गंगा अवतरण राजा भगीरथ की कथा

।।गंगा अवतरण राजा भगीरथ की कथा।। एक बार की बात है, इक्ष्वाकु के वंश में सगर नामक एक राजा रहता था। जिस वंश के महाराज रामचन्द्र थे, उसी वंश के, उनके कई पीढ़ी पहले अयोध्या में राजा सगर राज्य करते थे। वह महान शक्तिशाली शासक था और उसने आसपास के विभिन्न राज्यों के साथ कई…

शिव पार्वती की अमरनाथ धाम कथा

।।शिव पार्वती की अमरनाथ धाम कथा।। अमरनाथ धाम की कथा कुछ इस प्रकार से है की एक बार माता पार्वती ने महादेव से पूछा, ऐसा क्यों है कि आप अजर अमर हैं, लेकिन मुझे हर जन्म के बाद नए स्वरूप लेकर जीवन चक्र में आना पड़ता है, फिर बरसों तप करके आपको प्राप्त करना पड़ता…

माता सीता की जन्म कथा

।। माता सीता की जन्म कथा ।। रामायण में माता सीता को जानकी कहकर भी संबोधित किया गया है। देवी सीता मिथिला के राजा जनक की पुत्री थीं इसलिए उन्हें जानकी भी कहा जाता है। सीता मिथिला (सीतामढ़ी, बिहार) में जन्मी थी, यह स्थान आगे चलकर सीतामढ़ी से विख्यात हुआ। देवी सीता मिथिला के नरेश…

तारा रानी की कथा

|| तारा रानी की कथा || माता के जागरण में माता तारा रानी देवी की कथा कहने सुनने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है बिना इस कथा के जागरण को संपूर्ण नहीं माना जाता है| कथा इस प्रकार है महाराजा दक्ष की दो पुत्रियां तारा देवी और रुक्मण भगवती दुर्गा देवी…

मंगळागौरीची कहाणी कथा

॥मंगळागौरीची कहाणी कथा॥ एक नगर होतं. तिथं एक वाणी होता. त्याला काही मुलगा नव्हता. त्याच्या घरी एक गोसावी येई, अल्लख म्हणून पुकारा करी. वाण्याची बायको भिक्षा आणी. निपुत्रिकाच्या हातची भिक्षा घेत नाही म्हणून चालता होई. ही गोष्ट तिनं नवर्‍याला सांगितली. त्यानं तिला एक युक्ति सांगि‍तली. दाराच्या आड लपून बस. अल्लख म्हणताच सुवर्णाची भिक्षा घाल. अशी…

आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा

।।आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा।। आशा दशमी की पौराणिक व्रत कथा, जो भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई थी, इस कथा के अनुसार प्राचीन काल में निषध देश में एक राजा राज्य करते थे, जिनका नाम नल था। उनके भाई पुष्कर ने युद्ध में जब उन्हें पराजित कर दिया, तब नल अपनी भार्या दमयंती के…

नृसिंह अवतरण पौराणिक कथा

।।नृसिंह अवतरण पौराणिक कथा।। पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप को ब्रह्माजी से वरदान प्राप्त था कि वह न तो किसी मनुष्य द्वारा मारा जा सके न ही किसी पशु द्वारा। न दिन में मारा जा सके, न रात में, न जमींन पर मारा जा सके, न आसमान में। इस वरदान के नशे में आकर उसके…

सीता अवतरण पौराणिक कथा

।।सीता अवतरण पौराणिक कथा।। पौराणिक कथा के अनुसार मारवाड़ क्षेत्र में एक वेदवादी श्रेष्ठ धर्मधुरीण ब्राह्मण निवास करते थे। उनका नाम देवदत्त था। उन ब्राह्मण की बड़ी सुंदर रूपगर्विता पत्नी थी, उसका नाम शोभना था। ब्राह्मण देवता जीविका के लिए अपने ग्राम से अन्य किसी ग्राम में भिक्षाटन के लिए गए हुए थे। इधर ब्राह्मणी…

अक्षय तृतीया श्रीकृष्ण का मुंडन कथा

।।अक्षय तृतीया श्रीकृष्ण का मुंडन कथा।। प्राचीन काल में व्रज के लोगों का मुख्य व्यवसाय गौ-चारण ही था इसलिए मुख्य व्यवसाय से सम्बंधित कुछ वर्जनाएं भी थी। अब इसे वर्जनाएं कहें या सामाजिक नियम बालक का जब तक मुंडन नहीं हो जाता तब तक उसे जंगल में गाय चराने नहीं जाने दिया जाता था। अब…

श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

।।श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा।। यदु वंशी श्रीकृष्ण दुर्वासा ऋषि को अपना कुलगुरु मानते थे। जब श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का विवाह हुआ तो वे अशीर्वाद प्राप्ति के लिए दुर्वासा ऋषि से मिलने के लिए उनके आश्रम पधारे, जो द्वारका से दूरी पर स्थित था। श्री कृष्ण ने ऋषि दुर्वासा को महल आने का निमंत्रण…

माँ बगलामुखी पौराणिक कथा

।।माँ बगलामुखी पौराणिक कथा।। एक बार सतयुग में महाविनाश उत्पन्न करने वाला ब्रह्मांडीय तूफान उत्पन्न हुआ, जिससे संपूर्ण विश्व नष्ट होने लगा इससे चारों ओर हाहाकार मच गया। संसार की रक्षा करना असंभव हो गया। यह तूफान सब कुछ नष्ट-भ्रष्ट करता हुआ आगे बढ़ता जा रहा था, जिसे देख कर भगवान विष्णु जी चिंतित हो…

कालयवन वध कथा

।।कालयवन वध कथा।। कालयवन वध की कथा का वर्णन विष्णु पुराण के पंचम अंश के तेईसवें अध्याय मे किया गया है। कालयवन ऋषि शेशिरायण का पुत्र था। गर्ग गोत्र के ऋषि शेशिरायण त्रिगत राज्य के कुलगुरु थे। उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की और एक अजेय पुत्र के लिए वार माँगा। भगवान शिव प्रसन्न हो…

टेसू झेंजी विवाह की पौराणिक कथा

।।टेसू झेंजी विवाह की पौराणिक कथा।। एक वरदान के अनुसार, सबसे पहिले टेसू का विवाह होगा, फिर उसके बाद ही कोई विवाह उत्सव की प्रक्रिया प्रारंभ कर सकेगा। मान्यता के अनुसार, भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को महाभारत का युद्ध मे आते समय झेंजी से प्रेम हो गया। उन्होंने युद्ध से लौटकर झेंजी…

कोकिला व्रत कथा

।।कोकिला व्रत कथा।। कोकिला व्रत से जुड़ी कथा का संबंध भगवान शिव एवं माता सती से जुड़ा है। माता सती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए लम्बे समय तक कठोर तपस्या को करके उन्हें पाया था। कोकिला व्रत कथा का वर्णन शिव पुराण में मिलता है। इस कथा के अनुसार देवी सती ने…

गंगा दशहरा कथा

।। गंगा दशहरा कथा ।। भगवान् श्रीराम का जन्म अयोध्या के सूर्यवंश में हुआ था। चक्रवर्ती महाराज सगर उनके पूर्वज थे। उनकी केशिनी और सुमति नाम की दो रानियाँ थीं। केशिनी के पुत्रका नाम असमञ्जस था और सुमति के साठ हजार पुत्र थे। असमञ्जस के पुत्र का नाम अंशुमान् था। राजा सगरके असमञ्जससहित सभी पुत्र…

आषाढ़ी एकादशी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पूजा विधि || देवशयनी एकादशी व्रत रखने आले श्रद्धालुओं को प्रात:काल उठकर स्नान करना चाहिए। पूजा स्थल को साफ करके भगवान विष्णु की प्रतिमा को आसन पर विराजमान करके भगवान का षोडशोपचार पूजन करें। भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीले फूल, पीला चंदन चढ़ाएं। उनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म सुशोभित करें।…

श्री विट्ठल व्रत कथा व पूजा विधि

|| पूजा विधि || इस दिन सुबह जल्दी उठे, अपनी दिनक्रिया को पूर्ण करे | भगवान विट्ठल की पूजा की तैयारियां करे, विट्ठल जी की पूजा आरती करे | विट्ठल जी की भक्ति में लीन रहे, लोगो को भी उनके बारे में अवगत कराये | दिन में एक बार फल आहार करे | अगले दिन…

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा विधि || वैभव लक्ष्मी व्रत के शाम के समय करना लाभकारी माना जाता है। शाम के समय स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद मंदिर या साफ सुथरी जगह पर एक चौकी रखकर लाल कपड़ा बिछाएं और उसमें मां लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित कर लें।…

Shri Tulsi Vivah Vrat Katha And Vidhi

|| Tulsi Vivah Vidhi || First, decorate the mandap with sugarcane at the worship place. Adorn the Tulsi plant’s pot with vermilion and flowers. Start the Tulsi Vivah puja during the auspicious moment of the evening. Set up a clean wooden platform and spread a seat by sprinkling Ganga water on it during the worship….

गणगौर तीज व्रत कथा

।। गणगौर पूजा विधि ।। इस दिन कन्याएं व स्त्रियां सुबह सज-धज कर बाग-बगीचों से ताजा जल लोटों में भरकर उसमें हरी दूब और फूल सजाकर सिर पर रखकर गणगौर के गीत गाती हुई घर आती हैं। इसके बाद शुद्ध मिट्टी से शिव स्वरूप ईसर और पार्वती स्वरूप गौर की प्रतिमा बनाकर स्थापित करती हैं।…

महानंदा नवमी व्रत कथा व पूजा विधि

।। महानंदा नवमी व्रत पूजा विधि ।। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं। फिर घर का कूड़ा-कचरा इकट्‍ठा करें। इसे सूप में भरकर बाहर कर दें। ऐसा करने से अलक्ष्मी का विसर्जन होता है। इसके बाद नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। फिर स्नानादि कर साफ वस्त्र पहन लें। फिर श्री महालक्ष्मी का आवाहन करें।…

पशुपति व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पशुपति व्रत विधि || ⦿ आप पशुपति व्रत जिस सोमवार से करना प्रारंभ कर रहे हैं। उस सोमवार को स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर पांच सोमवार व्रत करने का संकल्प लें। ⦿ फिर आप अपने आस-पास के शिवालय (मंदिर) जाएं। ⦿ अपनी पूजा की थाली में (धूप, दीप, चंदन, लाल चंदन, विल्व पत्र,…

श्री विजया एकादशी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पूजा विधि || सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस…

भगवान परशुराम की कथा एवं पूजा विधि

|| भगवान परशुराम पूजा विधि || इस दिन प्रातः काल ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर नित्य क्रिया कर्म से निवृत्त होकर साफ और स्वच्छ कपड़े पहन कर गंगाजल से मंदिर को शुद्ध करें. इसके बाद चौकी पर साफ-सूथरे कपड़े बिछाकर भगवान परशुराम और विष्णु जी मूर्ति स्थापित करें. अब आप इन्हें पुष्प मिष्ठान्न अर्पित करते हुए…

मनसा देवी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| मनसा देवी पूजा विधि || 1. इसमें साधना सामाग्री जो लेनी है लाल चन्दन की लकड़ी के टुकड़े, नीला और सफ़ेद धागा जो तकरीबन 8 – 8 उंगल का हो | कलश के लिए नारियल, सफ़ेद व लाल वस्त्र, पूजन में फल, पुष्प, धूप, दीप, पाँच मेवा आदि 2. सबसे पहले पुजा स्थान में…

गुप्त नवरात्रि व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गुप्त नवरात्रि पूजा विधि || 1. गुप्त नवरात्रों में माँ काली और महादेव की पूजा की जाती है। 2. प्रातःकाल स्नानादि कर कलश की स्थापना करें। 3. कलश में गंगाजल, लौंग, सुपारी, इलाइची, हल्दी, चन्दन, अक्षत, मौली, रोली और पुष्प डालें। 4. आम, पीपल आदि के पत्तों से कलश को सजाएँ। 5. अब चावल…

संकटा माता व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| संकटा माता की पूजा विधि || सबसे पहले आपको यह निर्णय लेना है कि आपको कितने लोगों के साथ आपको यह पूजा करनी है वैसे तो अवसान माता की पूजा में 7 लोग होती हैं और इस पूजा में 11 औरत होती हैं तो आपको जितने लोगों की यह पूजा करनी है 1 दिन…

दशामाता व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| दशा माता व्रत पूजा विधि || – दशा माता के पूजन के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. सुबह स्नान आदि के बाद व्रत और पूजा का संकल्प लें. – दशा व्रत के दिन आपको पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का स्वरूप मानकर पूजा करनी चाहिए. आपको कच्चे सूत में 10…

गंगा दशहरा व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गंगा दशहरा पूजा विधि || गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य के शरीर, मन और वाणी के ये दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। गंगा नदी में स्नान न कर पाने की स्थिति में घर के पास किसी नदी या तालाब में स्नान कर सकते हैं। यदि वह भी…

गंगा सप्तमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| गंगा सप्तमी पूजा विधि || गंगा सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त हो जाएं। फिर गंगा नदी में स्नान करें और अगर नदी में संभव न हो तो गंगाजल (कहां करना चाहिए गंगाजल का इस्तेमाल) घर के पानी में मिलाएं। गंगा नदी में स्नान के समय सूर्य देव को…

गजलक्ष्मी व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| गजलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि || इस व्रत का पूजन शाम के समय किया जाता है। इसलिए शाम के समय स्नान कर साफ सुथरे कपड़े पहनकर घर के मंदिर में माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके लिए केसर मिले चन्दन से अष्टदल बनाकर उस पर चावल रखें। एक जल से भरा कलश जरूर…

गाज माता व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| गाज माता पूजन || यह पूजन भाद्रपद शुक्ल द्वितीया का होता है । इस दिन कुल देवता का पूजन करते हैं और कच्ची रसोई बनाते हैं । पूजा करके कुल देवता को भोग लगाकर प्रसाद को एक ही कुलगोत्र के व्यक्तियों में वितरित कर दें । कुल देवता का पूजन दोपहर के समय करें।…

सरस्वती व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| सरस्वती पूजा विधि || मां सरस्वती की पूजा से पहले नहा-धोकर सबसे पहले पीले वस्त्र धारण कर लें. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं. अपने ठीक सामने पीला वस्त्र बिछाकर मां सरस्वति की मूर्ति को उस पर स्थापित करें. देवी की मूर्ति अथव चित्र स्थापित करने के बाद सबसे पहले…

बसंत पंचमी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| बसंत पंचमी पूजा विधि || वसंत पंचमी के दिन प्रात:काल स्नान आदि से निवृत होकर साफ पीले या सफेद रंग का वस्त्र पहन लें. उसके बाद सरस्वती पूजा का संकल्प लें. अब पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित कर दें. गणेश जी प्रथम पूज्य हैं, तो उनको भी स्थापित…

सूर्य देव व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| सूर्य देव पूजा विधि || रविवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लेना चाहिए. स्नान के बाद साफ और हल्के रंग के कपड़े पहनें. फिर सूर्य देव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें. तांबे के लोटे में लाल फूल, अक्षत, जल, शक्कर, लाल चंदन या रोली मिलाकर सूर्य देव…

माघ महीना व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| माघ पूर्णिमा पूजा विधि || माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करना चाहिए। यदि गंगा स्नान संभव न हो तो पानी में गंगाजल मिलकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के उपरांत ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें। फिर तिलांजलि देने के लिए सूर्य की ओर मुख करके…

चातुर्मास व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| चर्तुमास पूजा विधि || चर्तुमास में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। सबसे पहले चर्तुमास के दिनों मे जल्दी उठें । उसके बाद नहाकर साफ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। चर्तुमास के दिनों में भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। चर्तुमास में भगवान विष्णु के मंत्र जाप करने से…

श्री नर्मदा व्रत कथा एवं पूजन विधि

|| नर्मदा जयंती पूजन विधि || हिंदू धर्म में नदियों में स्नान करना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है। नर्मदा जयंती पर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के मध्य नर्मदा किसी भी समय स्नान किया जा सकता है। इस पावन अवसर पर प्रातः जल्दी उठकर नर्मदा में स्नान करने के बाद सुबह फूल, धूप,…

स्कंद षष्ठी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पूजन || स्कंद षष्ठी के अवसर पर शिव-पार्वती को पूजा जाता है। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसमें स्कंद देव (कार्तिकेय) की स्थापना करके पूजा की जाती है तथा अखंड दीपक जलाए जाते हैं। || महत्त्व || भगवान स्कंद शक्ति के अधिदेव हैं, देवताओं ने इन्हें अपना सेनापतित्व प्रदान किया था। मयूर…

सोलह सोमवार व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| पूजा विधि || हाथ में अक्षत तथा फूल लेकर दोनों हाथ जोड़ लें और भगवान शिव का आह्वान करें। हाथ में लिये हुए फूल और अक्षत शिव भगवान को समर्पित करें। सबसे पहले भगवान शिव पर जल चढ़ाएं। जल के बाद सफेद वस्त्र अर्पित करें। सफेद चंदन से भगवान को तिलक लगाएं एवं तिलक…

बगलामुखी व्रत कथा एवं पूजा विधि

|| बगलामुखी पूजा विधि | | जातक सुबह नित्य कर्म और स्नान करने के बाद पूर्वमुखी होकर पीले रंग के वस्त्र धारण करें। माता को पीले आसान पर विराजमान करके, पूजा सामग्री एकत्रित करें। सामान्यजन इस दिन उपवास रखकर उन्हें पीले रंग के फूल, पीले रंग का चन्दन और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करते…

ज्वाला माता की कथा एवं पूजा विधि

|| श्री ज्वाला देवी की पूजा के विधान || माता श्री ज्वाला देवी की पूजा तीन तरह से होती है- पंचोपचार विधि- पंचोपचार विधि से पूजन करने के लिए गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि मां की सेवा में प्रस्तुत करें और निवेदन करें कि हे माता! मैं अज्ञानी मूर्ख प्राणी हूं। मुझे पूजा पाठ…

होलिका कथा एवं पूजा विधि

|| पूजा विधि || नारद पुराण के अनुसार होलिका दहन के अगले दिन (रंग वाली होली के दिन) प्रात: काल उठकर आवश्यक नित्यक्रिया से निवृत्त होकर पितरों और देवताओं के लिए तर्पण-पूजन करना चाहिए। साथ ही सभी दोषों की शांति के लिए होलिका की विभूति की वंदना कर उसे अपने शरीर में लगाना चाहिए। घर…

परमा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। परमा एकादशी पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें, भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें, अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें विष्णु चालीसा का पाठ और आरती जरूर…

अपरा एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

।। अपरा एकादशी पूजा विधि ।। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग…

कामिका एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ कामिका एकादशी पूजा विधि ॥ इस एकादशी के व्रत की विधि दशमी से ही शुरू हो जाती है। इस व्रत को रखने वाले साधक को सात्विक भोजन करना चाहिए और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह जल्दी स्नान कर लेना चाहिए। उसके बाद विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए। पूजा…

वरूथिनी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ वरूथिनी एकादशी पूजा विधि ॥ सर्वप्रथम एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके निवृत्त हो जाएँ। इसके बाद साफ सुथरे कपड़े धारण कर लें। अब भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। तत्पश्चात एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को…

आमलकी एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ आमलकी एकादशी पूजा विधि ॥ आमलकी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें। आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु की तस्वीर एक चौकी पर स्थापित करें और उनकी विधिवत पूजा करें। श्री विष्णु को रोली, चंदन, अक्षत, फूल, धूप…

मोहिनी (पापमोचनी) एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ मोहिनी एकादशी पूजा विधि ॥ पापमोचनी एकादशी व्रत में भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है व्रत के दिन सूर्योदय के समय जगें और स्नान करना चाहिए भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने बैठकर एकादशी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए दिन में भगवान विष्णु की पूजा के बाद रात्रि में…

षटतिला एकादशी व्रत कथा और पूजा विधि

॥ षटतिला एकादशी व्रत पूजा विधि ॥ षटतिला एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन तिल का प्रयोग 6 तरीकों से किया जाता है। तिल स्नान, तिल का उबटन, तिल का हवन, तिल का तर्पण, तिल का भोग और तिल का दान। पूजा के लिए इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में…