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Shri Ganesh

श्री गणेश व्रत कथा

Shri Ganesh Vrat Katha Hindi

Shri GaneshVrat Katha (व्रत कथा संग्रह)हिन्दी
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|| श्री गणेश जी पूजन विधि ||

भगवान श्री गणेश जी की पूजन में वेद मंत्र का उच्चारण किया जाता है। पर जिन्हें वेद मंत्र न आता हो, वो नाम-मंत्रों से भी पूजन कर सकते है।

  • सबसे पहले आप स्नान करले और उसके पश्चात अपने पास पूजा सम्बंधित समस्त सामग्री रख लें फिर निम्न तरीको से शांति मन से पूजा आरम्भ करे।
  • तत्पश्चात आप पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठकर तीन बार निम्न मंत्र बोलकर आचमन करें।

             “ॐ केशवाय नम:
            ॐ नारायणाय नम:
            ॐ माधवाय नम:”

  • आचमन के पश्चात आप अपने हाथ में जल लेकर श्री गणपति जी का ध्यान करते हुए ” ॐ ऋषिकेशाय नम: “
    बोलकर हाथ धो लें।
  • हाथ धोने के बाद पवित्री को धारण करें, पवित्री ग्रहण करने के बाद बाएं हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ से अपने ऊपर और समस्त पूजन सामग्री पर जल को छिड़क ले।
  • इसके बाद निम्न मंत्र को बोलते हुए श्री गणेश जी एवं अम्बिका माता (सुपारी में मौली लपेटकर) को स्थापित करें

         “ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु
          ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु
          ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु “

  • तत्पश्चात आप निम्न मंत्र बोलकर श्री गणेश जी एवं अम्बिका माता का आवाहन करें।

         “ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:!!”

  • इसके बाद आप अपने मन में कामना-विशेष का नाम लेकर संकल्प ले लें, अर्थात  दाहिने हाथ में जल, सुपारी, सिक्का, फूल एवं चावल लेकर जिस निमित्त पूजन कर रहे है उसका मन में उच्चारण करके हाथ में लिए गए वस्तु को गणेश जी के शरण में छोड़ दें।
  • अब आप अपने हाथ में चावल लेकर श्री गणेश जी का ध्यान करें निम्न मंत्र का उच्चारण करे

          “ॐ भूर्भुव: स्व: सिध्दिबुध्दिसहिताय गणपतये नम:,
           गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!”

||श्री गणेश व्रत कथा ||

॥ प्रारंभ॥

एक बुढ़िया माई थी। मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। रोज बनाए रोज गल जाए। एक सेठ का मकान बन रहा था। वो बोली पत्थर का गणेश बना दो। मिस्त्री बोले। जितने हम तेरा पत्थर का गणेश घड़ेंगे उतने में अपनी दीवार ना चिनेंगे।

बुढ़िया बोली राम करे तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। अब उनकी दीवार टेढ़ी हो गई। वो चिनें और ढा देवें, चिने और ढा देवें। इस तरह करते-करते शाम हो गई। शाम को सेठ आया उसने कहा आज कुछ भी नहीं किया।

वो कहने लगे एक बुढ़िया आई थी वो कह रही थी मेरा पत्थर का गणेश घड़ दो, हमने नहीं घड़ा तो उसने कहा तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। तब से दीवार सीधी नहीं बन रही है। बनाते हैं और ढ़ा देते हैं।

सेठ ने बुढ़िया बुलवाई। सेठ ने कहा हम तेरा सोने का गणेश गढ़ देंगे। हमारी दीवार सीधी कर दो। सेठ ने बुढ़िया को सोने का गणेश गढ़ा दिया। सेठ की दीवार सीधी हो गई। जैसे सेठ की दीवार सीधी की वैसी सबकी करना।

॥ अंत ॥

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