
शिव जी आरती PDF हिन्दी
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Shiva ✦ Aarti (आरती संग्रह) ✦ हिन्दी
शिव जी आरती हिन्दी Lyrics
शिव जी की आरती, विशेषकर “ॐ जय शिव ओंकारा” भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और श्रद्धा का प्रतीक है। यह आरती भगवान शिव के दिव्य गुणों का बखान करती है और उनके आशीर्वाद की कामना करती है। शिव जी की आरती का पाठ करने से जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता आती है।
भगवान शिव त्रिदेवों में से एक हैं और उन्हें विभिन्न रूपों में पूजा जाता है, जैसे कि भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार, भैरव आदि। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है, और इस दिन शिव आरती का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से शिव जी की आरती करने से जीवन खुशियों से भर जाता है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शिव जी की कृपा से मां लक्ष्मी भी मेहरबान रहती हैं।
|| शिव जी आरती PDF ||
ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
एकानन चतुरानन
पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
दो भुज चार चतुर्भुज
दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते
त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
अक्षमाला वनमाला,
मुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै,
भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर
बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक
भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
कर के मध्य कमंडल
चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी
जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित
ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी
सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
|| शिव जी आरती के लाभ (Benefits of Shiv Ji Aarti) ||
- शिव आरती से मानसिक तनाव और चिंता दूर होती है।
- घर से बुरी शक्तियों और वास्तु दोष का निवारण होता है।
- शिव जी आरती करने से पापों का नाश होता है और अच्छे कर्मों का फल मिलता है।
- भोलेनाथ की आरती से घर में लक्ष्मी और समृद्धि का वास होता है।
- शिव आरती व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रोगों से बचाती है।
|| शिव जी आरती कैसे करें? (Shiv Ji Aarti Chanting Right Way) ||
- स्नान और शुद्ध वस्त्र पहनें।
- शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध, गंगाजल से अभिषेक करें।
- दीपक जलाकर धूप-अगरबत्ती लगाएं।
- बैठकर शांत मन से आरती करें। आरती के दौरान घंटी बजाएं और पूरी श्रद्धा से गाएं।
- आरती के बाद प्रसाद वितरित करें और ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करें।
- यदि आप घर में पूजा कर रहे हैं, तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- सोमवार, प्रदोष और महाशिवरात्रि के दिन आरती का विशेष फल मिलता है।
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