मंगलवार व्रत की आरती PDF

मंगलवार व्रत की आरती (Mangalwar Vrat Ki Aarti) मुख्य रूप से भगवान हनुमान को समर्पित है। मंगलवार का दिन हनुमान जी का माना जाता है, और भक्त व्रत रखकर उनकी पूजा करते हैं। व्रत की समाप्ति पर यह आरती गाई जाती है। सबसे प्रसिद्ध आरती है “आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला…

श्री छठ माता की आरती

छठ महापर्व, सूर्यदेव और छठी मैया को समर्पित एक अनुपम त्योहार है, जो बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व प्रकृति और सृष्टि के प्रति आभार व्यक्त करने का प्रतीक है। छठ मैया की आरती इस पवित्र अनुष्ठान का एक अभिन्न अंग…

भाई दूज आरती

|| भाई दूज आरती (Bhai Dooj Aarti PDF) || ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता, जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता ॐ जय यमुना माता… ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा, जो जन शरण से कर दिया निस्तारा ॐ जय यमुना माता… ॐ जो जन प्रातः ही उठकर…

गोवर्धन महाराज आरती

Govardhan Pooja

गोवर्धन महाराज को गिरिराज के नाम से भी जाना जाता है। वे भगवान कृष्ण के सबसे प्रिय भक्तों में से एक हैं। गोवर्धन पर्वत को भगवान कृष्ण का ही स्वरूप माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को सात दिनों तक उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के…

एकादशी माता आरती

एकादशी माता आरती PDF एक डिजिटल दस्तावेज़ है जिसमें एकादशी माता की पारंपरिक आरती शामिल है। यह आरती ‘ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता’ से शुरू होती है और भगवान विष्णु को समर्पित इस पवित्र तिथि के माहात्म्य का वर्णन करती है। इस आरती में वर्ष भर आने वाली विभिन्न एकादशियों – जैसे…

श्री शारदा माँ की आरती

श्री शारदा माँ की आरती PDF ज्ञान और विद्या की देवी माँ शारदा (सरस्वती) की आराधना का एक लोकप्रिय माध्यम है। “श्री शारदा माँ की आरती PDF” एक डिजिटल दस्तावेज़ है जिसमें यह पवित्र स्तुति हिंदी भाषा की देवनागरी लिपि में उपलब्ध होती है। भक्तगण इसे आसानी से डाउनलोड करके पूजा-अर्चना के दौरान माँ के…

Shri Karwa Mata Aarti

The Shri Karwa Mata Aarti is a pivotal devotional hymn recited during the Hindu festival of Karwa Chauth. Married women observe this day-long, often nirjala (without water), fast for the longevity, prosperity, and well-being of their husbands. The Aarti, which typically begins with “Om Jai Karwa Maiya,” is sung in the evening as a final…

अहोई माता आरती

अहोई अष्टमी का पावन पर्व, संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन माताएँ अहोई माता आरती गाकर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। अहोई माता की महिमा अपरंपार है और उनकी कृपा से सूनी गोद भी भर जाती है। यदि आप अहोई माता की संपूर्ण आरती और पूजन विधि…

Shri Ahoi Mata Ji Ki Aarti

The “Shri Ahoi Mata Ji Ki Aarti PDF” contains the devotional hymn dedicated to Goddess Ahoi Mata, a form of Goddess Parvati. This Aarti is an essential part of the Ahoi Ashtami festival, primarily observed by mothers in North India. Mothers perform the Aarti while observing a rigorous fast for the longevity, well-being, and prosperity…

करवा चौथ आरती

करवा चौथ का पावन पर्व, अखंड सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ आरती इस पवित्र अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पूजा को पूर्णता प्रदान करती है। आरती के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है।…

आश्विनशुद्धपक्षी अंबा – नवरातीची आरती

|| आश्विनशुद्धपक्षी अंबा – नवरातीची आरती (Ashwinshuddhapakshi Amba Navratichi Aarti Marathi PDF) || आश्विनशुद्धपक्षी अंबा बैसलि सिंहासनी हो । प्रतिपदेपासून घटस्थापना ती करुनी हो । मूलमंत्रजप करुनी भोवते रक्षक ठेउनी हो । ब्रह्माविष्णुरुद्र आईचे पूजन करिती हो ॥ १ ॥ उदो बोला उदो अंबाबाई माउलीचा हो । उदोकारे गर्जती काय महिमा वर्णं तिचा हो ॥…

Shri Skandamata Aarti

Shri Skandamata is the fifth form of Goddess Durga, worshipped on the fifth day of Navaratri. Her name signifies “Mother of Skanda” (Lord Kartikeya, the god of war). She is depicted riding a lion, possessing four arms, and carrying the infant Skanda on her lap. Her other hands typically hold lotus flowers, and one is…

माँ कूष्मांडा आरती

नवरात्रि के चौथे दिन माँ दुर्गा के चौथे स्वरूप माँ कूष्मांडा की पूजा की जाती है। माँ कूष्मांडा को सृष्टि की आदिशक्ति माना जाता है, जिनकी मंद मुस्कान से इस ब्रह्मांड की रचना हुई थी। इनका निवास सूर्यमंडल के मध्य में है, इसलिए इनका तेज सूर्य के समान दैदीप्यमान है। माँ कूष्मांडा अष्टभुजा (आठ भुजाओं)…

मां चंद्रघंटा आरती

माँ दुर्गा का तीसरा स्वरूप माँ चंद्रघंटा हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है, इसीलिए इन्हें यह नाम मिला। इनका वर्ण स्वर्ण के समान चमकीला है और ये सिंह पर आरूढ़ हैं। माँ चंद्रघंटा के दस हाथ हैं, जिनमें विभिन्न अस्त्र-शस्त्र सुसज्जित…

कालरात्रि माता आरती

माँ कालरात्रि आदिशक्ति दुर्गा का सातवाँ स्वरूप हैं। इनका वर्ण गहन अंधकार जैसा काला है और ये विकराल रूप धारण करती हैं। इनके केश खुले और बिखरे हुए हैं, तथा गले में बिजली की तरह चमकती हुई माला सुशोभित है। इनके तीन नेत्र हैं और इनकी श्वास से अग्नि निकलती है। इनका स्वरूप भयंकर होते…

मां सिद्धिदात्री आरती

माँ सिद्धिदात्री दुर्गा जी का नवाँ और अंतिम स्वरूप हैं। इन्हें सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। माँ कमल पुष्प पर विराजमान होती हैं और सिंह इनकी सवारी है। इनके चार हाथों में चक्र, गदा, शंख और कमल सुशोभित हैं। माना जाता है कि भगवान शिव ने भी इनकी कृपा…

Kushmanda Mata Aarti

Kushmanda Mata is revered as the fourth manifestation of Goddess Durga, worshipped on the fourth day of Navratri. Her name, a combination of Sanskrit words, translates to the “creator of the little cosmic egg” (the universe). According to mythology, before creation, when darkness prevailed, it was her divine, radiant smile that produced the cosmic egg,…

Katyayani Mata Aarti

Katyayani Mata is the sixth form of Goddess Durga, revered especially during the Navaratri festival. She is known as a fierce warrior goddess, created from the combined energies of the gods to destroy the tyrannical buffalo demon Mahishasura. This formidable feat earned her the title “Mahishasuramardini.” She is often depicted riding a lion, with four…

श्री स्कंदमाता आरती

श्री स्कंदमाता माँ दुर्गा का पाँचवाँ स्वरूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के पाँचवें दिन की जाती है। भगवान कार्तिकेय (स्कंद कुमार) की माता होने के कारण इन्हें यह नाम मिला है। इनका स्वरूप अत्यंत ममतामय और शुभ्र है। वे सिंह पर सवार होती हैं और इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है क्योंकि ये कमल के…

ब्रह्मचारिणी माता आरती

नवरात्रि के दूसरे दिन पूजी जाने वाली माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) माँ दुर्गा का दूसरा दिव्य स्वरूप हैं। ‘ब्रह्म’ का अर्थ है तपस्या और ‘चारिणी’ का अर्थ है आचरण करने वाली। यह देवी पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत शांत हैं। उनके दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल है। कठोर तप और…

महागौरी माता आरती

माँ महागौरी, नवदुर्गा का आठवाँ स्वरूप हैं। इनका वर्ण (रंग) पूर्णतः गौर (श्वेत) है, जिसकी उपमा शंख, चंद्रमा और कुंद के फूल से की जाती है। कठोर तपस्या के बाद इन्हें यह अत्यंत तेजोमय और शांत स्वरूप प्राप्त हुआ। ये श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और इनका वाहन वृषभ (बैल) है। इनकी चार भुजाएँ हैं,…

श्री शैलपुत्री आरती

मां शैलपुत्री नवदुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं। ‘शैल’ का अर्थ है पर्वत, और ‘पुत्री’ का अर्थ है बेटी। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा गया। ये देवी वृषभ (बैल) पर सवार होती हैं, इसलिए इन्हें वृषारूढ़ा भी कहते हैं। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ…

कात्यायनी माता आरती

माँ कात्यायनी माँ दुर्गा का छठा स्वरूप हैं। इनका नाम ऋषि कात्यायन के यहाँ जन्म लेने के कारण पड़ा। ये अत्यंत तेजस्वी और क्रोधित रूप में प्रकट हुईं थीं, जिन्होंने महिषासुर का वध करके देवताओं को भयमुक्त किया। माँ कात्यायनी सिंह पर सवार हैं और इन्हें चार भुजाओं वाली देवी के रूप में पूजा जाता…

Vishwakarma Aarti

|| Vishwakarma Aarti PDF || Jai Shri Vishvakarma Prabhu, Jai Shri Vishvakarma। Sakal Srashti Ke Karata, Rakshak Stuti Dharma॥ ॥ Jai Shri Vishvakarma…॥ Aadi Srashti Me Vidhi Ko, Shruti Upadesh Diya। Jeev Maatra Ka Jag Me, Gyan Vikas Kiya॥ ॥ Jai Shri Vishvakarma…॥ Dhyan Kiya Jab Prabhu Ka, Sakal Siddhi Aai। Rishi Angeera Tap Se,…

श्री वामन आरती

|| श्री वामन आरती (Vaman Aarti PDF) || ॐ जय वामन देवा, हरि जय वामन देवा बलि राजा के द्वारे, बलि राजा के द्वारे सन्त करे सेवा, || ॐ जय वामन देवा…||  वामन रूप अनुपम छत्र दंड शोभा, हरि छत्र दंड शोभा तिलक भाल की मनोहर भक्तन मन मोहा || ॐ जय वामन देवा…||  आगम…

Shri Kalki Aarti

|| Shri Kalki Aarti PDF || Om Jay Jay Sur Rakshak Asur Vinashak, Padmavat Ke Pyare. Jay Jay Shri Kalki Bhakt Hitkari, Dushtan Maaran Haare. Jay Jay Khadgadhari Jay Asurari, Gau Vipran Ke Rakhvaare. Ksheer Sagarvaasi Jay Avinaashi, Bhoomi Bhaar Utaaran Haare. Alakh Niranjan Bhav Bhay Bhanjan, Jay Sambhal Sarkaare. Bhakt Jaano Ke Palankarta, Jay…

श्री राधा आरती

श्री राधा रानी की आरती उनके भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आरती राधा जी के दिव्य स्वरूप, उनकी कृपा और प्रेम को समर्पित है। “श्री राधा आरती PDF” के माध्यम से भक्तगण कभी भी, कहीं भी इस पावन आरती का पाठ कर सकते हैं, जिससे उन्हें मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतोष प्राप्त होता…

ऋषि पंचमी आरती

|| ऋषि पंचमी आरती (Rishi Panchami Aarti Hindi PDF) || श्री हरि हर गुरु गणपति, सबहु धरि ध्यान। मुनि मंडल श्रृंगार युक्त, श्री गौतम करहुँ बखान।। ॐ जय गौतम त्राता, स्वामी जी गौतम त्राता । ऋषिवर पूज्य हमारे, मुद मंगल दाता।। ॐ जय गौतम त्राता…. द्विज कुल कमल दिवाकर, परम् न्याय कारी। जग कल्याण करन…

Shri Rishi Panchami Aarti

|| Shri Rishi Panchami Aarti PDF || Shri Hari Har Ganpati, Sabahu dhari dhyan, Muni Mandal Shringar Yukt, Shri Gautam karahun bakhan. Om Jai Gautam Traata, Swami Ji Gautam Traata, Rishivar Pujya Hamaare, Mud Mangal Data. Om Jai Gautam Traata… Dvij Kul Kamal Divakar, Param Nyaay Kaari, Jag Kalyan Karan Hit, Nyaay Rachyo Bhaari. Om…

श्री गणपति आरती

|| श्री गणपति आरती (Ganpati Aarti PDF) || गणपति की सेवा मंगल मेवा, सेवा से सब विघ्न टरैं। तीन लोक के सकल देवता, द्वार खड़े नित अर्ज करैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा…। रिद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजें, अरु आनन्द सों चमर करैं। धूप-दीप अरू लिए आरती भक्त खड़े जयकार करैं॥ गणपति की सेवा मंगल मेवा…। गुड़…

जय देव वक्रतुंडा – गणपतीची आरती

|| जय देव वक्रतुंडा – गणपतीची आरती (Jai Dev Vakratunda Ganpatichi Aarti Marathi PDF) || जय देव जय देव जय वक्रतुंडा । सिंदुरमंडित विशाल सरळ भुजदंडा ॥ प्रसन्नभाळा विमला करि घेउनि कमळा । उंदिरवाहन दोंदिल नाचसि बहुलीळा ॥ रुणझुण रुणझुण करिती घागरिया घोळा । सताल सुस्वर गायन शोभित अवलीळा ॥ जय देव जय देव जय…

नानापरिमळ दूर्वा – गणपतीची आरती

|| नानापरिमळ दूर्वा – गणपतीची आरती (Nanaparimal Durva Ganpatichi Aarti Marathi PDF) || नानापरिमळ दूर्वा शमिपत्रे । लाडू मोदक अन्ने परिपूरित पाते ॥ ऐसे पूजन केल्या बीजाक्षरमंत्रे । अष्टहि सिद्धी नवनिधि देसी क्षणमात्रे ॥ जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती । तुझे गुण वर्णाया मज कैची स्फूर्ती ॥ तुझे ध्यान निरंतर जे कोणी करिती ।…

गजबदन विनायक आरती

|| गजबदन विनायक आरती (Gajaban Vinayak Aarti PDF) || आरती गजबदन विनायककी। सुर-मुनि-पूजित गणनायककी॥ आरती गजबदन विनायककी॥ एकदन्त शशिभाल गजानन, विघ्नविनाशक शुभगुण कानन। शिवसुत वन्द्यमान-चतुरानन, दुःखविनाशक सुखदायक की॥ आरती गजबदन विनायककी॥ ऋद्धि-सिद्धि-स्वामी समर्थ अति, विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति। अघ-वन-दहन अमल अबिगत गति, विद्या-विनय-विभव-दायककी॥ आरती गजबदन विनायककी॥ पिङ्गलनयन, विशाल शुण्डधर, धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश-कर। लम्बोदर बाधा-विपत्ति-हर, सुर-वन्दित…

श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव

|| श्री सिद्धिविनायक आरती -जय देव जय देव (Siddhivinayak Aarti PDF) || सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची । नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची । सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची । कंठी झलके माल मुकताफळांची । जय देव जय देव.. जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति । दर्शनमात्रे मनः, कामना पूर्ति जय देव जय देव…

Siddhivinayak Aarti

|| Siddhivinayak Aarti PDF || Sukh Karta Dukhharta Varta Vighnachi । Noorvi Poorvi Prem Krupya Jayachi । Sarwangi Sundar Utishendu Rachi । Kanthi Jhalke Maad Mukhta Padhanchi । Jai Dev Jai Dev.. Jai Dev Jai Dev Jai Mangal Murti । Darshan Matre Mann, Kamana Purti Jai Dev Jai Dev ॥ Ratnakhachit Phara Tujh Gaurikumra ।…

अम्बे गौरी की आरती

अम्बे गौरी, जिन्हें दुर्गा और पार्वती के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवी हैं। वह शक्ति और मातृ शक्ति का प्रतीक हैं। अम्बे गौरी को अक्सर शेर पर सवार, अष्टभुजाओं वाली और विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए दर्शाया जाता है। उन्हें ब्रह्मांड की रक्षक, बुराई का नाश…

तुलसी माता की आरती

हिंदू धर्म में तुलसी माता को अत्यधिक पूजनीय माना जाता है। इन्हें भगवान विष्णु की पत्नी देवी वृंदा का ही रूप माना जाता है। तुलसी का पौधा हर हिंदू घर में पाया जाता है और इसकी नियमित पूजा की जाती है। माना जाता है कि तुलसी की पूजा करने से घर में सुख, शांति और…

श्री विश्वकर्मा आरती

श्री विश्वकर्मा’ सृष्टि के महान वास्तुकार, देवता और शिल्पकार हैं। हिंदू धर्म में उन्हें सभी यंत्रों, कलाओं और विज्ञान के जनक के रूप में पूजा जाता है। यह माना जाता है कि उन्होंने ब्रह्मा के कहने पर सृष्टि के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। देवताओं के लिए महलों, अस्त्रों और रथों का निर्माण करने…

श्री कृष्ण कन्हैया आरती

|| श्री कृष्ण कन्हैया आरती (Krishna Kanhaiya Aarti PDF) || मथुरा कारागृह अवतारी, गोकुल जसुदा गोद विहारी। नन्दलाल नटवर गिरधारी, वासुदेव हलधर भैया की॥ आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की। मोर मुकुट पीताम्बर छाजै, कटि काछनि, कर मुरलि विराजै। पूर्ण सरक ससि मुख लखि लाजै, काम कोटि छवि जितवैया की॥ आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की। गोपीजन रस रास…

आरती कुंजबिहारी की (Shri Krishna Aarti)

|| आरती कुंजबिहारी की || आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला । श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला । गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली । लतन में ठाढ़े बनमाली…

श्री कृष्णाची आरती

|| श्री कृष्णाची आरती (Krishna Aarti Marathi PDF) || ओवालू आरती मदनगोपाळा। श्यामसुन्दर गळा लं वैजयन्तीमाळा॥ चरणकमल ज्याचे अति सुकुमार। ध्वजवज्रानकुश ब्रीदाचा तोडर॥ ओवालू आरती मदनगोपाळा…॥ नाभीकमळ ज्याचेब्रह्मयाचे स्थान। ह्रीदयीन पदक शोभे श्रीवत्सलांछन॥ ओवालू आरती मदनगोपाळा…॥ मुखकमळा पाहता सूर्याचिया कोटी। वेधीयेले मानस हारपली धृष्टी॥ ओवालू आरती मदनगोपाळा…॥ जडित मुगुट ज्याच्या देदीप्यमान। तेणे तेजे कोदले अवघे…

श्री कृष्ण भोग आरती

|| श्री कृष्ण भोग आरती (Krishna Bhog Aarti PDF) || आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… दुर्योधन को मेवा त्यागो, साग विदुर घर खायो प्यारे मोहन, आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… भिलनी के बैर सुदामा के तंडुल रूचि रूचि भोग लगाओ प्यारे मोहन… आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन… वृदावन की कुञ्ज…

श्री गायत्री माता की आरती

|| श्री गायत्री माता की आरती (Gayatri Mata ki Aarti Hindi) || जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक क‌र्त्री । दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥ ॥ जयति जय…

श्री कल्कि आरती

श्री कल्कि आरती भगवान विष्णु के दशम अवतार कल्कि भगवान की महिमा का गान है, जो कलियुग के अंत में अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करेंगे। इस आरती का पाठ करने से भक्तों को अज्ञान, अधर्म और कलियुगी दोषों से मुक्ति मिलती है। श्री कल्कि आरती में कल्कि भगवान की दिव्य शक्ति, उनके…

श्री नाग पंचमी आरती

|| श्री नाग पंचमी आरती (Naag Panchmi Aarti PDF) || आरती श्री नागदेव जी कीजै ।। तन मन धन सब अर्पण कीजै । नेत्र लाल भिरकुटी विशाला । चले बिन पैर सुने बिन काना । उनको अपना सर्वस्व दीजे।। आरती श्री नागदेव जी कीजै ।। पाताल लोक में तेरा वासा । शंकर विघन विनायक नासा…

शेषनाग की आरती

|| शेषनाग की आरती (Sheshnag ki Aarti PDF) || आरती कीजे श्री नागदेवता की , भूमि का भार वहनकर्ता की॥ उग्र रूप है तुम्हारा देवा, भक्त सभी करते है सेवा॥ मनोकामना पूरण करते, तन-मन से जो सेवा करते। भक्तो के संकट हारी की, आरती कीजे श्री नागदेवता की , भूमि का भार वहनकर्ता की॥ महादेव…

Shri Shani Dev Aarti

Shri Shani Dev Aarti is a sacred hymn sung in praise of Lord Shani, the powerful deity known to deliver justice based on one’s karma. Devotees perform this Aarti especially on Saturdays to seek relief from hardships, Shani Dosha, and obstacles in life. Chanting the Aarti with faith is believed to bring balance, discipline, and…

Shaniwar Aarti

Shaniwar Aarti is a powerful devotional hymn dedicated to Lord Shani Dev, the god of justice in Hinduism. Reciting this Aarti on Saturdays is believed to remove the malefic effects of Shani Dosha and bring peace, prosperity, and protection from obstacles. Devotees light mustard oil lamps and chant the Aarti with utmost devotion. Many people…

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