स्कन्द षष्ठी भगवान स्कन्द, जिन्हें कार्तिकेय और मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है, की पूजा का विशेष पर्व है। यह षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, जो कि भगवान स्कन्द के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। स्कन्द षष्ठी का पर्व विशेष रूप से तमिलनाडु और दक्षिण भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
भगवान स्कन्द, जिन्हें भगवान मुरुगन, कार्तिकेय, या सुब्रमण्य भी कहा जाता है, युद्ध और विजय के देवता हैं। इस दिन उनके भक्त व्रत रखते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। स्कन्द षष्ठी एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भगवान कार्तिकेय (स्कन्द) को समर्पित है।
स्कन्द षष्ठी 2025 तिथियों की सूची
2025 में स्कन्द षष्ठी के पर्व की तिथियाँ निम्नलिखित हैं:
दिनांक | षष्ठी | समय |
---|---|---|
जनवरी 5, 2025, रविवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 10:00 पी एम, जनवरी 04
समाप्त – 08:15 पी एम, जनवरी 05 |
फरवरी 3, 2025, सोमवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 06:52 ए एम, फरवरी 03
समाप्त – 04:37 ए एम, फरवरी 04 |
मार्च 4, 2025, मंगलवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 03:16 पी एम, मार्च 04
समाप्त – 12:51 पी एम, मार्च 05 |
अप्रैल 3, 2025, बृहस्पतिवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 11:49 पी एम, अप्रैल 02
समाप्त – 09:41 पी एम, अप्रैल 03 |
मई 2, 2025, शुक्रवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 09:14 ए एम, मई 02
समाप्त – 07:51 ए एम, मई 03 |
जून 1, 2025, रविवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 08:15 पी एम, मई 31
समाप्त – 07:59 पी एम, जून 01 |
जून 30, 2025, सोमवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 09:23 ए एम, जून 30
समाप्त – 10:20 ए एम, जुलाई 01 |
जुलाई 30, 2025, बुधवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 12:46 ए एम, जुलाई 30
समाप्त – 02:41 ए एम, जुलाई 31 |
अगस्त 28, 2025, बृहस्पतिवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 05:56 पी एम, अगस्त 28
समाप्त – 08:21 पी एम, अगस्त 29 |
सितम्बर 27, 2025, शनिवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 12:03 पी एम, सितम्बर 27
समाप्त – 02:27 पी एम, सितम्बर 28 |
अक्टूबर 27, 2025, सोमवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 06:04 ए एम, अक्टूबर 27
समाप्त – 07:59 ए एम, अक्टूबर 28 |
नवम्बर 26, 2025, बुधवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 10:56 पी एम, नवम्बर 25
समाप्त – 12:01 ए एम, नवम्बर 27 |
दिसम्बर 25, 2025, बृहस्पतिवार | स्कन्द षष्ठी | प्रारम्भ – 01:42 पी एम, दिसम्बर 25
समाप्त – 01:43 पी एम, दिसम्बर 26 |
स्कन्द षष्ठी का आध्यात्मिक महत्व
स्कन्द षष्ठी का पर्व भगवान स्कन्द के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन किए गए व्रत, पूजा, और भजन से व्यक्ति के जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि का आगमन होता है। भगवान स्कन्द की कृपा से जीवन के सभी संकटों का नाश होता है और व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है।
इस प्रकार, स्कन्द षष्ठी का पर्व भगवान कार्तिकेय की पूजा और आराधना का विशेष अवसर है, जो भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद से परिपूर्ण करता है। स्कन्द षष्ठी का व्रत भगवान स्कन्द की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान स्कन्द को शक्ति, बुद्धि और वीरता का देवता माना जाता है।
स्कन्द षष्ठी व्रत पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान कार्तिकेय की बालस्वरूप प्रतिमा स्थापित करें।
- दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें।
- भगवान कार्तिकेय को चंदन, धूप, दीप, पुष्प, वस्त्र आदि अर्पित करें।
- उन्हें एक मिष्ठान का भोग लगाएं।
- आज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है।
- पूजा के बाद अंत में भगवान कार्तिकेय की आरती करें।
स्कन्द षष्ठी पूजा सामग्री
- दीपक, धूपबत्ती, कपूर
- पुष्प (गुलाब, कमल, चमेली)
- नैवेद्य (फल, मिठाई, नारियल)
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)
- चंदन, रोली, अक्षत (चावल)
- पान, सुपारी, लौंग, इलायची
स्कन्द षष्ठी की तैयारियां
स्कन्द षष्ठी के व्रत की तैयारी एक दिन पहले से शुरू कर देनी चाहिए। घर की सफाई करनी चाहिए और पूजा स्थान को सजाना चाहिए। व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और पूजा की तैयारी करनी चाहिए।
स्कन्द षष्ठी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है जो भगवान स्कन्द की भक्ति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
स्कन्द षष्ठी के लिए निम्नलिखित तैयारियां करें:
- पहले से पूजा सामग्री खरीद लें ताकि पूजा के समय किसी वस्तु की कमी न हो।
- विशेष वस्त्र तैयार रखें जो पूजा के समय पहने जा सकें।
- भगवान स्कन्द के भजन और कीर्तन की तैयारी करें और अपने परिवार के साथ भजन संध्या का आयोजन करें।
- पूजा के लिए विशेष प्रसाद और भोग तैयार करें। सामान्यतः मिठाई और फल का प्रसाद अर्पित किया जाता है।
- पूजा स्थल को सुंदर फूलों और रंगोली से सजाएं।
Found a Mistake or Error? Report it Now