श्री नर्मदा आरती

॥ श्री नर्मदा आरती ॥ ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी । ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हर‍ि शंकर, रुद्रौ पालन्ती ॥ ॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥ देवी नारद सारद तुम वरदायक, अभिनव पदण्डी । सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि… शारद पदवाचन्ती । ॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥ देवी धूमक वाहन राजत, वीणा…

माँ सरस्वती जी की आरती

|| माँ सरस्वती जी की आरती || जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ ॥ जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला । शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन…

गजबदन विनायक आरती

॥ गजबदन विनायक आरती ॥ आरती गजबदन विनायककी। सुर-मुनि-पूजित गणनायककी॥ आरती गजबदन विनायककी॥ एकदन्त शशिभाल गजानन, विघ्नविनाशक शुभगुण कानन। शिवसुत वन्द्यमान-चतुरानन, दुःखविनाशक सुखदायक की॥ आरती गजबदन विनायककी॥ ऋद्धि-सिद्धि-स्वामी समर्थ अति, विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति। अघ-वन-दहन अमल अबिगत गति, विद्या-विनय-विभव-दायककी॥ आरती गजबदन विनायककी॥ पिङ्गलनयन, विशाल शुण्डधर, धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश-कर। लम्बोदर बाधा-विपत्ति-हर, सुर-वन्दित सब विधि लायककी॥ आरती…

सुखकर्ता दुखहर्ता – श्री गणेश आरती

|| सुखकर्ता दुखहर्ता – श्री गणेश आरती || सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची कंठी झलके माल मुकताफळांची जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति जय देव जय देव रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा चंदनाची उटी कुमकुम केशरा हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा रुन्झुनती नूपुरे…

श्री गणेश आरती

|| श्री गणेश आरती || जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।…

Shirdi Sai Bhupali Aarathi

|| Shirdi Sai Bhupali Aarathi || uṭhā uṭhā sakala jana vācē smarāvā gajānana gaurīharācā nandana gajavadana gaṇapatī || uṭhā uṭhā || dhyāni āṇunī sukhamūrtī, stavana karā ēkē cittī tō dēīla jñānamūrtī mōkṣa sukha sōjvala || uṭhā uṭhā || jō nijabhaktāñcā dātā, vandya suravarāṁ samastā tyāsī gātā bhavabhaya cintā, vighnavārtā nivārī || uṭhā uṭhā || tō…

பூ⁴பாலீ ஆரதீ

|| பூ⁴பாலீ ஆரதீ || உடா² உடா² ஸகல ஜந வாசே ஸ்மராவா க³ஜாநந கௌ³ரீஹராசா நந்த³ந க³ஜவத³ந க³ணபதீ ॥ உடா² உடா² ॥ த்⁴யாநி ஆணுநீ ஸுக²மூர்தீ, ஸ்தவந கரா ஏகே சித்தீ தோ தே³ஈல ஜ்ஞாநமூர்தீ மோக்ஷ ஸுக² ஸோஜ்வல ॥ உடா² உடா² ॥ ஜோ நிஜப⁴க்தாஞ்சா தா³தா, வந்த்³ய ஸுரவராம் ஸமஸ்தா த்யாஸீ கா³தா ப⁴வப⁴ய சிந்தா, விக்⁴நவார்தா நிவாரீ ॥ உடா² உடா² ॥ தோ ஹா ஸுகா²சா…

ಭೂಪಾಳೀ ಆರತೀ

|| ಭೂಪಾಳೀ ಆರತೀ || ಉಠಾ ಉಠಾ ಸಕಳ ಜನ ವಾಚೇ ಸ್ಮರಾವಾ ಗಜಾನನ ಗೌರೀಹರಾಚಾ ನಂದನ ಗಜವದನ ಗಣಪತೀ || ಉಠಾ ಉಠಾ || ಧ್ಯಾನಿ ಆಣುನೀ ಸುಖಮೂರ್ತೀ, ಸ್ತವನ ಕರಾ ಏಕೇ ಚಿತ್ತೀ ತೋ ದೇಈಲ ಜ್ಞಾನಮೂರ್ತೀ ಮೋಕ್ಷ ಸುಖ ಸೋಜ್ವಳ || ಉಠಾ ಉಠಾ || ಜೋ ನಿಜಭಕ್ತಾಂಚಾ ದಾತಾ, ವಂದ್ಯ ಸುರವರಾಂ ಸಮಸ್ತಾ ತ್ಯಾಸೀ ಗಾತಾ ಭವಭಯ ಚಿಂತಾ, ವಿಘ್ನವಾರ್ತಾ ನಿವಾರೀ || ಉಠಾ ಉಠಾ || ತೋ ಹಾ ಸುಖಾಚಾ…

భూపాళీ ఆరతీ

|| భూపాళీ ఆరతీ || – ౧. ఉఠా ఉఠా – ఉఠా ఉఠా సకళ జన వాచే స్మరావా గజానన గౌరీహరాచా నందన గజవదన గణపతీ || ఉఠా ఉఠా || ధ్యాని ఆణునీ సుఖమూర్తీ, స్తవన కరా ఏకే చిత్తీ తో దేఈల జ్ఞానమూర్తీ మోక్ష సుఖ సోజ్వళ || ఉఠా ఉఠా || జో నిజభక్తాంచా దాతా, వంద్య సురవరాం సమస్తా త్యాసీ గాతా భవభయ చింతా, విఘ్నవార్తా నివారీ || ఉఠా…

भूपाली आरती

|| भूपाली आरती || उठा उठा सकल जन वाचे स्मरावा गजानन गौरीहराचा नन्दन गजवदन गणपती ॥ उठा उठा ॥ ध्यानि आणुनी सुखमूर्ती, स्तवन करा एके चित्ती तो देईल ज्ञानमूर्ती मोक्ष सुख सोज्वल ॥ उठा उठा ॥ जो निजभक्ताञ्चा दाता, वन्द्य सुरवरां समस्ता त्यासी गाता भवभय चिन्ता, विघ्नवार्ता निवारी ॥ उठा उठा ॥ तो हा सुखाचा…

श्री राम जी की आरती

|| श्री राम जी की आरती || हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ, आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ, अवध बिहारी तेरी आरती उतारूँ, हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ || कनक सिहासन रजत जोड़ी, दशरथ नंदन जनक किशोरी, युगल छबि को सदा निहारूँ, हे राजा राम तेरी आरती उतारूं || बाम भाग शोभित जग जननी,…

श्री राम रघुपति आरती

॥ श्री राम रघुपति आरती ॥ बन्दौं रघुपति करुना निधान। जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥ रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस। सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥ निज भक्त-हृदय पाथोज-भृन्ग। लावन्यबपुष अगनित अनन्ग॥ अति प्रबल मोह-तम-मारतण्ड। अग्यान-गहन- पावक-प्रचण्ड॥ अभिमान-सिन्धु-कुम्भज उदार। सुररन्जन, भन्जन भूमिभार॥ रागादि- सर्पगन पन्नगारि। कन्दर्प-नाग-मृगपति, मुरारि॥ भव-जलधि-पोत चरनारबिन्द। जानकी-रवन आनन्द कन्द॥ हनुमन्त प्रेम बापी मराल। निष्काम कामधुक गो दयाल॥ त्रैलोक-तिलक, गुनगहन…

श्री राम रघुवीर आरती

॥ श्री राम रघुवीर आरती ॥ ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन। हरण दुखदुन्द गोविन्द आनन्दघन॥ अचर चर रुप हरि, सर्वगत, सर्वदा बसत, इति बासना धूप दीजै। दीप निजबोधगत कोह-मद-मोह-तम प्रौढ़ अभिमान चित्तवृत्ति छीजै॥ ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन॥ भाव अतिशय विशद प्रवर नैवेद्य शुभ श्रीरमण परम सन्तोषकारी। प्रेम-ताम्बूल गत शूल सन्शय…

वेंकटेशाची आरती मराठी

|| वेंकटेशाची आरती || शेषाचल अवतार तारक तूं देवा । सुरवरमुनिवर भावें करिती जन सेवा ॥ कमळारमणा अससी अगणित गुण ठेवा । कमळाक्षा मज रक्षुनि सत्वर वर द्यावा ॥ १ ॥ जय देव जय देव जय व्यंकटेशा । केवळ करुणासिंधू पुरवीसी आशा ॥ धृ. ॥ हे निजवैकुंठ म्हणुनि घ्यातों मीं तूंतें । दाखविसी गुण कैसे…

श्री नवकार महामंत्र की आरती

|| श्री नवकार महामंत्र की आरती || जय ‘अरिहंताण’, स्वामी जय अरिहंताण। भाव-भक्ति से नित्य-प्रति, प्रणमूं ‘सिद्धाण’ ॥ ॐ जय अरिहंताण ॥ दर्शन-ज्ञान-अनन्ता, शक्ति के धारी | स्वामी। यथाख्यात समकित है, कर्म-शत्रु हारी || ॐ || हे सर्वज्ञ !सर्वदर्शी ! बल, सुख अनन्त पाये ।स्वामी। अगुरुलघु अमूरत, अव्यय कहलाये ।।ॐ।। ‘नमो आयरियाण’, छत्तीस गुण पालक…

Khatu Shyam Aarti

|| Khatu Shyam Aarti || Om Jai Shri Shyam Hare, Prabhu Jai Shri Shyam Hare Nij Bhagatan Ke Tumne, Puran Kam Kare !! Om Jai Shri Shyam Hare, Prabhu Jai Shri Shyam Hare !! Gal Pushpo Ki Mala, Sir Par Mukut Dhare Pit Bsan Pitambar, Kundal Karn Pade !! Om Jai Shri Shyam Hare, Prabhu…

खाटू श्याम जी आरती

|| खाटू श्याम जी आरती || ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे । तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा…

श्री व्यंकटेश जी आरती

|| श्री व्यंकटेश जी आरती || शेषाचल अवतार तारक तूं देवा । सुरवर मुनिवर भावें करिती जन सेवा ॥ कमलारमणा अससी अगणित गुण ठेवा । कमलाक्षा मज रक्षुनि सत्वर वर द्यावा ॥ जय देव जय देव जय व्यंकटेशा । केवळ करूणासिंधु पुरविसी आशा ॥ हे निजवैकुंठ म्हणुनी ध्यातों मी तू तें । दाखविसी गुण कैसे…

शिव – शंकराची आरती

॥ शिव – शंकराची आरती ॥ जय जय शिव हर शंकर जय गिरिजारमणा ॥ पंचवदन जय त्र्यंबक त्रिपुरासुरदहना ॥ भवभयभंजन सुंदर स्मरहर सुखसदना ॥ अविकल ब्रह्म निरामय जय जगदुद्धरणा ॥ १ ॥ जय जय शिव हर शंकर … जय देव जय देव जय शंकर सांबा ॥ ओंवाळित निजभावें, नमितों मी सद्भावें वर सहजगदंबा ॥ ध्रु०…

श्री शंकराची आरती

॥ श्री शंकराची आरती ॥ लवथवती विक्राळा ब्रह्माण्डी माळा। वीषे कण्ठ काळा त्रिनेत्री ज्वाळा। लावण्य सुन्दर मस्तकी बाळा। तेथुनिया जळ निर्मळ वाहे झुळझुळा॥ जय देव जय देव जय श्रीशंकरा। आरती ओवाळू तुज कर्पुरगौरा॥ कर्पुर्गौरा भोळा नयनी विशाळा। अर्धांगी पार्वती सुमनांच्या माळा। विभुतीचे उधळण शितिकण्ठ नीळा। ऐसा शंकर शोभे उमावेल्हाळा॥ जय देव जय देव जय श्रीशंकरा।…

Shiv ji Aarti

॥ Shiv ji Aarti ॥ Om Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara। Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara॥ Om Jai Shiv Omkara… Ekanan Chaturanan Panchanan Raajey। Hansanan Garurasan Vrishvaahan Saajey॥ Om Jai Shiv Omkara… Do Bhuj Chaar Chaturbhuj Das Bhuj Te Sohey। Teeno Roop Nirakhta Tribhuvan Jan Mohey॥ Om Jai Shiv Omkara…. Akshmala Banmala Mundmala…

जय जगत्महरणा – सूर्याची आरती

|| जय जगत्महरणा – सूर्याची आरती || जय जय जगत्महरणा दिनकर सुखकिराणा । उदयाचल जगभासक दिनमणि शुभस्मरणा ॥ पद्मासन सुखमुर्ती सुहास्यवरवदना । पद्मकरा वरदप्रभ भास्वत सुखसदना ॥ १ ॥ जय देव जय देव जय भास्कर सूर्या । विधिहरिशंकररूपा जय सुरवरवर्या ॥ ध्रु० ॥ कनकाकृतिरथ एकचक्रांकित तरणी । सप्ताननाश्वभूषित रथि ता बैसोनी ॥ योजनसह्स्त्र द्वे द्वे…

Satguru Ki Aarti

|| Satguru Ki Aarti || Aarti sang Satguru ke kijai, Antar jot hot lakh lijiye || Paanch tatva tan agni jaraai, Deepak chaas prakash karijiye || Gagan-thaal ravi-shashi phal-phoola, Mool kapoor kalash dhar dijiye || Achhat nabha taare muktaahal, Pohap-maal hiy haar guhijiye || Set paan mishtaan maithaai, Chandan dhup deep sab cheejiye || Jhalak…

सतगुरु की आरती

|| सतगुरु की आरती || आरती संग सतगुरु के कीजै। अन्तर जोत होत लख लीजै ।। पाँच तत्व तन अग्नि जराई। दीपक चास प्रकाश करीजै ।। गगन-थाल रवि-शशि फल-फूला। मूल कपूर कलश धर दीजै ।। अच्छत नभ तारे मुक्ताहल। पोहप-माल हिय हार गुहीजै ।। सेत पान मिष्टान्न मिठाई। चन्दन धूप दीप सब चीजैं ।। झलक…

गुरूची आरती

|| गुरूची आरती || सगुण हे आरती निर्गुण ओवाळू ॥ कल्पनेचे घृत घालू दीप पाजळू ॥ १ ॥ ओवाळू आरती सद्गुरुनाथा, श्रीगुरुनाथा ॥ भावे चरणकमळावरी ठेविला माथा ॥ ध्रु० ॥ अविद्येचा मोह पडला उपडोनी सांडू ॥ आशा मनशा तृष्णा काम क्रोध कुरवंडू ॥ ओवाळू ॥ २ ॥ सद्गुरूचे पूजनकेले षोडशोपचारी ॥ रामानंद जीवनमुक्त झाला संसारी…

Shri Budhwar Aarti

|| Budhwar Aarti || Aarti Yugalkishor Ki Kijiye, Tan Man Dhan Nyochhavar Kijiye. Gaurshyam Mukh Nirakhan Lijiye, Hari Ka Roop Nayan Bhar Peejiye. Ravi Shashi Koti Badan Ki Shobha, Tahi Nirakhi Mero Man Lobha. Odhe Neel Peet Pat Sari, Kujbihari Girivaradhari. Phoolan Sej Phool Ki Mala, Ratna Sinhasan Bathe Nandalala. Kanchan Thar Kapoor Ki Baati,…

एकादशी माता आरती

॥ एकादशी माता आरती ॥ ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥ ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी। गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥ ॐ जय एकादशी…॥ मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी। शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा,…

गुरु गोरखनाथ आरती

|| गुरु गोरखनाथ आरती || जय गोरख देवा जय गोरख देवा। कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा॥ शीश जटा अति सुन्दर भालचन्द्र सोहे। कानन कुण्डल झलकत निरखत मन मोहे॥ गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी। आदि पुरुष योगीश्वर सन्तन हितकारी॥ नाथ निरंजन आप ही घट-घट के वासी। करत कृपा निज जन पर…

Guru Gorakhnath Ji Ki Aarti

|| Guru Gorakhnath Aarti || Jai Gorakh Deva Jai Gorakh Deva | Kar Kripa Mam Oopar Nitya Karo Seva || Sheesh Jata Ati Sundar Bhaal Chandr Sohe | Kaanan Kundal Jhalakata Nirakhat Man Mohe || Gal Seli Vich Naag Sushobhiy Tam Bhasmee Dhaari | Aadi Purush Yogishwar Santan Hitakari || Naath Niranjan aap Hi Ghat…

श्री कुबेर आरती

॥ श्री कुबेर आरती ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे । शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे । ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े । दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष…

बाबा गंगाराम आरती

॥ बाबा गंगाराम आरती ॥ जय हो गंगाराम बाबा जय हो गंगाराम। कष्ट निवारण मंगल दायक हो सब सुख के धाम॥ जय हो गंगाराम बाबा…॥ सच्चे मन से ध्यान धरे जो उनके सारो काम। धन-वैभव वह सब सुख पाता जाने जगत तमाम॥ जय हो गंगाराम बाबा…॥ प्रात:काल थारी करां वन्दना लेकर थारो नाम। चन्दन पुष्प…

सन्तोषी माता आरती

॥ सन्तोषी माता आरती ॥ जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता । अपने सेवक जन की, सुख सम्पति दाता ॥ जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥ सुन्दर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो । हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो ॥ जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ॥ गेरू लाल छटा छबि,…

संतोषी मातेची आरती

॥ संतोषी मातेची आरती ॥ मै तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की। मै तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की। जय जय संतोषी माता । जय जय माँ । बडी ममता है बडा प्यार माँ की आँखो में। माँ की आँखो में। बडी करुणा है, माया दुलार माँ की आँखो में । क्यों न…

वैभव लक्ष्मी आरती

।। वैभव लक्ष्मी आरती ।। ॐ जय वैभव लक्ष्मी माता, मैया जय वैभव लक्ष्मी माता, भक्तों के हितकारिनी, भक्तों के हितकारिनी, सुख वैभव दाता, ॐ जय वैभव लक्ष्मी माता । लक्ष्मी माँ का नाम जो लेता, सुख सम्पति पाता, मैया सुख सम्पति पाता, दुःख दरिद्र मिटता, दुःख दरिद्र मिटता, बांछित फल पाता । ॐ जय…

Santoshi Mata Aarti

॥ Santoshi Mata Aarti ॥ Jai Santoshi Mata, Maiya Jai Santoshi Mata। Apne Sewak Jan Ki, Sukh Sampati Data॥ Sundar Chir Sunahri Maa Dharan Kinhon। Hira Pana Damke, Tan Shringar Linyoh॥ ॥ Jai Santoshi Mata…॥ Geru Lal Chhata Chhavi, Badan Kamal Sohe। Mand Hansat Karunamayi, Tribhuvan Jan Mohe॥ ॥ Jai Santoshi Mata…॥ Swarna Sinhasan Baithi,…

Shri Brihaspati Dev Aarti

॥ Brihaspati Dev Aarti ॥ Jai Brihaspati Deva, Om Jai Vrhaspati Deva । Chhin Chhin Bhog Laga‌on, Kadli Phal Meva ॥ ॥ Om Jai Vrhaspati Deva..॥ Tum Puran Paramatma, Tum Antaryami । Jagatapita Jagadishvar, Tum Sabake Swami ॥ ॥ Om Jai Vrhaspati Deva..॥ Charanamrt Nij Nirmal, Sab Patak Harta । Sakal Manorath Dayak, Kripa Karo Bharta…

श्री बृहस्पति देव आरती

॥ श्री बृहस्पति देव आरती ॥ जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ, कदली फल मेवा ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी । जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥ ऊँ जय वृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥ चरणामृत निज निर्मल, सब पातक…

श्री बुधवार आरती

|| श्री बुधवार आरती || आरती युगलकिशोर की कीजै। तन मन धन न्यौछावर कीजै॥ गौरश्याम मुख निरखन लीजै। हरि का रूप नयन भर पीजै॥ रवि शशि कोटि बदन की शोभा। ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥ ओढ़े नील पीत पट सारी। कुजबिहारी गिरिवरधारी॥ फूलन सेज फूल की माला। रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला॥ कंचन थार कपूर की…

हनुमान जी आरती

|| हनुमान जी आरती || आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥ आरती कीजै हनुमान लला की। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात…

श्री पवनसुत हनुमान आरती

॥ श्री पवनसुत हनुमान आरती ॥ जयति मंगलागार, संसार, भारापहर, वानराकार विग्रह पुरारी। राम-रोषानल, ज्वालमाला मिषध्वान्तचर-सलभ-संहारकारी॥ जयति मरुदन्जनामोद-मन्दिर, नतग्रीवसुग्रीव-दुःखैकबन्धो। यातुधानोद्धत-क्रुद्ध-कालाग्निहर, सिद्ध-सुर-सज्जनानन्दसिन्धो॥ जयति मंगलागार, संसार… जयति रुद्राग्रणी, विश्ववन्द्याग्रणी, विश्वविख्यात-भट-चक्रवर्ती। सामगाताग्रणी, कामजेताग्रणी, रामहित, रामभक्तानुवर्ती॥ जयति मंगलागार, संसार… जयति संग्रामजय, रामसन्देशहर, कौशला-कुशल-कल्याणभाषी। राम-विरहार्क-संतप्त-भरतादि नर-नारि-शीतलकरणकल्पशाषी॥ जयति मंगलागार, संसार… जयति सिंहासनासीन सीतारमण, निरखि निर्भर हरष नृत्यकारी। राम संभ्राज शोभा-सहित सर्वदा…

अन्नपूर्णा माता आरती

॥ अन्नपूर्णा माता आरती ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम । सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥ बारम्बार प्रणाम,…

श्री भगवद्‍ गीता आरती

|| श्री भगवद्‍ गीता आरती || जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते । हरि-हिय-कमल-विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि, कामासक्तिहरा । तत्त्वज्ञान-विकाशिनि, विद्या ब्रह्म परा ॥ जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि, निर्मल मलहारी । शरण-सहस्य-प्रदायिनि, सब विधि सुखकारी ॥ जय भगवद् गीते…॥ राग-द्वेष-विदारिणि, कारिणि मोद सदा । भव-भय-हारिणि, तारिणि परमानन्दप्रदा ॥ जय भगवद् गीते…॥ आसुर-भाव-विनाशिनि, नाशिनि तम…

Shri Bhagwat Geeta Aarti

|| Shri Bhagwat Geeta Aarti || Jai Bhagavad Gite, Jai Bhagavad Gite । Hari-Hiy-Kamal-viharini, Sundar Supunite । ॥ Jai Bhagavad Gite…॥ Karm-Sumarm-Prakashini, Kamasaktihara । Tattvagyan-vikashini, Vidya Brahm Para ॥ ॥ Jai Bhagavad Gite…॥ Nishchal-Bhakti-Vidhayini, Nirmal Malahari । Sharan-Sahasy-Pradayini, Sab Vidhi Sukhkari ॥ ॥ Jai Bhagavad Gite…॥ Rag-Dvesh-Vidarini, Karini Mod Sada । Bhav-Hhay-Harini, Tarini Paramanandaprada ॥…

Shri Shani Dev Aarti

॥ Shri Shani Dev Aarti ॥ Jai Jai Shri Shani Dev Bhaktan Hitkari । Suraj Ke Putra Prabhu Chaya Mehatari ॥ ॥ Jai Jai Shri Shani..॥ Shyam Ank Vakra Drisht Chaturbhurja Dhari । Nilamber Dhar Nath Gaj Ki Aswari ॥ ॥ Jai Jai Shri Shani..॥ Krit Mukut Sheesh Sahej Dipat Hain Lilari । Muktan Ki…

Shaniwar Aarti

॥ Shaniwar Aarti ॥ Jai Shani Deva, Jai Shani Deva, Jai Jai Jai Shani Deva। Akhila Srishti Mein Koti-Koti Jana Karen Tumhari Seva। Jai Shani Deva…॥ Jaa Par Kupita Hou Tum Swami, Ghora Kashta Waha Pave। Dhana Vaibhava Aur Maan-Kirti, Sab Palbhara Mein Mita Jave। Raja Nala Ko Lagi Shani Dasha, Rajpaat Hara Leva। Jai…

शनिवार आरती

॥ शनिवार आरती ॥ जय शनि देवा, जय शनि देवा, जय जय जय शनि देवा। अखिल सृष्टि में कोटि-कोटिजन करें तुम्हारी सेवा। जय शनि देवा…॥ जा पर कुपित होउ तुम स्वामी, घोर कष्ट वह पावे। धन वैभव और मान-कीर्ति, सब पलभर में मिट जावे। राजा नल को लगी शनि दशा, राजपाट हर लेवा। जय शनि…

शनिदेवाची आरती

|| शनिदेवाची आरती || जय जय श्रीशनिदेवा । पद्मकर शिरी ठेवा ॥ आरती ओवाळीतो । मनोभावे करुनी सेवा ॥ जय जय श्रीशनिदेवा.. सूर्यसुता शनिमूर्ती । तुझी अगाध कीर्ती ॥ एकमुखे काय वर्ण । शेषा न चले स्फूर्ती ॥ जय जय श्रीशनिदेवा… नवग्रहामाजी श्रेष्ठ । पराक्रम थोर तूझा ॥ ज्यावरी तू कृपाकरिसी । होय रंकाचा राजा…

श्री शनिदेव आरती

॥ शनिदेव आरती॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी । सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥ ॥ जय जय श्री शनिदेव..॥ श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी । नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥ ॥ जय जय श्री शनिदेव..॥ क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी । मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी…

Join WhatsApp Channel Download App