गोवर्धन पूजा 2025 – घर पर कैसे करें पूजन? जानें विधि, मंत्र और आरती

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सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में त्योहारों की एक लंबी श्रृंखला है, जिसमें दिवाली के ठीक अगले दिन मनाया जाने वाला गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) एक विशेष स्थान रखता है। इसे ‘अन्नकूट उत्सव’ (Annakoot Utsav) के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के उस अद्भुत चमत्कार को समर्पित है, जब उन्होंने इंद्र…

अन्नकूट महाप्रसाद 2025 – गोवर्धन पूजा में क्यों होता है अन्नकूट का विशेष महत्व?

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हर साल दीवाली (Diwali) के ठीक अगले दिन, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को, भारतवर्ष में एक अनुपम त्योहार मनाया जाता है – गोवर्धन पूजा। इसे अन्नकूट महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) और प्रकृति (Nature) के प्रति हमारी कृतज्ञता (gratitude) व्यक्त करने का…

Margashirsha Purnima Vrat – मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात करें ये 4 सरल उपाय, दूर होगी हर बाधा और मिलेगी सफलता

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हिंदू पंचांग (Hindu Calendar) के अनुसार, मार्गशीर्ष (अगहन) माह की पूर्णिमा तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक (Spiritual) दृष्टि से बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं इस माह को अपना स्वरूप बताया है, इसलिए यह माह पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और भगवान सत्यनारायण (Lord Satyanarayan)…

दत्तात्रेय जयंती पर करें ये सरल पूजा विधि और मंत्र जाप – धन-समृद्धि और गुरु कृपा पाने का अचूक तरीका।

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मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को भगवान दत्तात्रेय (Lord Dattatreya) का जन्मोत्सव मनाया जाता है, जिसे दत्तात्रेय जयंती के नाम से जाना जाता है। भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश (Brahma, Vishnu, Mahesh) तीनों देवताओं का संयुक्त स्वरूप (Combined form) माना जाता है। इनमें गुरु और ईश्वर दोनों रूप समाहित हैं, इसलिए इन्हें ‘श्री…

काली चौदस 2025 – नरक चतुर्दशी का रहस्य, क्यों इस दिन होती है यमराज और काली मां की पूजा?

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दिवाली का पर्व रोशनी, खुशियां और उत्साह का प्रतीक है। पांच दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में हर दिन का अपना एक विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण दिन है, काली चौदस। जिसे हम नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) के नाम से भी जानते हैं। यह दिन केवल दिवाली की तैयारियों का हिस्सा…

यम दीपम 2025 का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि – यम दीपम का महत्व, क्यों कहते हैं इसे अकाल मृत्यु निवारण दीप (Yam Deepam)

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दीपावली का त्योहार (Diwali Festival) सिर्फ खुशियों और रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि यह सनातन संस्कृति (Sanatana Culture) के गहन आध्यात्मिक और वैज्ञानिक मूल्यों का भी प्रतीक है। पांच दिवसीय इस महापर्व की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) के दिन होती है, जिसे कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इसी…

धनतेरस 2025 शुभ मुहूर्त – सोना-चाँदी से बर्तन तक, धनतेरस के दिन क्या खरीदें? जाने पूजा विधि और खरीदारी से जुड़ी खास टिप्स

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दीपावली का त्यौहार 5 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज के दिन खत्म होता है। हर साल धनतेरस 2025 कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा होती है। इसके अगले दिन छोटी…

गोवत्स द्वादशी (Bach Baras) 2025 – पुत्र की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए अद्भुत व्रत

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हिंदू धर्म में, गाय को माता का दर्जा प्राप्त है और उनकी पूजा का विधान सदियों पुराना है। इसी परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है गोवत्स द्वादशी, जिसे आम बोलचाल की भाषा में बछ बारस के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान की मंगल कामना, दीर्घायु (Long life) और…

तुला संक्रान्ति पर क्या करें और क्या न करें? जानें शुभ-अशुभ कर्मों का प्रभाव

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हिन्दू पंचांग में संक्रान्ति (Sankranti) का विशेष महत्व है, जो सूर्य देव के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर (Transit) को दर्शाती है। वर्षभर में कुल 12 संक्रान्तियाँ होती हैं, और उनमें से एक है तुला संक्रान्ति। इस दिन सूर्य कन्या राशि से निकलकर तुला राशि (Libra) में प्रवेश करते हैं। ज्योतिष में, तुला…

गुरुवायुर एकादशी व्रत कैसे करें? सही पूजा सामग्री, मंत्र और पारण का समय, पाएं पूर्ण लाभ (Guruvayur Ekadashi Vrat Complete Guide)

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सनातन धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है और इसका विशेष महत्व है। हर एकादशी अपने आप में पवित्र और फलदायी होती है, लेकिन केरल के प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर (Guruvayur Temple) में मनाई जाने वाली गुरुवायुर एकादशी का महत्व असाधारण है। इसे दक्षिण भारत का “द्वारका” भी कहा जाता है।…

भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि 2025 – शिव-पार्वती और हनुमान जी की एक साथ पूजा से पाएं अद्भुत लाभ, ज़रूर पढ़ें कथा

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क्या आप कर्ज (Debt) और आर्थिक संकट (Financial Crisis) से परेशान हैं? क्या जीवन में मंगल (Auspiciousness) की कमी महसूस हो रही है? तो यह ब्लॉग आपके लिए है! प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत रखा जाता है। जब यह शुभ तिथि मंगलवार (Tuesday) को पड़ती है, तो इसे…

सौभाग्य और समृद्धि के लिए कब है भौम प्रदोष व्रत? कथा और पूजा विधि के साथ जानें इस व्रत का महत्व

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सनातन धर्म में व्रतों और त्योहारों का विशेष महत्व है, और इन्हीं में से एक अत्यंत फलदायी व्रत है भौम प्रदोष व्रत। यह व्रत भगवान शिव, माता पार्वती और मंगल ग्रह (Lord Shiva, Goddess Parvati, and Mars) के संयुक्त आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। माना जाता है कि जो…

Kartik Chaumasi Chaudas 2025 – कब है चौमासी चौदस? जानें जैनियों के वर्षावास की समाप्ति और इस दिन के 5 नियम

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जैन धर्म (Jainism) में त्योहारों और पर्वों का अपना एक विशेष महत्व होता है, जो आत्म-शुद्धि और अहिंसा (Non-violence) के सिद्धांतों पर आधारित होते हैं। इन्हीं महत्वपूर्ण दिनों में से एक है ‘कार्तिक चौमासी चौदस’। यह केवल एक तिथि नहीं, बल्कि चार माह के त्याग, तपस्या और साधना (Penance and spiritual practice) के बाद आत्म-चिंतन…

ज्ञान का महासागर ‘भगवद् गीता’ – क्यों मनाई जाती है गीता जयन्ती और क्या है इसका महत्व? (Gita Jayanti)

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भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के आकाश में ‘श्रीमद्भगवद् गीता’ (Shrimad Bhagavad Gita) एक ऐसे ध्रुव तारे के समान है, जो अनादि काल से मानव जाति को सही दिशा दिखाता रहा है। यह केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला (Art of living), प्रबंधन (Management) और मनोविज्ञान (Psychology) का एक अद्भुत संगम है।…

श्रीकमलाम्बाष्टकम्

श्रीकमलाम्बाष्टकम् देवी श्री कमलाम्बा को समर्पित एक संस्कृत स्तोत्र है, जो माँ लक्ष्मी का ही एक रूप हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से संगीतकार मुत्तुस्वामी दीक्षितर द्वारा रचित ‘कमलाम्बा नववक्र कृति’ नामक प्रसिद्ध रचनाओं का एक भाग हो सकता है। “श्रीकमलाम्बाष्टकम् PDF” हिंदी में उपलब्ध एक दस्तावेज़ को संदर्भित करता है। इस PDF में आमतौर…

तैलंग स्वामी जयंती – 300 साल जीने वाले काशी के ‘जीवित शिव’ के अलौकिक चमत्कार और रहस्य

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भारत की आध्यात्मिक (spiritual) भूमि पर ऐसे कई योगी हुए हैं, जिनका जीवन किसी रहस्य से कम नहीं रहा। इन्हीं में से एक थे श्री तैलंग स्वामी, जिन्हें वाराणसी (काशी) के लोग साक्षात ‘जीवित शिव’ (Walking Shiva) मानते थे। पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को उनकी जयंती मनाई जाती है, जो हमें इस…

ನರಕ ಚತುರ್ದಶೀ ಕಥಾ

The “Narak Chaturdashi Katha Kannada PDF” refers to a digital document containing the traditional narrative associated with the festival of Narak Chaturdashi, transcribed in the Kannada language. This day, also known as Choti Diwali, marks the second day of the five-day Diwali festival. The ‘Katha’ (story) recounts how Lord Krishna, aided by his wife Satyabhama…

നരക ചതുർദശീ കഥാ

The “Narak Chaturdashi Katha” recounts the mythological story behind the second day of the five-day Diwali festival. This day commemorates the victory of Lord Krishna over the demon Narakasura, who had imprisoned thousands of maidens. Krishna, along with his wife Satyabhama, defeated the demon and freed the captives, signifying the triumph of good over evil….

நரக சதுர்த³ஶீ கதா²

The “Narak Chaturdashi Katha” details the Hindu legend associated with the festival, also known as Choti Diwali. It primarily narrates the story of Lord Krishna, along with his consort Satyabhama, vanquishing the demon Narakasura. This demon king of Pragjyotishapura had abducted 16,000 women and stolen the ear-rings of Aditi, the mother of the gods. The…

ନରକ ଚତୁର୍ଦଶୀ କଥା

The “Narak Chaturdashi Katha” refers to the traditional stories associated with the Hindu festival of Narak Chaturdashi, also known as Chhoti Diwali or Kali Chaudas. This festival is celebrated a day before Diwali. The most famous legend recounts Lord Krishna’s victory over the demon Narakasura, freeing sixteen thousand captive princesses. Another narrative focuses on the…

ਨਰਕ ਚਤੁਰ੍ਦਸ਼ੀ ਕਥਾ

The “Narak Chaturdashi Katha Punjabi PDF” refers to a downloadable document containing the sacred narrative (Katha) of Narak Chaturdashi, transcribed in the Punjabi language using the Gurmukhi script. Narak Chaturdashi, also known as Choti Diwali or Roop Chaudas, is the second day of the five-day Diwali festival. The story traditionally recounts the triumph of good…

నరక చతుర్దశీ కథా

The “Narak Chaturdashi Katha Telugu PDF” refers to a downloadable document that contains the traditional story (Katha) of Narak Chaturdashi, transcribed in the Telugu language and script. Narak Chaturdashi is the second day of the five-day Diwali festival. The story recounts the legend of Lord Krishna’s victory over the evil demon Narakasura, symbolizing the triumph…

નરક ચતુર્દશી કથા

“નરક ચતુર્દશી કથા PDF” એ હિંદુ તહેવાર નરક ચતુર્દશી (જેને ‘રૂપ ચૌદસ’ અથવા ‘નાની દિવાળી’ પણ કહેવાય છે) સાથે જોડાયેલી પૌરાણિક વાર્તાઓનો સંગ્રહ છે. આ PDF ફોર્મેટમાં રહેલી કથા, ગુજરાતી ભાષામાં ઉપલબ્ધ હોય છે, જે વાચકોને આ પવિત્ર દિવસના મહત્વ અને તેની ઉજવણી પાછળના ઇતિહાસ વિશે જણાવે છે. નરક ચતુર્દશી મુખ્યત્વે ભગવાન શ્રીકૃષ્ણ દ્વારા અસુરી…

शारदा स्तोत्र

|| शारदा स्तोत्र (Sharada Stotram PDF) || नमस्ते शारदे देवि काश्मीरपुरवासिनि। त्वामहं प्रार्थये नित्यं विद्यादानं च दहि मे। या श्रद्धा धारणा मेधा वाग्देवी विधिवल्लभा। भक्तजिह्वाग्रसदना शमादिगुणदायिनी। नमामि यामिनीं नाथलेखालङ्कृतकुन्तलाम्। भवानीं भवसन्तापनिर्वापणसुधानदीम्। भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः। वेदवेदाङ्गवेदान्तविद्यास्थानेभ्य एव च। ब्रह्मस्वरूपा परमा ज्योतिरूपा सनातनी। सर्वविद्याधिदेवी या तस्यै वाण्यै नमो नमः। यया विना जगत् सर्वं शश्वज्जीवन्मृतं…

सिद्धशारदास्तुतिः

“सिद्धशारदास्तुतिः” एक संस्कृत स्तोत्र है जो विद्या और ज्ञान की देवी माँ शारदा (सरस्वती) की स्तुति में रचा गया है। यह स्तुति साधकों द्वारा माँ सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से पढ़ी जाती है ताकि वे ज्ञान, बुद्धि और कला के क्षेत्र में सिद्धि प्राप्त कर सकें। इसका नाम ‘सिद्धशारदा’ इंगित…

श्रीशारदादेवीस्तुतिः

श्रीशारदादेवीस्तुतिः PDF स्वामी रामकृष्ण परमहंस की धर्मपत्नी और आध्यात्मिक सहधर्मिणी, माँ शारदा देवी (श्री माँ) को समर्पित एक पवित्र स्तुति है। यह संस्कृत पाठ उनकी अलौकिक दिव्यता, मातृ-प्रेम और त्यागपूर्ण जीवन की महिमा का वर्णन करता है। स्तुति में उन्हें साक्षात ‘परमा प्रकृति’ और देवी सरस्वती का अवतार बताया गया है। इस स्तुति का हिंदी…

कूर्म द्वादशी का रहस्य – श्रीहरि विष्णु का कच्छप अवतार क्यों है इतना खास? महत्व और पूजन के नियम

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हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के दस अवतारों (दशावतार) का विशेष महत्व है, और इन्हीं में से एक है उनका दूसरा अवतार – कूर्म अवतार (Kurma Avatar)। कूर्म, जिसका अर्थ संस्कृत में ‘कछुआ’ होता है, इस बात का प्रतीक है कि सृष्टि के संतुलन को बनाए रखने के लिए स्वयं श्रीहरि विष्णु ने कितना विराट…

शारदा दशक स्तोत्र

शारदा दशक स्तोत्र एक पवित्र संस्कृत स्तोत्र है जो विद्या और ज्ञान की देवी, माँ शारदा (सरस्वती) को समर्पित है। ‘दशक’ का अर्थ है दस श्लोकों का संग्रह, इसलिए यह स्तोत्र दस छंदों में देवी की महिमा का वर्णन करता है। इस स्तोत्र को पढ़ने से बुद्धि, स्मरण शक्ति और वाक्पटुता में वृद्धि होती है,…

नरक चतुर्दशी कथा

नरक चतुर्दशी कथा PDF आमतौर पर छोटी दिवाली के रूप में मनाए जाने वाले त्योहार, नरक चतुर्दशी से जुड़ी पौराणिक कहानियों का संग्रह है। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाए जाने वाले इस पर्व की मुख्य कथा यह है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने सोलह…

कमला अष्टक स्तोत्र

कमला अष्टक स्तोत्र एक पवित्र संस्कृत पाठ है जो देवी कमला (माँ लक्ष्मी) को समर्पित है, जो दस महाविद्याओं में से एक हैं। ‘अष्टक’ का अर्थ है आठ छंदों का संग्रह। यह स्तोत्र देवी कमला की स्तुति करता है, उनकी कृपा, धन और समृद्धि के लिए उनका आह्वान करता है। कमला महालक्ष्मी का स्वरूप हैं…

श्री कमलाष्टोत्तरशतनामावली

श्री कमलाष्टोत्तरशतनामावली PDF माँ कमला (दश महाविद्याओं में से एक) को समर्पित एक पवित्र स्तोत्र है, जिसमें उनके 108 नामों का वर्णन है। यह PDF भक्तों के लिए एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक संसाधन है, जो उन्हें इस स्तोत्र का पाठ करने और देवी कमला का पूजन करने में सहायता करता है। यह नामावली देवी लक्ष्मी का…

शारदा स्तुति

शारदा स्तुति (या सरस्वती वंदना) माँ शारदा अर्थात् देवी सरस्वती को समर्पित एक पवित्र प्रार्थना है। इन्हें ज्ञान, कला, संगीत और वाणी की देवी माना जाता है। “शारदा स्तुति PDF” का तात्पर्य उस दस्तावेज़ से है जो इस स्तुति के मूल संस्कृत श्लोकों या हिंदी अनुवाद को पढ़ने और कंठस्थ करने के लिए देवनागरी लिपि…

Karwa Chauth Vrat Katha and Pooja Vidhi

The “Karwa Chauth Vrat Katha and Pooja Vidhi PDF” is a comprehensive guide for the Hindu festival of Karwa Chauth. The Vrat Katha is the traditional story, most famously about a queen named Veeravati, that is recited during the day. It highlights the importance of keeping the fast sincerely for marital longevity and well-being. The…

Shri Karwa Mata Aarti

The Shri Karwa Mata Aarti is a pivotal devotional hymn recited during the Hindu festival of Karwa Chauth. Married women observe this day-long, often nirjala (without water), fast for the longevity, prosperity, and well-being of their husbands. The Aarti, which typically begins with “Om Jai Karwa Maiya,” is sung in the evening as a final…

अहोई माता आरती

अहोई अष्टमी का पावन पर्व, संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन माताएँ अहोई माता आरती गाकर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। अहोई माता की महिमा अपरंपार है और उनकी कृपा से सूनी गोद भी भर जाती है। यदि आप अहोई माता की संपूर्ण आरती और पूजन विधि…

Shri Ahoi Mata Ji Ki Aarti

The “Shri Ahoi Mata Ji Ki Aarti PDF” contains the devotional hymn dedicated to Goddess Ahoi Mata, a form of Goddess Parvati. This Aarti is an essential part of the Ahoi Ashtami festival, primarily observed by mothers in North India. Mothers perform the Aarti while observing a rigorous fast for the longevity, well-being, and prosperity…

వక్రతుండ స్తుతి

The “Vakratunda Stuti Telugu PDF” refers to a sacred Hindu prayer dedicated to Lord Ganesha, the remover of obstacles. A Stuti is a hymn of praise, and the term Vakratunda (“curved trunk”) is one of Ganesha’s prominent names. This specific document is a PDF containing the prayer’s verses written in the Telugu script, making it…

வக்ரதுண்ட ஸ்துதி

The “Vakratunda Stuti” is a very popular prayer, or mantra, dedicated to Lord Ganesha, the remover of obstacles. The most well-known verse is “Vakratunda Mahakaya Surya Koti Samaprabha, Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva-Kaaryeshu Sarvadaa.” This translates to: “O Lord with the curved trunk, the massive body, whose splendor equals a billion suns, please make all…

ವಕ್ರತುಂಡ ಸ್ತುತಿ

The phrase “Vakratunda Stuti” typically refers to the famous hymn Vakratunda Mahakaya, a revered prayer to Lord Ganesha, the remover of obstacles. A “Kannada PDF” version implies the original Sanskrit verses are presented with Kannada script and possibly an English translation or meaning. The stuti itself praises Ganesha, describing him as having a curved trunk…

വക്രതുണ്ഡ കവചം

The Vakratunda Kavacham is a powerful Sanskrit prayer, or kavacham (armor/shield), dedicated to Lord Ganesha, who is revered as Vakratunda, the one with the curved trunk. This protective hymn invokes Ganesha’s various forms to safeguard different parts of the devotee’s body from obstacles and negative influences. The “Malayalam PDF” specifically refers to a document containing…

వక్రతుండ కవచం

The “Vakratunda Kavacham” is a powerful Sanskrit prayer, or “armour” (Kavacham), dedicated to Lord Ganesha, the remover of obstacles. A “Telugu PDF” version means the original Sanskrit text is presented using the Telugu script, which is a common practice for devotees to read and recite Hindu scriptures in South India. This protective hymn invokes the…

வக்ரதுண்ட கவசம்

The “Vakratunda Kavacham” is a sacred Sanskrit protective hymn dedicated to Lord Ganesha, often referred to by his epithet, Vakratunda (the curved-trunk one). A “Tamil PDF” of this work is a digital document that contains the original Sanskrit verses transliterated into the Tamil script. This Kavacham is recited by devotees to invoke Ganesha’s divine protection,…

ವಕ್ರತುಂಡ ಕವಚಂ

The “Vakratunda Kavacham” is a sacred Sanskrit protective hymn dedicated to Lord Ganesha, often referred to by his epithet Vakratunda (“curved trunk”). A Kannada PDF of this text is a digital document that transcribes the original Sanskrit verses into the Kannada script, making it accessible to readers proficient in the language of Karnataka. This Kavacham…

यम द्वितीया की कथा (भाई दूज)

यम द्वितीया का पर्व, जिसे हम भाई दूज के नाम से भी जानते हैं, भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह दीपावली के दो दिन बाद, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व के पीछे एक पौराणिक कथा है जो भाई-बहन के इस अटूट रिश्ते की…

अट्टालसुन्दराष्टकम्

|| अट्टालसुन्दराष्टकम् (Attala Sundara Ashtakam PDF) || विक्रमपाण्ड्य उवाच- कल्याणाचलकोदण्डकान्तदोर्दण्डमण्डितम् । कबलीकृतसंसारं कलयेऽट्टालसुन्दरम् ॥ १ ॥ कालकूटप्रभाजालकलङ्कीकृतकन्धरम् । कलाधरं कलामौलिं कलयेऽट्टालसुन्दरम् ॥ २ ॥ कालकालं कलातीतं कलावन्तं च निष्कलम् । कमलापतिसंस्तुत्यं कलयेऽट्टालसुन्दरम् ॥ ३ ॥ कान्तार्धं कमनीयाङ्गं करुणामृतसागरम् । कलिकल्मषदोषघ्नं कलयेऽट्टालसुन्दरम् ॥ ४ ॥ कदम्बकाननाधीशं काङ्क्षितार्थसुरद्रुमम् । कामशासनमीशानं कलयेऽट्टालसुन्दरम् ॥ ५ ॥ सृष्टानि मायया येन…

Kartik Month 2025 – कार्तिक मास में क्या करें, क्या न करें? कार्तिक माह क्यों है विशेष?

kartik mass

कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र महीना माना जाता है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान और व्रत किए जाते हैं। आइए जानते हैं कार्तिक मास 2025 में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, साथ ही इस महीने के महत्व और पौराणिक कथाओं के…

कार्तिक अमावस्या व्रत कथा

कार्तिक अमावस्या, जिसे दीपावली के रूप में मनाया जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने का विशेष महत्व है। ‘कार्तिक अमावस्या व्रत PDF’ में अक्सर इस व्रत की संपूर्ण कथा, पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और इसके महात्म्य का विवरण होता है। यह PDF पाठकों को यह जानने…

आंवला नवमी (अक्षय नवमी) की व्रत कथा व पूजा विधि

आंवला नवमी, जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। ‘अक्षय’ का अर्थ है जिसका कभी क्षरण न हो, इसलिए इस दिन किए गए पुण्य और दान का फल अक्षय होता है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि…

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