|| आरती ||
ॐ जय जय इन्द्राणी, माँ जय जय इन्द्राणी।
मरूधर में माँ प्रगटिया, जग सारे जाणी॥
ॐ जय जय इन्द्राणी….
सागर सुता सुलोचनी, मोचिनी दुःख माता।
धापू कोख जनमिया, धनि-धनि धनदाता ॥
ॐ जय जय इन्द्राणी….
महा शक्ति जग मानो, पुरुष प्रकृति रूपा ।
सावंल वदन सुकोमल, सेवत भव भूपा॥
ॐ जय जय इन्द्राणी….
रतनूं वंश में रोशन, आवड़ अवतारी ।
कृपा करो करूणा मयि, मो पर महतारी ॥
ॐ जय जय इन्द्राणी….
अगनित रवि शशि आभा, लखि तब मुख लाजे ।
सिर पर सोहत साफा, छवि अतुलित छाजे ॥
ॐ जय जय इन्द्राणी….
धोती कोट दुशाला, मुक्तन गल माला।
सिंहासन पर सोहत, हस्त लिए माला ॥
ॐ जय जय इन्द्राणी….
शरणागत सुख दायिनी, दया मग्री देवी।
चरण शरण तब चण्डी, सेवक पर सेवी॥
ॐ जय जय इन्द्राणी….
क्षमा करो माँ शक्ति, गुण अवगुण मेरे।
दुःखी बड़ा हूँ देवी, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जय इन्द्राणी….
गंग तिहारी गरिमा, गोरी अब गाई।
मुक्ति देहूँ मोहि माता, सुत को शरणाई॥
ॐ जय जय इन्द्राणी….
बाई इन्द्र मो विनती, सुनता निज शक्ति।
चरण कमल में चित हो, पाऊँ दूढ़ भक्ति॥
ॐ जय जय इन्द्राणी….
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