શ્રી શિવસહસ્રનામ સ્તોત્રમ્

|| શ્રી શિવસહસ્રનામ સ્તોત્રમ્ (Shiv Sahastranaam Gujarati PDF) || મહાભારતાન્તર્ગતમ્ તતઃ સ પ્રયતો ભૂત્વા મમ તાત યુધિષ્ઠિર . પ્રાઞ્જલિઃ પ્રાહ વિપ્રર્ષિર્નામસઙ્ગ્રહમાદિતઃ .. ૧.. ઉપમન્યુરુવાચ બ્રહ્મપ્રોક્તૈરૃષિપ્રોક્તૈર્વેદવેદાઙ્ગસમ્ભવૈઃ . સર્વલોકેષુ વિખ્યાતં સ્તુત્યં સ્તોષ્યામિ નામભિઃ .. ૨.. મહદ્ભિર્વિહિતૈઃ સત્યૈઃ સિદ્ધૈઃ સર્વાર્થસાધકૈઃ . ઋષિણા તણ્ડિના ભક્ત્યા કૃતૈર્વેદકૃતાત્મના .. ૩.. યથોક્તૈઃ સાધુભિઃ ખ્યાતૈર્મુનિભિસ્તત્ત્વદર્શિભિઃ . પ્રવરં પ્રથમં સ્વર્ગ્યં સર્વભૂતહિતં શુભમ્ .. ૪…..

శ్రీ శివసహస్రనామ స్తోత్రం

|| శ్రీ శివసహస్రనామ స్తోత్రం (Shiv Sahastranaam Telugu PDF) || మహాభారతాంతర్గతం తతః స ప్రయతో భూత్వా మమ తాత యుధిష్ఠిర . ప్రాంజలిః ప్రాహ విప్రర్షిర్నామసంగ్రహమాదితః .. 1.. ఉపమన్యురువాచ బ్రహ్మప్రోక్తైరృషిప్రోక్తైర్వేదవేదాంగసంభవైః . సర్వలోకేషు విఖ్యాతం స్తుత్యం స్తోష్యామి నామభిః .. 2.. మహద్భిర్విహితైః సత్యైః సిద్ధైః సర్వార్థసాధకైః . ఋషిణా తండినా భక్త్యా కృతైర్వేదకృతాత్మనా .. 3.. యథోక్తైః సాధుభిః ఖ్యాతైర్మునిభిస్తత్త్వదర్శిభిః . ప్రవరం ప్రథమం స్వర్గ్యం సర్వభూతహితం శుభం .. 4…..

ஶ்ரீ ஶிவஸஹஸ்ரநாம ஸ்தோத்ரம்

|| ஶ்ரீ ஶிவஸஹஸ்ரநாம ஸ்தோத்ரம் (Shiv Sahastranaam Tamil PDF) || மஹாபா⁴ரதாந்தர்க³தம் தத꞉ ஸ ப்ரயதோ பூ⁴த்வா மம தாத யுதி⁴ஷ்டி²ர . ப்ராஞ்ஜலி꞉ ப்ராஹ விப்ரர்ஷிர்நாமஸங்க்³ரஹமாதி³த꞉ .. 1.. உபமன்யுருவாச ப்³ரஹ்மப்ரோக்தைர்ருʼஷிப்ரோக்தைர்வேத³வேதா³ங்க³ஸம்ப⁴வை꞉ . ஸர்வலோகேஷு விக்²யாதம்ʼ ஸ்துத்யம்ʼ ஸ்தோஷ்யாமி நாமபி⁴꞉ .. 2.. மஹத்³பி⁴ர்விஹிதை꞉ ஸத்யை꞉ ஸித்³தை⁴꞉ ஸர்வார்த²ஸாத⁴கை꞉ . ருʼஷிணா தண்டி³னா ப⁴க்த்யா க்ருʼதைர்வேத³க்ருʼதாத்மனா .. 3.. யதோ²க்தை꞉ ஸாது⁴பி⁴꞉ க்²யாதைர்முனிபி⁴ஸ்தத்த்வத³ர்ஶிபி⁴꞉ . ப்ரவரம்ʼ ப்ரத²மம்ʼ ஸ்வர்க்³யம்ʼ ஸர்வபூ⁴தஹிதம்ʼ ஶுப⁴ம் .. 4…..

ശ്രീ ശിവസഹസ്രനാമ സ്തോത്രം

|| ശ്രീ ശിവസഹസ്രനാമ സ്തോത്രം (Shiv Sahastranaam Malayalam PDF) || മഹാഭാരതാന്തർഗതം തതഃ സ പ്രയതോ ഭൂത്വാ മമ താത യുധിഷ്ഠിര . പ്രാഞ്ജലിഃ പ്രാഹ വിപ്രർഷിർനാമസംഗ്രഹമാദിതഃ .. 1.. ഉപമന്യുരുവാച ബ്രഹ്മപ്രോക്തൈരൃഷിപ്രോക്തൈർവേദവേദാംഗസംഭവൈഃ . സർവലോകേഷു വിഖ്യാതം സ്തുത്യം സ്തോഷ്യാമി നാമഭിഃ .. 2.. മഹദ്ഭിർവിഹിതൈഃ സത്യൈഃ സിദ്ധൈഃ സർവാർഥസാധകൈഃ . ഋഷിണാ തണ്ഡിനാ ഭക്ത്യാ കൃതൈർവേദകൃതാത്മനാ .. 3.. യഥോക്തൈഃ സാധുഭിഃ ഖ്യാതൈർമുനിഭിസ്തത്ത്വദർശിഭിഃ . പ്രവരം പ്രഥമം സ്വർഗ്യം സർവഭൂതഹിതം ശുഭം .. 4…..

ಶ್ರೀ ಶಿವಸಹಸ್ರನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರಂ

|| ಶ್ರೀ ಶಿವಸಹಸ್ರನಾಮ ಸ್ತೋತ್ರಂ (Shiv Sahastranaam Kannada PDF) || ಮಹಾಭಾರತಾಂತರ್ಗತಂ ತತಃ ಸ ಪ್ರಯತೋ ಭೂತ್ವಾ ಮಮ ತಾತ ಯುಧಿಷ್ಠಿರ . ಪ್ರಾಂಜಲಿಃ ಪ್ರಾಹ ವಿಪ್ರರ್ಷಿರ್ನಾಮಸಂಗ್ರಹಮಾದಿತಃ .. ೧.. ಉಪಮನ್ಯುರುವಾಚ ಬ್ರಹ್ಮಪ್ರೋಕ್ತೈರೃಷಿಪ್ರೋಕ್ತೈರ್ವೇದವೇದಾಂಗಸಂಭವೈಃ . ಸರ್ವಲೋಕೇಷು ವಿಖ್ಯಾತಂ ಸ್ತುತ್ಯಂ ಸ್ತೋಷ್ಯಾಮಿ ನಾಮಭಿಃ .. ೨.. ಮಹದ್ಭಿರ್ವಿಹಿತೈಃ ಸತ್ಯೈಃ ಸಿದ್ಧೈಃ ಸರ್ವಾರ್ಥಸಾಧಕೈಃ . ಋಷಿಣಾ ತಂಡಿನಾ ಭಕ್ತ್ಯಾ ಕೃತೈರ್ವೇದಕೃತಾತ್ಮನಾ .. ೩.. ಯಥೋಕ್ತೈಃ ಸಾಧುಭಿಃ ಖ್ಯಾತೈರ್ಮುನಿಭಿಸ್ತತ್ತ್ವದರ್ಶಿಭಿಃ . ಪ್ರವರಂ ಪ್ರಥಮಂ ಸ್ವರ್ಗ್ಯಂ ಸರ್ವಭೂತಹಿತಂ ಶುಭಂ .. ೪…..

ଶ୍ରୀ ଶିବସହସ୍ରନାମ ସ୍ତୋତ୍ରମ୍

|| ଶ୍ରୀ ଶିବସହସ୍ରନାମ ସ୍ତୋତ୍ରମ୍ (Shiv Sahastranaam Odia PDF) || ମହାଭାରତାନ୍ତର୍ଗତମ୍ ତତଃ ସ ପ୍ରୟତୋ ଭୂତ୍ୱା ମମ ତାତ ଯୁଧିଷ୍ଠିର । ପ୍ରାଞ୍ଜଲିଃ ପ୍ରାହ ବିପ୍ରର୍ଷିର୍ନାମସଙ୍ଗ୍ରହମାଦିତଃ ॥ ୧॥ ଉପମନ୍ୟୁରୁବାଚ ବ୍ରହ୍ମପ୍ରୋକ୍ତୈରୃଷିପ୍ରୋକ୍ତୈର୍ୱେଦବେଦାଙ୍ଗସମ୍ଭବୈଃ । ସର୍ୱଲୋକେଷୁ ବିଖ୍ୟାତଂ ସ୍ତୁତ୍ୟଂ ସ୍ତୋଷ୍ୟାମି ନାମଭିଃ ॥ ୨॥ ମହଦ୍ଭିର୍ୱିହିତୈଃ ସତ୍ୟୈଃ ସିଦ୍ଧୈଃ ସର୍ୱାର୍ଥସାଧକୈଃ । ଋଷିଣା ତଣ୍ଡିନା ଭକ୍ତ୍ୟା କୃତୈର୍ୱେଦକୃତାତ୍ମନା ॥ ୩॥ ଯଥୋକ୍ତୈଃ ସାଧୁଭିଃ ଖ୍ୟାତୈର୍ମୁନିଭିସ୍ତତ୍ତ୍ୱଦର୍ଶିଭିଃ । ପ୍ରବରଂ ପ୍ରଥମଂ ସ୍ୱର୍ଗ୍ୟଂ ସର୍ୱଭୂତହିତଂ ଶୁଭମ୍ ॥ ୪॥…

শ্ৰী শিৱসহস্ৰনাম স্তোত্ৰম্

|| শ্ৰী শিৱসহস্ৰনাম স্তোত্ৰম্ (Shiv Sahastranaam Assamese PDF) || মহাভাৰতান্তৰ্গতম্ ততঃ স প্ৰয়তো ভূত্ৱা মম তাত যুধিষ্ঠিৰ । প্ৰাঞ্জলিঃ প্ৰাহ ৱিপ্ৰৰ্ষিৰ্নামসঙ্গ্ৰহমাদিতঃ ॥ ১॥ উপমন্যুৰুৱাচ ব্ৰহ্মপ্ৰোক্তৈৰৃষিপ্ৰোক্তৈৰ্ৱেদৱেদাঙ্গসম্ভৱৈঃ । সৰ্ৱলোকেষু ৱিখ্যাতং স্তুত্যং স্তোষ্যামি নামভিঃ ॥ ২॥ মহদ্ভিৰ্ৱিহিতৈঃ সত্যৈঃ সিদ্ধৈঃ সৰ্ৱাৰ্থসাধকৈঃ । ঋষিণা তণ্ডিনা ভক্ত্যা কৃতৈৰ্ৱেদকৃতাত্মনা ॥ ৩॥ যথোক্তৈঃ সাধুভিঃ খ্যাতৈৰ্মুনিভিস্তত্ত্ৱদৰ্শিভিঃ । প্ৰৱৰং প্ৰথমং স্ৱৰ্গ্যং সৰ্ৱভূতহিতং শুভম্ ॥ ৪॥…

শ্রী শিবসহস্রনাম স্তোত্রম্

|| শ্রী শিবসহস্রনাম স্তোত্রম্ (Shiv Sahastranaam Bengali PDF) || মহাভারতান্তর্গতম্ ততঃ স প্রয়তো ভূত্বা মম তাত যুধিষ্ঠির । প্রাঞ্জলিঃ প্রাহ বিপ্রর্ষির্নামসঙ্গ্রহমাদিতঃ ॥ ১॥ উপমন্যুরুবাচ ব্রহ্মপ্রোক্তৈরৃষিপ্রোক্তৈর্বেদবেদাঙ্গসম্ভবৈঃ । সর্বলোকেষু বিখ্যাতং স্তুত্যং স্তোষ্যামি নামভিঃ ॥ ২॥ মহদ্ভির্বিহিতৈঃ সত্যৈঃ সিদ্ধৈঃ সর্বার্থসাধকৈঃ । ঋষিণা তণ্ডিনা ভক্ত্যা কৃতৈর্বেদকৃতাত্মনা ॥ ৩॥ যথোক্তৈঃ সাধুভিঃ খ্যাতৈর্মুনিভিস্তত্ত্বদর্শিভিঃ । প্রবরং প্রথমং স্বর্গ্যং সর্বভূতহিতং শুভম্ ॥ ৪॥…

देवी गंगा सहस्रनामावली

देवी गंगा सहस्रनामावली में मां गंगा के 1000 पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनके दिव्य स्वरूप, महिमा और उनकी कृपा को प्रकट करते हैं। गंगा नदी को हिंदू धर्म में सर्वाधिक पवित्र माना गया है और उन्हें “मां गंगा” के रूप में पूजा जाता है। यह माना जाता है कि मां गंगा का स्मरण…

देवी छिन्नमस्ता सहस्रनामावली

देवी छिन्नमस्ता दस महाविद्याओं में से एक हैं और उनका स्वरूप शक्ति, त्याग, और आत्मनियंत्रण का प्रतीक है। छिन्नमस्ता का अर्थ है “कटी हुई मस्तक वाली देवी”। यह स्वरूप इस बात का प्रतीक है कि अहंकार का त्याग और आत्मबलिदान से व्यक्ति सच्ची सिद्धि प्राप्त करता है। देवी छिन्नमस्ता सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र…

देवी मातंगी सहस्रनामावली

देवी मातंगी तंत्र साधना और विद्या की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उन्हें “तंत्र स्वरूपिणी” और “सरस्वती का तांत्रिक रूप” भी कहा जाता है। देवी मातंगी सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनकी महिमा, शक्ति और अनुकंपा को प्रकट करते हैं। यह सहस्रनामावली देवी की कृपा प्राप्त करने और जीवन…

ଶ୍ରୀ ଲକ୍ଷ୍ମୀ ସହସ୍ରନାମାଵଳିଃ

|| ଶ୍ରୀ ଲକ୍ଷ୍ମୀ ସହସ୍ରନାମାଵଳିଃ (Lakshmi Sahasranama PDF Odia) || ଓଂ ନିତ୍ୟାଗତାୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଅନଂତନିତ୍ୟାୟୈ ନମଃ । ଓଂ ନଂଦିନ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଜନରଂଜନ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ନିତ୍ୟପ୍ରକାଶିନ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ସ୍ଵପ୍ରକାଶସ୍ଵରୂପିଣ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ମହାଲକ୍ଷ୍ମ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ମହାକାଳ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ମହାକନ୍ୟାୟୈ ନମଃ । ଓଂ ସରସ୍ଵତ୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଭୋଗଵୈଭଵସଂଧାତ୍ର୍ୟୈ ନମଃ । ଓଂ ଭକ୍ତାନୁଗ୍ରହକାରିଣ୍ୟୈ…

શ્રી લક્ષ્મી સહસ્રનામાવળિઃ

|| શ્રી લક્ષ્મી સહસ્રનામાવળિઃ (Lakshmi Saharanama PDF Gujarati) || ઓં નિત્યાગતાયૈ નમઃ । ઓં અનંતનિત્યાયૈ નમઃ । ઓં નંદિન્યૈ નમઃ । ઓં જનરંજન્યૈ નમઃ । ઓં નિત્યપ્રકાશિન્યૈ નમઃ । ઓં સ્વપ્રકાશસ્વરૂપિણ્યૈ નમઃ । ઓં મહાલક્ષ્મ્યૈ નમઃ । ઓં મહાકાળ્યૈ નમઃ । ઓં મહાકન્યાયૈ નમઃ । ઓં સરસ્વત્યૈ નમઃ । ઓં ભોગવૈભવસંધાત્ર્યૈ નમઃ । ઓં ભક્તાનુગ્રહકારિણ્યૈ…

विष्णु सहस्त्रनाम

|| विष्णु सहस्त्रनाम मराठी || ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः । संभवो भावनो…

श्री हनुमान सहस्रनामावली

श्री हनुमान सहस्रनामावली में भगवान हनुमान के 1000 दिव्य और शक्तिशाली नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली भगवान हनुमान की महिमा, शक्ति और उनके अद्भुत गुणों का वर्णन करती है। भगवान हनुमान को अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता, संकटमोचक, और भक्ति, शक्ति और ज्ञान के प्रतीक माना जाता है। इस सहस्रनामावली के माध्यम…

श्री दुर्गा सहस्रनामावली

श्री दुर्गा सहस्रनामावली माँ दुर्गा के 1000 दिव्य और शक्तिशाली नामों का संकलन है। इन नामों में माँ दुर्गा के अनंत स्वरूपों, उनकी महिमा, शक्ति, करुणा और उनके भक्तों पर कृपा का वर्णन है। यह सहस्रनामावलि देवी के भक्तों को अद्भुत ऊर्जा और शक्ति प्रदान करती है। नवरात्रि और विशेष पर्वों में इसका पाठ अत्यधिक…

दुर्गा दकार सहस्रनामावली

दुर्गा दकार सहस्रनामावली देवी दुर्गा के दिव्य स्वरूप और गुणों का वर्णन करने वाला ग्रंथ है। इसमें माँ दुर्गा के नामों को “द” अक्षर से प्रारंभ करके संकलित किया गया है। यह सहस्रनामावली देवी के शक्ति, करुणा, और संरक्षणकारी रूप का प्रतीक है। इसका पाठ भक्तों को न केवल भौतिक सुख-सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि…

राधा सहस्रनाम

|| Radha Sahasranama Stotram || वन्दे वृन्दावनानन्दा राधिका परमेश्वरी । गोपिकां परमां श्रेष्ठां ह्लादिनीं शक्तिरूपिणीम् ॥ श्रीराधां परमाराज्यां कृष्णसेवापरायणाम् । श्रीकृष्णाङ्ग सदाध्यात्री नवधाभक्तिकारिणी ॥ येषां गुणमयी-राधा वृषभानुकुमारिका । दामोदरप्रिया-राधा मनोभीष्टप्रदायिनी ॥ तस्या नामसहस्रं त्वं श्रुणु भागवतोत्तमा ॥ मानसतन्त्रे अनुष्टुप्छन्दसे अकारादि क्षकारान्तानि श्रीराधिकासहस्रनामानि ॥ अथ स्तोत्रम् । ॐ अनन्तरूपिणी-राधा अपारगुणसागरा । अध्यक्षरा आदिरूपा अनादिराशेश्वरी ॥ १॥…

श्री वाराही सहस्त्रनाम

|| श्री वाराही सहस्त्रनाम || ॐ ऐं ग्लौं वाराह्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वामन्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वामायै नमः । ॐ ऐं ग्लौं बगळायै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वासव्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं वसवे नमः । ॐ ऐं ग्लौं वैदेह्यै नमः । ॐ ऐं ग्लौं विरसुवे नमः । ॐ ऐं…

गोपाल सहस्त्रनाम

|| Gopal Sahastranam Stotram || 1 ॐ हरये स्वाहा। 2 ॐ देवकीनंदनाय स्वाहा। 3 ॐ कंसहन्त्रे स्वाहा। 4 ॐ परात्मने स्वाहा। 5 ॐ पीताम्बराय स्वाहा। 6 ॐ पूर्णदेवाय स्वाहा। 7 ॐ रमेशाय स्वाहा। 8 ॐ कृष्णाय स्वाहा। 9 ॐ परेशाय स्वाहा। 10 ॐ पुराणाय स्वाहा। 11 ॐ सुरेशाय स्वाहा। 12 ॐ अच्युताय स्वाहा। 13 ॐ…

श्री ललिता सहस्रनामावली

श्री ललिता सहस्रनामावली देवी ललिता त्रिपुरसुंदरी की स्तुति में रचित 1000 पवित्र नामों का संग्रह है। यह ग्रंथ ब्रह्मांड पुराण का एक अंश है और अद्वैत वेदांत में इसकी विशेष महिमा है। देवी ललिता को सर्वोच्च शक्ति और सृष्टि की माँ माना जाता है। वे सृष्टि, स्थिति और संहार की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनकी उपासना…

श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र पाठ

।। श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र पाठ ।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः…

श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत पाठ विधि व लाभ

|| श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् का पाठ कैसे करें || हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर या मूर्ति के समक्ष श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए। सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण का आवाहन करें और उन्हें आसन अर्पित करें। उनके चरण धोने के लिए जल…

श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम पाठ

|| श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र || ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः। भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः । संभवो…

శ్రీ లలితా సహస్రనామం (Lalitha Sahasranamam Telugu)

॥ లలిత సహస్రనామం ॥ ॥ ఓమ్ ॥ అస్య శ్రీ లలితా దివ్య సహస్రనామ స్తోత్ర మహామంత్రస్య, వశిన్యాది వాగ్దేవతా ఋషయః, అనుష్టుప్ ఛందః, శ్రీ లలితా పరాభట్టారికా మహా త్రిపుర సుందరీ దేవతా, ఐం బీజం, క్లీం శక్తిః, సౌః కీలకం, మమ ధర్మార్థ కామ మోక్ష చతుర్విధ ఫలపురుషార్థ సిద్ధ్యర్థే లలితా త్రిపురసుందరీ పరాభట్టారికా సహస్ర నామ జపే వినియోగః కరన్యాసః ఐం అంగుష్టాభ్యాం నమః, క్లీం తర్జనీభ్యాం నమః, సౌః మధ్యమాభ్యాం…

सूर्य सहस्रनामावली (भविष्य पुराण)

भविष्य पुराण में वर्णित सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली भगवान सूर्य की महिमा, उनके स्वरूप, और उनके द्वारा विश्व में प्रदान की जाने वाली ऊर्जा और जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन करती है। भगवान सूर्य वेदों में आदित्य के रूप में पूजित हैं और उन्हें जीवनदाता,…

रुद्रयामल सूर्य सहस्रनामावली

रुद्रयामल तंत्र एक प्रमुख तांत्रिक ग्रंथ है, जिसमें विविध देवताओं की स्तुतियों और साधनाओं का वर्णन है। इसमें वर्णित सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली सूर्य देव के विभिन्न स्वरूपों, गुणों और उनकी अनंत शक्ति का वर्णन करती है। भगवान सूर्य को वेदों में आदित्य, सविता और…

रुद्रयामल भगवान शिव सहस्रनामावली

रुद्रयामल तंत्र भगवान शिव की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन करने वाला एक अद्वितीय ग्रंथ है। इस ग्रंथ में शिव सहस्रनामावली भगवान शिव के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनके विभिन्न स्वरूपों, शक्तियों और गुणों को प्रकट करते हैं। यह सहस्रनामावली शिव की अनंत कृपा, उनकी भौतिक और आध्यात्मिक महिमा को व्यक्त करती…

स्कन्द पुराण सूर्य सहस्रनामावली

स्कन्द पुराण भारतीय धर्मग्रंथों में सबसे बड़ा पुराण है, जिसमें सृष्टि, धर्म और अध्यात्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण कथाएं और स्तोत्र शामिल हैं। इस पुराण में सूर्य देव की महिमा का विस्तृत वर्णन मिलता है। सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनके स्वरूप, शक्ति और उपकारकता को प्रकट…

भगवान गणेश गकार सहस्रनामावली

भगवान गणेश गकार सहस्रनामावली में भगवान गणेश के 1000 दिव्य नाम गकार अक्षर से आरंभ होते हैं। यह सहस्रनामावली भगवान गणेश के ज्ञान, बुद्धि, सिद्धि, और विघ्नहर्ता स्वरूप का वर्णन करती है। गकार से आरंभ होने वाले नाम भगवान गणेश के अद्भुत रूप, कार्य और प्रभाव को दर्शाते हैं। गकार सहस्रनामावली का पाठ न केवल…

श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली

श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली में माता सीता के 1000 दिव्य और महिमामय नामों का वर्णन किया गया है। ये नाम देवी सीता के विभिन्न स्वरूपों, गुणों, और उनके जीवन के आदर्श पहलुओं को उजागर करते हैं। माता सीता को त्याग, समर्पण, प्रेम, और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस सहस्रनामावली का पाठ वाल्मीकि…

देवी राधा सहस्रनामावली

देवी राधा सहस्रनामावली राधा रानी के 1000 दिव्य और मधुर नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावलि उनके प्रेम, भक्ति, करुणा और आध्यात्मिक स्वरूप को समर्पित है। राधा रानी भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रेयसी और भक्ति के उच्चतम आदर्श का प्रतीक मानी जाती हैं। इस सहस्रनामावलि का पाठ करने से साधक राधा-कृष्ण की अलौकिक प्रेमलीला और…

देवी कमला सहस्रनामावली

देवी कमला सहस्रनामावली देवी कमला के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है, जो धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। देवी कमला, महालक्ष्मी का एक रूप हैं और उनकी पूजा से साधक को जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है। सहस्रनामावली में उनके विभिन्न नामों का उल्लेख उनकी महिमा,…

गरुड़ देव सहस्रनामावली

गरुड़ देव सहस्रनामावली भगवान विष्णु के वाहन और परम भक्त गरुड़ देव को समर्पित 1000 पवित्र नामों का संग्रह है। गरुड़ देव वेदों के ज्ञाता और शत्रु नाशक माने जाते हैं। वे अद्भुत पराक्रमी और दिव्य शक्तियों से युक्त हैं। उनके सहस्रनाम का पाठ करने से साधक को भय, रोग और शत्रुओं से मुक्ति मिलती…

श्री दक्षिणामूर्ति सहस्रनामावलि

श्री दक्षिणामूर्ति सहस्रनामावलि भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप को समर्पित है। दक्षिणामूर्ति भगवान शिव का वह रूप है, जिसमें वे ज्ञान, शिक्षा और आत्मबोध के अधिष्ठाता माने जाते हैं। यह सहस्रनामावलि उनके 1000 दिव्य और पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी महिमा और अनंत शक्ति का वर्णन करती है। श्री दक्षिणामूर्ति को गुरु रूप…

देवी काली सहस्रनामावली

देवी काली सहस्रनामावली में माँ काली के 1000 पवित्र और शक्तिशाली नामों का वर्णन है। माँ काली शक्ति, साहस, और विनाशकारी ऊर्जा की देवी हैं। वे अपने भक्तों की सभी प्रकार की नकारात्मकता, भय और बाधाओं को नष्ट करने वाली हैं। इस सहस्रनामावली में देवी काली के अद्भुत स्वरूप, उनकी अनंत शक्ति और करुणा का…

बलराम सहस्रनामावली

बलराम सहस्रनामावली भगवान बलराम के 1000 पवित्र और शक्तिशाली नामों का संग्रह है। बलराम जी भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई और सत्य, बल और धर्म के प्रतीक हैं। उन्हें शेषनाग का अवतार माना जाता है, और वे अपनी अनंत शक्ति और सादगी के लिए पूजित हैं। बलराम जी की आराधना से मनुष्य के भीतर शारीरिक,…

भगवान इन्द्र सहस्रनामावली

भगवान इन्द्र सहस्रनामावली में इन्द्रदेव के 1000 पवित्र नामों का वर्णन किया गया है। इन्द्रदेव को देवताओं के राजा और स्वर्गलोक के अधिपति के रूप में जाना जाता है। वे वायु, वर्षा, और बिजली के देवता हैं और प्रकृति को संतुलन में बनाए रखने का कार्य करते हैं। सहस्रनामावली में इन्द्रदेव के नामों के माध्यम…

कालभैरव सहस्रनामावली

कालभैरव सहस्रनामावली भगवान कालभैरव के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। कालभैरव को समय के अधिपति, मृत्यु के रक्षक और शिव के अंशावतार के रूप में पूजा जाता है। उनकी शक्ति और भयानक रूप बुराई और नकारात्मकता को समाप्त करते हैं। कालभैरव सहस्रनामावली में उनके अद्वितीय नामों के माध्यम से उनकी महिमा, शक्ति…

तुलसी सहस्रनामावली

तुलसी सहस्रनामावली में देवी तुलसी के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है। तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और पूजनीय माना गया है। तुलसी माता विष्णु जी की परम भक्त हैं और उनका पौधा स्वयं देवी का प्रतीक है। सहस्रनामावली में तुलसी माता की पवित्रता, शक्ति और आध्यात्मिक महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया…

नाग देवता सहस्रनामावली

नाग देवता सहस्रनामावली में नाग देवताओं के 1000 पवित्र नामों का उल्लेख है। नाग देवता भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यंत पूजनीय हैं। उन्हें सृष्टि के रक्षक, सर्पों के अधिपति और भगवान शिव के अनन्य सेवक के रूप में मान्यता प्राप्त है। नाग देवता को आध्यात्मिक शक्ति, शौर्य और सुरक्षा का प्रतीक माना गया…

देवी यमुना सहस्रनामावली

देवी यमुना सहस्रनामावली में मां यमुना के 1000 दिव्य नामों का वर्णन है। यमुना देवी को भारतीय संस्कृति में पवित्रता, शुद्धता और कल्याण की प्रतीक माना गया है। वे भगवान सूर्य की पुत्री और यमराज की बहन हैं। हिंदू धर्म में यमुना नदी को देवी स्वरूप में पूजनीय माना जाता है, और इसका जल मोक्षदायक…

देवी जानकी सहस्रनामावली

देवी जानकी सहस्रनामावली में मां सीता के 1000 दिव्य और पवित्र नामों का वर्णन है। मां जानकी को भगवान श्रीराम की अर्धांगिनी और सतीत्व, समर्पण, त्याग एवं धर्म की मूर्ति माना जाता है। वे भगवती लक्ष्मी का अवतार हैं और आदर्श नारीत्व का प्रतीक हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने…

श्री शनैश्चर सहस्रनामावली

श्री शनैश्चर सहस्रनामावली भगवान शनि देव के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है। शनैश्चर यानी शनि देव, जो कर्मफल दाता और न्याय के देवता माने जाते हैं। वे प्रत्येक व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। सहस्रनामावली का पाठ शनि देव की कृपा प्राप्त करने, शनि दोष दूर करने और जीवन में…

देवी सरस्वती सहस्रनामावली

देवी सरस्वती सहस्रनामावली में मां सरस्वती के 1000 दिव्य नामों का वर्णन है। ये नाम उनकी बुद्धि, ज्ञान, संगीत, और सृजनात्मकता के स्वरूपों को प्रकट करते हैं। मां सरस्वती को विद्या, कला और वाणी की देवी माना जाता है। उनकी सहस्रनामावली का पाठ न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण…

गोपाल सहस्रनामावली

गोपाल सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, “गोपाल” के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। “गोपाल” का अर्थ है गोकुल के रक्षक, गऊओं के पालनहार और समस्त प्राणियों के संरक्षक। इस सहस्रनामावली में भगवान श्रीकृष्ण के उन गुणों और लीलाओं का वर्णन है जो उनके बाल रूप में प्रकट होते हैं। यह सहस्रनामावली…

राधा कृष्ण सहस्रनामावली

राधा कृष्ण सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा के दिव्य स्वरूप और उनके गुणों का वर्णन करने वाला एक पवित्र ग्रंथ है। इसमें राधा-कृष्ण के 1000 नामों का संकलन है, जो उनकी दिव्यता, प्रेम, और भक्ति का प्रतीक हैं। यह सहस्रनामावली राधा-कृष्ण के प्रति समर्पण को बढ़ाती है और भक्तों को उनके अद्वितीय प्रेम का…

श्री लक्ष्मीनृसिंह सहस्रनामावली

श्री लक्ष्मीनृसिंह भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार और देवी लक्ष्मी का दिव्य संगम हैं। यह स्वरूप भक्ति, शक्ति और करुणा का प्रतीक है। भगवान नृसिंह का यह स्वरूप संकटमोचन और कल्याणकारी है, जो अपने भक्तों को भय और कष्टों से मुक्त करते हैं। श्री लक्ष्मीनृसिंह सहस्रनामावली भगवान लक्ष्मीनृसिंह के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

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