नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो शक्ति उपासना और आत्मशुद्धि का प्रतीक है। इस नौ दिवसीय पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। सही विधि से उपवास और पूजा करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक और मानसिक शांति मिलती है, लेकिन यदि कुछ गलतियां की जाएं तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि के दौरान कौन-कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।
नवरात्रि एक पवित्र और आध्यात्मिक पर्व है, जिसमें सात्विकता और नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है। यदि इन गलतियों से बचा जाए, तो नवरात्रि का संपूर्ण लाभ प्राप्त किया जा सकता है और देवी मां की कृपा प्राप्त होती है। इसलिए इन नियमों का पालन करें और नवरात्रि 2025 को पूरी श्रद्धा के साथ मनाएं।
नवरात्रि 2025 के दौरान नहीं करे ये गलतियां
1. नवरात्रि के दौरान मांसाहार और नशे का सेवन – नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन का विशेष महत्व होता है। इस दौरान मांसाहार, शराब, तंबाकू, और अन्य नशे का सेवन वर्जित माना गया है। ये सभी चीजें शरीर और मन को दूषित करती हैं, जिससे पूजा और साधना में बाधा आती है। फलाहार और सात्विक भोजन करें। घर में शुद्धता बनाए रखें।
2. प्याज और लहसुन का सेवन – नवरात्रि में प्याज और लहसुन को तामसिक आहार माना जाता है। यह मन को अशांत कर सकता है और साधना में विघ्न डाल सकता है। ताजे फल, सब्जियां और दूध उत्पादों का सेवन करें। कुट्टू, सिंघाड़े का आटा और साबूदाने से बने व्यंजन खाएं।
3. घर की साफ-सफाई में लापरवाही – नवरात्रि के दौरान घर को मंदिर जैसा पवित्र स्थान माना जाता है। घर में गंदगी रखना या कूड़ा-कचरा इकट्ठा करना शुभ नहीं माना जाता। रोजाना घर और पूजा स्थान की सफाई करें। घर में गंगाजल या गौमूत्र का छिड़काव करें।
4. नकारात्मक विचार और गुस्सा – नवरात्रि में मन की शुद्धि अत्यंत आवश्यक होती है। यदि इस दौरान गुस्सा, द्वेष, और नकारात्मक विचारों को अपने अंदर स्थान दिया जाए, तो इसका नकारात्मक प्रभाव पूजा पर पड़ सकता है। ध्यान और योग का अभ्यास करें। अच्छे विचारों को अपनाएं और दूसरों के प्रति प्रेम और करुणा रखें।
5. गलत मंत्र उच्चारण – पूजा में मंत्रों का सही उच्चारण करना बेहद जरूरी होता है। गलत उच्चारण से पूजा का प्रभाव कम हो सकता है। सही उच्चारण के लिए अनुभवी पुरोहित या ग्रंथों की सहायता लें। ध्यानपूर्वक मंत्रों का उच्चारण करें।
6. सूर्योदय के बाद स्नान करना – नवरात्रि में ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से पहले) उठकर स्नान करना और पूजा करना शुभ माना जाता है। सूर्योदय के बाद स्नान करने से पूजा का प्रभाव कम हो सकता है। सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। पवित्र जल से स्नान करने का प्रयास करें।
7. तुलसी पत्तों का उपयोग – नवरात्रि के दौरान तुलसी के पत्तों का उपयोग वर्जित होता है, क्योंकि यह देवी पूजन में उचित नहीं माना जाता। तुलसी का उपयोग नवरात्रि के बाद करें। यदि आवश्यक हो तो तुलसी के बजाय अन्य पत्तों का उपयोग करें।
8. बाल कटवाना और नाखून काटना – नवरात्रि के दौरान बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है। यह शुद्धता और पवित्रता के विपरीत होता है। नवरात्रि शुरू होने से पहले ही बाल और नाखून काट लें। पूरे नौ दिनों तक शरीर की पवित्रता बनाए रखें।
9. दूसरों का अपमान और झूठ बोलना – इस पावन अवसर पर झूठ बोलना, अपशब्द कहना या किसी का अपमान करना अशुभ माना जाता है। इससे देवी मां अप्रसन्न हो सकती हैं। सच्चाई और विनम्रता का पालन करें। सभी के प्रति प्रेम और आदर का भाव रखें।
10. अधूरी पूजा या नियमों की अनदेखी – नवरात्रि में अधूरी पूजा करना या नियमों का पालन न करना पूजा के संकल्प को तोड़ने जैसा होता है। संकल्प लेकर पूरी श्रद्धा से पूजा करें। व्रत और अन्य नियमों का पालन करें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. क्या नवरात्रि में सोना वर्जित होता है?
नहीं, लेकिन अत्यधिक सोने से बचना चाहिए, क्योंकि यह आलस्य बढ़ा सकता है।
2. क्या नवरात्रि में किसी से झगड़ा करना अशुभ है?
हां, नवरात्रि में प्रेम और शांति बनाए रखना आवश्यक होता है।
3. क्या नवरात्रि में बासी भोजन करना उचित है?
नहीं, ताजे और सात्विक भोजन का ही सेवन करना चाहिए।
4. क्या नवरात्रि में नाखून काट सकते हैं?
नहीं, नवरात्रि के दौरान नाखून काटना और बाल कटवाना अशुभ माना जाता है।
5. क्या नवरात्रि में काले कपड़े पहन सकते हैं?
नहीं, काले रंग को अशुभ माना जाता है। इस दौरान लाल, पीले या सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
जय माता दी!
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