નાગ પંચમી વ્રત કથા

|| નાગ પંચમી વ્રત કથા || પ્રાચીન સમયમાં એક શેઠજીને સાત પુત્રો હતા, જેમણે વિવાહ કર્યા હતા. સૌથી નાના પુત્રની પત્ની ખૂબ જ બુદ્ધિશાળી અને ઉમદા વર્તણૂક ધરાવતી હતી, પરંતુ તેના પોતાના ભાઈ નહોતો. એક દિવસ, મોટી પુત્રવધૂએ અન્ય વહુઓને પીળી માટી લાવવા માટે સાથે જવાનું કહ્યું. તેઓએ ઘરની મીઠી માટી ખોદવાનું શરૂ કર્યું અને…

Devi Bhagwat Puran (देवी-भागवतम् पुराण)

Devi Bhagwat Puran (देवी-भागवतम् पुराण)

देवी-भागवतम् पुराण, हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों में से एक है। यह पुराण देवी भागवत के नाम से भी जाना जाता है और इसकी विशेषता यह है कि इसमें देवी शक्ति, विशेष रूप से माता दुर्गा, काली, और अन्य शक्ति रूपों की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह पुराण भक्ति, धर्म और आध्यात्मिकता…

Panchtantra (पंचतंत्र)

Panchtantra (पंचतंत्र)

पंचतंत्र एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है, जिसे संस्कृत में लिखा गया है। इसके लेखक पंडित विष्णु शर्मा माने जाते हैं, जिन्होंने इसे राजा अमरशक्ति के बेटों को राजनीति और जीवन के महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाने के लिए लिखा था। यह ग्रंथ कहानी-कहानी के रूप में नैतिक शिक्षा प्रदान करता है और इसे विश्व की सबसे प्रसिद्ध…

Chanakya Sutrani (चाणक्य सूत्राणी)

Chanakya Sutrani (चाणक्य सूत्राणी)

चाणक्य सूत्राणी महान विद्वान और राजनीतिज्ञ चाणक्य द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार थे। उनकी रचनाएँ, विशेष रूप से चाणक्य सूत्राणी और अर्थशास्त्र, राजनीति, अर्थव्यवस्था और राज्य प्रशासन के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण…

Adbhut Ramayan (अद्भुत रामायण)

Adbhut Ramayan (अद्भुत रामायण)

अद्भुत रामायण वाल्मीकि द्वारा रचित एक प्रसिद्ध ग्रंथ है, जो रामायण का एक विशेष संस्करण माना जाता है। यह रामायण की एक अनूठी और अद्वितीय कहानी प्रस्तुत करता है, जो मूल वाल्मीकि रामायण से भिन्न है। अद्भुत रामायण में भगवान राम की वीरता, त्याग और शक्ति का वर्णन अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया गया है।…

Manidweepa Varnana (మణిద్వీప వర్ణన)

Manidweepa Varnana (మణిద్వీప వర్ణన)

మణిద్వీపం అనేది హిందూ పురాణాలలో ఉన్న అద్భుతమైన దీవి, ఇది శ్రీ మహా త్రిపురసుందరి అమ్మవారి నివాసస్థానంగా పరిగణించబడుతుంది. మణిద్వీప వర్ణన అనేది శాక్తయ సాంప్రదాయంలో ప్రముఖమైనది, ముఖ్యంగా లలితా సహస్రనామంలో దీనికి ప్రాముఖ్యత ఉంది. ఈ వర్ణన మణిద్వీపంలోని నిర్మాణం, భవనాలు, దివ్య తేజస్సు, మరియు అమ్మవారి విశేషాల గురించి తెలుపుతుంది. మణిద్వీపం యొక్క స్వరూపం మణిద్వీపం అనేది శ్రీ మహా త్రిపురసుందరి దేవి నివాసంగా పేర్కొనబడిన దివ్య లోకం. ఇది పారా బిందు నుండి…

Vayu Puran (वायु पुराण)

Vayu Puran (वायु पुराण)

वायु पुराण हिंदू धर्म के प्रमुख अठारह महापुराणों में से एक है। इसे वायुपुराण भी कहा जाता है, और इसका मुख्य उद्देश्य भगवान वायु की महिमा का वर्णन करना है, जो हिंदू धर्म में वायु देवता के रूप में पूजे जाते हैं। इस पुराण में ब्रह्मांड की उत्पत्ति, पुराणों की कथा, विभिन्न देवी-देवताओं की महिमा,…

वरलक्ष्मी व्रत का महात्म्य, पूजा विधि, तिथि और महत्व

varlakshmi vratam

वरलक्ष्मी व्रत 2024 एक अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण व्रत है जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की शुक्रवार को रखा जाता है। यह व्रत मां लक्ष्मी की आराधना के लिए समर्पित है, जो धन, समृद्धि और वैभव की देवी हैं। वरलक्ष्मी व्रत को अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस व्रत को रखने से धन-दौलत, सुख-समृद्धि,…

हरियाली तीज व्रत कथा

|| हरियाली तीज व्रत कथा || भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का एक अद्भुत पर्व है हरियाली तीज। इस पर्व से जुड़ी कथा में जानेंगे कि किस प्रकार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में प्राप्त किया। हरियाली तीज व्रत कथा के अनुसार, इस कथा का वाचन स्वयं भगवान…

Mangala Gowri Vrat Book (ಮಂಗಲಗೌರಿ ವ್ರತ)

Mangala Gowri Vrat Book (ಮಂಗಲಗೌರಿ ವ್ರತ)

ಮಂಗಲಗೌರಿ ವ್ರತ ಹಿಂದೂ ಧಾರ್ಮಿಕ ಆಚರಣೆಗಳಲ್ಲಿ ಒಂದು ಪ್ರಮುಖವಾದದು. ಈ ವ್ರತವನ್ನು ಮುಖ್ಯವಾಗಿ ನವವಿವಾಹಿತೆಯರು (ಹೊಸ ಮದುವೆಯಾದ ಮಹಿಳೆಯರು) ಅವರ ಪತಿಯ ಆಯುಸ್ಸು, ಆರೋಗ್ಯ ಮತ್ತು ಕುಟುಂಬದ ಸಮೃದ್ಧಿಗಾಗಿ ಶ್ರಾವಣ ಮಾಸದಲ್ಲಿ (ಜುಲೈ-ಆಗಸ್ಟ್) ಮಂಗಳವಾರಗಳಂದು ಆಚರಿಸುತ್ತಾರೆ. ಈ ವ್ರತವನ್ನು ಮಾಡುವುದು ಗೌರಿ ದೇವಿಯನ್ನು ಪೂಜಿಸುವುದರಿಂದ ಆಗುತ್ತದೆ. ಗೌರಿ ದೇವಿ, ಈಶ್ವರನ ಪತ್ನಿ, ಶಕ್ತಿ ಮತ್ತು ಸಮೃದ್ಧಿಯ ದೇವತೆ ಎಂದು ಪೂಜಿಸಲ್ಪಡುತ್ತಾರೆ. ವ್ರತದ ಮಹತ್ವ ಮಂಗಲಗೌರಿ ವ್ರತವು ನವವಿವಾಹಿತೆಯರು ಅವರ ಪತಿಯ ಆಯುಸ್ಸು ಮತ್ತು ಆರೋಗ್ಯಕ್ಕಾಗಿ ಮಾಡುವುದರಿಂದ ಅದರ…

Varalakshmi Vratham (వరలక్ష్మీ వ్రతం)

Varalakshmi Vratham (వరలక్ష్మీ వ్రతం)

వరలక్ష్మీ వ్రతం హిందూ సాంప్రదాయంలో ఎంతో ముఖ్యమైన పర్వదినం. ఈ వ్రతం ప్రధానంగా మహిళలు తమ కుటుంబంలో ఐశ్వర్యం, ఆరోగ్యం మరియు శాంతి కోసం నిర్వహిస్తారు. వరలక్ష్మీ వ్రతం శ్రావణ మాసంలో శుక్రవారం రోజు, ముఖ్యంగా శ్రావణ శుద్ధ పౌర్ణమి రోజున జరుపుకుంటారు. ఈ వ్రతం యొక్క ప్రధాన ఉద్దేశ్యం లక్ష్మీ దేవిని పూజించడం ద్వారా ఆమె అనుగ్రహం పొందడం. వ్రతం కథనం వరలక్ష్మీ వ్రతం గురించి పౌరాణిక కథనం ఇలా ఉంది: ఒకప్పుడు మాగధదేశంలో చారుమతి…

Brahamand Puran Part 2 (ब्रह्माण्ड पुराण – भाग 2)

Brahamand Puran Part 2 (ब्रह्माण्ड पुराण - भाग 2)

ब्रह्माण्ड पुराण हिंदू धर्म के प्रमुख अठारह महापुराणों में से एक है। इस पुराण का दूसरा भाग विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिनमें सृष्टि की उत्पत्ति, विभिन्न युगों का वर्णन, देवताओं और ऋषियों की कथाएँ शामिल हैं। यहाँ हम ब्रह्माण्ड पुराण के दूसरे भाग के प्रमुख विषयों का वर्णन करेंगे। ब्रह्माण्ड पुराण…

Brahamand Puran Part 1 (ब्रह्मांड पुराण – भाग 1)

Brahamand Puran Part 1 (ब्रह्मांड पुराण - भाग 1)

ब्रह्मांड पुराण हिंदू धर्म के प्रमुख पुराणों में से एक है और इसमें ब्रह्मा, विष्णु, और शिव के साथ-साथ सृष्टि की उत्पत्ति, विकास, और अंत के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। यह पुराण ब्रह्मा के जन्म और सृष्टि के प्रारंभ से लेकर ब्रह्मा के अंत और सृष्टि के पुनर्निर्माण तक की घटनाओं का…

Srimad Bhagavad Gita (శ్రీమద్భగవద్గీత)

Srimad Bhagavad Gita (శ్రీమద్భగవద్గీత)

శ్రీమద్భగవద్గీత, లేదా భగవద్గీత, హిందూ ధార్మిక గ్రంథాలలో ఒక ముఖ్యమైనది. ఇది మహాభారతం అనే ప్రాచీన భారతీయ ఇతిహాసంలో భాగంగా ఉంది. భగవద్గీత 700 శ్లోకాలతో కూడిన ఈ గ్రంథం, కురుక్షేత్ర సంగ్రామం సమయంలో కృష్ణుడు మరియు అర్జునుడు మధ్య జరిగిన సంభాషణ రూపంలో ఉంది. భగవద్గీతా సంభాషణ కురుక్షేత్ర సంగ్రామం ముందు అర్జునుడు తన సహోదరులను, గురువులను, స్నేహితులను యుద్ధంలో చూడగానే కలిగిన మనోవ్యధను అర్థం చేసుకోవడంలో ప్రారంభమవుతుంది. అప్పుడు కృష్ణుడు, అర్జునుడికి ధర్మం, కర్మ,…

Manusmriti The Laws of Manu

Manusmriti The Laws of Manu

The Manusmriti, also known as the Laws of Manu, is one of the most foundational ancient legal and dharmic texts in Hinduism. Composed in Sanskrit, it is traditionally credited to the sage Manu and is considered one of the earliest works of Hindu law. The text is believed to have been written around 200 BCE…

Agastya Samhita (अगस्त्य संहिता)

Agastya Sanhita (अगस्त्य संहिता)

अगस्त्य संहिता एक प्राचीन हिंदू ग्रंथ है जो ऋषि अगस्त्य द्वारा रचित मानी जाती है। यह संहिता वेद, पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। अगस्त्य संहिता में विभिन्न विषयों का वर्णन किया गया है, जिसमें ज्योतिष, आयुर्वेद, धार्मिक विधि-विधान, और योग का समावेश है। महर्षि अगस्त्य एक प्रमुख वैदिक ऋषि थे।…

દિવાસો વ્રત કથા

|| દિવાસો વ્રત કથા || એવરત-જીવરતનું વ્રત અષાઢ વદ તેરસથી અમાસ સુધી ત્રણ દિવસ કરવાનું વિધાન છે. વ્રતકર્તાએ મીઠા વિનાનું ભોજન લઈ એકટાણું કરવુું. જાગરણ કરી માતાજીના ગરબા ગાવા અને માતાજી સમક્ષ અખંડ દીવો પ્રગટાવેલો રાખવો. એવરત-જીવરતની કથા આ મુજબ છે. એક જમાનો એવો હતો કે જો સ્ત્રી નિઃસંતાન હોય તો કોઈ તેનું મોઢું ન…

Rawan Samhita Part 1 (रावण संहिता – भाग 1)

Rawan Sahinta Part 1 (रावण संहिता - भाग 1)

रावण संहिता एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो राजा रावण द्वारा रचित माना जाता है। यह ग्रंथ ज्योतिष, तंत्र, मंत्र, आयुर्वेद, और विभिन्न प्रकार की विद्या का अद्वितीय संग्रह है। रावण संहिता का पहला भाग इन विषयों के आधारभूत सिद्धांतों और उपयोगी जानकारी का विस्तृत वर्णन करता है। रावण, जो लंका का राजा और एक महान…

नाग पंचमी पौराणिक कथा

।। नाग पंचमी पौराणिक कथा ।। प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ…

Matsya Puran Part 2 (मत्स्य पुराण – भाग 2)

Matsya Puran Part 2 (मत्स्य पुराण - भाग 2)

मत्स्य पुराण का दूसरा भाग धार्मिक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें पौराणिक कथाओं, धार्मिक अनुष्ठानों, और विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इस भाग में मुख्य रूप से धार्मिक शिक्षाओं, विभिन्न देवी-देवताओं की कहानियों, और यथार्थ के बारे में गहन जानकारी प्रस्तुत की गई है। मत्स्य पुराण की…

2024 में इष्टि एवं अन्वाधान व्रतों की विस्तृत सूची, महत्व और विधि सहित

Ishti and anvdhan

वेदिक परंपरा में यज्ञों का विशेष महत्व है, और इष्टि एवं अन्वाधान ऐसे ही दो महत्वपूर्ण यज्ञ हैं। आइए इन दोनों को समझते हैं। अन्वाधान हमेशा पहले किया जाता है। इसे यज्ञ की तैयारी माना जा सकता है, जहां देवता को आमंत्रित किया जाता है। अगले दिन, वास्तविक इष्टि अनुष्ठान होता है, जहां देवता को…

Matsya Puran Part 1 (मत्स्य पुराण – भाग 1)

Matsya Puran Part 1 (मत्स्य पुराण - भाग 1)

मत्स्य पुराण हिंदू धर्म के 18 प्रमुख पुराणों में से एक है और इसका नाम ‘मत्स्य’ (मत्स्य = मछली) से लिया गया है। यह पुराण भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से संबंधित कथाओं और धार्मिक शिक्षा का स्रोत है। मत्स्य पुराण का पहला भाग प्राचीन भारतीय धर्म, संस्कृति, और ज्योतिष का महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें…

सोमवती अमावस्या व्रत कथा

|| सोमवती अमावस्या व्रत कथा || सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था जिसमें पति, पत्नी और उनकी एक पुत्री थी। उनकी पुत्री समय के साथ-साथ बड़ी होने लगी और उसमें सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास होने लगा। वह सुंदर, संस्कारी और गुणवान थी, लेकिन गरीबी के कारण उसका विवाह नहीं…

मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा

|| मासिक शिवरात्रि पौराणिक कथा || धार्मिक पौराणिक कथा के अनुसार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जानवरों की हत्या करके वह अपने परिवार को पालता था। वह एक साहूकार का कर्जदार था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि…

Atharvaved Part 2 (अथर्ववेद – भाग 2)

Atharvaved Part 2 (अथर्ववेद - भाग 2)

अथर्ववेद के दूसरे भाग में वैज्ञानिक और व्यावहारिक ज्ञान का भी विशेष महत्व है। इसमें प्राकृतिक आपदाओं के निवारण, औषधियों के उपयोग, और स्वास्थ्य संबंधी उपायों का विस्तृत वर्णन है। इसमें समाज, परिवार, और राजनीति के नियमों का भी उल्लेख है, जो व्यक्ति के जीवन को व्यवस्थित और सफल बनाने में सहायता करते हैं। अथर्ववेद…

Atharvaved Part 1 (अथर्ववेद – भाग 1)

Atharvaved Part 1 (अथर्ववेद - भाग 1)

अथर्ववेद हिंदू धर्म के चार प्रमुख वेदों में से एक है। यह वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, और सामवेद से अलग है क्योंकि इसमें धार्मिक और आध्यात्मिक मंत्रों के साथ-साथ जादू-टोना, औषधि, स्वास्थ्य, और दैनिक जीवन से संबंधित विभिन्न विषयों का विस्तृत वर्णन है। अथर्ववेद को “ब्राह्मणों का वेद” भी कहा जाता है क्योंकि इसमें धार्मिक अनुष्ठानों…

Rigved (ऋग्वेद)

Rigved (ऋग्वेद)

ऋग्वेद हिंदू धर्म के चार प्रमुख वेदों में से एक है और इसे सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण वेद माना जाता है। यह वेद भारतीय संस्कृति, धर्म और ज्ञान का एक अनमोल खजाना है। ऋग्वेद मुख्य रूप से देवताओं की स्तुति और प्रार्थना के मंत्रों का संग्रह है। ऋग्वेद की रचना का श्रेय प्राचीन ऋषियों को…

Samved (सामवेद)

Samved (सामवेद)

सामवेद हिंदू धर्म के चार प्रमुख वेदों में से एक है। यह वेद मुख्यतः संगीत और ऋचाओं के गायन पर केंद्रित है। सामवेद का प्रमुख उद्देश्य यज्ञों और अनुष्ठानों के दौरान गाए जाने वाले मंत्रों और ऋचाओं का संकलन करना और उन्हें संगीत के माध्यम से प्रस्तुत करना है। इसे “गान वेद” भी कहा जाता…

Kalki Puran (कल्की पुराण)

Kalki Puran (कल्की पुराण)

कल्की पुराण हिंदू धर्म के महा पुराणों में से एक है और यह एक विशेष पुराण है जो भगवान विष्णु के दस अवतारों में अंतिम अवतार, काल्की अवतार, के बारे में विवरण प्रदान करता है। यह पुराण भविष्य की घटनाओं, धार्मिक विचारधाराओं, और ब्रह्मा, विष्णु और शिव के बारे में विशेष जानकारी प्रदान करता है।…

Narsimha Puran (नरसिंह पुराण)

Narsimha Puran (नरसिंह पुराण)

नृसिंह पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण पुराण है। यह पुराण भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार को समर्पित है, जो आधे सिंह और आधे मानव के रूप में प्रकट हुए थे। नृसिंह पुराण में भगवान विष्णु के इस अवतार की महिमा, उनकी लीलाओं, धर्म, भक्ति, और पौराणिक कथाओं का विस्तार से…

Vishnu Puran (विष्णु पुराण)

Vishnu Puran (विष्णु पुराण)

विष्णु पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण पुराण है। यह पुराण भगवान विष्णु को समर्पित है और उनकी महिमा, लीलाओं, अवतारों, धर्म, भक्ति, और पौराणिक कथाओं का विस्तार से वर्णन करता है। विष्णु पुराण का अध्ययन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। विष्णु पुराण की रचना महर्षि पराशर ने…

Brahmvaivatra Puran (ब्रह्मवैवर्त पुराण)

Brahmvaivatra Puran (ब्रह्मवैवर्त पुराण)

ब्रह्मवैवर्त पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण और विशिष्ट पुराण है। यह पुराण ब्रह्मा, विष्णु, और शिव के रूपों के साथ-साथ देवी राधा और भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में सृष्टि, धर्म, भक्ति, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत विवरण मिलता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण की रचना महर्षि…

Vaman Puran (वामन पुराण)

Vaman Puran (वामन पुराण)

वामन पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण पुराण है। इस पुराण का नाम भगवान विष्णु के वामन अवतार के नाम पर रखा गया है। वामन पुराण में भगवान विष्णु के इस अवतार की महिमा, उनकी लीलाओं, धर्म, भक्ति, तीर्थ यात्रा, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन मिलता है। वामन पुराण की…

Shiv Puran (शिव पुराण)

Shiv Puran (शिव पुराण)

शिव पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध पुराण है। यह पुराण भगवान शिव को समर्पित है और उनके विभिन्न रूपों, लीलाओं, और उपासना विधियों का विस्तार से वर्णन करता है। शिव पुराण में शिव भक्ति, शिवलिंग पूजा, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन मिलता है। शिव पुराण की…

Padma Puran (पद्म पुराण)

Padma Puran (पद्म पुराण)

पद्म पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण और विशाल पुराण है। इस पुराण का नाम कमल (पद्म) के नाम पर रखा गया है, जो भगवान विष्णु के प्रतीक रूप में देखा जाता है। पद्म पुराण में धर्म, नीति, भक्ति, तीर्थ यात्रा, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन मिलता है। इसे धार्मिक…

हरियाली और श्रावणी अमावस्या 2024 – जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

hariyali amavsya

हरियाली अमावस्या, जिसे श्रावण अमावस्या भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार आमतौर पर श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह त्योहार 4 अगस्त, 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है।…

Narad Puran (नारद पुराण)

Narad Puran (नारद पुराण)

नारद पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण और प्राचीन पुराण है। यह पुराण देवर्षि नारद के नाम पर है, जो भगवान विष्णु के अनन्य भक्त और ब्रह्मांड के यात्रा करने वाले ऋषि माने जाते हैं। नारद पुराण में धर्म, भक्ति, संगीत, और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई…

Markandya Puran (मार्कण्डेय पुराण)

Markandya Puran (मार्कण्डेय पुराण)

मार्कण्डेय पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख और अत्यंत महत्वपूर्ण पुराण है। इसका नाम ऋषि मार्कण्डेय के नाम पर रखा गया है, जो इस पुराण के प्रमुख ऋषि हैं। मार्कण्डेय पुराण में विभिन्न धार्मिक, नैतिक, और आध्यात्मिक विषयों का विस्तृत वर्णन है। इसमें देवी महात्म्य (दुर्गा सप्तशती) का भी उल्लेख है,…

Ling Puran (लिंग पुराण)

Ling Puran (लिंग पुराण)

लिंग पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख पुराण है। यह पुराण भगवान शिव और शिवलिंग की महिमा को समर्पित है। लिंग पुराण में शिवलिंग की उत्पत्ति, महत्व, पूजा विधियाँ, विभिन्न तीर्थ स्थलों का विवरण, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन है। इसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता…

Bhavishya Puran (भविष्य पुराण)

Bhavishya Puran (भविष्य पुराण)

भविष्य पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख पुराण है। इस पुराण का नाम “भविष्य” (भविष्यकाल) पर आधारित है, जो इसके विषयवस्तु को दर्शाता है। भविष्य पुराण में आने वाले समय के घटनाओं, भविष्यवाणियों, और विभिन्न युगों का वर्णन मिलता है। यह पुराण विशेषकर धार्मिक और सामाजिक परंपराओं, विधियों, और रीति-रिवाजों का…

Brahma Puran (ब्रह्म पुराण)

Brahma Puran (ब्रह्म पुराण)

ब्रह्म पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण पुराण है। यह पुराण भगवान ब्रह्मा को समर्पित है, जो सृष्टि के रचयिता माने जाते हैं। ब्रह्म पुराण में ब्रह्मा की महिमा, सृष्टि की उत्पत्ति, धर्म, आचार, पूजा विधियाँ, और पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन है। इसे वैदिक साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना…

Bhagwat Puran (भागवत पुराण)

Bhagwat Puran (भागवत पुराण)

भागवत पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित पुराण है। इसे श्रीमद्भागवत या सिर्फ भागवत के नाम से भी जाना जाता है। यह पुराण भगवान विष्णु और उनके अवतारों, विशेषकर श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं का विस्तृत वर्णन करता है। भागवत पुराण में भक्तिभावना, धर्म, और ज्ञान का समृद्ध संगम…

Garuda Puran (गरुड़ पुराण)

Garuda Puran (गरुड़ पुराण)

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक प्रमुख पुराण है। यह पुराण भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ को समर्पित है। गरुड़ पुराण में मृत्यु, आत्मा, पुनर्जन्म, कर्म, और मोक्ष के विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई है। इसे विशेष रूप से मृत्युकाल में सुनने और पढ़ने का महत्व बताया गया है, जिससे…

Kurma Puran (कूर्म पुराण)

Kurma Puran (कूर्म पुराण)

कूर्म पुराण हिंदू धर्म के अठारह महापुराणों में से एक महत्वपूर्ण पुराण है। यह पुराण भगवान विष्णु के कूर्म (कछुआ) अवतार को समर्पित है। कूर्म पुराण में धर्म, आचार, पूजा विधियाँ, तीर्थ यात्रा, और विभिन्न पौराणिक कथाओं का विस्तृत वर्णन है। इसे धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कूर्म पुराण की…

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || एक समय राक्षसराज रावण कैलास पर्वत पर भक्तिभावपूर्वक भगवान शिव की आराधना कर रहा था। बहुत दिनों तक आराधना करने के बाद भी जब भगवान शिव उस पर प्रसन्न नहीं हुए, तब वह दूसरी विधि से तप-साधना करने लगा। उसने हिमालय पर्वत से दक्षिण की ओर सघन वृक्षों…

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || शिव पुराण के अनुसार, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना से सम्बंधित कथा इस प्रकार है: प्रजापति दक्ष ने अपनी सभी सत्ताइस पुत्रियों का विवाह चन्द्रमा के साथ कर दिया, जिससे वे बहुत प्रसन्न हुए। चन्द्रमा को पत्नी के रूप में दक्ष…

हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| हिरण्यगर्भ दूधेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अतिरिक्त अनेक हिरण्यगर्भ शिवलिंग हैं, जिनका बड़ा अद्भुत महातम्य है। इनमें से कई शिवलिंग चमत्कारी हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं तथा सिद्धपीठों में स्थापित हैं। इन्हीं सिद्धपीठों में से एक है श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मठ मंदिर, जहां स्वयंभू हिरण्यगर्भ दूधेश्वर…

भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा

|| भीमशंकर ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा || भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। शिवपुराण में कहा गया है कि पुराने समय में भीम नाम का एक राक्षस था। वह राक्षस कुंभकर्ण का पुत्र था, परंतु उसका जन्म ठीक उसके पिता की मृत्यु के बाद हुआ था। उसे अपने पिता की मृत्यु भगवान राम…

अन्नपूर्णा माता व्रत कथा

|| अन्नपूर्णा माता व्रत कथा || एक समय की बात है, काशी निवासी धनंजय की पत्नी सुलक्षणा थी। उसे सभी सुख प्राप्त थे, केवल निर्धनता ही उसके दुःख का एकमात्र कारण थी। यह दुःख उसे हर समय सताता रहता था। एक दिन सुलक्षणा ने अपने पति से कहा, “स्वामी! आप कुछ उद्यम करो तो काम…

आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा

|| आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा || पार्वती जी ने पूछा, “हे पुत्र! आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को गणेश जी की पूजा कैसे करनी चाहिए? आषाढ़ मास के गणपति देवता का क्या नाम है? उनके पूजन का क्या विधान है? कृपया आप मुझे बताइए।” गणेश जी ने कहा, “आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी के दिन कृष्णपिङ्गल नामक…