हनुमान चालीसा कब, क्यों और कैसे पढ़ें? जानिए लाभ और सही समय

hanuman chalisa

हनुमान चालीसा हिंदू धर्म में एक बहुत ही प्रसिद्ध स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र न केवल भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करता है बल्कि मन को शांत और आत्मविश्वास से भर देता है। हनुमान चालीसा, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण भक्ति स्तोत्र है, जिसमें भगवान हनुमान…

महामृत्युंजय मंत्र क्यों है इतना खास? जानिए इसकी शक्ति, लाभ और वास्तविक अर्थ

Lord Shiva Mantra

महा मृत्युंजय मंत्र, ऋग्वेद का एक प्राचीन श्लोक है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंत्र न केवल मृत्यु पर विजय का प्रतीक है बल्कि जीवन, मृत्यु और मोक्ष के गहन दर्शन को भी प्रतिबिंबित करता है। हिंदू धर्म में, इस मंत्र को अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और इसे विभिन्न अनुष्ठानों में उपयोग…

कौन थे पहले कांवरिया? जानें कांवड़ यात्रा का इतिहास, महत्व और रहस्य

kawad yatra

कांवड़ यात्रा भारत की सबसे प्रमुख और जीवंत हिंदू तीर्थयात्राओं में से एक है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं, जिन्हें कांवरिया कहा जाता है। इस वार्षिक तीर्थयात्रा में गंगा नदी से पवित्र जल लेकर विभिन्न शिव मंदिरों तक पहुंचाया जाता है। लेकिन पहले कांवरिया कौन थे और इस प्राचीन परंपरा का इतिहास, महत्व और…

क्या है रुद्राभिषेक? जानें इसकी विधि, महत्व और लाभ

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अभिषेक शब्द का अर्थ है “स्नान कराना”। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र, यानी भगवान शिव का अभिषेक करना। यह पवित्र स्नान शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के साथ किया जाता है। रुद्राभिषेक एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जो भगवान शिव को प्रसन्न करने और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने का एक उत्तम तरीका है। रुद्राभिषेक…

दत्तात्रेय के 24 गुरु कौन थे? जानिए इनसे मिली शिक्षाएं|

bhagwan dattatreya

भगवान दत्तात्रेयजी हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं, जिन्हें त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर) का अवतार माना जाता है। वे एक सिद्ध पुरुष, योगी और संत के रूप में भी पूजित हैं। वे प्रकृति से सीखने के प्रबल समर्थक थे। उनके जीवन में 24 गुरु थे, जिनमें से अधिकांश प्राकृतिक तत्व थे। इनमें से…

शिव जी स्तुति

॥ शिव स्तुति ॥ आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥ निर्विकार ओमकार अविनाशी, तुम्ही देवाधि देव, जगत सर्जक प्रलय करता, शिवम सत्यम सुंदरा ॥ आशुतोष शशाँक शेखर… निरंकार स्वरूप कालेश्वर, महा योगीश्वरा, दयानिधि दानिश्वर जय, जटाधार अभयंकरा ॥ आशुतोष शशाँक शेखर… शूल पानी त्रिशूल धारी, औगड़ी बाघम्बरी,…

शिव चालीसा

॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल…

शिव जी आरती

॥आरती॥ ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥ दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे । त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥ अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला…

श्री शिव सहस्रनामावली

॥श्री शिव सहस्रनामावली॥ ॐ स्थिराय नमः। ॐ स्थाणवे नमः। ॐ प्रभवे नमः। ॐ भीमाय नमः। ॐ प्रवराय नमः । ॐ वरदाय नमः । ॐ वराय नमः । ॐ सर्वात्मने नमः । ॐ सर्वविख्याताय नमः । ॐ सर्वस्मै नमः ॥ १० ॥ ॐ सर्वकराय नमः । ॐ भवाय नमः । ॐ जटिने नमः । ॐ चर्मिणे…

भोलेनाथ को कैसे करें प्रसन्न? सावन सोमवार पर लगाएं ये पसंदीदा भोग, होगी मनोकामना पूरी

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सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस महीने में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। कहा जाता है कि सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन विभिन्न प्रकार…

सावन माह 2024 – क्या करें और क्या न करें? भगवान शिव की पूजा विधि, व्रत नियम

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सावन मास, भगवान शिव का प्रिय महीना, 2024 में 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा। इस पवित्र महीने में, भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं, व्रत रखते हैं, और कावड़ यात्रा निकालते हैं। सावन माह हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की…

शिव अमृतवाणी

|| शिव अमृतवाणी || कल्पतरु पुन्यातामा प्रेम सुधा शिव नाम हितकारक संजीवनी शिव चिंतन अविराम पतिक पावन जैसे मधुर शिव रसन के घोलक भक्ति के हंसा ही चुगे मोती ये अनमोल जैसे तनिक सुहागा सोने को चमकाए शिव सुमिरन से आत्मा अध्भुत निखरी जाये जैसे चन्दन वृक्ष को डसते नहीं है नाग शिव भक्तो के…

श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्रम् अर्थ सहित

।। शिव पंचाक्षर स्तोत्र की विधि ।। प्रात: काल सबसे पहले स्नान आदि करके शिवलिंग का दूध और जल से अभिषेक करें। इसके बाद भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें और अंत में शिव पंचाक्षर स्तोत्र के पठन की शुरुआत करना चाहिए। ।। शिव पंचाक्षर स्तोत्र पाठ का लाभ ।। भगवान शिव के इस पंचाक्षर…

चिरंजीव और आयुषमती की कथा

|| चिरंजीव और आयुषमती की कथा || चिरंजीव एक समय की बात है, एक ब्राह्मण के संतान नहीं थी। उसने महामाया की तपस्या की, और माता जी उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर उसे वरदान देने को तैयार हो गईं। ब्राह्मण ने पुत्र प्राप्ति की इच्छा जताई। माता जी ने कहा, “मेरे पास दो प्रकार के…

भगवान दत्तात्रेय जन्म कथा

|| भगवान दत्तात्रेय जन्म कथा || भगवान को जब अपने भक्तों का यश बढ़ाना होता है, तो वे नाना प्रकार की लीलाएँ करते हैं। श्री लक्ष्मी जी, माता सती और देवी सरस्वती जी को अपने पतिव्रत का बड़ा अभिमान था। तीनों देवियों के अभिमान को नष्ट करने तथा अपनी परम भक्तिनी पतिव्रता धर्मचारिणी अनसूया के…