हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत महत्व दिया जाता है। इस दिन श्री विष्णु की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी या ग्यारस कहा जाता है। एकादशी साल में 24 बार आती है, एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष में। अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी और पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी कहा जाता है।
प्रत्येक एकादशी का अपना महत्व होता है। प्रत्येक माह में पंचांग के अनुसार दो बार एकादशी तिथि पड़ती है, एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। शुक्ल पक्ष की एकादशी अमावस्या के बाद और कृष्ण पक्ष की एकादशी पूर्णिमा के बाद होती है। साल भर में कुल 24 एकादशी तिथियाँ होती हैं, लेकिन पुरुषोत्तम मास (मलमास/अधिकमास) के वर्ष में इनकी संख्या 24 से 26 हो जाती है।
वर्ष 2025 की एकादशी व्रत लिस्ट (List of all Ekadashi Fasts in 2025)
तिथि | एकादशी |
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जनवरी 10, 2025, शुक्रवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
जनवरी 25, 2025, शनिवार | षटतिला एकादशी |
फरवरी 8, 2025, शनिवार | जया एकादशी |
फरवरी 24, 2025, सोमवार | विजया एकादशी |
मार्च 10, 2025, सोमवार | आमलकी एकादशी |
मार्च 25, 2025, मंगलवार | पापमोचनी एकादशी |
अप्रैल 8, 2025, मंगलवार | कामदा एकादशी |
अप्रैल 24, 2025, बृहस्पतिवार | वरूथिनी एकादशी |
मई 8, 2025, बृहस्पतिवार | मोहिनी एकादशी |
मई 23, 2025, शुक्रवार | अपरा एकादशी |
जून 6, 2025, शुक्रवार | निर्जला एकादशी |
जून 21, 2025, शनिवार | योगिनी एकादशी |
जुलाई 6, 2025, रविवार | देवशयनी एकादशी |
जुलाई 21, 2025, सोमवार | कामिका एकादशी |
अगस्त 5, 2025, मंगलवार | श्रवण पुत्रदा एकादशी |
अगस्त 19, 2025, मंगलवार | अजा एकादशी |
सितम्बर 3, 2025, बुधवार | परिवर्तिनी एकादशी |
सितम्बर 17, 2025, बुधवार | इंदिरा एकादशी |
अक्टूबर 3, 2025, शुक्रवार | पापांकुशा एकादशी |
अक्टूबर 17, 2025, शुक्रवार | रमा एकादशी |
नवम्बर 1, 2025, शनिवार | देवोत्थान एकादशी |
नवम्बर 15, 2025, शनिवार | उत्पन्ना एकादशी |
दिसम्बर 1, 2025, सोमवार | मोक्षदा एकादशी |
दिसम्बर 15, 2025, सोमवार | सफला एकादशी |
एकादशी व्रत के फायदे (Benefits of Ekadashi fast)
एकादशी व्रत के करने के अनेक लाभ होते हैं जैसे कि
- व्यक्ति निरोगी रहता है।
- राक्षस, भूत-पिशाच आदि योनि से छुटकारा मिलता है।
- पापों का नाश होता है।
- संकटों से मुक्ति मिलती है।
- सर्वकार्य सिद्ध होते हैं।
- सौभाग्य प्राप्त होता है।
- मोक्ष मिलता है।
- विवाह बाधा समाप्त होती है।
- धन और समृद्धि आती है।
- शांति मिलती है।
- मोह-माया और बंधनों से मुक्ति मिलती है।
- हर प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं।
- खुशियां मिलती हैं।
- सिद्धि प्राप्त होती है।
- उपद्रव शांत होते हैं।
- दरिद्रता दूर होती है।
- खोया हुआ सबकुछ फिर से प्राप्त हो जाता है।
- पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलती है।
- भाग्य जाग्रत होता है।
- ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
- पुत्र प्राप्ति होती है।
- शत्रुओं का नाश होता है।
- सभी रोगों का नाश होता है।
- कीर्ति और प्रसिद्धि प्राप्त होती है।
- वाजपेय और अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।
- हर कार्य में सफलता मिलती है।
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