Sai Baba

साईं बाबा व्रत, 9 गुरुवार में बदलें अपनी किस्मत! जानिए विधि और लाभ

Sai BabaHindu Gyan (हिन्दू ज्ञान)हिन्दी
Share This

Join HinduNidhi WhatsApp Channel

Stay updated with the latest Hindu Text, updates, and exclusive content. Join our WhatsApp channel now!

Join Now

साईं बाबा, जिन्हें शिरडी साईं बाबा के नाम से भी जाना जाता है, भारत के एक महान आध्यात्मिक गुरु और फकीर थे। उन्हें संत माना जाता है, जिनका हिंदू और मुस्लिम दोनों ही उनके जीवनकाल और बाद में श्रद्धा रखते थे।

उनका जन्म और प्रारंभिक जीवन अस्पष्ट है। वह बाल रूप में शिरडी गांव में आए और वहीं रहे। वे एक साधारण वेशभूषा में रहते थे, जमीन पर सोते थे और भीख मांगकर अपना गुजारा करते थे। बाबा के पास हमेशा एक धूप जलाने वाला अंगीठी (चिमनी) होता था और उनके भक्तों का मानना था कि वह बीमारों को राख से ठीक कर देते थे।

उनकी शिक्षाओं का सार “श्रद्धा और सबुरी” (आस्था और धैर्य) है। उन्होंने सभी धर्मों और जातियों के लोगों को एकता का पाठ पढ़ाया और इस बात पर बल दिया कि सभी का ईश्वर एक है।

साई बाबा व्रत की पूजा विधि

  • साईं बाबा की पूजा अत्यंत सरलता और सादगी से की जाती है।
  • गुरुवार के दिन सुबह के समय, स्नान करके साईं बाबा के सामने व्रत का संकल्प लें।
  • पीले रंग का वस्त्र पहनें, क्योंकि साईं को पीला रंग अत्यंत प्रिय है।
  • पूजा स्थल पर एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएँ। उस पर साईं बाबा की तस्वीर रखें।
  • बाबा को रोली, चावल और पीले फूल चढ़ाएं। घी का दीपक जलाकर साईं बाबा व्रत कथा सुनें।
  • साईं नाथ को पीलें रंग की मिठाई जैसे बेसन के लड्डू का भोग दें।
  • खिचड़ी का भोग साईं बाबा को बहुत पसंद है।
  • अब आरती उतारें और प्रसाद सभी को बांटें।
  • इस दिन का विशेष महत्व है। गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें।

साईं बाबा व्रत कथा के लाभ

  • साईं बाबा व्रत कथा को श्रद्धा और भक्ति से सुनने और करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
  • मान्यता है कि साईं बाबा व्रत कथा सुनने और करने से पापों का नाश होता है और आत्मा शुद्ध होती है।
  • साईं बाबा व्रत कथा को नियमित रूप से करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • साईं बाबा को दयालु और जल्दी प्रसन्न होने वाला देवता माना जाता है। व्रत कथा श्रद्धा से करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • साईं बाबा चालीसा सुनने और करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और रोगों का नाश होता है।
  • मान्यता है कि साईं बाबा व्रत कथा करने से संकटों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • साईं बाबा व्रत कथा सुनने और करने से मन में सकारात्मकता का प्रभाव पड़ता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
  • व्रत कथा से धैर्य और सहनशक्ति में वृद्धि होती है। साईं बाबा व्रत कथा से परोपकार की भावना जागृत होती है।

॥ साईं बाबा व्रत कथा ॥

किरण बहन और उनके पति किशन भाई एक शहर में रहते थे। वैसे तो दोनों का एक-दूसरे के प्रति गहरा प्रेम था। परन्तु किशन भाई का स्वभाव झगड़ालू था। पड़ोसी भी उनके स्वभाव से परेशान थे, लेकिन किरण बहन धार्मिक स्वभाव की थी, भगवान पर विश्वास रखती बिना कुछ कहे सब कुछ सह लेती थी। धीरे-धीरे उनके पति का रोजगार ठप हो गया। कुछ भी कमाई न होती थी।

अब किशन भाई दिन भर घर पर ही रहते। घर में पड़े-पड़े उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया। एक दिन दोपहर को एक वृद्ध दरवाजे पर आकर खड़ा हो गया। चेहरे पर गजब का तेज था, आकर वृद्ध ने दाल-चावल की मांग की। किरण बहन ने दाल-चावल दिए और दोनों हाथों से उस वृद्ध को नमस्कार किया। वृद्ध ने कहा, “साईं सुखी रखे।” किरण बहन ने कहा कि महाराज, सुख किस्मत में नहीं है। फिर मिलेगा कैसे? ऐसा कहकर उन्होंने अपने दुःखी जीवन का वर्णन किया।

वृद्ध ने श्री साईं बाबा की व्रत कथा के बारे में बताते हुए कहा – “नौ गुरुवार फलाहार या एक समय का भोजन करना। हो सके तो बेटा, सांई मंदिर जाना, घर पर सांई बाबा की नौ गुरुवार पूजा करना, सांई व्रत करना, आरती पढ़ना और विधिपूर्वक उद्यापन करना। भूखे को भोजन देना। सांई व्रत के बारे में लोगों को यथाशक्ति बताना। इस तरह सांई व्रत का प्रचार करना। सांई बाबा तेरी सभी मनोकामना पूर्ण करेंगे। यह व्रत कलयुग में बड़ा चमत्कारिक है। यह सभी की मनोकामना पूर्ण करता है। लेकिन सांई बाबा पर अटूट श्रद्धा रखना जरूरी है। धीरज रखना चाहिये। जो इस विधि से सांई बाबा की व्रत कथा और आरती पढ़ेगा, बाबा उसकी सभी मनोकामना जरूर पूर्ण करेंगे।”

किरण बहन ने भी गुरुवार का व्रत किया। नौवें गुरुवार को ग़रीबों को भोजन कराया। सांई व्रत के बारे में औरों को बताया। उनके घर के झगड़े दूर हुए और सुख-शान्ति हो गई जैसे किशन भाई का स्वभाव ही बदल गया। उनका रोजगार फिर से चालू हो गया। थोड़े समय में ही सुख समृद्धि बढ़ गई।

अब दोनों पति-पत्नी सुखी जीवन बिताने लगे। एक दिन किरण बहन के जेठ-जेठानी आये और बातों ही बातों में उन्होंने बताया की उनके बच्चे पढ़ाई नहीं करते। परीक्षा में फेल हो गये हैं। किरण बहन ने नौ गुरुवार की महिमा बताई और कहा कि सांई बाबा की भक्ति से बच्चे अच्छी तरह अभ्यास कर पाएंगे। लेकिन इसके लिए सांई बाबा पर विश्वास रखना जरूरी है। वे सबकी सहायता करते हैं। उनकी जेठानी ने व्रत की विधि पूछी, तो किरण बहन ने कहा कि नौ गुरुवार फलाहार करके अथवा एक समय भोजन करके यह व्रत किया जा सकता है और नौ गुरुवार हो सके तो सांई दर्शन के लिए मंदिर जाने को कहा। साथ ही यह कहा कि–

यह व्रत स्त्री-पुरुष या बच्चे कोई भी कर सकता है। नौ गुरुवार सांई तस्वीर की पूजा करना। फूल चढ़ाना, दीपक अगरबत्ती आदि करना। प्रसाद चढ़ाना एवं सांई बाबा आरती, स्मरण करना, आदि की विधि बताई। सांई व्रत कथा, सांई स्मरण, सांई चालीसा, आदि का पाठ करना। नौवें गुरुवार को गरीबों को भोजन देना। नौवें गुरूवार को सांई व्रत की जानकारी अपने सगे संबंधी, अड़ोसी पड़ोसी को देना। सूरत से उनकी जेठानी का थोड़े दिनों बाद पत्र आया कि उनके बच्चे सांई व्रत करने लगे हैं और बहुत मन लगाकर पढ़ते हैं। उन्होंने भी व्रत किया था। इस बारे में उन्होंने लिखा कि उनकी सहेली कोमल बहन की बेटी की शादी सांई बाबा की व्रत कथा और आरती पढ़ने से बहुत ही अच्छी जगह हो गई है। उनके पड़ोसी के गहनों का डिब्बा गुम हो गया था। वह सांई व्रत की महिमा के कारण दो महीने के बाद मिल गया। किरण बहन ने कहा कि सांई बाबा की महिमा महान है। यह जान लिया था कि साई बाबा जैसे आप लोगों पर प्रसन्न होते हैं। वैसे हम पर भी होना।

साईं व्रत उद्यापन विधि

  • शिरडी के साईं बाबा के व्रत की संख्या 9 होनी चाहिए।
  • अंतिम व्रत के दिन पांच गरीब व्यक्तियों को भोजन कराना चाहिए और दान करना चाहिए।
  • साथ ही सगे-सम्बंधी या पड़ोसियों को साईं व्रत की किताबें जिसकी संख्या ५, ११ या फिर २१ हो इसे भेट कर व्रत का उद्यापन किया जाए।

Found a Mistake or Error? Report it Now

Download HinduNidhi App
Join WhatsApp Channel Download App