देवी गंगा सहस्रनामावली में मां गंगा के 1000 पवित्र नामों का वर्णन है, जो उनके दिव्य स्वरूप, महिमा और उनकी कृपा को प्रकट करते हैं। गंगा नदी को हिंदू धर्म में सर्वाधिक पवित्र माना गया है और उन्हें “मां गंगा” के रूप में पूजा जाता है। यह माना जाता है कि मां गंगा का स्मरण मात्र करने से व्यक्ति के पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा सहस्रनामावली का पाठ मां गंगा की पवित्रता और उनके अमृतमय जल की महिमा को समझने का अद्वितीय माध्यम है। यह पाठ व्यक्ति को आध्यात्मिक शुद्धि, मानसिक शांति और जीवन के संकटों से मुक्ति प्रदान करता है।
देवी गंगा सहस्रनामावली पढ़ने के लाभ
- मां गंगा के 1000 नामों का जाप करने से जीवन के पाप समाप्त हो जाते हैं और आत्मा शुद्ध होती है।
- यह सहस्रनामावली उन भक्तों को मोक्ष प्रदान करती है, जो इसे श्रद्धा और समर्पण के साथ पढ़ते हैं।
- पाठ करने से मन और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- मां गंगा की कृपा से रोग, कष्ट और जीवन की समस्याएं समाप्त होती हैं।
- गंगा सहस्रनामावली का पाठ जीवन में समृद्धि और सौभाग्य लाता है।
- यह पाठ आत्मा को जागृत करता है और व्यक्ति को अध्यात्म के मार्ग पर प्रेरित करता है।
- पाठ करने से मन को शांति और स्थिरता प्राप्त होती है, जिससे जीवन में संतुलन बना रहता है।
- नियमित पाठ करने से घर में सुख-शांति और सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है।
देवी गंगा सहस्रनामावली पढ़ने के नियम
- गंगा जल से स्नान करें या गंगा जल का छिड़काव करके शुद्ध हो जाएं।
- पाठ करने से पहले साफ कपड़े पहनें और सात्विक आहार का पालन करें।
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह) या संध्या के समय सहस्रनामावली का पाठ करना श्रेष्ठ होता है।
- कुश या सफेद वस्त्र का आसन बिछाकर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- पाठ शुरू करने से पहले मां गंगा के समक्ष अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
- पाठ के दौरान मां गंगा की दिव्य मूर्ति या उनके प्रवाह का ध्यान करें।
- सहस्रनामावली का पाठ कम से कम 7, 11 या 21 दिनों तक नियमित रूप से करें।
देवी गंगा सहस्रनामावली की पूजा विधि
- मां गंगा की मूर्ति या चित्र, गंगा जल, अक्षत, चंदन, सफेद फूल, दीपक, धूप, और नैवेद्य (फल और दूध) पूजा सामग्री एकत्रित करें।
- दीप प्रज्वलित करें और “ॐ गंगे नमः” मंत्र का जाप करें।
- मां गंगा का ध्यान करते हुए उनके चरणों में पुष्प अर्पित करें।
- शांत चित्त से सहस्रनामावली का पाठ करें।
- प्रत्येक नाम का उच्चारण करते समय मां गंगा की कृपा का अनुभव करें।
- मां को फल और दूध अर्पित करें।
- पाठ के बाद मां गंगा की आरती करें।
- प्रसाद ग्रहण करें और वितरित करें।
।। देवी गंगा सहस्रनामावली ।।
ॐ अंशुमत्यै नमः।
ॐ अंशुमालायै नमः।
ॐ अकलङ्किन्यै नमः।
ॐ अक्षुण्णशक्तये नमः।
ॐ अक्षोभ्यायै नमः।
ॐ अग्रगण्यायै नमः।
ॐ अघहारिण्यै नमः।
ॐ अघोरायै नमः।
ॐ अङ्गीकृतषडाननायै नमः।
ॐ अचिन्त्यशक्तये नमः।
ॐ अच्युतायै नमः।
ॐ अजरायै नमः।
ॐ अजितायै नमः।
ॐ अज्ञानतिमिरज्योतिषे नमः।
ॐ अञ्जनायै नमः।
ॐ अञ्जनावत्यै नमः।
ॐ अणिमादिगुणायै नमः।
ॐ अतुलायै नमः।
ॐ अत्युदारायै नमः।
ॐ अद्भुतरूपायै नमः।
ॐ अद्रिराजसुतायै नमः।
ॐ अधारायै नमः।
ॐ अनघायै नमः।
ॐ अनङ्गवर्धिन्यै नमः।
ॐ अनन्ततीर्थायै नमः।
ॐ अनन्तमहिम्ने नमः।
ॐ अनन्तसारायै नमः।
ॐ अनन्तसौख्यप्रदायै नमः।
ॐ अनन्तायै नमः।
ॐ अनवच्छिन्नायै नमः।
ॐ अनवद्याङ्ग्यै नमः।
ॐ अनाथनाथायै नमः।
ॐ अनाथवत्सलायै नमः।
ॐ अनुग्रहपरायणायै नमः।
ॐ अन्धकहारिण्यै नमः।
ॐ अन्धतामिस्रहन्त्र्यै नमः।
ॐ अन्धवे नमः।
ॐ अन्धोदायै नमः।
ॐ अन्नदायै नमः।
ॐ अपरायै नमः।
ॐ अपांयोनये नमः।
ॐ अपारायै नमः।
ॐ अप्रतर्क्यगतिप्रदायै नमः।
ॐ अभयायै नमः।
ॐ अभिरामायै नमः।
ॐ अभीष्टार्थसिद्धिदायै नमः।
ॐ अमलायै नमः।
ॐ अमृतप्रदायै नमः।
ॐ अमृतरूपिण्यै नमः।
ॐ अमृतस्रवायै नमः।
ॐ अमृतायै नमः।
ॐ अमृतोदकायै नमः।
ॐ अमोघायै नमः।
ॐ अम्बरमालायै नमः।
ॐ अम्बराध्ववहायै नमः।
ॐ अम्बष्ठायै नमः।
ॐ अम्बिकायै नमः।
ॐ अम्बुजेक्षणायै नमः।
ॐ अम्बुमहायोनवे नमः।
ॐ अलकनन्दायै नमः।
ॐ अलीकहारिण्यै नमः।
ॐ अविद्याजालशमन्यै नमः।
ॐ अव्यक्तलक्षणायै नमः।
ॐ अशेषगुणगुम्फितायै नमः।
ॐ अशेषदेवतामूर्तये नमः।
ॐ अशेषविघ्नसंहर्त्र्यै नमः।
ॐ अशोकायै नमः।
ॐ अष्टाङ्गयोगसिद्धिप्रदायै नमः।
ॐ असुदायै नमः।
ॐ आख्यायै नमः।
ॐ आढ्यायै नमः।
ॐ आद्यायै नमः।
ॐ आनन्दवल्ल्यै नमः।
ॐ आनन्दामृतवर्षिण्यै नमः।
ॐ आनन्दायै नमः।
ॐ आपदां हन्त्र्यै नमः।
ॐ आपन्नार्तिविनाशिन्यै नमः।
ॐ आप्तविद्यायै नमः।
ॐ आप्यायिन्यन्यै नमः।
ॐ आप्रायै नमः।
ॐ आयुष्यायै नमः।
ॐ आरोग्यदायै नमः।
ॐ आर्यसेवितायै नमः।
ॐ आलस्यघ्न्यै नमः।
ॐ आश्चर्यमूर्तये नमः।
ॐ आश्वासदायिन्यै नमः।
ॐ इज्याशीलसमिज्येष्ठायै नमः।
ॐ इतिहासश्रुतीड्यार्थायै नमः।
ॐ इते नमः।
ॐ इद्धायै नमः।
ॐ इन्दिरादिसंसेव्यायै नमः।
ॐ इन्दिरारम्यमन्दिरायै नमः।
ॐ इन्द्रादिपरिवन्दितायै नमः।
ॐ इरावत्यै नमः।
ॐ इलालङ्कारमालायै नमः।
ॐ इष्टदात्र्यै नमः।
ॐ इष्टापूर्तफलप्रदायै नमः।
ॐ इष्टायै नमः।
ॐ इहामुत्रशुभप्रदायै नमः।
ॐ ईडनीयचरित्रभृते नमः।
ॐ ईड्यायै नमः।
ॐ ईतिभीतिहरायै नमः।
ॐ ईश्वरवल्लभायै नमः।
ॐ ईश्वर्यै नमः।
ॐ उक्षायै नमः।
ॐ उडुपमण्डलचारिण्यै नमः।
ॐ उत्कुम्भायै नमः।
ॐ उत्कृष्टशक्तये नमः।
ॐ उत्कृष्टायै नमः।
ॐ उत्पत्तिस्थितिसंहारकारिण्यै नमः।
ॐ उत्पलायै नमः।
ॐ उत्साहप्रवर्धिन्यै नमः।
ॐ उदन्वत्पूर्तिहेतवे नमः।
ॐ उदारायै नमः।
ॐ उदिताम्बरमार्गायै नमः।
ॐ उद्वेगघ्न्यै नमः।
ॐ उपरिचारिण्यै नमः।
ॐ उपेन्द्रचरणद्रवायै नमः।
ॐ उरगलोकविहारिण्यै नमः।
ॐ उर्जावत्यै नमः।
ॐ उर्ध्वगतिप्रदायै नमः।
ॐ उर्ध्वाध्वायै नमः।
ॐ उर्मिमालिन्यै नमः।
ॐ उर्वरायै नमः।
ॐ उष्णरश्मिसुताप्रियायै नमः।
ॐ उष्णशमन्यै नमः।
ॐ उस्रायै नमः।
ॐ ऊर्जंवहन्त्यि नमः।
ॐ ऊर्जधरायै नमः।
ॐ ऊर्ध्वरेतःप्रियायै नमः।
ॐ ऊर्मिलायै नमः।
ॐ ऋक्षमार्गवहायै नमः।
ॐ ऋक्षार्चिषे नमः।
ॐ ऋक्स्वरूपायै नमः।
ॐ ऋजुप्रियायै नमः।
ॐ ऋजुमार्गप्रदर्शिन्यै नमः।
ॐ ऋणत्रयविनाशिन्यै नमः।
ॐ ऋतम्भरायै नमः।
ॐ ऋद्धये नमः।
ॐ ऋद्धिदात्र्यै नमः।
ॐ ऋषिवृन्दस्तुतायै नमः।
ॐ एकस्यै नमः।
ॐ एकामृतदायिन्यै नमः।
ॐ एजिताशेषपातकायै नमः।
ॐ एज्यायै नमः।
ॐ एधनीयस्वभावायै नमः।
ॐ एधिताखिलधर्मार्थायै नमः।
ॐ एनोद्रिपाटने टङ्किकैयै नमः।
ॐ ऐतिह्यायै नमः।
ॐ ऐन्दवद्युतये नमः।
ॐ ऐश्वर्यदायै नमः।
ॐ ऐश्वर्यरूपायै नमः।
ॐ ओङ्काररूपिण्यै नमः।
ॐ ओजस्विन्यै नमः।
ॐ ओजोदायै नमः।
ॐ ओदनदायिन्यै नमः।
ॐ ओषधीक्षेत्रायै नमः।
ॐ ओष्ठामृतायै नमः।
ॐ औग्र्यै नमः।
ॐ औदार्यचञ्चवे नमः।
ॐ औन्नत्यदात्र्यै नमः।
ॐ औपेन्द्र्यै नमः।
ॐ औमेयरूपिण्यै नमः।
ॐ कण्डूतनयवत्सलायै नमः।
ॐ कण्ड्वै नमः।
ॐ कदम्बकुसुमप्रियायै नमः।
ॐ कपर्दिसुकपर्दगायै नमः।
ॐ कमनीयजलायै नमः।
ॐ कमलाक्ष्यै नमः।
ॐ कमलायै नमः।
ॐ कमलिन्यै नमः।
ॐ कमलोत्पलगन्धिन्यै नमः।
ॐ कमलोत्पलमालिन्यै नमः।
ॐ कम्रायै नमः।
ॐ करुणायै नमः।
ॐ करुणार्द्रायै नमः।
ॐ कर्मबन्धविभेदिन्यै नमः।
ॐ कलकल्लोलमालिकायै नमः।
ॐ कलावत्यै नमः।
ॐ कलिकल्मषनाशिन्यै नमः।
ॐ कलुषवैरिण्यै नमः।
ॐ कल्पलतिकायै नमः।
ॐ कल्पितदायिन्यै नमः।
ॐ कल्याणकारिण्यै नमः।
ॐ कल्याण्यै नमः।
ॐ काञ्चनाक्ष्यै नमः।
ॐ कान्तये नमः।
ॐ कान्तायै नमः।
ॐ कामधेनवे नमः।
ॐ कामरूपायै नमः।
ॐ काम्यायै नमः।
ॐ कालकूटप्रशमन्यै नमः।
ॐ कालिन्द्यै नमः।
ॐ काल्यै नमः।
ॐ कीर्तिकृते नमः।
ॐ कुमुद्वत्यै नमः।
ॐ कूटस्थायै नमः।
ॐ कूर्मयानायै नमः।
ॐ कृशानुतपनद्युतये नमः।
ॐ केलिललितायै नमः।
ॐ क्रतुफलायै नमः।
ॐ क्रतुश्रेष्ठायै नमः।
ॐ क्रान्तलोकत्रयायै नमः।
ॐ क्रियाशक्तये नमः।
ॐ क्लमहरायै नमः।
ॐ क्लेशनाशिन्यै नमः।
ॐ क्षमायै नमः।
ॐ क्षालिताघौघायै नमः।
ॐ क्षुद्रविद्राविण्यै नमः।
ॐ क्षेमदायै नमः।
ॐ खगायै नमः।
ॐ खड्गखट्वाङ्ग खेटिन्यै नमः।
ॐ खड्गधाराभायै नमः।
ॐ खड्गिन्यै नमः।
ॐ खण्डितप्रणताघौघायै नमः।
ॐ खण्डेन्दुतिलकप्रियायै नमः।
ॐ खण्डेन्दुधारिण्यै नमः।
ॐ खरसन्तापशमन्यै नमः।
ॐ खलबुद्धिविनाशिन्यै नमः।
ॐ खस्थायै नमः।
ॐ खातैनःकन्दसन्दोहायै नमः।
ॐ खेखेलगामिन्यै नमः।
ॐ खेचरीवन्द्यायै नमः।
ॐ खेचर्यै नमः।
ॐ ख्यातायै नमः।
ॐ ख्यातिप्रदायिन्यै नमः।
ॐ गगनगामिन्यै नमः।
ॐ गङ्गायै नमः।
ॐ गङ्गायै नमः।
ॐ गणनाथाम्बिकायै नमः।
ॐ गतातङ्कायै नमः।
ॐ गतिप्रियायै नमः।
ॐ गतिभ्रष्टगतिप्रदायै नमः।
ॐ गद्यपद्यपरिष्टुतायै नमः।
ॐ गन्धर्वनगरप्रियायै नमः।
ॐ गन्धवत्यै नमः।
ॐ गम्भीराङ्ग्यै नमः।
ॐ गरघ्न्यै नमः।
ॐ गर्भशमन्यै नमः।
ॐ गवे नमः।
ॐ गानवत्सलायै नमः।
ॐ गान्धार्यै नमः।
ॐ गायत्र्यै नमः।
ॐ गिरिशप्रियायै नमः।
ॐ गिरिसुतायै नमः।
ॐ गीतायै नमः।
ॐ गुणनीयचरित्रायै नमः।
ॐ गुणमय्यै नमः।
ॐ गुणवत्यै नमः।
ॐ गुणाग्रण्यै नमः।
ॐ गुणातीतायै नमः।
ॐ गुण्यायै नमः।
ॐ गुन्द्रायै नमः।
ॐ गुर्व्यै नमः।
ॐ गुहाम्बिकायै नमः।
ॐ गुह्यविद्यायै नमः।
ॐ गूढरूपायै नमः।
ॐ गोत्रप्रवर्धिन्यै नमः।
ॐ गोप्त्र्यै नमः।
ॐ गोमत्यै नमः।
ॐ गोविन्दाङ्घ्रिसमुद्भवायै नमः।
ॐ गौरववर्धिन्यै नमः।
ॐ गौर्यै नमः।
ॐ ग्रहपीडाहरायै नमः।
ॐ घटकोटिप्रपीतापायै नमः।
ॐ घटिताशेषमङ्गलायै नमः।
ॐ घण्टारवप्रियायै नमः।
ॐ घनप्रियायै नमः।
ॐ घनानन्दायै नमः।
ॐ घर्घरस्वनायै नमः।
ॐ घर्घरायै नमः।
ॐ घर्महन्त्र्यै नमः।
ॐ घस्मरायै नमः।
ॐ घातुकायै नमः।
ॐ घुसृणापिञ्जरतनवे नमः।
ॐ घूकनादिन्यै नमः।
ॐ घूर्णितजलायै नमः।
ॐ घृणावत्यै नमः।
ॐ घृणिनिधये नमः।
ॐ घृततुष्टिप्रदायिन्यै नमः।
ॐ घृतवत्यै नमः।
ॐ घृष्टपातकसन्तत्यै नमः।
ॐ घोराघौघविध्वंसकारिण्यै नमः।
ॐ घोषायै नमः।
ॐ घ्राणतुष्टिकर्यै नमः।
ॐ चञ्चते नमः।
ॐ चञ्चदापायै नमः।
ॐ चन्दनशुच्यम्बवे नमः।
ॐ चन्द्रकान्ताम्बवे नमः।
ॐ चन्द्रायुतशताननायै नमः।
ॐ चन्द्रिकायै नमः।
ॐ चमिताशेषदुष्कृतायै नमः।
ॐ चम्प्वै नमः।
ॐ चरिताशेषमण्डलायै नमः।
ॐ चर्चनीयायै नमः।
ॐ चलद्युतये नमः।
ॐ चामरवीजितायै नमः।
ॐ चाम्पेयलोचनायै नमः।
ॐ चारवे नमः।
ॐ चारित्रनिलयायै नमः।
ॐ चारुगामिन्यै नमः।
ॐ चारुचम्पकमालाढ्यायै नमः।
ॐ चार्यायै नमः।
ॐ चार्वङ्ग्यै नमः।
ॐ चितिरूपायै नमः।
ॐ चित्रकृते नमः।
ॐ चित्ररूपिण्यै नमः।
ॐ चिदाकाशवहायै नमः।
ॐ चिन्त्यायै नमः।
ॐ चिन्मय्यै नमः।
ॐ चिरस्थिरायै नमः।
ॐ चोरिताशेषवृजिनायै नमः।
ॐ छटीकृतनिजामृतायै नमः।
ॐ छत्रीकृतमरालौघायै नमः।
ॐ छद्मघ्न्यै नमः।
ॐ छन्दगामिन्यै नमः।
ॐ छन्नत्रिविष्टपतलायै नमः।
ॐ छलहारिण्यै नमः।
ॐ छिन्नैनसे नमः।
ॐ छुरितामृतधारौघायै नमः।
ॐ छेदिताखिलपापौघायै नमः।
ॐ छोटिताशेषबन्धनायै नमः।
ॐ जगते नमः।
ॐ जगदानन्दजनन्यै नमः।
ॐ जगद्धितायै नमः।
ॐ जगद्योनये नमः।
ॐ जगन्मय्यै नमः।
ॐ जगन्मात्रे नमः।
ॐ जङ्घालवीचिकायै नमः।
ॐ जञ्जपूकघ्न्यै नमः।
ॐ जटातटविहारिण्यै नमः।
ॐ जनलोचनपीयूषायै नमः।
ॐ जनार्दनप्रीतायै नमः।
ॐ जनितज्ञानविग्रहायै नमः।
ॐ जन्मिजन्मनिबर्हिण्यै नमः।
ॐ जप्यायै नमः।
ॐ जयन्त्यै नमः।
ॐ जयायै नमः।
ॐ जलजायै नमः।
ॐ जलजेक्षणायै नमः।
ॐ जलाविलायै नमः।
ॐ जाड्यविध्वंसनकर्यै नमः।
ॐ जाह्नव्यै नमः।
ॐ जीवजीवातुलतिकायै नमः।
ॐ जीवनप्राणायै नमः।
ॐ जीवनायै नमः।
ॐ जुषणीयायै नमः।
ॐ ज्यायै नमः।
ॐ ज्येष्ठायै नमः।
ॐ झङ्कारकारिण्यै नमः।
ॐ झर्झरावत्यै नमः।
ॐ झलज्झालजलावृतायै नमः।
ॐ झल्लरीवाद्यकुशलायै नमः।
ॐ झिण्टीशवन्द्यायै नमः।
ॐ टङ्कारनृत्यत्कल्लोलायै नमः।
ॐ टीकनीयमहातटायै नमः।
ॐ टीकिताशेषपातालायै नमः।
ॐ डमड्डमरुहस्तायै नमः।
ॐ डम्बरप्रवहायै नमः।
ॐ डामरोक्तमहाण्डकायै नमः।
ॐ डीनराजहंसकुलाकुलायै नमः।
ॐ ढक्कानादचलज्जलायै नमः।
ॐ ढणढ्ढणितपातकायै नमः।
ॐ ढुण्ढिविघ्नेशजनन्यै नमः।
ॐ ढौकिताशेषनिर्वाणायै नमः।
ॐ तत्त्वरूपिण्यै नमः।
ॐ तथ्यायै नमः।
ॐ तन्व्यै नमः।
ॐ तपःसारायै नमः।
ॐ तपःस्तोमफलप्रदायै नमः।
ॐ तपनाङ्गजभीतिनुदे नमः।
ॐ तपोमय्यै नमः।
ॐ तपोरूपायै नमः।
ॐ तरणिजामित्रायै नमः।
ॐ तरये नमः।
ॐ तर्पण्यै नमः।
ॐ तर्पिताशेषपूर्वजायै नमः।
ॐ तापत्रितयसंहर्त्र्यै नमः।
ॐ तापसम्पदां नाशिन्यै नमः।
ॐ तारण्यै नमः।
ॐ तारापतिकरार्चितायै नमः।
ॐ तारायै नमः।
ॐ तिमिरचन्द्रिकायै नमः।
ॐ तीर्थतीर्थायै नमः।
ॐ तीर्थमात्रे नमः।
ॐ तीव्रपापतूलतनूनपाते नमः।
ॐ तुर्यातीतफलप्रदायै नमः।
ॐ तुर्यायै नमः।
ॐ तुलाविरहितायै नमः।
ॐ तुष्टिदायै नमः।
ॐ तुष्टिरूपिण्यै नमः।
ॐ तृप्तिकृते नमः।
ॐ तृप्त्यै नमः।
ॐ तृष्णाच्छेत्र्यै नमः।
ॐ तेजोगर्भायै नमः।
ॐ तेजोबलविवर्धिन्यै नमः।
ॐ तोयेश्यै नमः।
ॐ त्रयीस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ त्रिदशेश्वर्यै नमः।
ॐ त्रिपथायै नमः।
ॐ त्रिपद्यै नमः।
ॐ त्रिपुरारिशिरोगृहायै नमः।
ॐ त्रिलक्ष्यायै नमः।
ॐ त्रिलोकगोप्त्र्यै नमः।
ॐ त्रिविक्रमपदोद्भवायै नमः।
ॐ त्रैलोक्यपरिवन्दितायै नमः।
ॐ त्रैलोक्यपावनिपुण्यायै नमः।
ॐ त्रैलोक्यलक्ष्म्यै नमः।
ॐ त्रैलोक्यव्यापिन्यै नमः।
ॐ त्रैलोक्यसुन्दर्यै नमः।
ॐ दक्षायै नमः।
ॐ दण्डनीतये नमः।
ॐ दण्डयित्र्यै नमः।
ॐ दन्दशूकविषघ्न्यै नमः।
ॐ दमग्राह्यायै नमः।
ॐ दयाधारायै नमः।
ॐ दयावत्यै नमः।
ॐ दयासारायै नमः।
ॐ दरीविदारणपरायै नमः।
ॐ दर्शितानेककुतुकायै नमः।
ॐ दवथुवैरिण्यै नमः।
ॐ दाघहन्त्र्यै नमः।
ॐ दात्र्यै नमः।
ॐ दानवारिपदाब्जजायै नमः।
ॐ दानशीलायै नमः।
ॐ दानसारायै नमः।
ॐ दान्तजनप्रियायै नमः।
ॐ दान्तायै नमः।
ॐ दारिताघौघसन्ततायै नमः।
ॐ दारिताद्रितटायै नमः।
ॐ दारिद्र्यदमन्यै नमः।
ॐ दावार्चिषे नमः।
ॐ दिक्पालपददायिन्यै नमः।
ॐ दितपातकसन्तत्यै नमः।
ॐ दिव्यगतिप्रदायै नमः।
ॐ दिव्यमण्डनायै नमः।
ॐ दिव्यायै नमः।
ॐ दीक्षावत्यै नमः।
ॐ दीनशरणायै नमः।
ॐ दीनसन्तापशमन्यै नमः।
ॐ दीर्घदृष्टिर्दीप्ततोयायै नमः।
ॐ दीर्घव्रतायै नमः।
ॐ दीर्घायुष्कारिण्यै नमः।
ॐ दीर्घायै नमः।
ॐ दुग्धाम्बुवाहिन्यै नमः।
ॐ दुरालभायै नमः।
ॐ दुरावाप्यायै नमः।
ॐ दुरासदायै नमः।
ॐ दुरितघ्न्यै नमः।
ॐ दुरोदरघ्न्यै नमः।
ॐ दुर्गमायै नमः।
ॐ दुर्गायै नमः।
ॐ दुर्गारण्यप्रचारिण्यै नमः।
ॐ दुर्बुद्धिहारिण्यै नमः।
ॐ दुर्वाराघविघातिन्यै नमः।
ॐ दुर्विगाह्यायै नमः।
ॐ दुर्वृत्तघ्न्यै नमः।
ॐ दुष्टदण्डधरार्चितायै नमः।
ॐ दुष्टदुर्जयदुःखहृते नमः।
ॐ दुष्प्रेक्षायै नमः।
ॐ दूरदेशान्तरचर्यै नमः।
ॐ दूषणवर्जितायै नमः।
ॐ दृष्टादृष्टफलप्राप्त्यै नमः।
ॐ देवतावृन्दवन्दितायै नमः।
ॐ देवदेवप्रियायै नमः।
ॐ देवद्रुमच्छन्नायै नमः।
ॐ देवमात्रे नमः।
ॐ देवलोकप्रदर्शिन्यै नमः।
ॐ देववल्लभायै नमः।
ॐ देव्यै नमः।
ॐ देहिदेहनिवारिण्यै नमः।
ॐ दैत्यदानवसंशुद्धिकर्त्र्यै नमः।
ॐ दैन्यहृते नमः।
ॐ दोग्ध्र्यै नमः।
ॐ दोह्यायै नमः।
ॐ द्यावाभूमिविगाहिन्यै नमः।
ॐ द्युनद्यै नमः।
ॐ द्रवते नमः।
ॐ द्रव्यैकशेवधये नमः।
ॐ द्राक्षामधुरवारिभृते नमः।
ॐ द्राघीयस्यै नमः।
ॐ द्राविण्यै नमः।
ॐ द्रुतायै नमः।
ॐ द्रुहिणस्तुतायै नमः।
ॐ धत्तूरकुसुमप्रियायै नमः।
ॐ धनदायै नमः।
ॐ धनधान्यसमृद्धिकृते नमः।
ॐ धनवर्धिन्यै नमः।
ॐ धन्यायै नमः।
ॐ धन्विकोटिकृतावनायै नमः।
ॐ धरण्यै नमः।
ॐ धर्मकामार्थमोक्षदायै नमः।
ॐ धर्मजलायै नमः।
ॐ धर्मद्रवायै नमः।
ॐ धर्मधारायै नमः।
ॐ धर्मधुरायै नमः।
ॐ धर्मप्रसवधर्मिण्यै नमः।
ॐ धर्मलभ्यायै नमः।
ॐ धर्मशास्त्रज्ञायै नमः।
ॐ धर्मशीलायै नमः।
ॐ धर्मसारायै नमः।
ॐ धर्माधर्मगुणच्छेत्र्यै नमः।
ॐ धर्मिण्यै नमः।
ॐ धर्मेश्यै नमः।
ॐ धर्मोर्मिवाहिन्यै नमः।
ॐ धातृपूजितायै नमः।
ॐ धात्रीविभूषणाय नमः।
ॐ धात्र्यै नमः।
ॐ धारणावत्यै नमः।
ॐ धावन्यै नमः।
ॐ धिये नमः।
ॐ धीरायै नमः।
ॐ धुर्यायै नमः।
ॐ धूतकल्मषायै नमः।
ॐ धूरे नमः।
ॐ धूर्जटिजटासंस्थायै नमः।
ॐ धृतये नमः।
ॐ धेनवे नमः।
ॐ धेनुदानफलस्पर्शायै नमः।
ॐ ध्यातृपापहरायै नमः।
ॐ ध्यानगम्यस्वरूपायै नमः।
ॐ ध्येयायै नमः।
ॐ ध्रुवायै नमः।
ॐ नगात्मजायै नमः।
ॐ नदसरोमात्रे नमः।
ॐ नद्यै नमः।
ॐ नन्ददायिन्यै नमः।
ॐ नन्दनायै नमः।
ॐ नन्दायै नमः।
ॐ नन्दायै नमः।
ॐ नन्दिन्यै नमः।
ॐ नन्दिभृङ्गिगणस्तुत्यायै नमः।
ॐ नभोङ्गणचर्यै नमः।
ॐ नमस्कार्यायै नमः।
ॐ नम्यायै नमः।
ॐ नष्टोद्धरणधीरायै नमः।
ॐ नाकदीर्घिकायै नमः।
ॐ नाकनद्यै नमः।
ॐ नागायै नमः।
ॐ नानाश्चर्यमहानिधये नमः।
ॐ नायिकायै नमः।
ॐ नारायण्यै नमः।
ॐ निःसङ्गायै नमः।
ॐ निजानन्दप्रकाशिन्यै नमः।
ॐ नित्यतृप्तायै नमः।
ॐ नित्यसुखदायै नमः।
ॐ नित्योत्सवायै नमः।
ॐ नियतायै नमः।
ॐ निरञ्जनायै नमः।
ॐ निरयार्णवदीर्घनावे नमः।
ॐ निरवद्यायै नमः।
ॐ निरातङ्कायै नमः।
ॐ निरालम्बायै नमः।
ॐ निरीहायै नमः।
ॐ निरुपद्रवायै नमः।
ॐ निर्णाशितमहामलायै नमः।
ॐ निर्णिक्ताशेषभुवनायै नमः।
ॐ निर्मलज्ञानजनन्यै नमः।
ॐ निर्मलाख्यानायै नमः।
ॐ निर्मलायै नमः।
ॐ निर्लेपायै नमः।
ॐ निर्वाणजनन्यै नमः।
ॐ निश्चलात्मिकायै नमः।
ॐ निश्शेषप्राणितापहृते नमः।
ॐ निषिद्धविघ्ननिचयायै नमः।
ॐ निष्ठावत्यै नमः।
ॐ निष्प्रत्यूहायै नमः।
ॐ निष्प्रपञ्चायै नमः।
ॐ नीललोहितमूर्धगायै नमः।
ॐ नुतायै नमः।
ॐ नुन्नपातकायै नमः।
ॐ नूतये नमः।
ॐ पथ्यायै नमः।
ॐ पद्मनाभपदार्घ्येण प्रसूतायै नमः।
ॐ पद्ममालिन्यै नमः।
ॐ पद्माक्ष्यै नमः।
ॐ पद्मालयायै नमः।
ॐ पयस्विन्यै नमः।
ॐ परफलप्राप्त्यै नमः।
ॐ परब्रह्मप्रकाशिन्यै नमः।
ॐ परमात्मस्वरूपायै नमः।
ॐ परमानन्दनिष्यन्दायै नमः।
ॐ परमेष्ठिकमण्डलवे नमः।
ॐ परमैश्वर्यजनन्यै नमः।
ॐ परर्द्धिदायै नमः।
ॐ परव्योमामृतस्रवायै नमः।
ॐ परानन्दायै नमः।
ॐ परापरायै नमः।
ॐ परायै नमः।
ॐ परायै नमः।
ॐ परायै नमः।
ॐ परित्राणपरायणायै नमः।
ॐ पशुपाशविमोचन्यै नमः।
ॐ पानीयरूपनिर्वाणायै नमः।
ॐ पापनामनुदे नमः।
ॐ पापपर्वतनाशिन्यै नमः।
ॐ पापारये नमः।
ॐ पापेन्धनदवज्वालायै नमः।
ॐ पार्वत्यै नमः।
ॐ पालिन्यै नमः।
ॐ पावन्यै नमः।
ॐ पिनाकिपरमप्रीतायै नमः।
ॐ पीतगर्भघ्न्यै नमः।
ॐ पीयूषपाथसां खनये नमः।
ॐ पुण्यगर्भायै नमः।
ॐ पुण्यतरङ्गिण्यै नमः।
ॐ पुण्यप्रदायै नमः।
ॐ पुण्यायै नमः।
ॐ पुनानायै नमः।
ॐ पुरजित्परमप्रियायै नमः।
ॐ पुराणपठितायै नमः।
ॐ पुष्टिकर्यै नमः।
ॐ पूतायै नमः।
ॐ पूर्णायै नमः।
ॐ पूर्त्यै नमः।
ॐ पृथवे नमः।
ॐ पृथुफलायै नमः।
ॐ प्रकृष्टार्थायै नमः।
ॐ प्रज्ञायै प्राज्ञायै नमः।
ॐ प्रणतार्तिप्रभञ्जन्यै नमः।
ॐ प्रणवाक्षररूपिण्यै नमः।
ॐ प्रणिधये नमः।
ॐ प्रतिष्ठायै नमः।
ॐ प्रत्यक्षदेवतायै नमः।
ॐ प्रत्यक्षलक्ष्म्यै नमः।
ॐ प्रभावत्यै नमः।
ॐ प्रसन्नरूपायै नमः।
ॐ प्राणदायै नमः।
ॐ प्राणरूपिण्यै नमः।
ॐ प्राणिजनन्यै नमः।
ॐ प्राणेश्यै नमः।
ॐ प्रायश्चित्तस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ प्रीतायै नमः।
ॐ प्रेमसम्पन्नायै नमः।
ॐ फडुच्चाटितपातकायै नमः।
ॐ फणिलोकविभूषणाय नमः।
ॐ फलहस्तायै नमः।
ॐ फलिन्यै नमः।
ॐ फाणितस्वादुसलिलायै नमः।
ॐ फाण्टपथ्यजलाविलायै नमः।
ॐ फालितैनोमहाक्षेत्रायै नमः।
ॐ फुल्लकैरवगन्धिन्यै नमः।
ॐ फुल्लाम्बुजविलोचनायै नमः।
ॐ फेनच्छलप्रणुन्नैनसे नमः।
ॐ फेनिलाच्छाम्बुधाराभायै नमः।
ॐ बलकर्यै नमः।
ॐ बलवत्यै नमः।
ॐ बलोन्मूलितकल्मषायै नमः।
ॐ बहुविघ्नविनाशकृते नमः।
ॐ बहूदकायै नमः।
ॐ बुद्ध्यै नमः।
ॐ बृंहण्यै नमः।
ॐ ब्रध्नतनयायै नमः।
ॐ ब्रह्मकृते नमः।
ॐ ब्रह्मण्यायै नमः।
ॐ ब्रह्मवादिन्यै नमः।
ॐ ब्रह्मविद्यातरङ्गिण्यै नमः।
ॐ ब्रह्महत्यापहारिण्यै नमः।
ॐ ब्रह्माण्डकोटिव्याप्ताम्ब्वै नमः।
ॐ ब्रह्मिष्ठायै नमः।
ॐ ब्रह्मेशविष्णुरूपायै नमः।
ॐ ब्राह्म्यै नमः।
ॐ भक्तदारिद्र्यघातिन्यै नमः।
ॐ भक्तस्वर्गापवर्गदायै नमः।
ॐ भक्तिसुलभायै नमः।
ॐ भक्ष्यभोज्यसुखप्रदायै नमः।
ॐ भञ्जितोपप्लवकुलायै नमः।
ॐ भद्रायै नमः।
ॐ भयहरायै नमः।
ॐ भवद्वेष्ट्र्यै नमः।
ॐ भवप्रियायै नमः।
ॐ भवरोगिणामौषधायै नमः।
ॐ भवान्यै नमः।
ॐ भव्यायै नमः।
ॐ भागीरथ्यै नमः।
ॐ भाग्यवद्दृष्टिगोचर्यै नमः।
ॐ भाग्यायै नमः।
ॐ भानुमत्यै नमः।
ॐ भाललोचनभावज्ञायै नमः।
ॐ भावस्वरूपिण्यै नमः।
ॐ भावायै नमः।
ॐ भिक्षणीयायै नमः।
ॐ भिक्षुमात्रे नमः।
ॐ भिन्नब्रह्माण्डमण्डपायै नमः।
ॐ भुक्तिमुक्तिप्रदायै नमः।
ॐ भूतधात्र्यै नमः।
ॐ भूतभव्यभवत्प्रभ्वे नमः।
ॐ भूतभाविन्यै नमः।
ॐ भूतिदायै नमः।
ॐ भूतिभूषणायै नमः।
ॐ भूरिदायै नमः।
ॐ भृतये नमः।
ॐ भेश्यै नमः।
ॐ भोगवत्यै नमः।
ॐ भोगवत्यै नमः।
ॐ भ्रान्तिज्ञानप्रशमन्यै नमः।
ॐ मणिमाणिक्यभूषणायै नमः।
ॐ मतिदायै नमः।
ॐ मदोज्झितायै नमः।
ॐ मधुमत्यै नमः।
ॐ मधुस्रवायै नमः।
ॐ मनोनयननन्दिन्यै नमः।
ॐ मनोन्मन्यै नमः।
ॐ मनोरथपथातिगायै नमः।
ॐ मन्दाकिन्यै नमः।
ॐ महत्यै नमः।
ॐ महर्द्धयै नमः।
ॐ महाकारुण्यसम्पूर्णायै नमः।
ॐ महातीर्थायै नमः।
ॐ महादेवार्धहारिण्यै नमः।
ॐ महादेव्यै नमः।
ॐ महानन्दायै नमः।
ॐ महापातकराशिघ्न्यै नमः।
ॐ महापुण्यायै नमः।
ॐ महापुण्योदयप्राप्यायै नमः।
ॐ महाप्रभावायै नमः।
ॐ महाभाग्यजनाश्रितायै नमः।
ॐ महामङ्गलमङ्गलाय नमः।
ॐ महामायायै नमः।
ॐ महामेधायै नमः।
ॐ महामोहप्रशमन्यै नमः।
ॐ महायै नमः।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
ॐ महाविद्यायै नमः।
ॐ महावेगवत्यै नमः।
ॐ महिमभूषणायै नमः।
ॐ महोत्पलायै नमः।
ॐ महोदयायै नमः।
ॐ महोपायायै नमः।
ॐ महोरगविभूषणायै नमः।
ॐ महोर्मिमालिन्यै नमः।
ॐ महौषधाय नमः।
ॐ मात्रे नमः।
ॐ माधव्यै नमः।
ॐ मानिन्यै नमः।
ॐ मान्यायै नमः।
ॐ मायातिमिरचन्द्रिकायै नमः।
ॐ मार्तण्डमण्डलचर्यै नमः।
ॐ मालाधर्यै नमः।
ॐ मीनचञ्चललोचनायै नमः।
ॐ मुक्ताकलापनेपथ्यायै नमः।
ॐ मुक्तायै नमः।
ॐ मुक्तितरङ्गिण्यै नमः।
ॐ मुक्तिरमण्यै नमः।
ॐ मुख्यायै नमः।
ॐ मुदाकर्यै नमः।
ॐ मुनिस्तुतायै नमः।
ॐ मूर्तिमते नमः।
ॐ मेध्यायै नमः।
ॐ मोक्षदायै नमः।
ॐ मोहहन्त्र्यै नमः।
ॐ यजनीयायै नमः।
ॐ यज्ञफलदायै नमः।
ॐ यज्ञेशपरिपूरितायै नमः।
ॐ यज्ञेश्यै नमः।
ॐ यन्त्रिताघौघसञ्चारायै नमः।
ॐ यमलोकनिवारिण्यै नमः।
ॐ यमाद्यष्टाङ्गयोगयुक् नमः।
ॐ यमिसेव्यायै नमः।
ॐ यशस्कर्यै नमः।
ॐ यशस्विन्यै नमः।
ॐ यशोदायै नमः।
ॐ याज्यायै नमः।
ॐ यातनानामकृन्तन्यै नमः।
ॐ यातायातप्रशमन्यै नमः।
ॐ यामिनीशहिमाच्छोदायै नमः।
ॐ युक्तबुद्धिदायै नमः।
ॐ युक्तात्मसेवितायै नमः।
ॐ युक्तायै नमः।
ॐ युगधर्मविवर्जितायै नमः।
ॐ योगज्ञानप्रदायै नमः।
ॐ योगयोनये नमः।
ॐ योगसिद्धिप्रदायै नमः।
ॐ योगिन्यै नमः।
ॐ योग्यायै नमः।
ॐ रङ्कार्तिशमन्यै नमः।
ॐ रञ्जितशिवायै नमः।
ॐ रतये नमः।
ॐ रतिकृते नमः।
ॐ रत्नगर्भायै नमः।
ॐ रत्नप्रासादगर्भायै नमः।
ॐ रत्नवत्यै नमः।
ॐ रत्नाकरप्रेमपात्राय नमः।
ॐ रत्नार्चिषे नमः।
ॐ रमणीयतरङ्गिण्यै नमः।
ॐ रमायै नमः।
ॐ रमायै नमः।
ॐ रम्यरूपायै नमः।
ॐ रम्यायै नमः।
ॐ रम्यायै नमः।
ॐ रम्यायै नमः।
ॐ रसज्ञायै नमः।
ॐ रसरूपिण्यै नमः।
ॐ राकायै नमः।
ॐ रागद्वेषविनाशिन्यै नमः।
ॐ रागिण्यै नमः।
ॐ राजत्कल्लोलराजिकायै नमः।
ॐ राजहंसायै नमः।
ॐ रामणीयकरेखायै नमः।
ॐ रामायै नमः।
ॐ रुचिकृते नमः।
ॐ रुचिरायै नमः।
ॐ रुजारये नमः।
ॐ रुद्ररमण्यै नमः।
ॐ रूपलावण्यशेवधये नमः।
ॐ रेवत्यै नमः।
ॐ रोगरोषिण्यै नमः।
ॐ रोगहारिण्यै नमः।
ॐ रोगिजीवानुरूपिण्यै नमः।
ॐ रोचन्यै नमः।
ॐ रोलम्बराविण्यै नमः।
ॐ लक्षणलक्षितायै नमः।
ॐ लक्षितनिर्वाणायै नमः।
ॐ लक्ष्म्यै नमः।
ॐ लघुत्वहृते नमः।
ॐ लघुवेगायै नमः।
ॐ लटभायै नमः।
ॐ लयभङ्गिगायै नमः।
ॐ ललितायै नमः।
ॐ लावण्यामृतवर्षिण्यै नमः।
ॐ लास्यत्तरङ्गहस्तायै नमः।
ॐ लीलायै नमः।
ॐ लीलावत्यै नमः।
ॐ लेखस्रवन्त्यै नमः।
ॐ लोकत्रयहितायै नमः।
ॐ लोकधात्र्यै नमः।
ॐ लोकप्रसुवे नमः।
ॐ लोकबन्धवे नमः।
ॐ लोकभूमये नमः।
ॐ लोकलोचनचन्द्रिकायै नमः।
ॐ लोकवन्द्यायै नमः।
ॐ लोकायै नमः।
ॐ लोकोत्तरगुणोर्जितायै नमः।
ॐ लोलत्कल्लोलमालिन्यै नमः।
ॐ वज्रिवज्रनिवारिण्यै नमः।
ॐ वन्द्यायै नमः।
ॐ वन्ध्यत्वपरिहारिण्यै नमः।
ॐ वयोवृन्दनिषेवितायै नमः।
ॐ वरदायै नमः।
ॐ वरप्रदायै नमः।
ॐ वरिष्ठायै नमः।
ॐ वर्चस्कर्यै नमः।
ॐ वश्यायै नमः।
ॐ वसवे नमः।
ॐ वसुधारायै नमः।
ॐ वसुमत्यै नमः।
ॐ वाण्यै नमः।
ॐ वाद्यकुशलायै नमः।
ॐ वामदेव्यै नमः।
ॐ वासवेड्यायै नमः।
ॐ वासुदेवाङ्घ्रिरेणुघ्न्यै नमः।
ॐ विकल्पपरिवर्जितायै नमः।
ॐ विक्रान्तानेकविष्टपायै नमः।
ॐ विगतातङ्कायै नमः।
ॐ विचित्राङ्ग्यै नमः।
ॐ विच्छिन्नबन्धनायै नमः।
ॐ विजयायै नमः।
ॐ विज्ञानोर्म्यंशुमालिन्यै नमः।
ॐ वित्तरूपायै नमः।
ॐ वित्तायै नमः।
ॐ विद्याधर्यै नमः।
ॐ विद्यायै नमः।
ॐ विधये नमः।
ॐ विनतायै नमः।
ॐ विनयान्वितायै नमः।
ॐ विनीतायै नमः।
ॐ विपन्नार्तिप्रभञ्जिन्यै नमः।
ॐ विपाप्मने नमः।
ॐ विपाशायै नमः।
ॐ विप्रकृष्टायै नमः।
ॐ विबुधप्रियायै नमः।
ॐ विभववर्धिन्यै नमः।
ॐ विभायै नमः।
ॐ विभावर्यै नमः।
ॐ विभूत्यै नमः।
ॐ विमलोदकायै नमः।
ॐ विरजायै नमः।
ॐ विरूपाक्षप्रियकर्य्यै नमः।
ॐ विलासिसुखदायै नमः।
ॐ विशोकायै नमः।
ॐ विशोधन्यै नमः।
ॐ विश्वतोमुख्यै नमः।
ॐ विश्वबीजायै नमः।
ॐ विश्वमात्रे नमः।
ॐ विश्वमित्राय नमः।
ॐ विश्वायै नमः।
ॐ विश्वेश्यै नमः।
ॐ विश्वेश्वरप्रियायै नमः।
ॐ विषघ्न्यै नमः।
ॐ विष्णुपद्यै नमः।
ॐ वृषाङ्कमौलिनिलयायै नमः।
ॐ वृषारण्यै नमः।
ॐ वृषाश्रितायै नमः।
ॐ वृष्टिकर्त्र्यै नमः।
ॐ वृष्टिजलायै नमः।
ॐ वेगवत्यै नमः।
ॐ वेणुश्रुतिविचक्षणायै नमः।
ॐ वेदवत्यै नमः।
ॐ वेदाक्षररसस्रवायै नमः।
ॐ वेद्यायै नमः।
ॐ वैबुध्यै नमः।
ॐ वैश्वानर्यै नमः।
ॐ वैष्णवप्रियायै नमः।
ॐ वैष्णव्यै नमः।
ॐ व्यापिन्यै नमः।
ॐ व्योमस्थायै नमः।
ॐ व्रतरूपायै नमः।
ॐ शंसनीयचरित्रायै नमः।
ॐ शक्तये नमः।
ॐ शक्त्यै नमः।
ॐ शतधृति(शश्वच्छतधृति)स्तुतायै नमः।
ॐ शन्तनुवल्लभायै नमः।
ॐ शबर्यै नमः।
ॐ शमनमार्गघ्न्यै नमः।
ॐ शमनस्वसृसम्मतायै नमः।
ॐ शमायै नमः।
ॐ शरजन्मप्रसुवे नमः।
ॐ शरण्यायै नमः।
ॐ शशाङ्कविमलायै नमः।
ॐ शश्वते नमः।
ॐ शातिताशेषपातकायै नमः।
ॐ शान्तायै नमः।
ॐ शान्त्यै नमः।
ॐ शाम्बरीरूपधारिण्यै नमः।
ॐ शालिन्यै नमः।
ॐ शालिशोभाढ्यायै नमः।
ॐ शिखिवाहनगर्भभृते नमः।
ॐ शितिकण्ठमहाप्रियायै नमः।
ॐ शिवदायै नमः।
ॐ शिवायै नमः।
ॐ शिवेतरघ्न्यै नमः।
ॐ शिष्टायै नमः।
ॐ शीतलामृतवाहिन्यै नमः।
ॐ शीलवत्यै नमः।
ॐ शुचये नमः।
ॐ शुचिकर्यै नमः।
ॐ शुद्धविद्यायै नमः।
ॐ शुभफलायै नमः।
ॐ शुभव्रतायै नमः।
ॐ शुभावत्यै नमः।
ॐ शुभावर्तायै नमः।
ॐ शूलिन्यै नमः।
ॐ शेषशायिपदोद्भवायै नमः।
ॐ शेषायै नमः।
ॐ शैशववयसे नमः।
ॐ शोभावत्यै नमः।
ॐ शोषिताशेषकिल्बिषायै नमः।
ॐ श्मशानशोधन्यै नमः।
ॐ श्रद्धायै नमः।
ॐ श्रियै नमः।
ॐ श्रीनिवासश्रुत्यै नमः।
ॐ श्रीमत्यै नमः।
ॐ श्रुतानन्दायै नमः।
ॐ श्रुतिस्तुतये नमः।
ॐ षडङ्गश्रुतिरूपिण्यै नमः।
ॐ षड्गुणैश्वर्यसम्पन्नायै नमः।
ॐ षण्ढताहारिसलिलायै नमः।
ॐ संसाराब्धितरण्डिकायै नमः।
ॐ सत्यै नमः।
ॐ सन्ध्यायै नमः।
ॐ समुद्ररूपिण्यै नमः।
ॐ सम्पत्तरङ्गिण्यै नमः।
ॐ सरस्वत्यै नमः।
ॐ सरिद्वरायै नमः।
ॐ सर्वदुःखघ्न्यै नमः।
ॐ सर्वपातकवैरिण्यै नमः।
ॐ सर्वव्याधिमहौषधाय नमः।
ॐ सर्वसारसमन्वितायै नमः।
ॐ सिद्धयै नमः।
ॐ सीतायै नमः।
ॐ सुधाजलाय नमः।
ॐ सुप्रभायै नमः।
ॐ सुभगायै नमः।
ॐ सुरदीर्घिकायै नमः।
ॐ सुरसायै नमः।
ॐ सूक्तये नमः।
ॐ सूक्ष्मायै सूमायै नमः।
ॐ सेव्यायै नमः।
ॐ सौख्यायै नमः।
ॐ सौभाग्यसुन्दर्यै नमः।
ॐ स्कन्दसुवे नमः।
ॐ स्तुत्यायै नमः।
ॐ स्त्यायन्नदनदीशतायै नमः।
ॐ स्त्रीषु सौभाग्यदायिन्यै नमः।
ॐ स्थाणुमौलिकृतालयायै नमः।
ॐ स्थैर्यदायै नमः।
ॐ स्मृताघहारिण्यै नमः।
ॐ स्वः सिन्धवे नमः।
ॐ स्वधायै नमः।
ॐ स्वर्गनिःश्रेणिकायै नमः।
ॐ स्वर्ग्यायै नमः।
ॐ स्वाहायै नमः।
ॐ हंसरूपायै नमः।
ॐ हरप्रियायै नमः।
ॐ हितकृते नमः।
ॐ हिरण्मय्यै नमः।
ॐ हृताघसङ्घायै नमः।
ॐ हृषीकेश्यै नमः।
ॐ हेलाघगर्वहृते नमः।
ॐ हेलायै नमः।
॥ इति श्री गंगा सहस्रनामावलिः सम्पूर्णा ॥
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