श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र पाठ

।। श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र पाठ ।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः…

श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत पाठ विधि व लाभ

|| श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् का पाठ कैसे करें || हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर या मूर्ति के समक्ष श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए। सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण का आवाहन करें और उन्हें आसन अर्पित करें। उनके चरण धोने के लिए जल…

श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम पाठ

|| श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र || ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः। भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः। अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः । नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः । संभवो…

శ్రీ లలితా సహస్రనామం (Lalitha Sahasranamam Telugu)

॥ లలిత సహస్రనామం ॥ ॥ ఓమ్ ॥ అస్య శ్రీ లలితా దివ్య సహస్రనామ స్తోత్ర మహామంత్రస్య, వశిన్యాది వాగ్దేవతా ఋషయః, అనుష్టుప్ ఛందః, శ్రీ లలితా పరాభట్టారికా మహా త్రిపుర సుందరీ దేవతా, ఐం బీజం, క్లీం శక్తిః, సౌః కీలకం, మమ ధర్మార్థ కామ మోక్ష చతుర్విధ ఫలపురుషార్థ సిద్ధ్యర్థే లలితా త్రిపురసుందరీ పరాభట్టారికా సహస్ర నామ జపే వినియోగః కరన్యాసః ఐం అంగుష్టాభ్యాం నమః, క్లీం తర్జనీభ్యాం నమః, సౌః మధ్యమాభ్యాం…

सूर्य सहस्रनामावली (भविष्य पुराण)

भविष्य पुराण में वर्णित सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली भगवान सूर्य की महिमा, उनके स्वरूप, और उनके द्वारा विश्व में प्रदान की जाने वाली ऊर्जा और जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन करती है। भगवान सूर्य वेदों में आदित्य के रूप में पूजित हैं और उन्हें जीवनदाता,…

रुद्रयामल सूर्य सहस्रनामावली

रुद्रयामल तंत्र एक प्रमुख तांत्रिक ग्रंथ है, जिसमें विविध देवताओं की स्तुतियों और साधनाओं का वर्णन है। इसमें वर्णित सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली सूर्य देव के विभिन्न स्वरूपों, गुणों और उनकी अनंत शक्ति का वर्णन करती है। भगवान सूर्य को वेदों में आदित्य, सविता और…

रुद्रयामल भगवान शिव सहस्रनामावली

रुद्रयामल तंत्र भगवान शिव की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन करने वाला एक अद्वितीय ग्रंथ है। इस ग्रंथ में शिव सहस्रनामावली भगवान शिव के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनके विभिन्न स्वरूपों, शक्तियों और गुणों को प्रकट करते हैं। यह सहस्रनामावली शिव की अनंत कृपा, उनकी भौतिक और आध्यात्मिक महिमा को व्यक्त करती…

स्कन्द पुराण सूर्य सहस्रनामावली

स्कन्द पुराण भारतीय धर्मग्रंथों में सबसे बड़ा पुराण है, जिसमें सृष्टि, धर्म और अध्यात्म से संबंधित कई महत्वपूर्ण कथाएं और स्तोत्र शामिल हैं। इस पुराण में सूर्य देव की महिमा का विस्तृत वर्णन मिलता है। सूर्य सहस्रनामावली भगवान सूर्य के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनके स्वरूप, शक्ति और उपकारकता को प्रकट…

भगवान गणेश गकार सहस्रनामावली

भगवान गणेश गकार सहस्रनामावली में भगवान गणेश के 1000 दिव्य नाम गकार अक्षर से आरंभ होते हैं। यह सहस्रनामावली भगवान गणेश के ज्ञान, बुद्धि, सिद्धि, और विघ्नहर्ता स्वरूप का वर्णन करती है। गकार से आरंभ होने वाले नाम भगवान गणेश के अद्भुत रूप, कार्य और प्रभाव को दर्शाते हैं। गकार सहस्रनामावली का पाठ न केवल…

श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली

श्री वाल्मीकि कृत सीता सहस्रनामावली में माता सीता के 1000 दिव्य और महिमामय नामों का वर्णन किया गया है। ये नाम देवी सीता के विभिन्न स्वरूपों, गुणों, और उनके जीवन के आदर्श पहलुओं को उजागर करते हैं। माता सीता को त्याग, समर्पण, प्रेम, और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस सहस्रनामावली का पाठ वाल्मीकि…

देवी राधा सहस्रनामावली

देवी राधा सहस्रनामावली राधा रानी के 1000 दिव्य और मधुर नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावलि उनके प्रेम, भक्ति, करुणा और आध्यात्मिक स्वरूप को समर्पित है। राधा रानी भगवान श्रीकृष्ण की परम प्रेयसी और भक्ति के उच्चतम आदर्श का प्रतीक मानी जाती हैं। इस सहस्रनामावलि का पाठ करने से साधक राधा-कृष्ण की अलौकिक प्रेमलीला और…

श्री दुर्गा सहस्रनामावली

श्री दुर्गा सहस्रनामावली माँ दुर्गा के 1000 दिव्य और शक्तिशाली नामों का संकलन है। इन नामों में माँ दुर्गा के अनंत स्वरूपों, उनकी महिमा, शक्ति, करुणा और उनके भक्तों पर कृपा का वर्णन है। यह सहस्रनामावलि देवी के भक्तों को अद्भुत ऊर्जा और शक्ति प्रदान करती है। नवरात्रि और विशेष पर्वों में इसका पाठ अत्यधिक…

देवी कमला सहस्रनामावली

देवी कमला सहस्रनामावली देवी कमला के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है, जो धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। देवी कमला, महालक्ष्मी का एक रूप हैं और उनकी पूजा से साधक को जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है। सहस्रनामावली में उनके विभिन्न नामों का उल्लेख उनकी महिमा,…

गरुड़ देव सहस्रनामावली

गरुड़ देव सहस्रनामावली भगवान विष्णु के वाहन और परम भक्त गरुड़ देव को समर्पित 1000 पवित्र नामों का संग्रह है। गरुड़ देव वेदों के ज्ञाता और शत्रु नाशक माने जाते हैं। वे अद्भुत पराक्रमी और दिव्य शक्तियों से युक्त हैं। उनके सहस्रनाम का पाठ करने से साधक को भय, रोग और शत्रुओं से मुक्ति मिलती…

श्री दक्षिणामूर्ति सहस्रनामावलि

श्री दक्षिणामूर्ति सहस्रनामावलि भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप को समर्पित है। दक्षिणामूर्ति भगवान शिव का वह रूप है, जिसमें वे ज्ञान, शिक्षा और आत्मबोध के अधिष्ठाता माने जाते हैं। यह सहस्रनामावलि उनके 1000 दिव्य और पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी महिमा और अनंत शक्ति का वर्णन करती है। श्री दक्षिणामूर्ति को गुरु रूप…

देवी काली सहस्रनामावली

देवी काली सहस्रनामावली में माँ काली के 1000 पवित्र और शक्तिशाली नामों का वर्णन है। माँ काली शक्ति, साहस, और विनाशकारी ऊर्जा की देवी हैं। वे अपने भक्तों की सभी प्रकार की नकारात्मकता, भय और बाधाओं को नष्ट करने वाली हैं। इस सहस्रनामावली में देवी काली के अद्भुत स्वरूप, उनकी अनंत शक्ति और करुणा का…

बलराम सहस्रनामावली

बलराम सहस्रनामावली भगवान बलराम के 1000 पवित्र और शक्तिशाली नामों का संग्रह है। बलराम जी भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई और सत्य, बल और धर्म के प्रतीक हैं। उन्हें शेषनाग का अवतार माना जाता है, और वे अपनी अनंत शक्ति और सादगी के लिए पूजित हैं। बलराम जी की आराधना से मनुष्य के भीतर शारीरिक,…

श्री हनुमान सहस्रनामावली

श्री हनुमान सहस्रनामावली में भगवान हनुमान के 1000 दिव्य और शक्तिशाली नामों का संग्रह है। यह सहस्रनामावली भगवान हनुमान की महिमा, शक्ति और उनके अद्भुत गुणों का वर्णन करती है। भगवान हनुमान को अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता, संकटमोचक, और भक्ति, शक्ति और ज्ञान के प्रतीक माना जाता है। इस सहस्रनामावली के माध्यम…

श्री ललिता सहस्रनामावली

श्री ललिता सहस्रनामावली देवी ललिता त्रिपुरसुंदरी की स्तुति में रचित 1000 पवित्र नामों का संग्रह है। यह ग्रंथ ब्रह्मांड पुराण का एक अंश है और अद्वैत वेदांत में इसकी विशेष महिमा है। देवी ललिता को सर्वोच्च शक्ति और सृष्टि की माँ माना जाता है। वे सृष्टि, स्थिति और संहार की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनकी उपासना…

भगवान इन्द्र सहस्रनामावली

भगवान इन्द्र सहस्रनामावली में इन्द्रदेव के 1000 पवित्र नामों का वर्णन किया गया है। इन्द्रदेव को देवताओं के राजा और स्वर्गलोक के अधिपति के रूप में जाना जाता है। वे वायु, वर्षा, और बिजली के देवता हैं और प्रकृति को संतुलन में बनाए रखने का कार्य करते हैं। सहस्रनामावली में इन्द्रदेव के नामों के माध्यम…

कालभैरव सहस्रनामावली

कालभैरव सहस्रनामावली भगवान कालभैरव के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। कालभैरव को समय के अधिपति, मृत्यु के रक्षक और शिव के अंशावतार के रूप में पूजा जाता है। उनकी शक्ति और भयानक रूप बुराई और नकारात्मकता को समाप्त करते हैं। कालभैरव सहस्रनामावली में उनके अद्वितीय नामों के माध्यम से उनकी महिमा, शक्ति…

तुलसी सहस्रनामावली

तुलसी सहस्रनामावली में देवी तुलसी के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है। तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और पूजनीय माना गया है। तुलसी माता विष्णु जी की परम भक्त हैं और उनका पौधा स्वयं देवी का प्रतीक है। सहस्रनामावली में तुलसी माता की पवित्रता, शक्ति और आध्यात्मिक महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया…

नाग देवता सहस्रनामावली

नाग देवता सहस्रनामावली में नाग देवताओं के 1000 पवित्र नामों का उल्लेख है। नाग देवता भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यंत पूजनीय हैं। उन्हें सृष्टि के रक्षक, सर्पों के अधिपति और भगवान शिव के अनन्य सेवक के रूप में मान्यता प्राप्त है। नाग देवता को आध्यात्मिक शक्ति, शौर्य और सुरक्षा का प्रतीक माना गया…

देवी यमुना सहस्रनामावली

देवी यमुना सहस्रनामावली में मां यमुना के 1000 दिव्य नामों का वर्णन है। यमुना देवी को भारतीय संस्कृति में पवित्रता, शुद्धता और कल्याण की प्रतीक माना गया है। वे भगवान सूर्य की पुत्री और यमराज की बहन हैं। हिंदू धर्म में यमुना नदी को देवी स्वरूप में पूजनीय माना जाता है, और इसका जल मोक्षदायक…

देवी गंगा सहस्रनामावली

देवी गंगा सहस्रनामावली में मां गंगा के 1000 पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनके दिव्य स्वरूप, महिमा और उनकी कृपा को प्रकट करते हैं। गंगा नदी को हिंदू धर्म में सर्वाधिक पवित्र माना गया है और उन्हें “मां गंगा” के रूप में पूजा जाता है। यह माना जाता है कि मां गंगा का स्मरण…

देवी जानकी सहस्रनामावली

देवी जानकी सहस्रनामावली में मां सीता के 1000 दिव्य और पवित्र नामों का वर्णन है। मां जानकी को भगवान श्रीराम की अर्धांगिनी और सतीत्व, समर्पण, त्याग एवं धर्म की मूर्ति माना जाता है। वे भगवती लक्ष्मी का अवतार हैं और आदर्श नारीत्व का प्रतीक हैं। इस सहस्रनामावली का पाठ उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने…

श्री शनैश्चर सहस्रनामावली

श्री शनैश्चर सहस्रनामावली भगवान शनि देव के 1000 दिव्य नामों का संग्रह है। शनैश्चर यानी शनि देव, जो कर्मफल दाता और न्याय के देवता माने जाते हैं। वे प्रत्येक व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। सहस्रनामावली का पाठ शनि देव की कृपा प्राप्त करने, शनि दोष दूर करने और जीवन में…

देवी सरस्वती सहस्रनामावली

देवी सरस्वती सहस्रनामावली में मां सरस्वती के 1000 दिव्य नामों का वर्णन है। ये नाम उनकी बुद्धि, ज्ञान, संगीत, और सृजनात्मकता के स्वरूपों को प्रकट करते हैं। मां सरस्वती को विद्या, कला और वाणी की देवी माना जाता है। उनकी सहस्रनामावली का पाठ न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण…

गोपाल सहस्रनामावली

गोपाल सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, “गोपाल” के 1000 पवित्र और दिव्य नामों का संग्रह है। “गोपाल” का अर्थ है गोकुल के रक्षक, गऊओं के पालनहार और समस्त प्राणियों के संरक्षक। इस सहस्रनामावली में भगवान श्रीकृष्ण के उन गुणों और लीलाओं का वर्णन है जो उनके बाल रूप में प्रकट होते हैं। यह सहस्रनामावली…

राधा कृष्ण सहस्रनामावली

राधा कृष्ण सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा के दिव्य स्वरूप और उनके गुणों का वर्णन करने वाला एक पवित्र ग्रंथ है। इसमें राधा-कृष्ण के 1000 नामों का संकलन है, जो उनकी दिव्यता, प्रेम, और भक्ति का प्रतीक हैं। यह सहस्रनामावली राधा-कृष्ण के प्रति समर्पण को बढ़ाती है और भक्तों को उनके अद्वितीय प्रेम का…

दुर्गा दकार सहस्रनामावली

दुर्गा दकार सहस्रनामावली देवी दुर्गा के दिव्य स्वरूप और गुणों का वर्णन करने वाला ग्रंथ है। इसमें माँ दुर्गा के नामों को “द” अक्षर से प्रारंभ करके संकलित किया गया है। यह सहस्रनामावली देवी के शक्ति, करुणा, और संरक्षणकारी रूप का प्रतीक है। इसका पाठ भक्तों को न केवल भौतिक सुख-सुविधाएं प्रदान करता है, बल्कि…

श्री लक्ष्मीनृसिंह सहस्रनामावली

श्री लक्ष्मीनृसिंह भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार और देवी लक्ष्मी का दिव्य संगम हैं। यह स्वरूप भक्ति, शक्ति और करुणा का प्रतीक है। भगवान नृसिंह का यह स्वरूप संकटमोचन और कल्याणकारी है, जो अपने भक्तों को भय और कष्टों से मुक्त करते हैं। श्री लक्ष्मीनृसिंह सहस्रनामावली भगवान लक्ष्मीनृसिंह के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

कृष्ण ककार सहस्रनामावली

कृष्ण ककार सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो “क” अक्षर से प्रारंभ होते हैं। यह सहस्रनामावली भगवान श्रीकृष्ण के अनुपम गुणों, उनकी लीला, और उनके विभिन्न स्वरूपों का वर्णन करती है। भगवान कृष्ण जगत के पालनकर्ता, प्रेम और करुणा के प्रतीक, और मानव जीवन के मार्गदर्शक हैं। उनके नामों…

देवी भैरवी सहस्रनामावली

देवी भैरवी तंत्र साधना में प्रमुख स्थान रखने वाली दस महाविद्याओं में से एक हैं। वे शक्ति, तंत्र और असीम करुणा की प्रतीक हैं। देवी भैरवी का स्वरूप तेजस्वी और रौद्र है, लेकिन उनकी कृपा साधकों को असीम शांति और सिद्धियां प्रदान करती है। भैरवी सहस्रनामावली में देवी के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

देवी षोडशी सहस्रनामावली

देवी षोडशी, जिन्हें त्रिपुरा सुंदरी या ललिता देवी के नाम से भी जाना जाता है, दस महाविद्याओं में से एक हैं। वे सौंदर्य, प्रेम, शक्ति और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी हैं। देवी षोडशी का नाम ‘षोडशी’ इसलिए पड़ा क्योंकि वे सोलह कलाओं से पूर्ण हैं। षोडशी सहस्रनामावली देवी के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

देवी तारा सहस्रनामावली

देवी तारा दस महाविद्याओं में दूसरी महाविद्या मानी जाती हैं। उनका स्वरूप करुणा, रक्षा और ज्ञान का प्रतीक है। देवी तारा को ‘नील सरस्वती’ के नाम से भी जाना जाता है। वे साधकों को अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान और आध्यात्मिक प्रकाश की ओर ले जाती हैं। तारा सहस्रनामावली में देवी के एक हजार…

देवी धूमावती सहस्रनामावली

देवी धूमावती महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या हैं, जिन्हें विध्वंसी स्वरूप की देवी के रूप में पूजा जाता है। वे अद्वितीय, रहस्यमय और त्रिगुणात्मक शक्ति का प्रतीक हैं। देवी धूमावती का स्वरूप त्याग, वैराग्य, और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाता है। उनकी सहस्रनामावली में एक हजार नामों का संग्रह है, जो उनकी अपार शक्ति, करुणा, और कृपा…

देवी वाराही सहस्रनामावली

देवी वाराही शक्ति के सात मातृका रूपों में से एक हैं और वे सृष्टि, रक्षा और विनाश की देवी मानी जाती हैं। देवी वाराही का स्वरूप दिव्य शक्ति और साहस का प्रतीक है। वे भगवान विष्णु के वराह अवतार की शक्ति हैं और रात्रिचर शक्तियों का विनाश करती हैं। वाराही सहस्रनामावली में देवी के एक…

देवी भुवनेश्वरी सहस्रनामावली

देवी भुवनेश्वरी, आदि शक्ति के महाविद्या स्वरूपों में से एक हैं। उन्हें सृष्टि की अधिष्ठात्री और समस्त ब्रह्मांड की माता के रूप में पूजा जाता है। वे ब्रह्मांड को चलाने वाली शक्ति हैं और अपने भक्तों को ज्ञान, शक्ति और समृद्धि प्रदान करती हैं। भुवनेश्वरी सहस्रनामावली में देवी के एक हजार दिव्य नामों का उल्लेख…

महाकाल सहस्रनामावली

श्री महाकाल भगवान शिव का वह स्वरूप हैं जो समय, मृत्यु और सृष्टि के नियंता माने जाते हैं। उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को इनका निवास स्थान माना जाता है। श्री महाकाल सहस्रनामावली भगवान महाकाल के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी शक्ति, करुणा और महिमा का वर्णन करते हैं। यह सहस्रनामावली…

धन्वन्तरि सहस्रनामावली

श्री धन्वन्तरि भगवान को आयुर्वेद के जनक और स्वास्थ्य के देवता माना जाता है। उनका प्रकट होना समुद्र मंथन के समय अमृत कलश के साथ हुआ था। वे सभी रोगों के निवारणकर्ता और आरोग्य के संरक्षक माने जाते हैं। श्री धन्वन्तरि सहस्रनामावली में उनके एक हजार दिव्य नामों का संग्रह है, जो उनकी शक्ति, करुणा…

श्री गुरु सहस्रनामावली

गुरु को आध्यात्मिक मार्गदर्शक और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। वे व्यक्ति को अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। श्री गुरु सहस्रनामावली में गुरु के एक हजार नामों का वर्णन किया गया है, जो उनकी करुणा, ज्ञान, और मार्गदर्शन को दर्शाते हैं। यह सहस्रनामावली भक्त को गुरु तत्व…

श्री सुब्रमण्या सहस्रनामावली

श्री सुब्रमण्या स्वामी, जिन्हें भगवान कार्तिकेय, स्कंद, या मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है, शक्ति और विजय के देवता हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं और देवताओं के सेनापति के रूप में उनकी पूजा की जाती है। श्री सुब्रमण्या सहस्रनामावली भगवान सुब्रमण्या के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह…

श्री गायत्री सहस्रनामावली

श्री गायत्री देवी को वेदों की माता और समस्त ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। वे त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त स्वरूप का प्रतिनिधित्व करती हैं। गायत्री मंत्र के साथ उनकी आराधना को सबसे श्रेष्ठ और शक्तिशाली माना गया है। गायत्री सहस्रनामावली में देवी गायत्री के एक हजार दिव्य और पवित्र नामों का…

भगवान राम सहस्रनामावली

भगवान राम, जो धर्म, मर्यादा, और आदर्श जीवन का प्रतीक हैं, त्रेता युग में भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में अवतरित हुए। उनका जीवन और चरित्र “रामायण” में वर्णित है, जो मानवता के लिए धर्म और कर्तव्य का आदर्श प्रस्तुत करता है। भगवान राम सहस्रनामावली में उनके एक हजार पवित्र नामों का संकलन…

भगवान कार्तिकेय सहस्रनामावली

भगवान कार्तिकेय, जिन्हें मुरुगन, स्कंद, और सुब्रमण्य स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, देवताओं के सेनापति और शक्ति के प्रतीक हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र तथा भगवान गणेश के भाई हैं। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय की विशेष आराधना होती है। उनकी पूजा शक्ति, विजय, और ज्ञान प्राप्ति के…

भगवान गणेश सहस्रनामावली

भगवान गणेश, जिन्हें “विघ्नहर्ता” और “सिद्धिदायक” के रूप में जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रथम पूजनीय देवता हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश के स्मरण और पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है। गणेश सहस्रनामावली भगवान गणेश के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी महिमा, शक्तियों और दिव्य…

देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली

देवी अन्नपूर्णा हिंदू धर्म में भोजन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी मानी जाती हैं। वे भगवान शिव की अर्धांगिनी और जगत माता पार्वती का स्वरूप हैं। “अन्नपूर्णा” का अर्थ है “भोजन से परिपूर्ण”, और उनकी कृपा से भक्तों को जीवन में कभी भी भोजन या धन की कमी नहीं होती। देवी अन्नपूर्णा सहस्रनामावली में उनके…

Join WhatsApp Channel Download App