन्तमेवं त्यजत प्रभीताः। अनेकविघ्नान्तक वक्रतुण्ड स्वसंज्ञवासिंश्च चतुर्भुजेति। कवीश देवान्तकनाशकारिन् वदन्तमेवं त्यजत प्रभीताः। महेशसूनो गजदैत्यशत्रो वरेण्यसूनो विकट त्रिनेत्र। परेश पृथ्वीधर एकदन्त वदन्तमेवं त्यजत प्रभीताः। प्रमोद मेदेति नरान्तकारे षडूर्मिहन्तर्गजकर्ण ढुण्ढे। द्वन्द्वाग्निसिन्धो स्थिरभावकारिन् वदन्तमेवं त्यजत प्रभीताः। विनायक ज्ञानविघातशत्रो पराशरस्यात्मज विष्णुपुत्र। अनादिपूज्याखुग सर्वपूज्य वदन्तमेवं त्यजत प्रभीताः। वैरिञ्च्य…

ಗಜಾನನ ಸ್ತೋತ್ರ

 || ಗಜಾನನ ಸ್ತೋತ್ರ || ಗಣೇಶ ಹೇರಂಬ ಗಜಾನನೇತಿ ಮಹೋದರ ಸ್ವಾನುಭವಪ್ರಕಾಶಿನ್। ವರಿಷ್ಠ ಸಿದ್ಧಿಪ್ರಿಯ ಬುದ್ಧಿನಾಥ ವದಂತಮೇವಂ ತ್ಯಜತ ಪ್ರಭೀತಾಃ। ಅನೇಕವಿಘ್ನಾಂತಕ ವಕ್ರತುಂಡ ಸ್ವಸಂಜ್ಞವಾಸಿಂಶ್ಚ ಚತುರ್ಭುಜೇತಿ। ಕವೀಶ ದೇವಾಂತಕನಾಶಕಾರಿನ್ ವದಂತಮೇವಂ ತ್ಯಜತ ಪ್ರಭೀತಾಃ। ಮಹೇಶಸೂನೋ ಗಜದೈತ್ಯಶತ್ರೋ ವರೇಣ್ಯಸೂನೋ ವಿಕಟ ತ್ರಿನೇತ್ರ। ಪರೇಶ ಪೃಥ್ವೀಧರ ಏಕದಂತ ವದಂತಮೇವಂ ತ್ಯಜತ ಪ್ರಭೀತಾಃ। ಪ್ರಮೋದ ಮೇದೇತಿ ನರಾಂತಕಾರೇ ಷಡೂರ್ಮಿಹಂತರ್ಗಜಕರ್ಣ ಢುಂಢೇ। ದ್ವಂದ್ವಾಗ್ನಿಸಿಂಧೋ ಸ್ಥಿರಭಾವಕಾರಿನ್ ವದಂತಮೇವಂ ತ್ಯಜತ ಪ್ರಭೀತಾಃ। ವಿನಾಯಕ ಜ್ಞಾನವಿಘಾತಶತ್ರೋ ಪರಾಶರಸ್ಯಾತ್ಮಜ ವಿಷ್ಣುಪುತ್ರ। ಅನಾದಿಪೂಜ್ಯಾಖುಗ ಸರ್ವಪೂಜ್ಯ ವದಂತಮೇವಂ ತ್ಯಜತ ಪ್ರಭೀತಾಃ। ವೈರಿಂಚ್ಯ…

വിഘ്നരാജ സ്തോത്രം

|| വിഘ്നരാജ സ്തോത്രം || കപില ഉവാച – നമസ്തേ വിഘ്നരാജായ ഭക്താനാം വിഘ്നഹാരിണേ। അഭക്താനാം വിശേഷേണ വിഘ്നകർത്രേ നമോ നമഃ॥ ആകാശായ ച ഭൂതാനാം മനസേ ചാമരേഷു തേ। ബുദ്ധ്യൈരിന്ദ്രിയവർഗേഷു വിവിധായ നമോ നമഃ॥ ദേഹാനാം ബിന്ദുരൂപായ മോഹരൂപായ ദേഹിനാം। തയോരഭേദഭാവേഷു ബോധായ തേ നമോ നമഃ॥ സാംഖ്യായ വൈ വിദേഹാനാം സംയോഗാനാം നിജാത്മനേ। ചതുർണാം പഞ്ചമായൈവ സർവത്ര തേ നമോ നമഃ॥ നാമരൂപാത്മകാനാം വൈ ശക്തിരൂപായ തേ നമഃ। ആത്മനാം രവയേ തുഭ്യം ഹേരംബായ…

విఘ్నరాజ స్తోత్రం

|| విఘ్నరాజ స్తోత్రం || కపిల ఉవాచ – నమస్తే విఘ్నరాజాయ భక్తానాం విఘ్నహారిణే। అభక్తానాం విశేషేణ విఘ్నకర్త్రే నమో నమః॥ ఆకాశాయ చ భూతానాం మనసే చామరేషు తే। బుద్ధ్యైరింద్రియవర్గేషు వివిధాయ నమో నమః॥ దేహానాం బిందురూపాయ మోహరూపాయ దేహినాం। తయోరభేదభావేషు బోధాయ తే నమో నమః॥ సాంఖ్యాయ వై విదేహానాం సంయోగానాం నిజాత్మనే। చతుర్ణాం పంచమాయైవ సర్వత్ర తే నమో నమః॥ నామరూపాత్మకానాం వై శక్తిరూపాయ తే నమః। ఆత్మనాం రవయే తుభ్యం హేరంబాయ…

விக்னராஜ ஸ்தோத்திரம்

|| விக்னராஜ ஸ்தோத்திரம் || கபில உவாச – நமஸ்தே விக்னராஜாய பக்தானாம் விக்னஹாரிணே। அபக்தானாம் விஶேஷேண விக்னகர்த்ரே நமோ நம꞉॥ ஆகாஶாய ச பூதானாம் மனஸே சாமரேஷு தே। புத்த்யைரிந்த்ரியவர்கேஷு விவிதாய நமோ நம꞉॥ தேஹானாம் பிந்துரூபாய மோஹரூபாய தேஹினாம்। தயோரபேதபாவேஷு போதாய தே நமோ நம꞉॥ ஸாங்க்யாய வை விதேஹானாம் ஸம்யோகானாம் நிஜாத்மனே। சதுர்ணாம் பஞ்சமாயைவ ஸர்வத்ர தே நமோ நம꞉॥ நாமரூபாத்மகானாம் வை ஶக்திரூபாய தே நம꞉। ஆத்மனாம் ரவயே துப்யம் ஹேரம்பாய…

ವಿಘ್ನರಾಜ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ವಿಘ್ನರಾಜ ಸ್ತೋತ್ರ || ಕಪಿಲ ಉವಾಚ – ನಮಸ್ತೇ ವಿಘ್ನರಾಜಾಯ ಭಕ್ತಾನಾಂ ವಿಘ್ನಹಾರಿಣೇ। ಅಭಕ್ತಾನಾಂ ವಿಶೇಷೇಣ ವಿಘ್ನಕರ್ತ್ರೇ ನಮೋ ನಮಃ॥ ಆಕಾಶಾಯ ಚ ಭೂತಾನಾಂ ಮನಸೇ ಚಾಮರೇಷು ತೇ। ಬುದ್ಧ್ಯೈರಿಂದ್ರಿಯವರ್ಗೇಷು ವಿವಿಧಾಯ ನಮೋ ನಮಃ॥ ದೇಹಾನಾಂ ಬಿಂದುರೂಪಾಯ ಮೋಹರೂಪಾಯ ದೇಹಿನಾಂ। ತಯೋರಭೇದಭಾವೇಷು ಬೋಧಾಯ ತೇ ನಮೋ ನಮಃ॥ ಸಾಂಖ್ಯಾಯ ವೈ ವಿದೇಹಾನಾಂ ಸಂಯೋಗಾನಾಂ ನಿಜಾತ್ಮನೇ। ಚತುರ್ಣಾಂ ಪಂಚಮಾಯೈವ ಸರ್ವತ್ರ ತೇ ನಮೋ ನಮಃ॥ ನಾಮರೂಪಾತ್ಮಕಾನಾಂ ವೈ ಶಕ್ತಿರೂಪಾಯ ತೇ ನಮಃ। ಆತ್ಮನಾಂ ರವಯೇ ತುಭ್ಯಂ ಹೇರಂಬಾಯ…

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || एक समय राक्षसराज रावण कैलास पर्वत पर भक्तिभावपूर्वक भगवान शिव की आराधना कर रहा था। बहुत दिनों तक आराधना करने के बाद भी जब भगवान शिव उस पर प्रसन्न नहीं हुए, तब वह दूसरी विधि से तप-साधना करने लगा। उसने हिमालय पर्वत से दक्षिण की ओर सघन वृक्षों…

विघ्नराज स्तोत्र

|| विघ्नराज स्तोत्र || कपिल उवाच – नमस्ते विघ्नराजाय भक्तानां विघ्नहारिणे। अभक्तानां विशेषेण विघ्नकर्त्रे नमो नमः।। आकाशाय च भूतानां मनसे चामरेषु ते। बुद्ध्यैरिन्द्रियवर्गेषु विविधाय नमो नमः।। देहानां बिन्दुरूपाय मोहरूपाय देहिनाम्। तयोरभेदभावेषु बोधाय ते नमो नमः।। साङ्ख्याय वै विदेहानां संयोगानां निजात्मने। चतुर्णां पञ्चमायैव सर्वत्र ते नमो नमः।। नामरूपात्मकानां वै शक्तिरूपाय ते नमः। आत्मनां रवये तुभ्यं हेरम्बाय…

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || शिव पुराण के अनुसार, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना से सम्बंधित कथा इस प्रकार है: प्रजापति दक्ष ने अपनी सभी सत्ताइस पुत्रियों का विवाह चन्द्रमा के साथ कर दिया, जिससे वे बहुत प्रसन्न हुए। चन्द्रमा को पत्नी के रूप में दक्ष…

ഗണേശ അഷ്ടോത്തര ശതനാമ സ്തോത്രം

|| ഗണേശ അഷ്ടോത്തര ശതനാമ സ്തോത്രം || ഗണേശ്വരോ ഗണക്രീഡോ മഹാഗണപതിസ്തഥാ । വിശ്വകർതാ വിശ്വമുഖോ ദുർജയോ ധൂർജയോ ജയഃ ॥ സ്വരൂപഃ സർവനേത്രാധിവാസോ വീരാസനാശ്രയഃ । യോഗാധിപസ്താരകസ്ഥഃ പുരുഷോ ഗജകർണകഃ ॥ ചിത്രാംഗഃ ശ്യാമദശനോ ഭാലചന്ദ്രശ്ചതുർഭുജഃ । ശംഭുതേജാ യജ്ഞകായഃ സർവാത്മാ സാമബൃംഹിതഃ ॥ കുലാചലാംസോ വ്യോമനാഭിഃ കല്പദ്രുമവനാലയഃ । നിമ്നനാഭിഃ സ്ഥൂലകുക്ഷിഃ പീനവക്ഷാ ബൃഹദ്ഭുജഃ ॥ പീനസ്കന്ധഃ കംബുകണ്ഠോ ലംബോഷ്ഠോ ലംബനാസികഃ । സർവാവയവസമ്പൂർണഃ സർവലക്ഷണലക്ഷിതഃ॥ ഇക്ഷുചാപധരഃ ശൂലീ കാന്തികന്ദലിതാശ്രയഃ । അക്ഷമാലാധരോ ജ്ഞാനമുദ്രാവാൻ…

గణేశ అష్టోత్తర శతనామ స్తోత్రం

|| గణేశ అష్టోత్తర శతనామ స్తోత్రం || గణేశ్వరో గణక్రీడో మహాగణపతిస్తథా । విశ్వకర్తా విశ్వముఖో దుర్జయో ధూర్జయో జయః ॥ స్వరూపః సర్వనేత్రాధివాసో వీరాసనాశ్రయః । యోగాధిపస్తారకస్థః పురుషో గజకర్ణకః ॥ చిత్రాంగః శ్యామదశనో భాలచంద్రశ్చతుర్భుజః । శంభుతేజా యజ్ఞకాయః సర్వాత్మా సామబృంహితః ॥ కులాచలాంసో వ్యోమనాభిః కల్పద్రుమవనాలయః । నిమ్ననాభిః స్థూలకుక్షిః పీనవక్షా బృహద్భుజః ॥ పీనస్కంధః కంబుకంఠో లంబోష్ఠో లంబనాసికః । సర్వావయవసంపూర్ణః సర్వలక్షణలక్షితః॥ ఇక్షుచాపధరః శూలీ కాంతికందలితాశ్రయః । అక్షమాలాధరో జ్ఞానముద్రావాన్…

கணேச அஷ்டோத்தர ஸதநாம ஸ்தோத்திரம்

|| கணேச அஷ்டோத்தர ஸதநாம ஸ்தோத்திரம் || கணேஶ்வரோ கணக்ரீடோ மஹாகணபதிஸ்ததா । விஶ்வகர்தா விஶ்வமுகோ துர்ஜயோ தூர்ஜயோ ஜய꞉ ॥ ஸ்வரூப꞉ ஸர்வநேத்ராதிவாஸோ வீராஸநாஶ்ரய꞉ । யோகாதிபஸ்தாரகஸ்த꞉ புருஷோ கஜகர்ணக꞉ ॥ சித்ராங்க꞉ ஶ்யாமதஶனோ பாலசந்த்ரஶ்சதுர்புஜ꞉ । ஶம்புதேஜா யஜ்ஞகாய꞉ ஸர்வாத்மா ஸாமப்ரும்ஹித꞉ ॥ குலாசலாம்ஸோ வ்யோமநாபி꞉ கல்பத்ருமவனாலய꞉ । நிம்னநாபி꞉ ஸ்தூலகுக்ஷி꞉ பீனவக்ஷா ப்ருஹத்புஜ꞉ ॥ பீனஸ்கந்த꞉ கம்புகண்டோ லம்போஷ்டோ லம்பநாஸிக꞉ । ஸர்வாவயவஸம்பூர்ண꞉ ஸர்வலக்ஷணலக்ஷித꞉॥ இக்ஷுசாபதர꞉ ஶூலீ காந்திகந்தலிதாஶ்ரய꞉ । அக்ஷமாலாதரோ ஜ்ஞானமுத்ராவான்…

ಗಣೇಶ ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ಗಣೇಶ ಅಷ್ಟೋತ್ತರ ಶತನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರ || ಗಣೇಶ್ವರೋ ಗಣಕ್ರೀಡೋ ಮಹಾಗಣಪತಿಸ್ತಥಾ । ವಿಶ್ವಕರ್ತಾ ವಿಶ್ವಮುಖೋ ದುರ್ಜಯೋ ಧೂರ್ಜಯೋ ಜಯಃ ॥ ಸ್ವರೂಪಃ ಸರ್ವನೇತ್ರಾಧಿವಾಸೋ ವೀರಾಸನಾಶ್ರಯಃ । ಯೋಗಾಧಿಪಸ್ತಾರಕಸ್ಥಃ ಪುರುಷೋ ಗಜಕರ್ಣಕಃ ॥ ಚಿತ್ರಾಂಗಃ ಶ್ಯಾಮದಶನೋ ಭಾಲಚಂದ್ರಶ್ಚತುರ್ಭುಜಃ । ಶಂಭುತೇಜಾ ಯಜ್ಞಕಾಯಃ ಸರ್ವಾತ್ಮಾ ಸಾಮಬೃಂಹಿತಃ ॥ ಕುಲಾಚಲಾಂಸೋ ವ್ಯೋಮನಾಭಿಃ ಕಲ್ಪದ್ರುಮವನಾಲಯಃ । ನಿಮ್ನನಾಭಿಃ ಸ್ಥೂಲಕುಕ್ಷಿಃ ಪೀನವಕ್ಷಾ ಬೃಹದ್ಭುಜಃ ॥ ಪೀನಸ್ಕಂಧಃ ಕಂಬುಕಂಠೋ ಲಂಬೋಷ್ಠೋ ಲಂಬನಾಸಿಕಃ । ಸರ್ವಾವಯವಸಂಪೂರ್ಣಃ ಸರ್ವಲಕ್ಷಣಲಕ್ಷಿತಃ॥ ಇಕ್ಷುಚಾಪಧರಃ ಶೂಲೀ ಕಾಂತಿಕಂದಲಿತಾಶ್ರಯಃ । ಅಕ್ಷಮಾಲಾಧರೋ ಜ್ಞಾನಮುದ್ರಾವಾನ್…

हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अतिरिक्त अनेक हिरण्यगर्भ शिवलिंग हैं, जिनका बड़ा अद्भुत महातम्य है। इनमें से कई शिवलिंग चमत्कारी हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं तथा सिद्धपीठों में स्थापित हैं। इन्हीं सिद्धपीठों में से एक है श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर, जहां स्वयंभू हिरण्यगर्भ दूधेश्वर…

ഋണഹര ഗണേശ സ്തോത്രം

|| ഋണഹര ഗണേശ സ്തോത്രം || ഓം സിന്ദൂരവർണം ദ്വിഭുജം ഗണേശം ലംബോദരം പദ്മദലേ നിവിഷ്ടം। ബ്രഹ്മാദിദേവൈഃ പരിസേവ്യമാനം സിദ്ധൈര്യുതം തം പ്രണമാമി ദേവം॥ സൃഷ്ട്യാദൗ ബ്രഹ്മണാ സമ്യക് പൂജിതഃ ഫലസിദ്ധയേ। സദൈവ പാർവതീപുത്രോ ഋണനാശം കരോതു മേ॥ ത്രിപുരസ്യ വധാത് പൂർവം ശംഭുനാ സമ്യഗർചിതഃ। സദൈവ പാർവതീപുത്രോ ഋണനാശം കരോതു മേ॥ ഹിരണ്യകശ്യപ്വാദീനാം വധാർഥേ വിഷ്ണുനാർചിതഃ। സദൈവ പാർവതീപുത്രോ ഋണനാശം കരോതു മേ॥ മഹിഷസ്യ വധേ ദേവ്യാ ഗണനാഥഃ പ്രപൂജിതഃ। സദൈവ പാർവതീപുത്രോ ഋണനാശം കരോതു…

ఋణహర గణేశ స్తోత్రం

|| ఋణహర గణేశ స్తోత్రం || ఓం సిందూరవర్ణం ద్విభుజం గణేశం లంబోదరం పద్మదలే నివిష్టం। బ్రహ్మాదిదేవైః పరిసేవ్యమానం సిద్ధైర్యుతం తం ప్రణమామి దేవం॥ సృష్ట్యాదౌ బ్రహ్మణా సమ్యక్ పూజితః ఫలసిద్ధయే। సదైవ పార్వతీపుత్రో ఋణనాశం కరోతు మే॥ త్రిపురస్య వధాత్ పూర్వం శంభునా సమ్యగర్చితః। సదైవ పార్వతీపుత్రో ఋణనాశం కరోతు మే॥ హిరణ్యకశ్యప్వాదీనాం వధార్థే విష్ణునార్చితః। సదైవ పార్వతీపుత్రో ఋణనాశం కరోతు మే॥ మహిషస్య వధే దేవ్యా గణనాథః ప్రపూజితః। సదైవ పార్వతీపుత్రో ఋణనాశం కరోతు…

ருணஹர கணேச ஸ்தோத்திரம்

|| ருணஹர கணேச ஸ்தோத்திரம் || ௐ ஸிந்தூரவர்ணம் த்விபுஜம் கணேஶம் லம்போதரம் பத்மதலே நிவிஷ்டம். ப்ரஹ்மாதிதேவை꞉ பரிஸேவ்யமானம் ஸித்தைர்யுதம் தம் ப்ரணமாமி தேவம்.. ஸ்ருஷ்ட்யாதௌ ப்ரஹ்மணா ஸம்யக் பூஜித꞉ பலஸித்தயே. ஸதைவ பார்வதீபுத்ரோ ருணநாஶம் கரோது மே.. த்ரிபுரஸ்ய வதாத் பூர்வம் ஶம்புனா ஸம்யகர்சித꞉. ஸதைவ பார்வதீபுத்ரோ ருணநாஶம் கரோது மே.. ஹிரண்யகஶ்யப்வாதீனாம் வதார்தே விஷ்ணுனார்சித꞉. ஸதைவ பார்வதீபுத்ரோ ருணநாஶம் கரோது மே.. மஹிஷஸ்ய வதே தேவ்யா கணநாத꞉ ப்ரபூஜித꞉. ஸதைவ பார்வதீபுத்ரோ ருணநாஶம் கரோது…

ಋಣಹರ ಗಣೇಶ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ಋಣಹರ ಗಣೇಶ ಸ್ತೋತ್ರ || ಓಂ ಸಿಂದೂರವರ್ಣಂ ದ್ವಿಭುಜಂ ಗಣೇಶಂ ಲಂಬೋದರಂ ಪದ್ಮದಲೇ ನಿವಿಷ್ಟಂ। ಬ್ರಹ್ಮಾದಿದೇವೈಃ ಪರಿಸೇವ್ಯಮಾನಂ ಸಿದ್ಧೈರ್ಯುತಂ ತಂ ಪ್ರಣಮಾಮಿ ದೇವಂ॥ ಸೃಷ್ಟ್ಯಾದೌ ಬ್ರಹ್ಮಣಾ ಸಮ್ಯಕ್ ಪೂಜಿತಃ ಫಲಸಿದ್ಧಯೇ। ಸದೈವ ಪಾರ್ವತೀಪುತ್ರೋ ಋಣನಾಶಂ ಕರೋತು ಮೇ॥ ತ್ರಿಪುರಸ್ಯ ವಧಾತ್ ಪೂರ್ವಂ ಶಂಭುನಾ ಸಮ್ಯಗರ್ಚಿತಃ। ಸದೈವ ಪಾರ್ವತೀಪುತ್ರೋ ಋಣನಾಶಂ ಕರೋತು ಮೇ॥ ಹಿರಣ್ಯಕಶ್ಯಪ್ವಾದೀನಾಂ ವಧಾರ್ಥೇ ವಿಷ್ಣುನಾರ್ಚಿತಃ। ಸದೈವ ಪಾರ್ವತೀಪುತ್ರೋ ಋಣನಾಶಂ ಕರೋತು ಮೇ॥ ಮಹಿಷಸ್ಯ ವಧೇ ದೇವ್ಯಾ ಗಣನಾಥಃ ಪ್ರಪೂಜಿತಃ। ಸದೈವ ಪಾರ್ವತೀಪುತ್ರೋ ಋಣನಾಶಂ ಕರೋತು…

भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। शिवपुराण में कहा गया है कि पुराने समय में भीम नाम का एक राक्षस था। वह राक्षस कुंभकर्ण का पुत्र था, परंतु उसका जन्म ठीक उसके पिता की मृत्यु के बाद हुआ था। उसे अपने पिता की मृत्यु भगवान राम…

ऋणहर गणेश स्तोत्र

|| ऋणहर गणेश स्तोत्र || ॐ सिन्दूरवर्णं द्विभुजं गणेशं लम्बोदरं पद्मदले निविष्टम्। ब्रह्मादिदेवैः परिसेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणमामि देवम्।। सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजितः फलसिद्धये। सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।। त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चितः। सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।। हिरण्यकश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चितः। सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु मे।। महिषस्य वधे देव्या गणनाथः प्रपूजितः। सदैव पार्वतीपुत्रो ऋणनाशं करोतु…

വിഘ്നേശ അഷ്ടക സ്തോത്രം

|| വിഘ്നേശ അഷ്ടക സ്തോത്രം || വിഘ്നേശ്വരം ചതുർബാഹും ദേവപൂജ്യം പരാത്പരം| ഗണേശം ത്വാം പ്രപന്നോഽഹം വിഘ്നാൻ മേ നാശയാഽഽശു ഭോഃ| ലംബോദരം ഗജേശാനം വിശാലാക്ഷം സനാതനം| ഏകദന്തം പ്രപന്നോഽഹം വിഘ്നാൻ മേ നാശയാഽഽശു ഭോഃ| ആഖുവാഹനമവ്യക്തം സർവശാസ്ത്രവിശാരദം| വരപ്രദം പ്രപന്നോഽഹം വിഘ്നാൻ മേ നാശയാഽഽശു ഭോഃ| അഭയം വരദം ദോർഭ്യാം ദധാനം മോദകപ്രിയം| ശൈലജാജം പ്രപന്നോഽഹം വിഘ്നാൻ മേ നാശയാഽഽശു ഭോഃ| ഭക്തിതുഷ്ടം ജഗന്നാഥം ധ്യാതൃമോക്ഷപ്രദം ദ്വിപം| ശിവസൂനും പ്രപന്നോഽഹം വിഘ്നാൻ മേ നാശയാഽഽശു ഭോഃ|…

విఘ్నేశ అష్టక స్తోత్రం

|| విఘ్నేశ అష్టక స్తోత్రం || విఘ్నేశ్వరం చతుర్బాహుం దేవపూజ్యం పరాత్పరం| గణేశం త్వాం ప్రపన్నోఽహం విఘ్నాన్ మే నాశయాఽఽశు భోః| లంబోదరం గజేశానం విశాలాక్షం సనాతనం| ఏకదంతం ప్రపన్నోఽహం విఘ్నాన్ మే నాశయాఽఽశు భోః| ఆఖువాహనమవ్యక్తం సర్వశాస్త్రవిశారదం| వరప్రదం ప్రపన్నోఽహం విఘ్నాన్ మే నాశయాఽఽశు భోః| అభయం వరదం దోర్భ్యాం దధానం మోదకప్రియం| శైలజాజం ప్రపన్నోఽహం విఘ్నాన్ మే నాశయాఽఽశు భోః| భక్తితుష్టం జగన్నాథం ధ్యాతృమోక్షప్రదం ద్విపం| శివసూనుం ప్రపన్నోఽహం విఘ్నాన్ మే నాశయాఽఽశు భోః|…

விக்னேஷ அஷ்டக ஸ்தோத்திரம்

|| விக்னேஷ அஷ்டக ஸ்தோத்திரம் || விக்னேஶ்வரம் சதுர்பாஹும் தேவபூஜ்யம் பராத்பரம்| கணேஶம் த்வாம் ப்ரபன்னோ(அ)ஹம் விக்னான் மே நாஶயா(ஆ)ஶு போ꞉| லம்போதரம் கஜேஶானம் விஶாலாக்ஷம் ஸனாதனம்| ஏகதந்தம் ப்ரபன்னோ(அ)ஹம் விக்னான் மே நாஶயா(ஆ)ஶு போ꞉| ஆகுவாஹனமவ்யக்தம் ஸர்வஶாஸ்த்ரவிஶாரதம்| வரப்ரதம் ப்ரபன்னோ(அ)ஹம் விக்னான் மே நாஶயா(ஆ)ஶு போ꞉| அபயம் வரதம் தோர்ப்யாம் ததானம் மோதகப்ரியம்| ஶைலஜாஜம் ப்ரபன்னோ(அ)ஹம் விக்னான் மே நாஶயா(ஆ)ஶு போ꞉| பக்திதுஷ்டம் ஜகந்நாதம் த்யாத்ருமோக்ஷப்ரதம் த்விபம்| ஶிவஸூனும் ப்ரபன்னோ(அ)ஹம் விக்னான் மே நாஶயா(ஆ)ஶு போ꞉|…

अन्नपूर्णा माता व्रत कथा

|| अन्नपूर्णा माता व्रत कथा || एक समय की बात है, काशी निवासी धनंजय की पत्नी सुलक्षणा थी। उसे सभी सुख प्राप्त थे, केवल निर्धनता ही उसके दुःख का एकमात्र कारण थी। यह दुःख उसे हर समय सताता रहता था। एक दिन सुलक्षणा ने अपने पति से कहा, “स्वामी! आप कुछ उद्यम करो तो काम…

आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पार्वती जी ने पूछा, “हे पुत्र! आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को गणेश जी की पूजा कैसे करनी चाहिए? आषाढ़ मास के गणपति देवता का क्या नाम है? उनके पूजन का क्या विधान है? कृपया आप मुझे बताइए।” गणेश जी ने कहा, “आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी के दिन कृष्णपिङ्गल नामक…

ज्येष्ठ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| ज्येष्ठ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || सतयुग में एक पृथु नामक राजा हुए जिन्होंने सौ यज्ञ किए। उनके राज्य में दयादेव नामक एक विद्वान ब्राह्मण रहते थे, जिनके चार पुत्र थे। पिता ने वैदिक विधि से अपने पुत्रों का विवाह कर दिया। उन चार बहुओं में सबसे बड़ी बहू अपनी सास से कहने…

वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| वैशाख संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || एक बार पार्वती जी ने गणेशजी से पूछा कि वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की संकटा चतुर्थी का पूजन किस गणेश का और किस विधि से करना चाहिए, और उस दिन क्या भोजन करना चाहिए? गणेश जी ने उत्तर दिया – हे माता! वैशाख कृष्ण चतुर्थी के…

ವಿಘ್ನೇಶ ಅಷ್ಟಕ ಸ್ತೋತ್ರ

|| ವಿಘ್ನೇಶ ಅಷ್ಟಕ ಸ್ತೋತ್ರ || ವಿಘ್ನೇಶ್ವರಂ ಚತುರ್ಬಾಹುಂ ದೇವಪೂಜ್ಯಂ ಪರಾತ್ಪರಂ| ಗಣೇಶಂ ತ್ವಾಂ ಪ್ರಪನ್ನೋಽಹಂ ವಿಘ್ನಾನ್ ಮೇ ನಾಶಯಾಽಽಶು ಭೋಃ| ಲಂಬೋದರಂ ಗಜೇಶಾನಂ ವಿಶಾಲಾಕ್ಷಂ ಸನಾತನಂ| ಏಕದಂತಂ ಪ್ರಪನ್ನೋಽಹಂ ವಿಘ್ನಾನ್ ಮೇ ನಾಶಯಾಽಽಶು ಭೋಃ| ಆಖುವಾಹನಮವ್ಯಕ್ತಂ ಸರ್ವಶಾಸ್ತ್ರವಿಶಾರದಂ| ವರಪ್ರದಂ ಪ್ರಪನ್ನೋಽಹಂ ವಿಘ್ನಾನ್ ಮೇ ನಾಶಯಾಽಽಶು ಭೋಃ| ಅಭಯಂ ವರದಂ ದೋರ್ಭ್ಯಾಂ ದಧಾನಂ ಮೋದಕಪ್ರಿಯಂ| ಶೈಲಜಾಜಂ ಪ್ರಪನ್ನೋಽಹಂ ವಿಘ್ನಾನ್ ಮೇ ನಾಶಯಾಽಽಶು ಭೋಃ| ಭಕ್ತಿತುಷ್ಟಂ ಜಗನ್ನಾಥಂ ಧ್ಯಾತೃಮೋಕ್ಷಪ್ರದಂ ದ್ವಿಪಂ| ಶಿವಸೂನುಂ ಪ್ರಪನ್ನೋಽಹಂ ವಿಘ್ನಾನ್ ಮೇ ನಾಶಯಾಽಽಶು ಭೋಃ|…

विघ्नेश अष्टक स्तोत्र

|| विघ्नेश अष्टक स्तोत्र || विघ्नेश्वरं चतुर्बाहुं देवपूज्यं परात्परम्| गणेशं त्वां प्रपन्नोऽहं विघ्नान् मे नाशयाऽऽशु भोः| लम्बोदरं गजेशानं विशालाक्षं सनातनम्| एकदन्तं प्रपन्नोऽहं विघ्नान् मे नाशयाऽऽशु भोः| आखुवाहनमव्यक्तं सर्वशास्त्रविशारदम्| वरप्रदं प्रपन्नोऽहं विघ्नान् मे नाशयाऽऽशु भोः| अभयं वरदं दोर्भ्यां दधानं मोदकप्रियम्| शैलजाजं प्रपन्नोऽहं विघ्नान् मे नाशयाऽऽशु भोः| भक्तितुष्टं जगन्नाथं ध्यातृमोक्षप्रदं द्विपम्| शिवसूनुं प्रपन्नोऽहं विघ्नान् मे नाशयाऽऽशु भोः|…

ഗജമുഖ സ്തുതി

|| ഗജമുഖ സ്തുതി || വിചക്ഷണമപി ദ്വിഷാം ഭയകരം വിഭും ശങ്കരം വിനീതമജമവ്യയം വിധിമധീതശാസ്ത്രാശയം. വിഭാവസുമകിങ്കരം ജഗദധീശമാശാംബരം ഗണപ്രമുഖമർചയേ ഗജമുഖം ജഗന്നായകം. അനുത്തമമനാമയം പ്രഥിതസർവദേവാശ്രയം വിവിക്തമജമക്ഷരം കലിനിബർഹണം കീർതിദം. വിരാട്പുരുഷമക്ഷയം ഗുണനിധിം മൃഡാനീസുതം ഗണപ്രമുഖമർചയേ ഗജമുഖം ജഗന്നായകം. അലൗകികവരപ്രദം പരകൃപം ജനൈഃ സേവിതം ഹിമാദ്രിതനയാപതിപ്രിയസുരോത്തമം പാവനം. സദൈവ സുഖവർധകം സകലദുഃഖസന്താരകം ഗണപ്രമുഖമർചയേ ഗജമുഖം ജഗന്നായകം. കലാനിധിമനത്യയം മുനിഗതായനം സത്തമം ശിവം ശ്രുതിരസം സദാ ശ്രവണകീർതനാത്സൗഖ്യദം. സനാതനമജല്പനം സിതസുധാംശുഭാലം ഭൃശം ഗണപ്രമുഖമർചയേ ഗജമുഖം ജഗന്നായകം. ഗണാധിപതിസംസ്തുതിം നിരപരാം പഠേദ്യഃ…

గజముఖ స్తుతి

|| గజముఖ స్తుతి || విచక్షణమపి ద్విషాం భయకరం విభుం శంకరం వినీతమజమవ్యయం విధిమధీతశాస్త్రాశయం. విభావసుమకింకరం జగదధీశమాశాంబరం గణప్రముఖమర్చయే గజముఖం జగన్నాయకం. అనుత్తమమనామయం ప్రథితసర్వదేవాశ్రయం వివిక్తమజమక్షరం కలినిబర్హణం కీర్తిదం. విరాట్పురుషమక్షయం గుణనిధిం మృడానీసుతం గణప్రముఖమర్చయే గజముఖం జగన్నాయకం. అలౌకికవరప్రదం పరకృపం జనైః సేవితం హిమాద్రితనయాపతిప్రియసురోత్తమం పావనం. సదైవ సుఖవర్ధకం సకలదుఃఖసంతారకం గణప్రముఖమర్చయే గజముఖం జగన్నాయకం. కలానిధిమనత్యయం మునిగతాయనం సత్తమం శివం శ్రుతిరసం సదా శ్రవణకీర్తనాత్సౌఖ్యదం. సనాతనమజల్పనం సితసుధాంశుభాలం భృశం గణప్రముఖమర్చయే గజముఖం జగన్నాయకం. గణాధిపతిసంస్తుతిం నిరపరాం పఠేద్యః…

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